अपने घर के बुजुर्गों से चर्चा कीजिए कि क्या उन्होंने कभी ऐसी घटना देखी है - apane ghar ke bujurgon se charcha keejie ki kya unhonne kabhee aisee ghatana dekhee hai

Bihar Board Class 8 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 3 Chapter 1 भारतीय संविधान Text Book Questions and Answers, Notes.

Bihar Board Class 8 Social Science भारतीय संविधान Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आप अपने विद्यालय में जिन नियमों का पालन करते हैं उनकी एक सूची तैयार कीजिए।
उत्तर-

  1. हमें निर्धारित समय पर स्कूल आना होता है।
  2. कक्षा में अध्यापन कार्य के समय बिना शिक्षक की इजाजत लिये बोलना मना होता है।
  3. विद्यालय को हमें गंदा नहीं करना होता है।
  4. अध्यापकों से सम्मानजनक व्यवहार करना होता है।
  5. पंक्ति बनाकर विद्यालय में प्रवेश करते हैं और पंक्ति बनाकर ही बाहर जाते हैं।

(अन्य नियम जो आपके विद्यालय के हैं, आप स्वयं लिखें ।)

प्रश्न 2.
आपकी शिक्षिका विद्यालय में किन नियमों का पालन करती हैं उनसे चर्चा कीजिए और सूची तैयार कीजिए।
उत्तर-
संकेत : अपनी शिक्षिका से स्वयं चर्चा करें और सूची तैयार करें।

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प्रश्न 3.
जग सोन के बताइए कि आपके विद्यालय के प्रधान अध्यापक को विद्यालय चलाने के लिए किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता होगा?
उत्तर-

  1. विद्यालय में अनुशासन कायम रखना।
  2. अध्यापन कार्य अच्छा हो रहा है कि नहीं, इस पर नजर रखना ।
  3. अध्यापकों की नियमित हाजिरी व उपस्थिति ।
  4. विद्यालय को चलाने के लिए आर्थिक गतिविधियों पर नजर रखना व इस संबंध में नयी योजनाएँ बनाना ।
  5. विद्यालय की प्रतिष्ठा बनाए रखना व बढ़ाना।
  6. विद्यालय का समाज में सही रूप से प्रचार होता रहे, इसकी व्यवस्था करना।

प्रश्न 4.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 पर अपने वर्ग में अलग-अलग समूह में समूह-चर्चा कीजिए और उसकी मुख्य बातों को चार्ट पेपर पर लिखकर अपनी कक्षा में सजाइए।। इसके लिए पहले आपको कई स्रोत जैसे अखबार, इंटरनेट या अपने शिक्षकों से जानकारी इकट्ठी करनी पड़ेगी।
उत्तर-
शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 एक बुनियादी कानून है जिसके आधार पर विद्यालयों के बारे में कई नियम बनाए गए हैं। जैसे-614 वर्ष के लड़के-लड़कियों को किसी भी विद्यालय में प्रवेश देने से मना नहीं किया जा सकता । प्रत्येक 3 कि.मी. के दायरे में कक्षा 8 तक की पढ़ाई हेतु सरकारी स्कूल का होना आवश्यक है। साथ ही, इस अधिनियम के अनुसार

कक्षा 1 से 5 तक के विद्यालयों में छात्र व शिक्षक का अनुपात 30: 1 का होना चाहिए। (अन्य परियोजना कार्य आप स्वयं करें।)

