आपत्तिजनक वीडियो डालने की सजा कितनी कितना होना चाहिए? - aapattijanak veediyo daalane kee saja kitanee kitana hona chaahie?

आज इंटरनेट की दुनिया अपराध की दुनिया का रूप लेती जा रही है, इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न प्रकार के अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है ।

जिसमें से मुख्य है महिलाओं की निजी फोटो और वीडियो को सोशल मीडिया के माध्यम से इंटरनेट पर डालना ।

कैसे अंजाम देते हैं –

  1.  सबसे प्रमुख कारणों में से 1 महिलाओं को प्यार के झूठे जाल में फंसा कर उनके अंतरंग फोटो और वीडियो बनाकर फेसबुक इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर डाल देते हैं ।
  2.  निजी तौर पर, बिना बताए ऐसे फोटो या वीडियो खींच लेते हैं जिनसे वे अनभिज्ञ हैं ।
  3. होटलों आदि में स्पाई कैमरा की मदद से अश्लील फोटो यह वीडियो बनाकर उन्हें वायरल कर देते हैं ।
  4. कई बार ऐसा होता है कि हम अनजान ईमेल यार लिंक पर क्लिक कर या किसी ऐप को डाउनलोड कर उन्हें अपनी कैमरा, वॉइस रिकॉर्डिंग आदि का एक्सेस अनजाने में दे देते हैं और अपने प्राइवेट डाटा को कर देते हैं ।
  5.  महिलाओं के सामान्य फोटो को लेकर उन्हें एडिट करके अश्लील बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जाता है ।
  6.  बहुत सी वेबसाइट सेक्स चैट उपलब्ध करा दी हैं जिन्हें एकदम सिक्योर बताकर हमारे अश्लील वीडियो या फोटो आदि को रिकॉर्ड करके वायरल करने की धमकी दी जाती है ।
  7. कई बार महिलाओं को शादी का झांसा देकर उनके साथ संम्बंध बनाकर अश्लील तस्वीरें और विडिओ बनाकर पोर्न साइट्स पर अपलोड कर दी जाती हैं ।

ऊपर दिए गए आधारों पर किन्हीं न किन्हीं कारणों से महिलाएं दिन प्रतिदिन इसका शिकार होती हैं ।तथा उनका  इस आधार पर लगातार शारीरिक शोषण किया जाता हे और उन्हें वायरल करने की धमकी देकर उनसे पैसे बसूले  जाते हैं ।

महिलाएं लोक लज्जा के डर से इस बात को अपनी परिवारजनों तथा दोस्तों से कहने से डरते हैं ।

ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होने पर क्या हैं आपके अधिकार

ऐसे अपराधों से निपटने के लिए सरकार ने विभिन्न प्रकार के कानून बनाये हैं जिससे इस प्रकार के अपराधों से बचा जा सके ।

1.स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध अधिनियम 1986

सबसे पहले हम बात करते हैं कि जब महिला के सामान्य फोटो को एडिट कर उसको अश्लील बनाया जाए तो क्या करें ।

कई बार ऐसा देखा गया है की किसी महिला की फोटो को एडिट कर अश्लील बनया जाता है तथा उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाता है | ऐसे अपराधों के खिलाफ स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध अधिनियम ,1986 की धारा 6 के अधीन कार्यवाही की जाती है|

2. आईटी एक्ट ,2000

धारा 66 किसी व्यक्ति की निजी फोटो उसकी सहमति के बिना खींचना , किसी और को भेजना, प्रकाशित करना आईटी एक्ट की धारा 66 ए के तहत एक अपराध है जिसमें दंडात्मक कार्यवाही करते हुए 3 वर्ष का कारावास और ₹100000 तक का जुर्माना हो सकता है ।

अश्लील सामग्री का इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशन या सोशल मीडिया पर वायरल करना ।

इसमें यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की अश्लील सामग्री Social Media ,E -Mail , MMS , Facebook , Whats App अदि  के माध्यम से भेजता है तो उस अपराधी पर धारा 67 के तहत कार्यवाही होती है ।

