आरंभिक मानव एक जगह से दूसरी जगह क्यों घूमते रहते थे? - aarambhik maanav ek jagah se doosaree jagah kyon ghoomate rahate the?

नमस्कार दोस्तों, आपका एनसीईआरटी  (NCERT) के हिस्ट्री (history) के दूसरे पाठ में स्वागत है। जैसा कि आपको पता है कि हम हर पाठ में से उन चीजों को चाटते हैं जो जरूरी होती हैं,

आरंभिक मानव एक जगह से दूसरी जगह क्यों घूमते रहते थे? - aarambhik maanav ek jagah se doosaree jagah kyon ghoomate rahate the?

जिनका हमारी लाइफ में डेली यूज़ (daily use) होता है, जिनसे पेपरों में क्वेश्चन (question) आते है, हम उन्हीं चीजों को समझने और याद रखने की मेमोरी को बढ़ाने की कोशिश इस site (study with smart) में की जाती हैं।

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  • पाठ 1 - क्या, कब, कहां और कैसे 

    (class 6 history chapter 1)

आज के हमारे पाठ का नाम आरंभिक मानव की खोज (आखेटक - खाद्य संग्रहक से उत्पादन तक) है जो 6 class की हिस्ट्री का दूसरा पाठ है। इससे पहले हमने इसके पहले पाठ (क्या, कब, कहां और कैसे) को cover कर लिया था। 

चलिए तो अब हम पाठ को समझने और उसे लंबे समय तक याद रखने की कोशिश करते हैं, जैसा की हमने पहले वाले पाठ में किया था।

आरंभिक मानव को आखेटक खाद्य संग्रह क्यों कहा जाता हैं?🤔

लगभग 20 लाख साल पहले आरंभिक मानव को आखेटक खाद्य संग्रह कहते थे क्योंकि मानव ने अभी तक चीजों का उत्पादन करना नहीं सीखा था अर्थात कृषि करना। वह चीजों को खाने के लिए इधर-उधर भटकता रहता था। 

इधर-उधर भटकते समय उसे, जो कुछ भी कहने का मतलब फल-फूल, जानवर, मछली आदि मिल जाता था, उसे अपना भोजन बना लेता था।

आरंभिक मानव शिकार भी करता था, मछली भी पकड़ता था और चीजों को इकट्ठा करके खाता था इसलिए आरंभिक मानव को आखेटक खाद्य संग्रह कहा जाता है।

आरंभिक मानव : आखिर एक जगह से दूसरी जगह क्यों घूमते रहते थे

आरंभिक मानव एक जगह से दूसरी जगह पर घूमते रहते थे। इसके पीछे कई कारण थे- पहला कारण यह कि अगर वे एक ही जगह पर ज़्यादा दिनों तक रहते तो वे आस-पास के जानवरों, पौधों, फलों आदि को खाकर समाप्त कर देते थे। इसलिए वे भोजन की तलाश में दूसरी जगहों पर जाना पड़ता था।

दूसरा कारण यह कि पेड़ो और पोधो में फल-फूल अलग-अलग मौसम में आते है इसलिए इनकी तलश में आरंभिक मानव मौसम के अनुसार अन्य इलाके घूमते थे

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    (class 6 history chapter 11)

तीसरा कारण यह कि पानी के बिना किसी भी मानव या पेड़-पोधे का जीवित रहना असंभव है इसलिए आरंभिक मानव पानी कि तलाश में भी दूसरी जगहों पर जाते थे

आरंभिक मानव के बारे में जानकारी कैसे मिलती है?🤔

आरंभिक मानव के बारे में जानकारी हमें औजारों से मिलती है। जिनका प्रयोग आरंभिक मानव करता था। ये औजार लकड़ियोंपत्थरोहड्डियों के बने होते थे। इन औजारों का प्रयोग आरंभिक मानव चीजों को खोदने, फोड़ने, तोड़ने आदि कामों में करते थे। 