प्रश्न 5.
दिए गए उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आप नहरवाल इलाके के . लिए कौन-से कानून बनाएँगे?
उत्तर-
नहरवाल इलाके के लोग शांतिपूर्ण ढंग से रहें इसके लिए कुछ बुनियादी नियम बनाने चाहिए। ये वही नियम होंगे जो कि एक सभ्य समाज का होता है। यानी सभी लोग अपने इलाके की सफाई का ख्याल रखेंगे। कूड़ा उचित जगह पर फेकेंगे । यातायात के नियमों का पालन करेंगे। अनावश्यक और देर रात सडकों पर जमावडा नहीं लगाएँगे। स्त्रियों की इज्जत करेंगे। नहरवाल इलाके की एक पंचायत होगी। आपसी मतभेद होने पर लोग अपने फैसले खुद न लेकर, फैसले का काम पंचायत पर छोड़न्दगे। पंचायत उनकी बातें सुन निष्पक्ष न्याय करेगा ।

नागरिक समिति यह ध्यान रखेगी कि लोगों को उनकी योग्यता के अनुसार काम मिले और उन्हें उचित मेहनताना भी मिले भारतीय संविधान के अनुसार ही नहरवाल इलाके के कानून बनेंगे।

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प्रश्न 6.
यह तो हो गई कानुन बनाने की बात, अब यह तय कैसे करेंगे किइन कानूनों को कैसे लागू किया जाये ?
उत्तर-
कानून को लागू करने का काम विधायिका का है। नहरवाल इलाके में कानूनों को लागू करने का काम, इलाके के लोगों द्वारा गठित पंचायत व ‘नागरिक समिति’ को करना होगा। इनके निर्वाचित सदस्यों पर कानून लागू कस्ले को जिम्मेवारी होगी।

प्रश्न 7.
सरला बहन ने मुन्नी को काम पर क्यों नहीं जाने दिया?
उत्तर.-
मन्नी बच्ची है और बच्चों से मजदरी करवाना काननी जम है। फिर, पढ़ना बच्चों का मूलभूत अधिकार है, जो उसे संविधान द्वारा प्रदत्त है। इसीलिए सरला बहन ने मुन्नी को काम पर नहीं जाने दिया।

प्रश्न 8.
अपने घर के बुजुर्गों से चर्चा कीजिए कि क्या उन्होंने कभी ऐसी घटना देखी हैं ?
उत्तर-
मैंने अपने बुजुर्गों से चर्चा की। उन्होंने बताया कि हाँ उन्होंने ऐसी घटना देखी है।

प्रश्न 9.
आपके विचार में छोटी उम्र में बच्चों को काम पर क्यों नहीं लगान चाहिए?
उत्तर-
पढ़ना छोटी उम्र के बच्चों का मूलभूत अधिकार है। फिर, छोटी उम्र में बच्चों से काम करवाने पर उनके मन में हीन भावना घर कर सकती है। इससे उनका व्यक्तित्व-विकास बाधक होगा । इसलिए छोटी उम्र में बच्चों को काम पर नहीं लगाना चाहिए।

प्रश्न 10.
नीचे दी गई घटनाओं को ध्यान से पढ़ें । शिक्षिका की मदद से यह पता लगाएँ कि इन घटनाओं के शिकार लोगों की भारतीय संविधान कैसे मदद करता है? घटनाएँ

प्रश्न (i)
दहेज के लिए विवाहिता को जला देना।
उत्तर-
दहेज हत्या करने व दहेज के लिए बहू पर अत्याचार करने वाले लड़केवालों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान है जिसमें कठोर कारावास .. व जुर्माना शामिल है .

प्रश्न (ii)
10 वर्ष के बच्चे को चाय की दुकान में काम कराना।
उत्तर-
चाय के दुकान मालिक को इसके एवज में जुर्माना भरना पड़ सकता है। साथ ही कुछ समय का कारावास (जेल) भी हो सकता है।

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प्रश्न (iii)
बिना कोई कारण बताये 24 घण्टे से अधिक किसी नागरिक को पुलिस चौकी में बंद रखना।
उत्तर-
ऐसे पुलिस कर्मचारी के खिलाफ भारतीय संविधान में कड़ी सजा का प्रावधान है।

