आदिवासी स्वरोजगार योजना (बैंक प्रवर्तित अर्थात् बैंकों के माध्यम से) ऋण वितरित आर्थिक विकासपरक कल्याणकारी योजनाप्रस्तावना:- Show आदिवासी स्वरोजगार योजना के अंतर्गत संचालित संभावित व्यवसाय:- लघु उद्योग एवं व्यापार के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण स्वीकृत कराये जाने हेतु प्रकरण भेजे जाते हैं, निगम द्वारा अनुदान प्रेषित किया जाता है। ऋण इकाई लागत की अधिकतम सीमा नहीं है। विभिन्न प्रकार की आयजनित योजनाएं यथा-किराना, मनिहारी, कपड़ा, नाई सेलून, ब्यूटी पार्लर, टेलरिंग, फैंसी, मनिहारी, मोटर मैकेनिक, सायकिल मरम्मत एवं दुकान, टी व्ही रेडियो मोबाईल रिपेयरिंग, वाइंडिंग, मुर्गीपालन, बकरी पालन, सब्जी व्यवसाय, दोनापत्तल निर्माण, लघु एवं कुटीर उद्योग एवं स्थानीय परिस्थिति अनुसार अन्य आवश्यकताजनति व्यवसाय हो सकते हैं। इकाई लागत:- कोई भी व्यापार, व्यवसाय एवं उद्योग के लिये इकाई लागत न्यूनतम राशि रू. 50,000/- होगी अधिकतम का बंधन नहीं है। पात्रता:-
ब्याज दर:- ऋण पर बैंक द्वारा बैंक के नियमानुसार ब्याज दर लिया जाता है। ऋण अदायगी:- बैंक के नियमानुसार होगी एवं अनुदान राशि का समयोजन अंतिम में किया जावेगा। आवश्यक दस्तावेज:-
चयन प्रक्रिया व चयन समिति:-
सम्पर्क:- राज्य स्तरीय कार्यालय- प्रबंध संचालक, छ.ग. राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम मर्या., बी-9 सेक्टर-5 देवेन्द्र नगर, रायपुर जिले में:- जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति- संबंधित जिला- कोरिया, सरगुजा-अम्बिकापुर, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर, रायगढ़, कोरबा, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, मुंगेली, कबीरधाम, राजनांदगांव, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, रायपुर, बलौदाबाजार, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी, उ.ब. कांकेर, बस्तर-जगदलपुर, कोण्डागांव, नारायणपुर, द.ब. दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर आदिवासी लोग क्या क्या खाते हैं?आदिवासी उबले हुए भोजन जैसे चावल, दालें, जड़ी-बूटियाँ या 'साग' और मांस खाते हैं और कुछ अवसरों पर पशु या पक्षी के मांस को आग में भूनते हैं. आदिवासी खाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री स्वाद के साथ-साथ पोषण का भी बड़ा स्रोत है.
आदिवासी लोग क्या काम करते हैं?आदिवासी प्रकृति पूजक होते है। वे प्रकृति में पाये जाने वाले स्ाभी जीव, जन्तु, पर्वत, नदियां, तलाब, खेत इन सभी जीवीत वस्तुओं की पूजा करते है। आदिवासी मानते है कि प्रकृति की हर एक वस्तु में जीवन होता है।
गूगल आदिवासी कैसे होते हैं?आदिवासी गोत्र. फागुनी रंगों से लदे सखूआ का त्यौहार सरहुल. आदिवासियों की जीवन शैली और परंपरा. अलौकिक शक्तियाँ. करम त्यौहार : वैचारिक मीमांसा. आदिवासी गीत. धार्मिक विधियाँ. सामाजिक – धार्मिक प्रथाएँ. आदिवासी कल्याण क्या है?इस योजना के तहत अध्ययनरत् कक्षा 1 से 12 तक तथा महाविद्यालय के विद्यार्थियो को विशिष्ट परिस्थितियो मे आकस्मिक आवश्यकता की पूर्ति के लिए संस्था प्रमुख की अनुषंसा पर 1000/- से 10000/- तक की सहायता प्रदान की जाती है।
|