जिसमें 5 वर्ष का कारावास तथा 1000000 तक का जुर्माना भी हो सकता है ।

3.भारतीय दंड संहिता ,1860-

यदि किसी महिला को उसकी अश्लील फोटो या वीडियो के आधार पर सेक्स के लिए मजबूर किया जाता है तो वह सेक्सुअल हरासमेंट का केस हो सकता है ।और इसमें IPC  की धरा 354 (A) के अनुसार कार्यवाही की जाती हे|

जिसमें 3 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा अर्थदंड या फिर दोनों हो सकते हैं ।

यदि किसी महिला को नहाते यह कपड़े बदलते या फिर कर उसे निर्वस्त्र देखने, फोटो खींचना आदि अपराधिक गतिविधियां धारा 354 C की श्रेणी में आते हैं । जिसमें अपराधी को 1 से 3 साल तक का कारावास और जुर्माना देना पड़ता है ।

दोबारा यह अपराध किए जाने की स्थिति में 3 से 7 साल का कारावास और जुर्माना देना पड़ सकता है ।

यदि कोई महिला अपनी निजी फोटो खींचने की सहमति तो देती है । परंतु लोगों के बीच प्रसारित करने की अनुमति नहीं देती है और फिर भी कोई प्रसारित करता है । तो वह भी इस धारा के अधीन अपराधी होगा । और उसे भी इसी दंडात्मक कार्यवाही से गुजारना पड़ेगा ।

4.पॉक्सो अधिनियम ,2012

यदि ऐसा अपराध 18 वर्ष से कम आयु वाली बालिकाओं के साथ किया जाता है तो इस अपराध को पास्को एक्ट, के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाता है ।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े प्रावधानों को भी कठोर किया गया है।

यदि कोई भी व्यक्ति चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित कोई फाइल प्राप्त करता है या ऐसे किसी अन्य व्यक्ति के बारे में जानता है जिसके पास ऐसी फाइल हो या वह इन्हें अन्य लोगों को भेज रहा हो या भेज सकता है, उसके संबंध में विशेष किशोर पुलिस इकाई या साइबर क्राइम यूनिट (cybercrime.gov.in) को सूचित करना चाहिये।

यह अधिनियम बहुत ही कठोर है तथा बालिकाओं के संरक्षण से संबंधित है ।

ऐसे अपराधों से कैसे बचें

  1. ऐसे अपराधों से बचने के लिए महिलाओं को सतर्क होना अनिवार्य है ।
  2. यदि किसी महिला को ऐसे अपराध से संबंधित धमकियां मिल रही है । तो अपनी परिवारजनों तथा मित्रों को आवश्यक रूप से बताएं ।
  3. ऑनलाइन डेटिंग एप और सेक्स चैट से दूरी बनाएं ।
  4. अपने निजी फोटो खींचने की अनुमति किसी को ना दें ।
  5. सार्वजनिक स्थानों होटल, टॉयलेट आदि मैं रुकने से पहले अच्छे से देख ले की उसमें स्पाई कैमरा ना हो ।
  6. सबसे अच्छा तरीका इसमें यह है कि आप इस अपराध से बचने के लिए एफ आई आर दर्ज करा सकते हैं ।

अब आपके मन में यह प्रश्न आएगा कि f.i.r. कराने से तो समाज में बदनामी हो सकती है । लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह प्रक्रिया अधिकतर गोपनीय होती है, तथा इसको किसी भी समाचार पत्र में नाम तथा पता के साथ छापने का अधिकार नहीं है ।

क्योंकि किसी भी स्त्री की छवि को धूमिल करना भी अपराध की श्रेणी में आता है ।

आइए जानते हैं कि आप इस तरह की शिकायत कैसे और कहां कर सकते हैं ।

  • सबसे पहले आपको शिकायत करने के लिए एविडेंस की आवश्यकता होती है । आपके साक्ष्य जितने भी मजबूत होंगे आपका केस उतना ही मजबूत होगा ।
  • जिस व्यक्ति का नंबर, फेसबुक आईडी, व्हाट्सएप आदि के द्वारा आपको धमकी दी जा रही हो सबसे पहले आप नंबर स्क्रीनशॉट, ऑडियो रिकॉर्डिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग आदि को एफ आई आर करते समय उपयोग करें ।
  • ऐसे अपराधों को कई बार अनजान व्यक्तियों के द्वारा अंजाम दिया जाता है, जिन से आप परिचित नहीं होती हैं ।
  • आप ऐसे व्यक्तियों की शिकायत उनसे प्राप्त मैसेज, ईमेल, व्हाट्सएप और फेसबुक चैट के आधार पर कर सकते हैं ।

