अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम, 1956 की प्रमुख विशेषताएं - anaitik vyaapaar nivaaran adhiniyam, 1956 kee pramukh visheshataen

भूमिका

भारतवर्ष में वैवाहिक संबंध के बाहर यौनसंबंध अच्छा नहीं समझा जाता है। वेश्यावृत्ति भी इसके अंतर्गत है। लेकिन दो वयस्कों के यौनसंबंध को, यदि वह जनशिष्टाचार के विपरीत न हो, कानून व्यक्तिगत मानता है, जो दंडनीय नहीं है। "भारतीय दंडविधान" 1860 से "वेश्यावृत्ति उन्मूलन विधेयक" 1956 तक सभी कानून सामान्यतया वेश्यालयों के कार्यव्यापार को संयत एवं नियंत्रित रखने तक ही प्रभावी रहे हैं। वेश्यावृत्ति का उन्मूलन सरल नहीं है, पर ऐसे सभी संभव प्रयास किए जाने चाहिए जिससे इस व्यवसाय को प्रोत्साहन न मिले, समाज की नैतिकता का ह्रास न हो और जनस्वास्थ्य पर रतिज रोगों का दुष्प्रभाव न पड़े। कानून स्त्रीव्यापार में संलग्न अपराधियों को कठोरतम दंड देने में सक्षम हो। यह समस्या समाज की है। समाज समय की गति को पहचाने और अपनी उन मान्यताओं और रूढ़ियों का परित्याग करे, जो वेश्यावृत्ति को प्रोत्साहन प्रदान करती हैं। समाज के अपेक्षित योगदान के अभाव में इस समस्या का समाधान संभव नहीं है।

वेश्यावृत्ति का अर्थ -

किसी भी व्यक्ति का आर्थिक लाभ के लिए लैंगिक शोषण करने को वेश्यावृत्ति कहते हैं।

वेश्यागृह का अर्थ -

किसी मकान, कमरे, वाहन या स्थान से या उसके किसी भाग से है, जिसमें किसी अन्य व्यक्ति के लाभ के लिए किसी का लैंगिक शोषण का दुरूपयोग किया जाए या दो या दो से अधिक महिलाओं के द्वारा अपने आपसी लाभ के लिए वेश्यावृत्ति की जाती है।

अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अपराध

अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य अपराध हैं -

1. कोई व्यक्ति जो वेश्यागृह को चलाता है, उसका प्रबंध करता है या उसके रखने में और प्रबंध में मदद करता है तो उसको कम से कम व अधिक से अधिक तीन साल का कठोर कारावास, और 2000/- रूपये का जुर्माना होगा। यदि वह व्यक्ति दोबारा इस अपराध का दोषी पाया जाता है तो उसको कम से कम दो साल व अधिक से अधिक पांच साल का कठोर कारावास और दो हजार रूपये का जुर्माना होगा।

2. कोई व्यक्ति जो किसी मकान, या स्थान का मालिक, किराएदार, भारसाधक, एजेंट है, उसे वेश्यागृह के लिए प्रयोग करता है या उसे यह जानकारी है कि ऐसे किसी स्थान या उसके भाग को वेश्यागृह के लिए प्रयोग में लाया जाएगा,या वह अपनी इच्छा से ऐसे किसी स्थान या उसके किसी भाग को वेश्यागृह के रूप में प्रयोग करने में भागीदारी देता है। तो ऐसे व्यक्ति को दो साल तक की जेल और दो हजार रूपये का जुर्माना हो सकता है। यदि वह दोबारा इस अपराध का दोषी पाया जाता है तो उसको पांच साल के कठोर कारावास व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

वेश्यावृत्ति की कमाई पर रहना -

कोई भी 16 साल की उम्र से अधिक व्यक्ति अगर किसी वेश्या की कमाई पर रह रहा है, तो ऐसे व्यक्ति को दो साल की जेल या एक हजार रूपये का जुर्माना हो सकता है या दोनों।

अगर कोई व्यक्ति किसी बच्चे या नाबालिग द्वारा की गई वेश्यावृत्ति की कमाई पर रहता है तो ऐसे व्यक्ति को कम से कम 7 साल व अधिक से अधिक 10 साल की जेल हो सकती है।