प्रश्न (iv)
किसी भी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थान पर जाने के लिये जाति, लिंग या धर्म के नाम पर रोकना।
उत्तर-
भारतीय संविधान हर नागरिक को समानता का अधिकार देता है। जो भी व्यक्ति या संस्था उसकी समानता के अधिकार से खिलवाड़ करता है तो उसके लिए संविधान में कड़ी सजा का प्रावधान है।

प्रश्न (v)
सरकार द्वारा किसानों की जमीन को बिना उचित मुआवजा दिए जब्त कर लेना।
उत्तर-
ऐसी दशा में पीड़ित को अदालत में जाकर सरकार के खिलाफ मुकदमा लड़ने का अधिकार भारतीय संविधान हर नागरिक को देता है। उचित मामला होने पर अदालत सरकार को जुर्माना भरने व जब्त जमीन को किसानों को वापस करने का आदेश देती है।

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प्रश्न 11.
संविधान किसे कहते हैं ?
उत्तर-
किसी देश को चलाने के लिए जिन मूलभूत नियमों एवं कानूनों की जरूरत होती है, उसे ही हम संविधान कहते हैं।

प्रश्न 12.
बुनियादी नियम क्या होते हैं ?
उत्तर-
शिक्षा का अधिकार, नागरिकों के स्वास्थ्य, स्वतंत्रता, समानता, अधिकार व कर्तव्य से जुड़े नियमों को बुनियादी नियम कहते हैं।

प्रश्न 13.
किसी भी स्वास्थ्य केन्द्र से पता लगाइए कि सरकार द्वारा लोगों को कौन-कौन-सी बुनियादी सुविधाएँ दी जाती हैं।
उत्तर-
स्वास्थ्य केन्द्र लोगों को चिकित्सा व चिकित्सकीय परामर्श व जाँच, टीकाकरण व दवा वितरण आदि की बुनियादी सुविधाएँ देता है।

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प्रश्न 14.
अपने विद्यालय में दी जाने वाली सरकारी सुविधाओं की एक सूची बनाएँ।
उत्तर-

  1. मुफ्त पुस्तक वितरण ।
  2. मुफ्त वर्दी (ड्रेस) वितरण ।
  3. दोपहर में मुफ्त भोजन प्रदान करना ।
  4. छात्रवृत्ति प्रदान करना ।

(अन्य सुविधाओं को, जो आपके विद्यालय में दी जाती हैं, उनकी सूची स्वयं बनाएँ।)

प्रश्न 15.
ऊपर दिए गए चित्रों को देखकर आपकी अंग्रेजी शासन पद्धति के बारे में क्या सोच बनती है?
उत्तर-
पृष्ठ-6 पर दिये गये चित्रों से पता चलता है कि अंग्रेज सरकार हिन्दुस्तान पर बर्बरतापूर्ण कब्जा जमाए हुए थी। उनका शासन भारत को लूटने और दबाकर रखने के इरादों से भरा हुआ था।

प्रश्न 16.
क्या आपको लगता है कि अंग्रेजी हुकूमत ने हम भारतीयों के अधिकारों का हनन किया है ? कैसे?
उत्तर-
जलियाँवाला बाग में संभा हो रही थी। लोग अपने विचार शांतिपूर्ण ढंग से रख रहे थे। जनता को सरकार के खिलाफ अपने विचार व्यक्त करने का मौलिक अधिकार होता है। पर, अंग्रेज सरकार ने हजारों निहत्थे लोगों पर गोलियाँ चलाकर उनकी नृशंस हत्या कर दी।

उन्होंने हम भारतीयों के अधिकारों का हनन किया और भी कई प्रकार से करते रहे । अपने स्वार्थ के लिए भारतीय किसानों से जबरदस्ती नील की खेती कराते रहे जो भारतीय किसानों के लिए नुकसानदायक और अंग्रेज सरकार के लिए फायदेमंद था। दरअसल अंग्रेज सरकार अपने फायदे के लिए हम भारतीयों के अधिकारों का लगातार हनन करते रहे थे।