इनके रहने के स्थान कई जगह पाए गए हैं, जैसे:-

रहने के स्थानस्थान
हुंस्गी केरल
मेहरगढ़ पाकिस्तान
कुरनूल गुफा अरुणाचल प्रदेश
भीमबेटका महाराष्ट
बुर्जा होम जम्मू & कश्मीर
चिरांद बिहार
दाओजली हेडिंग असम
ब्रह्मगिरी अरुणाचल प्रदेश
महागढ़ महाराष्ट

उम्मीद करता हूं कि आपको चीजे समझ में आ रही होंगी और आपको कुछ नया सीखने को मिला होगा चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं।

आरंभिक मानव की समय और तिथियां

आरंभिक मानव के कार्य को 3 युग में बांटा गया है-

  1. पुरापाषाणकाल
  2. मध्य पाषाण काल 
  3. नवपाषाण काल 

1) पुरापाषाण काल 20 लाख साल से 12 हजार साल तक के समय को पूरापाषाण काल कहते हैं। पुरापाषाण दो शब्दों से मिलकर बना है। पूरा + पाषाण। पूरा का अर्थ होता है प्राचीन और पाषाण का अर्थ होता है पत्थर। 

इस काल को तीन श्रेणी में बांटा गया है 1.आरंभिक पुरापाषाण काल, 2.मध्य पुरापाषाण काल, 3.उत्तर पुरापाषाण काल। इस काल में आरंभिक मानव के रहने के स्थान हुंस्गी, कुरनूल गुफा, भीमबेटका आदि है।

पुरापाषाण काल के दौरान मानव ने आग की खोज कर ली थी। इस चीज का प्रमाण आंध्र प्रदेश में स्थित कुरनूल गुफा में मिले साक्ष्य से पता चलता है।

2) मध्य-पाषाण काल 12000 साल से 10000 साल तक के समय को मध्यपाषाण काल कहते हैं। इस काल को लघु पाषाण काल भी कहते हैं क्योंकि इस काल में आरंभिक मानव के औजार पहले वाले औजारों से छोटे थे जैसे:- हंसी, आरी आदि, जो हड्डी और लकड़ी के बने होते थे।

इस काल के दौरान अर्थात 12000 साल पहले जलवायु में परिवर्तन होने के कारण अचानक गर्मी बढ़ने लगी थी। जिसके परिणामस्वरूप घास के मैदान बनने लगे। इसके साथ ही उन जानवरों का विकास हुआ जो घास खाकर जिंदा रह सकते थे जैसे गाय, भैंस, बकरी, आदि।

3) नवपाषाण काल - इस युग की शुरुआत 10000 साल पहले हुई थी। इस काल से आरंभिक मानव ने एक नवीन जीवनशैली जीने लगे थे। इसका प्रमाण पूरास्थलों से मिले मिट्टी के बर्तनचावलगेहूं आदि है जो आहार का एक हिस्सा बन गया था। इसके अलावा कपड़े बुनने के प्रमाण मिला है।

लोगों ने चीजों को इकट्ठा करने के लिए भंडारण की व्यवस्था कर ली थी। चीजों का उपयोग करने के लिए बर्तनों का निर्माण किया था। छोटी छोटी कटोरी का भी प्रयोग करने लगे थे।

इस काल में मानव के रहने का स्थान मेहरगढ़ (P), महागढ़ (M), दाओजली हेडिंग(पूर्वी A), बुर्जा होम(J&k), चिरांद(B), आदि है।

ऊपर लिखी नाम और समय को आप जरुर याद रखे, चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं।

जंगली जानवर और पालतू जानवर में अंतर

जब 12000 साल पहले जलवायु में परिवर्तन आया, तो घास के मैदान बने और घास को खाने के लिए जानवरों का विकास हुआ और मानव ने धीरे-धीरे जानवरों को पालतू बनाना शुरू कर दिया।

आपको पता होगा कि मानव द्वारा पाला गया पहला जानवर कुत्ता था। इसके अलावा मानव ने अन्य जानवरों को भी पाला था। पर, पालतू जानवर और जंगली जानवर कुछ अंतर होता था जेसे:-

पालतू जानवर के दांत और सिंग छोटे होते थे, पर जंगली जानवर के दांत और सिंग बड़े होते थे।

