आदिवासी के लिए क्या योजना है? - aadivaasee ke lie kya yojana hai?

आदिवासी स्वरोजगार योजना (बैंक प्रवर्तित अर्थात् बैंकों के माध्यम से) ऋण वितरित आर्थिक विकासपरक कल्याणकारी योजना

प्रस्तावना:-
विशेष केन्द्रीय सहायता उप योजनांतर्गत अंत्योदय स्वरोजगार योजना का क्रियान्वयन अनुसूचित जाति के हितग्राहियों को बैंक से ऋण दिलाने हेतु किया जा रहा है। इस योजना में बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण का 50 प्रतिशत या अधिकतम रूपये 10,000/- तक जो भी कम हो अनुदान राशि दिया जाता है।

आदिवासी स्वरोजगार योजना के अंतर्गत संचालित संभावित व्यवसाय:-

लघु उद्योग एवं व्यापार के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण स्वीकृत कराये जाने हेतु प्रकरण भेजे जाते हैं, निगम द्वारा अनुदान प्रेषित किया जाता है। ऋण इकाई लागत की अधिकतम सीमा नहीं है। विभिन्न प्रकार की आयजनित योजनाएं यथा-किराना, मनिहारी, कपड़ा, नाई सेलून, ब्यूटी पार्लर, टेलरिंग, फैंसी, मनिहारी, मोटर मैकेनिक, सायकिल मरम्मत एवं दुकान, टी व्ही रेडियो मोबाईल रिपेयरिंग, वाइंडिंग, मुर्गीपालन, बकरी पालन, सब्जी व्यवसाय, दोनापत्तल निर्माण, लघु एवं कुटीर उद्योग एवं स्थानीय परिस्थिति अनुसार अन्य आवश्यकताजनति व्यवसाय हो सकते हैं।

इकाई लागत:-

कोई भी व्यापार, व्यवसाय एवं उद्योग के लिये इकाई लागत न्यूनतम राशि रू. 50,000/- होगी अधिकतम का बंधन नहीं है।

पात्रता:-

  1. आवेदक संबंधित जिले का मूल निवासी हो। (सक्षम अधिकारी द्वारा जारी मूल निवासी प्रमाण पत्र के साथ मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड, बैंकपास बुक या बिजली बिल)
  2. आवेदक संबंधित जाति वर्ग का हो। (सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र)
  3. राज्य शासन के ज्ञाप क्रमांक एफ-19-13/2015/25-2 नया रायपुर, दिनांक 25 मई 2015 के निर्देशानुसार स्वरोजगार योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा के सर्वे सूची में शामिल हो उनकी परिवार की वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में रू. 40,500/- एवं शहरी क्षेत्र में रू. 51,500/- हो।
  4. उक्त पात्र हितग्राहियों को भारत सरकार के मापदण्ड अनुसार स्वीकृत ऋण का 50 प्रतिशत या अधिकतम रूपये 10,000/- तक जो भी कम हो अनुदान राशि दिया जाता है।
  5. आवेदक की आयु 18 वर्ष से 50 वर्ष के अधिक न हो। (आयु/जन्मतिथि के प्रमाण हेतु स्कूल का जारी दाखिल-खारिज/5वीं, 8वीं, 10वीं की अंकसूची या कोई मूल दस्तावेज के साथ शपथ पत्र) शिक्षा ऋण में न्यूनतम आयु का बंधन नहीं है।
  6. शासकीय योजना में पूर्व का ऋण बकाया न हो। (संबंधित विभाग/बैंक द्वारा प्रदत्त अनापत्ति प्रमाण पत्र या शपथ पत्र)

ब्याज दर:-

ऋण पर बैंक द्वारा बैंक के नियमानुसार ब्याज दर लिया जाता है।

ऋण अदायगी:-

बैंक के नियमानुसार होगी एवं अनुदान राशि का समयोजन अंतिम में किया जावेगा।

आवश्यक दस्तावेज:-

  1. जाति प्रमाण पत्र
  2. निवास प्रमाण पत्र
  3. आय प्रमाण पत्र
  4. प्रदत्त सामग्री एवं लाभार्थी का बीमा कराना होगा
  5. हितग्राही के आधार कार्ड एवं बैंक खाता की कॉपी
  6. बैंक द्वारा निर्धारित दस्तावेज अनुसार।

चयन प्रक्रिया व चयन समिति:-

  1. आवेदक को ऋण हेतु निःशुल्क निर्धारित आवेदन पत्र जिले के जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कार्यालय से प्राप्त कर आवश्यक दस्तावेज सहित जमा किया जाता है।
  2. पात्र आवेदन को स्वीकृति हेतु बैंकों में प्रेषित किया जाता है, बैंक द्वारा स्वीकृति पश्चात् हितग्राही के ऋण के विरूद्ध निर्धारित अनुदान राशि बैंकों को उपलब्ध कराया जाता है।

सम्पर्क:-

राज्य स्तरीय कार्यालय- प्रबंध संचालक, छ.ग. राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम मर्या., बी-9 सेक्टर-5 देवेन्द्र नगर, रायपुर

जिले में:- जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति- संबंधित जिला- कोरिया, सरगुजा-अम्बिकापुर, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर, रायगढ़, कोरबा, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, मुंगेली, कबीरधाम, राजनांदगांव, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, रायपुर, बलौदाबाजार, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी, उ.ब. कांकेर, बस्तर-जगदलपुर, कोण्डागांव, नारायणपुर, द.ब. दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर

आदिवासी लोग क्या क्या खाते हैं?

आदिवासी उबले हुए भोजन जैसे चावल, दालें, जड़ी-बूटियाँ या 'साग' और मांस खाते हैं और कुछ अवसरों पर पशु या पक्षी के मांस को आग में भूनते हैं. आदिवासी खाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री स्वाद के साथ-साथ पोषण का भी बड़ा स्रोत है.

आदिवासी लोग क्या काम करते हैं?

आदिवासी प्रकृति पूजक होते है। वे प्रकृति में पाये जाने वाले स्‍ाभी जीव, जन्‍तु, पर्वत, नदियां, तलाब, खेत इन सभी जीवीत वस्‍तुओं की पूजा करते है। आदिवासी मानते है कि प्रकृति की हर एक वस्‍तु में जीवन होता है।

गूगल आदिवासी कैसे होते हैं?

आदिवासी गोत्र.
फागुनी रंगों से लदे सखूआ का त्यौहार सरहुल.
आदिवासियों की जीवन शैली और परंपरा.
अलौकिक शक्तियाँ.
करम त्यौहार : वैचारिक मीमांसा.
आदिवासी गीत.
धार्मिक विधियाँ.
सामाजिक – धार्मिक प्रथाएँ.

आदिवासी कल्याण क्या है?

इस योजना के तहत अध्ययनरत् कक्षा 1 से 12 तक तथा महाविद्यालय के विद्यार्थियो को विशिष्ट परिस्थितियो मे आकस्मिक आवश्यकता की पूर्ति के लिए संस्था प्रमुख की अनुषंसा पर 1000/- से 10000/- तक की सहायता प्रदान की जाती है।