आज के बच्चे कल का भविष्य हैं। यदि समाज में बच्चों की प्रगति पर अंकुश लगा दिया जाए तो देश का भविष्य अंधकारपूर्ण होगा। हमारा देश एक प्रगतिशील देश है। बच्चे भी इस प्रगति का एक अभिन्न अंग हैं। सभी बच्चे एक समान हैं। उनको बचपन से वंचित करना समाज के लिए अमानवीय कर्म है। इसलिए यह हमारे समाज के लिए अभिशाप है। Show बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान क्यों है? किसी भी देश की उन्नति उसके युवा वर्ग की उन्नति से ही जुडी होती हैं। बच्चे भी हमारे देश का भविष्य हैं और देश की प्रगति में उनका अहम् हिस्सा हैं। यदि बच्चे पढ़ लिख नही पाते और उन्हें वो अवसर नही मिल पाते जिनके वो हक़दार हैं। तो निस्चय ही उस देश का भविष्य अन्धकार में होगा। उसकी आने वाली पीढ़ी भी पिछड़ी होगी, उन्हें उनके बचपन से वंचित रखना अपने आप में घोर अपराध तथा अमानवीय कर्म है। इसलिए बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान है। 739 Views कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि 'काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?' कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए? बच्चो की इस स्थिति के लिए उनकी आर्थिक स्थिति ही नही यह समाज भी जिम्मेवार है। केवल कवि के विवरण मात्र से ही उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति नही की जा सकती। इसके लिए समाज को इस समस्या से जागरूक करने के लिए तथा उसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने के लिए बात को प्रश्न रूप में ही पूछा जाना उचित होगा। 433 Views दिन-प्रतिदिन के जीवन में हर कोई बच्चों को काम पर जाते देख रहा/रही है, फिर भी किसी को कुछ अटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता के क्या कारण हो सकते हैं? इस प्रकार की उदासीनता के कई कारण हो सकते हैं जैसे - आज का मनुष्य काफी आत्मकेंद्रित हो चूका हैं। उससे केवल अपना ओर अपनी समस्यों का ही ध्यान रहता हैं। दूसरों की परेशानियों को समझने या सुलझाने में उससे समय ही कहा हैं। कई लोगो में जागरूकता की भी कमी है। उन्हें यह भी नही पता की पढाई हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। वे सिर्फ ईश्वर और बच्चों के भाग्य को दोष देते हैं। 398 Views सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं? सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चों के वंचित रहने के मुख्य कारण सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक मज़बूरी है। निम्नश्रेणी के बच्चों को बचपन से ही भरण-पोषण करने के लिए श्रम करना पड़ता हैं। समाज के गरीब तबके के बच्चों को न चाहते हुए भी अपने माता-पिता का हाथ बँटाना पड़ता है। जहाँ जीविका के लिए इतनी मेहनत करनी पड़े तब सुख-सुविधाओं की कल्पना करना असंभव सा लगता है। 666 Views आपने अपने शहर में बच्चों को कब-कब और कहाँ-कहाँ काम करते हुए देखा है? मैंने अपने शहर में बच्चों को निम्नलिखित जगहों पर कम करते देखा हैं:- 1141 Views कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए। कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से बाल मजदूरी का चित्र उभरता है। बच्चों के प्रति चिंता और करूणा का भाव उमड़ता है। छोटी सी उम्र में ही इन्हे अपना और परिवार का पेट भरने के लिए न चाहते हुए भी इन बच्चों को इतना ठंड में सुबह-सुबह उठकर काम पर जाना पड़ रहा है। 678 Views Download Formulae Handbook for Class 9 NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 17 बच्चे काम पर जा रहे हैं is part of NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for
Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 17 बच्चे काम पर जा रहे हैं. पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास प्रश्न 1. कोहरे से ढंकी सड़क पर बच्चे काम पर जा रहे हैं। इन्हें पढ़कर मेरे मन-मस्तिष्क में चिंता और करुणा का भाव उमड़ता है। करुणा का भाव इस कारण उमड़ता है कि इन बच्चों की खेलने-कूदने की आयु है किंतु इन्हें भयंकर
कोहरे में भी आराम नहीं है। पेट भरने की मजबूरी के कारण ही ये । ठंड में सुबह उठे होंगे और न चाहते हुए भी काम पर चल दिए होंगे। चिंता इसलिए उभरी कि इन बच्चों की यह दुर्दशा कब समाप्त होगी? कब समाज बाल-मजदूरी से मुक्ति पाएगा? परंतु कोई समाधान न होने के कारण चिंता की रेखा गहरी हो गई। प्रश्न 2. प्रश्न 3. समाज की व्यवस्था भी बाल-श्रमिकों को रोकने में सक्षम नहीं है। यद्यपि सरकार ने इस विषय में कानून बना दिए हैं। किंतु वह बच्चों को निश्चित रूप से ये सुविधाएँ दिला पाने में समर्थ नहीं है। न ही सरकार या समाज के पास इतने साधन हैं, न गरीबी मिटाने के उपाय हैं और न इच्छा-शक्ति। इसलिए बच्चे वंचित हैं। प्रश्न 4.
प्रश्न 5. प्रश्न 6. रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 7. प्रश्न 8. पाठेतर सक्रियता प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. अन्य पाठेतर हल प्रश्न लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. बच्चों से काम करवाने वालों को कठोर दंड दिया जाना चाहिए। बाल श्रमिकों की पहचानकर उनकी शिक्षा और प्रशिक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए। इस दिशा में समाज को भी अपनी सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है। More Resources for CBSE Class 9
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बच्चे काम पर जा रहे हैं कविता में कवि के लिए बच्चों का काम पर जाना चिंता का विषय क्यों बन गया है?कवि के लिए बच्चों का काम पर जाना चिंता का विषय इसलिए बन गया है क्योंकि आज के बच्चे कल का भविष्य हैं। जिस उम्र में बच्चों को खेल-कूदकर बचपन का आनंद लेना चाहिए, स्वस्थ और सबल बनना चाहिए तथा पद-लिखकर योग्य नागरिक बनना चाहिए, उस उम्र में काम करके अपना भविष्य अंधकारमय कर रहे हैं।
बच्चों को काम पर क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए?हमारे विचार से बच्चों को काम पर नहीं भेजना चाहिए क्योंकि उनके छोटे से मस्तिष्क में इस घटना का दुखद प्रभाव पड़ सकता है, जो धीरे-धीरे बढ़कर विद्रोह का रुप धारण कर सकता है। इसी तरह के बच्चे आर्थिक अभाव तथा सामाजिक असमानता के कारण आगे चलकर आतंकवादी, चोरी जैसे गलत कामों को अंजाम दे सकते हैं। इससे समाज की हानि हो सकती है।
बच्चों के काम पर जाने के क्या क्या कारण हो सकते हैं?बच्चों के काम पर जाने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं बच्चों के माता-पिता ना होने के कारण उन्हें मजबूरी में काम पर जाना पड़ता होगा बच्चों के घर में पैसों की तंगी होने के कारण उन्हें काम पर जाना पड़ता होगा
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