कोई भी व्यक्ति जो 16 साल से अधिक उम्र का है -

1. वेश्या के साथ उसकी संगत में रहता है, या 2. वेश्या की गतिविधियों पर अपना अधिकार, निर्देश या प्रभाव इस प्रकार डालता है, जिससे यह मालूम होता है कि वह वेश्यावृत्ति में सहायता, प्रोत्साहन या मजबूर करता है या

3. जो व्यक्ति दलाल का काम करता है।

तो माना जाएगा कि (जब तक इसके विपरीत सिद्ध न हो जाए) कि ऐसे व्यक्ति वेश्यावृत्ति की कमाई पर रह रहे हैं।

वेश्यावृत्ति के लिए किसी व्यक्ति को लाना, फुसलाना या बहलाने की चेष्टा करनाः-

यदि कोई व्यक्ति -

1. किसी व्यक्ति को उसकी सहमति या सहमति के बिना वेश्यावृत्ति के लिए लाता है, लाने की कोशिश करता है, या

2. किसी व्यक्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए फुसलाता है, ताकि वह उससे वेश्यावृत्ति करवा सके तो ऐसे व्यक्ति को कम से कम 3 साल व अधिक से अधिक 7 साल के कठोर कारावास और 2000/- रूपये के जुर्माने से दंडित किया जाता है और अगर यह अपराध किसी व्यक्ति की सहमति के विरूद्ध किया जाता है तो दोषी व्यक्ति को सात साल की जेल जो अधिकतम 14 साल तक की हो सकती है, दंडित किया जा सकता है और अगर यह अपराध किसी बच्चे के विरूद्ध किया जाता है तो दोषी को कम से कम 7 साल की जेल, व उम्र कैद भी हो सकती है।

वेश्यागृह में किसी व्यक्ति को रोकना -

अगर कोई व्यक्ति किसी को उसकी सहमति या सहमति के बिना -

1. वेश्यागृह में रोकता है ।

2. किसी स्थान पर किसी व्यक्ति को किसी के साथ जो कि उसका पति या पत्नी नहीं है, संभोग करने के लिए रोकता है तो ऐसे व्यक्ति को कम से कम सात साल की जेल जो कि दस साल या उम्र कैद तक हो सकती है और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

अगर कोई व्यक्ति किसी बच्चे के साथ वेश्यागृह में पाया जाता है, तो वह दोषी तब माना जाएगा, जब तक इसके लिए विपरीत सिद्ध नहीं हो जाता है।

अगर बच्चे या 18 वर्ष से कम उम्र का व्यक्ति वेश्यागृह में पाया जाता है, और उसकी चिकित्सीय जांच के बाद यह सिद्ध होता है कि उसके साथ लैंगिक शोषण हुआ है, तो यह माना जाएगा कि ऐसे व्यक्ति को वेश्यावृत्ति करवाने के लिए रखा गया है या उसका लैंगिक शोषण आर्थिक लाभ के लिए किया जा रहा है।

अगर कोई व्यक्ति किसी महिला या लड़की का -

1. सामान जैसे गहने, कपड़े, पैसे या अन्य संपत्ति आदि अपने पास रखता है या 2. उसको डराता है कि वह उसके विरूद्ध कोई कानूनी कार्यवाही शुरू करेगा, अगर वह अपने साथ वह गहने, कपड़े, पैसे या अन्य संपत्ति जो कि ऐसे व्यक्ति द्वारा महिला या लड़की को उधार या आपूर्ति के रूप में या फिर ऐसे व्यक्ति के निर्देश में दी गई हो, ले जाएगी। तो यह माना जाएगा कि ऐसे व्यक्ति ने महिला या लड़की को वेश्यागृह में या ऐसी जगह रोका है, जहां वह महिला या लड़की कारे संभोग के लिए मजबूर कर सके।