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प्रश्न 17.
किस चीज की खेती के लिए किसानों को मजबूर किया जा रहा
था?
उत्तर-
बिहार के पश्चिम चंपारण में अंग्रेजों द्वारा भारतीय किसानों को नील की खेती के लिए मजबूर किया जाता था।

प्रश्न 18.
अगर हमारा देश आजाद रहता तो क्या इस तरह लोगों को उनकी इच्छाओं के विरुद्ध मजबूर किया जाता? ।
उत्तर
नहीं, यदि हमारा देश आजाद रहता तो हम भारतीयों को हमारी इच्छाओं के विरुद्ध किसी काम के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता था।

प्रश्न 19.
यदि उस समय भारत आजाद होता और उसका अपना संविधान होता, तो क्या इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता था ?
उत्तर-
बिल्कल रोका जा सकता था। यदि उस समय भारत आजाद होता और उसका अपना संविधान होता तो लोग अदालत की शरण में जाकर अपने मूलभूत अधिकारों की रक्षा कर लेते और ऐसी घटनाएँ नहीं होती।

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प्रश्न 20.
भारत के संविधान को बनाने के लिए कांग्रेस ने सबसे स्पष्ट मांग कब पेश की?
उत्तर-
1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत के लोगों द्वारा अपना संविधान खुद बनाने की स्पष्ट मांग रखी थी।

प्रश्न 21.
अंग्रेज सरकार भारत के लोगों की स्वतंत्र संविधान सभा की मांग को क्यों नहीं मानना चाहती थी?
उत्तर-
भारत के लोगों की स्वतंत्र संविधान सभा की मांग को मानने पर अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ता क्योंकि विदेशी लोगों द्वारा अपने देश पर शासन कोई देशवासी स्वीकार नहीं करता । इसलिए अंग्रेज सरकार ने यह मांग ठुकरा दी।

प्रश्न 22.
भारत के लोगों ने शुरुआती दौर में क्या-क्या माँगें रखीं ?
उत्तर-
भारत के लोगों ने शुरुआती दौर में इन मांगों को रखा थासार्वभौमिक वयस्क मताधिकार, स्वतंत्रता और समानता का अधिकार, संसदीय एवं उत्तरदायी सरकार एवं अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा ।

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प्रश्न 23.
किसी भी देश के संविधान में आम तौर पर किस तरह के मूल्यों को शामिल किया जाता है ?
उत्तर-
किसी भी देश के संविधान में आम तौर पर बुनियादी मूल्यों को । शामिल किया जाता है।

प्रश्न 24.
भारत के संविधान के बुनियादी मूल्य कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
भारत के संविधान के बुनियादी मूल्य अग्रलिखित हैं-लोकतंत्र, स्वतंत्रता, समानता, न्याय एवं धर्मनिरपेक्षता।

प्रश्न 25.
बच्चे क्यों खुश थे?
उत्तर-
स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन होने से बच्चे खुश थे।

प्रश्न 26.
शिक्षिका ने सभी बच्चों के विचार क्यों लिए?
उत्तर-
शिक्षिका ने सभी बच्चों के विचार इसलिए लिया ताकि उन्हें एहसास हो कि इ सांस्कृतिक आयोजन में सबकी भागीदारी हो रही है।

प्रश्न 27.
कार्यक्रम की योजना यदि शिक्षिका स्वयं बनाती तो क्या होता?
उत्तर-
यदि शिक्षिका कार्यक्रम की योजना स्वयं बनाती तो कई बच्चे दुखी हो जाते कि कार्यक्रम में उनकी कोई भागीदारी नहीं हुई।

प्रश्न 28.
क्या बच्चे अपनी बात को कहने के लिए स्वतंत्र थे ?
उत्तर-
हाँ, बच्चे अपनी बात को कहने के लिए स्वतंत्र थे । शिक्षिका ने उनको अपनी बातें कहने का पूरा मौका दिया था।

