Show बैरागी बिरकत भला, गिरही चित्त उदार । 3 years ago आवत गारी एक है उलटत होइ अनेक कह कबीर नहिं उलटिए वही एक की एक 2 meaning?आवत गारी एक है, उलटत होई अनेक। कह कबीर नहीं उलटिए, वही एक की एक॥ कोई यदि आपको गाली या बद्दुआ दे तो उसे उलटना नहीं चाहिए, क्योंकि यदि किसी की गाली आप स्वीकार नहीं करेंगे तो वह खुद ब खुद वापस गाली देने वाले के पास चली जायेगी। यदि आपने उलट के गाली दे दी तो इसका मतलब है कि आपने उसकी गाली भी ले ली।
आवत गारी एक है उलटत होई अनेक प्रस्तुत कथन में कवि क्या सलाह देते है?उत्तर:- ”आवत गारी एक है, उलटत होइ अनेक। कह कबीर नहिं उलटिए, वही एक की एक।।” मनुष्य के एक समान होने के लिए सबकी सोच का एक समान होना आवश्यक है।
कबीर की साखियाँ?माला फेरत जुग गाया, मिटा ना मन का फेर. कर का मन का छाड़ि, के मन का मनका फेर.. माया मुई न मन मुआ, मरि मरि गया शरीर. आशा तृष्णा ना मुई, यों कह गये कबीर ..
कबीर दास जी के 10 दोहे?कबीर के 10 बेहतरीन दोहे : देते हैं जिंदगी का असली ज्ञान. मैं जानूँ मन मरि गया, मरि के हुआ भूत | ... . भक्त मरे क्या रोइये, जो अपने घर जाय | ... . मैं मेरा घर जालिया, लिया पलीता हाथ | ... . शब्द विचारी जो चले, गुरुमुख होय निहाल | ... . जब लग आश शरीर की, मिरतक हुआ न जाय | ... . मन को मिरतक देखि के, मति माने विश्वास | ... . कबीर मिरतक देखकर, मति धरो विश्वास |. |