सार्वजनिक स्थानों या उसके आस-पास वेश्यावृत्ति करना -

यदि कोई व्यक्ति जो वेश्यावृत्ति करता है या करवाता है, ऐसे स्थानों पर -

1. जो राज्य सरकार ने चिन्हित किए हों या

2. जो कि 200 मीटर के अंदर किसी सार्वजनिक पूजा स्थल, शिक्षण संस्थान, छात्रावास, अस्पताल, परिचर्या गृह ऐसा कोई भी सार्वजनिक स्थान जिसको पुलिस आयुक्त या मजिस्ट्रेट द्वारा अधिसूचित किया गया हो।

तो ऐसे व्यक्ति को 3 महीने तक का कारावास हो सकता है।

कोई व्यक्ति यदि किसी बच्चे से ऐसा अपराध करवाता है तो उसको कम से कम सात साल व अधिक से अधिक उम्र कैद या 10 साल तक की जेल हो सकती है तथा जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है।

अगर कोई व्यक्ति जो -

1. ऐसे सार्वजनिक स्थानों का प्रबंधक है, वेश्याओं को व्यापार करने व वहां रूकने देता है।

2. कोई किराएदार, दखलदार या देखभाल करने वाला व्यक्ति वेश्यावृत्ति के लिए ऐसे स्थानों के प्रयोग की अनुमति देता है।

3. किसी स्थान का मालिक, एजेंट ऐसे स्थानों को वेश्यावृत्ति के लिए किराए पर देता है।  तो वह तीन महीने के कारावास और 200/- रू. के जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

यदि वह व्यक्ति फिर ऐसे अपराध का दोषी पाया जाता है तो वह छः महीने की जेल और दो सौ रूपये के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

अगर ऐसा अपराध किसी होटल में किया जाता है तो उस होटल का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

वेश्यावृत्ति के लिए किसी को फुसलाना या याचना करना -

अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर किसी व्यक्ति को किस घर या मकान से इशारे, आवाज, अपने आपको दिखाकर किसी खिड़की या बालकनी से वेश्यावृत्ति के लिए आकर्षित, फुसलाता या विनती करता है या छेड़छाड़, आवारागर्दी या इस प्रकार का कार्य करता है, जिससे यहां पर रहने वाले या आने-जाने वालों को बाधा या परेशानी होती है, तो उसको 6 महीने की जेल और पांच सौ रूपये के जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

अगर वह फिर से यह अपराध करता है तो उसको एक साल की जेल और पांच हजार रूपये के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

अगर यह अपराध कोई पुरूष करता है तो वह कम से कम सात सात दिन तथा अधिक से अधिक तीन महीने की जेल से दंडित किया जा सकता है।

अपने संरक्षण में रहने वाले व्यक्ति को फुसलाना -

यदि कोई व्यक्ति अपने संरक्षण, देखभाल में रहने वाले किसी व्यक्ति को वेश्यावृत्ति के लिए फुसलाता है, उकसाता है या सहायता करता है, तो वह कम से कम सात साल की जेल जो कि उम्र कैद या दस साल तक सजा हो सकती है, जेल व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

सुधार संस्था में भेजने का आदेश -

सार्वजनिक स्थानों या उनके आस-पास वेश्यावृत्ति करना, वेश्यावृत्ति के लिए किसी फुसलाना या याचना करने के संबंध में दोषी महिला को उसकी शारीरिक या मानसिक स्थिति के आधार पर न्यायालय उसको सुधार संस्था में भी भेजने का आदेश दे सकता है। सुधार संस्था में कम से कम दो साल व अधिक से अधिक पांच साल के लिए भेजा जा सकता है।

विशेष पुलिस अधिकारी एवं सलाहकार बॉडी -

राज्य सरकार इस अधिनियम के अंतर्गत अपराधों के संबंध में विशेष पुलिस अधिकारियों को नियुक्त करेगी।

सरकार कुछ महिला सहायक पुलिस अधिकारियों की भी नियुक्ति कर सकती है।

इस अधिनियक के अंदर दिए गए सभी अपराध संज्ञेय हैं -

इस अधिनियम के अंदर दिए गए अपराध के दोषी व्यक्ति को विशेष पुलिस अधिकारी या उसके निर्देश के बिना, वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है।