प्रश्न 29.
कार्य योजना बनाने में क्या सभी ने अपनी भूमिका निभाई थी?
उत्तर-
हाँ, कार्य योजना बनाने में सभी ने अपनी भूमिका निभाई थी।

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प्रश्न 30.
इस अनुभव से आपको लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के बारे में क्या समझ आता है ? शिक्षिका से चर्चा कीजिए।
उत्तर-
लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात अभिव्यक्त करने का पूरा-पूरा हक होता है। सरकार बनाने के लिए सभी लोगों को वोट देने का अधिकार होता है।

प्रश्न 31.
स्वयं करें और बताएँ पुस्तक में दी गई संविधान की उद्देशिका को ध्यान से पढ़ें और दिए गए चित्रों को देखकर बताएं कि इनमें संविधान में कौन-सी स्वतंत्रताएँ झलकती हैं।
उत्तर-
पृष्ठ 10 पर दिए गए चित्रों में से प्रथम में अवसर की समता के तहत शिक्षा पाने का स्कूली बच्चियों का अधिकार झलकता है। दूसरे चित्र में धर्म और उपासना की स्वतंत्रता और तीसरे चित्र में विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता झलकती है।

प्रश्न 32.
क्या किसी भी लोकतांत्रिक देश में स्वतंत्रता का अधिकार असीमित हो सकता है ? यदि किसी भी व्यक्ति या सरकार के कार्यों से दूसरे के हित को खतरा पहुँचता है तो क्या ऐसी स्वतंत्रता समाज के हित में सीमित की जा सकती है?
उत्तर-
नहीं, किसी भी लोकतांत्रिक देश में स्वतंत्रता का अधिकार असीमित नहीं हो सकता । व्यक्ति के जिन विचारों से दुसरे वर्ग-सम्प्रदाय को ठेस पहुँचे और उसके जिन विचारों से राष्ट्र की अखंडता को खतरा पहुँचता है उन्हें सीमित किया जा सकता है। इसके लिए उसे दंडित भी किया जा सकता है। किसी भी व्यक्ति या सरकार के कार्यों से यदि दूसरे के हित को खतरा पहुँचता है तो उसे सीमित करने के लिए देश की अदालत अपना दखल देती है।

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प्रश्न 33.
संविधान की उद्देशिका को ध्यान से पढ़ें और बताएँ कि संविधान में कौन-कौन-सी समानताओं का उल्लेख किया गया है ?
उत्तर-
हमारे संविधान में नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार- अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने का उल्लेख किया गया है।

प्रश्न 34.
नीचे दिए गए उदाहरणों में कौन-कौन-सी असमानताएँ दिखाई दे रही

प्रश्न (i)
अपहरण के मामले में चार लड़के गिरफ्तार होते हैं। उनमें से श्याम एक धनी परिवार का इकलौता लड़का है । मजिस्ट्रेट सभी को एक ही सजा सुनाता है।
उत्तर-
धनी परिवार के लड़के की इस कांड में मुख्य भूमिका हो सकती है। इसकी जाँच कर उसे अन्य की अपेक्षा अधिक कड़ी सजा मिलनी चाहिए थी। यहाँ आर्थिक असमानता का मामला है।

प्रश्न (ii)
एक गाँव में स्थित मंदिर में कुछ खास समुदाय के लोगों को नहीं जाने दिया जाता।
उत्तर-
यहाँ उस खास समुदाय के धर्म और उपासना की स्वतंत्रता के अधिकार को सीमित करने की असमानता दिखती है।

प्रश्न (iii)
आपके पड़ोस के स्कूल में आपके छोटे भाई का नामांकन नहीं । किया जाता क्योंकि आपके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।
उत्तर-
इस मामले में आर्थिक असमानता दृष्टिगोचर होती है।