मेहरगढ़ की अजीब कहानी

मेहरगढ़ जो पाकिस्तान में स्थित है। यहां की एक अजीब कहानी है। जिसका प्रमाण या जानकारी पुरातत्वविदों द्वारा खुदाई से प्राप्त हिरण, सूअर, भेड़, बकरियों की हड्डियों से मिलता है। 

यहां सबसे पहले जौ, गेहूं और पशुपालन किया गया था तथा यहां के लोगों के घर चौकोर और आयताकार होते हैं और यहां के लोगों की एक अजीब मान्यता थी कि यहां के लोगों में से किसी की अगर मृत्यु हो जाती थी, तो उसकी कब्र में कुछ खाने पीने के सामान डाल देते थे। 

पुरातत्वविदों ने बताया कि ऐसा वे इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि स्वर्ग में जाते समय यह खाना उसे help करेगी।

Class 6 Social Science History Chapter 2 Question and Answer -  आरंभिक मानव की खोज के प्रश्न उत्तर

अभ्यास प्रश्न

Q 1. इन वाक्यों को पूरा करो।

Ans:- (क) आखेटक खाद्य संग्राहक गुफाओं में इसलिए रहते थे क्योंकि   इससे वे धूप, बारिश, हवाओ से राहत मिलती थी  

 (ख) घास वाले मैदानों का विकास    1200    साल पहले हुआ।

Q 2. खेती करने वाले लोग एक ही स्थान पर लंबे समय तक क्यों रहते थे?

Ans. खेती करने वाले लोग एक ही स्थान पर लंबे समय तक इसलिए रहते थे। ताकि भूमि को कृषि योग्य उपजाऊ बना सके, फसलो की देखरेख के लिए, सिंचाई आदि कार्य करने के लिए खेती करने वाले लोग एक ही स्थान पर रहते थे।

Q 3. पुरातत्त्वविद ऐसा क्यों मानते हैं कि मेहरगढ़ के लोग पहले केवल शिकारी थे, और बाद में उनके लिए पशुपालन ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया?

Ans. पुरातत्त्वविद का ऐसा मानना कि मेहरगढ़ के लोग पहले केवल शिकारी थे, और बाद में पशुपालन करने लगे। पुरातत्त्वविद का ऐसा मानने का मुख्य कारण खुदाई से प्राप्त काई प्रमाण है।

पुरातत्त्वविद को खुदाई से प्राप्त कुछ ऐसी चीजे मिली है जो यह सिद्ध करती है कि पहले मेहरगढ़ के लोग शिकार करके अपना जीवनयापन करते थे। परन्तु कुछ समय बाद मेहरगढ़ के लोग पशुपालन करने लगे।

आओ चर्चा करे                                                   

Q 4. आखेटक खाद्य संग्राहक एक स्थान से दूसरे स्थान पर क्यों घूमते रहते थे? उनकी यात्रा और आज की हमारी यात्रा के कारणों में क्या समानताएँ या क्या भिन्नताएँ हैं? 

Ans. आरंभिक मानव एक जगह से दूसरी जगह पर घूमते रहते थे। इसके पीछे कई कारण थे- 

पहला कारण यह कि अगर वे एक ही जगह पर ज़्यादा दिनों तक रहते तो वे आस-पास के जानवरों, पौधों, फलों आदि को खाकर समाप्त कर देते थे। इसलिए वे भोजन की तलाश में दूसरी जगहों पर जाना पड़ता था।

दूसरा कारण यह कि पेड़ो और पोधो में फल-फूल अलग-अलग मौसम में आते है इसलिए इनकी तलश में आरंभिक मानव मौसम के अनुसार अन्य इलाके घूमते थे।

तीसरा कारण यह कि पानी के बिना किसी भी मानव या पेड़-पोधे का जीवित रहना असंभव है इसलिए आरंभिक मानव पानी कि तलाश में भी दूसरी जगहों पर जाते थे।

परंतु यदि हम आखेटक खाद्य संग्राहक की यात्राओ और आज की यात्राओ में अंतर देखे तो हम पाएंगे कि उनकी यात्राओ और हमारी यात्राओ में अनेक भिन्नताएँ हैं। जैसे:-