तलाशी लेना -

विशेष पुलिस अधिकारी या दुर्व्यापार पुलिस अधिकारी बिना वारंट के किसी स्थान की तलाशी तब ले सकते हैं, जब उनके साथ उस स्थान के दो या दो से अधिक सम्मानित व्यक्तियों, जिनमें कम से कम एक महिला भी साथ हो।

वहां पर मिलने वाले व्यक्तियों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। ऐसे व्यक्तियों की आयु, लैंगिक शोषण, व यौन संबंधी बीमारियों की जानकारी के लिए चिकित्सीय जांच करायी जाएगी।

ऐसे स्थानों पर मिलने वाली महिलाएं या लड़कियों से, महिला पुलिस अधिकारी ही पूछताछ कर सकती है।

वेश्यागृह से छुड़ाना -अगर मजिस्ट्रेट को किसी पुलिस अधिकारी या राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति से सूचना मिलती है कि कोई व्यक्ति वेश्यावृत्ति कर रहा है या करता रहा है तो पुलिस अधिकारी (जो इंस्पेक्टर की श्रेणी से उच्च का होगा) उस स्थान की तलाशी लेने और वहां मिलने वाले लोगों को उसके सामने पेश करने को कह सकता है।

वेश्यागृह को बंद करना -

मजिस्ट्रेट को पुलिस से या किसी अन्य व्यक्ति से सूचना मिलती है कि कोई घर मकान, स्थान आदि सार्वजनिक स्थान के 200 मीटर के भीतर वेश्यावृत्ति के लिए प्रयोग किया जा रहा है तो वह उस जगह के मालिक किराएदार, एजेंट या जो उस स्थान की देखभाल कर रहा है, उसे नोटिस देगा कि वह सात दिन के अंदर जवाब दें कि क्यों न उस स्थान को अनैतिक काम के लिए प्रयोग किए जाने वाला घोषित किया जावे।

संबंधित पक्ष को सुनने के बाद यदि यह लगता है कि वहां पर वेश्यावृत्ति हो रही है तो मजिस्ट्रेट सात दिन के अंदर उसको खाली करने व उसकी अनुमति के बिना किराये पर न देने के आदेश दे सकता है।

संरक्षण गृह में रखने के लिए आवेदन -

कोई व्यक्ति जो वेश्यावृत्ति करता है या जिससे वेश्यावृत्ति करायी जाती है, वह मजिस्ट्रेट से संरक्षण गृह में रखने व न्यायालय से सुरक्षा के लिए आवेदन कर सकता है।

वेश्याओं को किसी स्थान से हटाना -मजिस्ट्रेट को सूचना मिलने पर यदि यह लगता है कि उसके क्षेत्राधिकार में कोई वेश्या रह रही है, तो वह उसको वहां से हटने व फिर उस स्थान पर न आने का आदेश दे सकता है।

विशेष न्यायालयों की स्थापना -

इस अधिनियम के अंतर्गत किए गए अपराधों के लिए राज्य सरकार व केंद्र विशेष न्यायालय की स्थापना भी कर सकती है। भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत भी महिलाओं व बच्चों को बेचने व खरीदने पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रावधान बनाए गए हैं।

क़ानूनी प्रावधान

18 साल से कम उम्र की लड़की को गैर कानूनी संभोग के लिए फुसलाना (धारा-366-क)

यदि कोई व्यक्ति किसी 16 साल से कम उम्र की लड़की को फुसलाता है, किसी स्थल से जाने को या कोई कार्य करने को यह जानते हुए कि उसके साथ अन्य व्यक्ति द्वारा गैर कानूनी संभोग किया जाएगा या उसके लिए मजबूर किया जाएगा तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल तक की जेल और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।

विदेश से लड़की का आयात करना (धारा 366-ख)

अगर कोई व्यक्ति किसी 21 साल से कम उम्र की लड़की को विदेश से या जम्मू कश्मीर से लाता है, यह जानते हुए कि उसके साथ गैर कानूनी संभोग किया जाएगा या उसके लिए मजबूर किया जाएगा तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल तक की जेल और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