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प्रश्न (iv)
किसी निजी नौकरी के लिए आपको इसलिए नहीं लिया जाता क्योंकि आप किसी खास समुदाय के हैं।
उत्तर-
इस मामले में अवसर की समता का व्यक्ति का अधिकार खंडित होता है।

प्रश्न 35.
अनुसूचित जातियों और जनजातियों के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति समानता के सिद्धांत के विरुद्ध क्यों नहीं जाती ? अपनी शिक्षिका की सहायता से इस पर चर्चा कीजिए।
उत्तर-
यह समानता के विरुद्ध नहीं है क्योंकि अनुसूचित जातियों और जनजातियों को सदियों से दबाया जाता रहा है। उन्हें छात्रवृत्ति देकर अन्य वर्गों के समकक्ष लाने की कोशिश समानता के सिद्धांत के ही अनुकूल है।

प्रश्न 36.
अपने स्कूल में चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी एकत्र कीजिए। ये योजनाएँ क्या हैं और क्यों चलाई जाती हैं ? समूह .. में चर्चा कीजिए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1.
एक नागरिक के रूप में देश के लोगों के लिए संविधान महत्त्वपूर्ण
क्यों है?
उत्तर-
एक नागरिक के रूप में देश के लोगों के लिए संविधान बहुत महत्त्वपूर्ण है । संविधान देश के लोगों के हितों की रक्षा को सुनिश्चित करता है। लोगों के बुनियादी मूल्यों व अधिकारों की रक्षा संविधान द्वारा ही संभव है।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता के लिए देश का संविधान व्यक्ति की हर संभव सहायता करता है।

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प्रश्न 2.
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारत के लोगों ने अपना संविधान बनाने की मांग क्यों रखी होगी?
उत्तर-
भारत के लोग अंग्रेजी सरकार के बर्बर और क्रूर शासन से त्रस्त थे। लोगों को न आर्थिक आजादी थी न सामाजिक और न ही राजनैतिक आजादी हासिल थी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी नहीं थी। दमनपूर्ण शासन से त्रस्त भारत के लोगों को लगने लगा कि जब तक अपना संविधान देश में “लागू नहीं होगा, तब तक लोगों को बेहतर शासन प्राप्त नहीं होगा। अतः स्वतंत्रता, आंदोलन के दौरान भारत के लोगों ने अपना संविधान बनाने की मांग रखी।

प्रश्न 3.
भारत के संविधान में दिए गए मूल्यों में से आपको कौन-से मूल्य, सबसे महत्त्वपूर्ण लगते हैं और क्यों?
उत्तर-
भारत के संविधान में दिए गए मूल्यों में से मुझे बुनियादी मूल्य सबसे महत्त्वपूर्ण लगते हैं। इन मूल्यों में प्रमुख हैं-लोकतंत्र, स्वतंत्रता, समानता, न्याय और धर्मनिरपेक्षता । इन मूल्यों का महत्त्व इस तथ्य से पता चलता है कि इन्हें सबसे पहले संविधान के उद्देश्यों में शामिल किया गया था एवं इन्हें संविधान की उद्देशिका में लिखा गया

प्रश्न 4.
संविधान में दिए गए समता और सामाजिक न्याय को लागू करने के लिए सरकार द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही हैं, उन्हें निम्न तालिका में भरिये। समता का मूल्य

अपने घर के बुजुर्गों से चर्चा कीजिए कि क्या उन्होंने कभी ऐसी घटना देखी है - apane ghar ke bujurgon se charcha keejie ki kya unhonne kabhee aisee ghatana dekhee hai

