आज इंटरनेट की दुनिया अपराध की दुनिया का रूप लेती जा रही है, इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न प्रकार के अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है ।जिसमें से मुख्य है महिलाओं की निजी फोटो और वीडियो को सोशल मीडिया के माध्यम से इंटरनेट पर डालना ।कैसे अंजाम देते हैं –
ऊपर दिए गए आधारों पर किन्हीं न किन्हीं कारणों से महिलाएं दिन प्रतिदिन इसका शिकार होती हैं ।तथा उनका इस आधार पर लगातार शारीरिक शोषण किया जाता हे और उन्हें वायरल करने की धमकी देकर उनसे पैसे बसूले जाते हैं । Show
महिलाएं लोक लज्जा के डर से इस बात को अपनी परिवारजनों तथा दोस्तों से कहने से डरते हैं । ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होने पर क्या हैं आपके अधिकारऐसे अपराधों से निपटने के लिए सरकार ने विभिन्न प्रकार के कानून बनाये हैं जिससे इस प्रकार के अपराधों से बचा जा सके । 1.स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध अधिनियम 1986 सबसे पहले हम बात करते हैं कि जब महिला के सामान्य फोटो को एडिट कर उसको अश्लील बनाया जाए तो क्या करें । कई बार ऐसा देखा गया है की किसी महिला की फोटो को एडिट कर अश्लील बनया जाता है तथा उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाता है | ऐसे अपराधों के खिलाफ स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध अधिनियम ,1986 की धारा 6 के अधीन कार्यवाही की जाती है| 2. आईटी एक्ट ,2000 धारा 66 किसी व्यक्ति की निजी फोटो उसकी सहमति के बिना खींचना , किसी और को भेजना, प्रकाशित करना आईटी एक्ट की धारा 66 ए के तहत एक अपराध है जिसमें दंडात्मक कार्यवाही करते हुए 3 वर्ष का कारावास और ₹100000 तक का जुर्माना हो सकता है । अश्लील सामग्री का इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशन या सोशल मीडिया पर वायरल करना ।इसमें यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की अश्लील सामग्री Social Media ,E -Mail , MMS , Facebook , Whats App अदि के माध्यम से भेजता है तो उस अपराधी पर धारा 67 के तहत कार्यवाही होती है । जिसमें 5 वर्ष का कारावास तथा 1000000 तक का जुर्माना भी हो सकता है । 3.भारतीय दंड संहिता ,1860- यदि किसी महिला को उसकी अश्लील फोटो या वीडियो के आधार पर सेक्स के लिए मजबूर किया जाता है तो वह सेक्सुअल हरासमेंट का केस हो सकता है ।और इसमें IPC की धरा 354 (A) के अनुसार कार्यवाही की जाती हे| जिसमें 3 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा अर्थदंड या फिर दोनों हो सकते हैं । यदि किसी महिला को नहाते यह कपड़े बदलते या फिर कर उसे निर्वस्त्र देखने, फोटो खींचना आदि अपराधिक गतिविधियां धारा 354 C की श्रेणी में आते हैं । जिसमें अपराधी को 1 से 3 साल तक का कारावास और जुर्माना देना पड़ता है । दोबारा यह अपराध किए जाने की स्थिति में 3 से 7 साल का कारावास और जुर्माना देना पड़ सकता है । यदि कोई महिला अपनी निजी फोटो खींचने की सहमति तो देती है । परंतु लोगों के बीच प्रसारित करने की अनुमति नहीं देती है और फिर भी कोई प्रसारित करता है । तो वह भी इस धारा के अधीन अपराधी होगा । और उसे भी इसी दंडात्मक कार्यवाही से गुजारना पड़ेगा । 4.