आइए अब जानते हैं कि हम संबंधित अपराधों की ऑनलाइन या ऑफलाइन शिकायत कैसे करें ।

A .ऑफलाइन शिकायत कैसे करें ।

  • सरकार के द्वारा साइबर क्राइम से जुड़े अपराधों के लिए हर शहर में साइबर सेल का गठन किया गया है । आप साइबर सेल मैं जाकर ऐसी शिकायत दर्ज करा सकते हैं ।
  • लोकल पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज की जा सकती है ।
  • इसके अलावा पीड़ित एक लिखित शिकायत मुख्य विभागीय अधिकारी साइबर सेल को भी भेज सकता है ।

इस तरह शिकायत करने से पहले निम्न जानकारी अवश्य दें ।

पीड़ित का नाम, पता या जो व्यक्ति शिकायतकर्ता है उसका नाम ,ईमेल आईडी इत्यादि ।

B.ऑनलाइन शिकायत कैसे करें ।

ऐसे अपराधों को साइबरक्राइम की श्रेणी में शामिल किया जाता है क्योंकि ऐसे अपराध किसी एक निश्चित स्थान से ना होकर डिजिटल माध्यम से देश के किसी भी कोने यह विश्व में कहीं से भी किया जा सकता है ।

यदि शिकायत साइबर सेल इंडिया को की जाती है ।

यदि सोशल मीडिया के द्वारा परेशान किया जा रहा है तो आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें ।

आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें-

  • एक प्रतिलिपि जिसमें स्पष्ट रूप कथित ब्यक्ति की profile दिखे ।
  • एक प्रतिलिपि जिसमें URL दिखे ।
  • इसके आलावा आप अपनी शिकायत साइबर सेल्ल इंडिया हेल्पलाइन नंबर पर भी कर सकते हैं ।

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सोशल मीडिया पर गलत कमेंट करने पर कौन सी धारा लगती है?

IPC की धारा 153A, 153B, 292, 295A और 499 के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के खिलाफ कोई अपमानजनक और आपत्तिजनक मैसेज साइबर वर्ल्ड में भेजता है तो इन धाराओं के तहत कार्रवाई बनती है.

आईटी एक्ट 67 क्या है?

धारा 67ए में स्पष्ट यौन कृत्य वाली सामग्री को प्रकाशित करने या प्रसारित करने के लिए दंड का प्रावधान है। जस्टिस भारती डांगरे ने कहा कि आईटी अधिनियम की धारा 67 ए के तहत ' स्पष्ट यौन कृत्य ' शब्द का अर्थ केवल संभोग का कृत्य नहीं होगा और इसमें एक नग्न वीडियो भी शामिल हो सकता है।

फोटो वायरल करने से क्या होता है?

अगर किसी लड़की को उसका फोटो वायरल करने की धमकी दी जाती है तो पुलिस तुरंत आरोपी के खिलाफ साइबर क्राइम की धारा 66, 67 का अपराध दर्ज कर सकती है। इसके अलावा आईपीसी की धारा 320, 34, 170, 465, 468, 469, 120, 425 समेत कई धाराओं में मामला दर्ज हो सकता है।

धारा 67 बी क्या है?

धारा 67B आईटी एक्ट 2000 – कामवासना भड़काने वाले क्रियाकलाप आदि में बालकों को चित्रित करने वाली सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशित या पारेषित करने के लिए दंड- (ii) जो सद्भावपूर्ण परस्पर धार्मिक प्रयोजनों के लिए रखी या प्रयुक्त की गई है ।