वेश्यावृत्ति आदि के बच्चों को बेचना (धारा-372)

अगर कोई व्यक्ति किसी 18 साल से कम उम्र के बच्चे को वेश्यावृत्ति, या गैर कानूनी संभोग, या किसी कानून के विरूद्ध और दुराचारिक काम में लाए जाने या उपयोग किए गए जाने के लिए उसको बेचता है या भाड़े पर देता, तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल तक की जेल और जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है।

यदि कोई व्यक्ति किसी 18 साल से कम उम्र की लड़की को किसी वेश्या या किसी व्यक्ति को, जो वेश्यागृह चलाता हो या उसका प्रबंध करता हो, बेचता है, भाड़े पर देता है तो यह माना जाएगा कि उस व्यक्ति ने लड़की को वेश्यावृत्ति के लिए बेचा है, जब तक कि इसके विपरीत साबित न हो जाए।

वेश्यावृत्ति आदि के लिए बच्चों को खरीदना (धारा 373) -

अगर कोई व्यक्ति किसी 18 साल से कम उम्र के बच्चे को वेश्यावृत्ति, या गैर कानूनी संभोग, या किसी कानून के विरूद्ध, और दुराचारिक काम में लाए जाने या उपयोग किए जाने के लिए उसको खरीदता है या भाड़े पर देता है, तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल की जेल और जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है।

न्यायालयों के देह व्यापार से संबंधित निर्णय

1. उ्रच्चतम न्यायालय ने गौर जैन बनाम भारत संघ में कहा है कि वेश्यावृत्ति एक अपराध है, लेकिन जो महिलाएं देह व्यापार करती है, उनको दोषी कम और पीड़ित ज्यादा माना जाएगा। न्यायालय ने यह भी कहा है कि ऐसी परिस्थितियों में रहने वाली महिलाओं और उनके बच्चों को पढ़ाई के अवसर और आर्थिक सहायता भी दी जानी चाहिए तथा उनको समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उनकी शादियां भी करवानी चाहिए , जिससे बाल देह व्यापार में कमी हो सके।

2. उच्च न्यायालय ने प.न. कृष्णलाल बनाम केरल राज्य में कहा कि राज्य के पास यह शक्ति है कि वह कोई व्यापार या व्यवसाय जो गैर कानूनी, अनैतिक या समाज के लिए हानिकाकर है, उस पर रोक लगा सकती है

स्रोत: महिला एवं बाल विकास विभाग

अनैतिक व्यापार अधिनियम 1956 क्या है?

स्वतंत्रता के बाद भारत में वेश्यावृत्ति को दंडनीय अपराध बनाया गया तथा वेश्यावृत्ति को रोकने हेतु अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 भारत की संसद द्वारा बनाया गया। वेश्यावृत्ति या अनैतिक शारीरिक व्यापार प्राचीन व्यवसाय के रूप में अपनी पहचान रखता है।

अनैतिक व्यापार से क्या तात्पर्य?

किसी मकान, कमरे, वाहन या स्थान से या उसके किसी भाग से है, जिसमें किसी अन्य व्यक्ति के लाभ के लिए किसी का लैंगिक शोषण का दुरूपयोग किया जाए या दो या दो से अधिक महिलाओं के द्वारा अपने आपसी लाभ के लिए वेश्यावृत्ति की जाती है।

वेश्यावृत्ति में कौन सी धारा लगती है?

Brothel या चकलाघर चलाना है क्राइम इम्मोरल ट्रैफिक एक्ट 1956 के सेक्शन 3 के मुताबिक चकलाघर, वेश्यालय या brothel चलना अपराध है. इसकी परिभाषा में हर वह घर, कमरा या जगह आता है जिसका इस्तेमाल वेश्यावृत्ति के लिए किया जाता है. वहीं इस कानून के सेक्शन 4 के मुताबिक किसी का वेश्या की कमाई पर ज़िन्दगी बसर करना भी अपराध है.

अनैतिक देह व्यापार अधिनियम कब लागू हुआ?

अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 | National Commission for Women.