उत्तर-
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प्रश्न 5.
नीचे दिए गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। संविधान सभा की बैठक नई दिल्ली के संविधान सभा भवन में 8.30 बजे शुरू हुई । माननीय डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने सभा की अध्यक्षता की। इस सभा में माननीय सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपने विचार प्रस्तुत किये, “समिति में दो विचार-धाराएँ थीं । बड़ी तादाद में विख्यात वकील थे, जो बहुत बारीकी से हर वाक्य, हर शब्द, यहाँ तक की विराम और अल्प विराम की जाँच कर रहे थे। ये दोनों विचारधाराएँ दो अलग-अलग दृष्टिकोणों से मामले को देखती थीं

एक विचारधारा यह मानती थी कि अधिकारों के इस प्रतिवेदन में जितने अधिक से अधिक संभव हों, अधिकार शामिल करने चाहिए जो अदालत में सीधे लागू किए जा सकें। इन अधिकारों को लेकर कोई भी नागरिक बिना किसी कठिनाई के सीधे अदालत जा सके और अपने अधिकार प्राप्त कर सकें । दूसरी विचारधारा का मत था कि मूल अधिकारों को कुछ ऐसी बहुत अनिवार्य बातों तक सीमित रखा जाना चाहिए जिन्हें आधारभूत माना जा सके।

दोनों विचारधाराओं में काफी बहस हुई और अंत में एक बीच का रास्ता निकाला गया, जिसे एक अच्छा मध्यम मार्ग माना गया। दोनों विचारधाराओं के लोगों ने सिर्फ एक देश के मूल अधिकारों का अध्ययन नहीं किया बल्कि दुनिया के लगभग हर देश के मूल अधिकारों का अध्ययन किया। वे इस नतीजे पर पहुँचे कि हमें इस प्रतिवेदन में जहाँ तक संभव हो, उन अधिकारों को शामिल करना चाहिए, जिन्हें उचित माना जा सके । इन बातों पर इस सदन में मतभेद हो सकता है, सदन को हर धारा पर

आलोचनात्मक तरीके से विचार करके, विकल्प सुझाने, संशोधन के सुझाव देने और निरस्त करने का अधिकार है।”

अपने घर के बुजुर्गों से चर्चा कीजिए कि क्या उन्होंने कभी ऐसी घटना देखी है - apane ghar ke bujurgon se charcha keejie ki kya unhonne kabhee aisee ghatana dekhee hai

प्रश्न-

प्रश्न 1.
संविधान सभा की मूल अधिकारों की समिति में कौन-कौन से विचार प्रमुख रूप से उभर रहे थे?
उत्तर-
संविधान सभा की मूल अधिकारों की समिति में दो विचारधाराएँ प्रमुख रूप से उभर रही थीं। एक विचारधारा यह मानती थी कि अधिकारों के इस प्रतिवेदन में जितने अधिक-से-अधिक संभव हों, अधिकार शामिल करने चाहिए जो अदालत में सीधे लागू किए जा सकें ।

इन अधिकारों को लेकर कोई भी नागरिक बिना किसी कठिनाई के सीधे अदालत जा सके और अपने अधिकार प्राप्त कर सके । दूसरी विचारधारा का मत था कि मूल अधिकारों को कुछ ऐसी बहुत अनिवार्य बातों तक सीमित रखा जाना चाहिए जिन्हें धारभूत माना जा सके।

प्रश्न 2.
आप इनमें से किस विचार के साथ सहमत हैं। और क्यों?
उत्तर-
मैं प्रथम विचार से सहमत हैं क्योंकि यह विचारधारा लोगों को अधिक से अधिक अधिकार देने के पक्षधर हैं जिन्हें अदालत की सुरक्षा भी सीधे-सीधे प्राप्त होगी।

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प्रश्न 3.
संविधान सभा में सदस्य किस तरह किसी निर्णय पर पहुँचते थे, गद्यांश के आधार पर अपने शब्दों में लिखिये।
उत्तर-
संविधान सभा के सदस्य काफी बहस कर अंत में किसी मुद्दे पर बीच का रास्ता निकालते थे, जिसे एक अच्छा मध्यम मार्ग माना जा सकता था।