पॉक्सो अधिनियम ,2012 यदि ऐसा अपराध 18 वर्ष से कम आयु वाली बालिकाओं के साथ किया जाता है तो इस अपराध को पास्को एक्ट, के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाता है । चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े प्रावधानों को भी कठोर किया गया है। यदि कोई भी व्यक्ति चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित कोई फाइल प्राप्त करता है या ऐसे किसी अन्य व्यक्ति के बारे में जानता है जिसके पास ऐसी फाइल हो या वह इन्हें अन्य लोगों को भेज रहा हो या भेज सकता है, उसके संबंध में विशेष किशोर पुलिस इकाई या साइबर क्राइम यूनिट (cybercrime.gov.in) को सूचित करना चाहिये। यह अधिनियम बहुत ही कठोर है तथा बालिकाओं के संरक्षण से संबंधित है । ऐसे अपराधों से कैसे बचें
अब आपके मन में यह प्रश्न आएगा कि f.i.r. कराने से तो समाज में बदनामी हो सकती है । लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह प्रक्रिया अधिकतर गोपनीय होती है, तथा इसको किसी भी समाचार पत्र में नाम तथा पता के साथ छापने का अधिकार नहीं है । क्योंकि किसी भी स्त्री की छवि को धूमिल करना भी अपराध की श्रेणी में आता है । आइए जानते हैं कि आप इस तरह की शिकायत कैसे और कहां कर सकते हैं ।
आइए अब जानते हैं कि हम संबंधित अपराधों की ऑनलाइन या ऑफलाइन शिकायत कैसे करें । A .ऑफलाइन शिकायत कैसे करें ।
इस तरह शिकायत करने से पहले निम्न जानकारी अवश्य दें । पीड़ित का नाम, पता या जो व्यक्ति शिकायतकर्ता है उसका नाम ,ईमेल आईडी इत्यादि । B.ऑनलाइन शिकायत कैसे करें ।ऐसे अपराधों को साइबरक्राइम की श्रेणी में शामिल किया जाता है क्योंकि ऐसे अपराध किसी एक निश्चित स्थान से ना होकर डिजिटल माध्यम से देश के किसी भी कोने यह विश्व में कहीं से भी किया जा सकता है । यदि शिकायत साइबर सेल इंडिया को की जाती है । यदि सोशल मीडिया के द्वारा परेशान किया जा रहा है तो आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें । आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें-
इसे भी पढ़े :- साँप के काटने पर 4 लाख का मुआवजा ! कैसे प्राप्त करे ? सोशल मीडिया पर गलत कमेंट करने पर कौन सी धारा लगती है?IPC की धारा 153A, 153B, 292, 295A और 499 के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के खिलाफ कोई अपमानजनक और आपत्तिजनक मैसेज साइबर वर्ल्ड में भेजता है तो इन धाराओं के तहत कार्रवाई बनती है.
आईटी एक्ट 67 क्या है?धारा 67ए में स्पष्ट यौन कृत्य वाली सामग्री को प्रकाशित करने या प्रसारित करने के लिए दंड का प्रावधान है। जस्टिस भारती डांगरे ने कहा कि आईटी अधिनियम की धारा 67 ए के तहत ' स्पष्ट यौन कृत्य ' शब्द का अर्थ केवल संभोग का कृत्य नहीं होगा और इसमें एक नग्न वीडियो भी शामिल हो सकता है।
फोटो वायरल करने से क्या होता है?अगर किसी लड़की को उसका फोटो वायरल करने की धमकी दी जाती है तो पुलिस तुरंत आरोपी के खिलाफ साइबर क्राइम की धारा 66, 67 का अपराध दर्ज कर सकती है। इसके अलावा आईपीसी की धारा 320, 34, 170, 465, 468, 469, 120, 425 समेत कई धाराओं में मामला दर्ज हो सकता है।
धारा 67 बी क्या है?धारा 67B आईटी एक्ट 2000 – कामवासना भड़काने वाले क्रियाकलाप आदि में बालकों को चित्रित करने वाली सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशित या पारेषित करने के लिए दंड- (ii) जो सद्भावपूर्ण परस्पर धार्मिक प्रयोजनों के लिए रखी या प्रयुक्त की गई है ।
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