  • घूमने के लिए जाते है
  • काम की तलाश में यात्राएं करते है।
  • दूर दूर काम के लिए जाते है। आदि

Q 5. आखेटक खाद्य संग्राहक आग का उपयोग किन-किन चीजों के लिए करते थे? क्या तुम आज आग का उपयोग इनमें से किसी चीज़ के लिए करोगे।

Ans. आखेटक खाद्य संग्राहक आग का उपयोग बहुत से कामों के लिए करते थे। जैसे जानवरो को दूर भागने के लिए, मांस को पकने के लिए, रोशनी आदि कामों के लिए करते थे।

Q 6. कृषकों, पशुपालकों का जीवन आखेटक खाद्य संग्राहकों के जीवन से कितना भिन्न था। तीन अंतर बताओ।

Ans. कृषकों, पशुपालकों का जीवन आखेटक खाद्य संग्राहकों के जीवन से बहुत भिन्न था। इनमे निम्मलिखित अंतर पाए जाते है जैसे:-

1. कृषक कृषि कार्य, पशुपालक पशुओं से संबंधित कार्य करते थे, पर आखेटक खाद्य संग्राहक ऐसा कुछ भी नही करते थे।

2. कृषक और पशुपालक एक जगह रहते थे, पर आखेटक खाद्य संग्राहक एक जगह नहीं रहते थे।

3. आखेटक खाद्य संग्राहक केवल खाद्य संग्राहक से अपना जीवनयापन करते थे, पर कृषक कृषि कार्यों, पशुपालक पशु कार्यों से अपना जीवनयापन करते थे।

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आरंभिक मानव की खोज के प्रश्न उत्तर की PDF Download

उम्मीद करता हूँ कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा और जो कुछ भी मेने आपको बताया वह समझ में आया होगा। फिर भी यदि आपको कोई चीज समझ में नही आई है, तो आप मुझसे Comment में पूछ सकते है। 

इसके अलावा यदि आपको कोई चीज समझने में दिक्कत आ रही है तो भी आप मुझ से Comment में पूछ सकते है।

धन्यवाद...

आरंभिक मानव आखिर एक जगह से दूसरी जगह क्यों घूमते थे?

- आखेटक - खाद्य संग्राहक समुदाय के लोग एक जगह से दूसरी जगह पर घूमते रहते थे। ऐसा करने के कई कारण थे। पहला कारण यह कि अगर वे एक ही जगह पर ज़्यादा दिनों तक रहते तो आस-पास के पौधों, फलों और जानवरों को खाकर समाप्त कर देते थे। इसलिए और भोजन की तलाश में इन्हें दूसरी जगहों पर जाना पड़ता था।

आरंभिक मनुष्य कहाँ रहता था?

Solution : आरंभिक मनुष्य वृक्षों एवं गफाओं में निवास करता था

आरंभिक मानव के बारे में जानकारी कैसे मिलती है?

आरंभिक मानव के बारे में जानकारी कैसे मिलती है? पुरातत्वीदो को कुछ ऐसी वस्तुएं मिली है, जिनका निर्माण और उपयोग आखेटक–खाद्य संग्राहक किया करते थे। यह संभव है कि लोगों ने अपने काम के लिए पत्थरों , लकड़ियों और हड्डियों के औजार बनाए हो। इन्हीं औजारों का अध्ययन करके आरंभिक मानव के बारे में जानकारी मिलती है।

मानव के आरंभिक काल को पाषाण युग क्यों कहा जाता है ?`?

प्रागैतिहासिक काल जिसके दौरान पत्थर का उपयोग, मनुष्यों ने उपकरण और हथियार बनाने के लिए किया। पाषाण युग इतिहास का वह काल है जब मानव का जीवन पत्थरों (संस्कृत - पाषाणः) पर अत्यधिक आश्रित था। उदाहरणार्थ पत्थरों से शिकार करना, पत्थरों की गुफाओं में शरण लेना, पत्थरों से आग पैदा करना इत्यादि।