Show बच्चा अमूमन गर्भावस्था के 34वे और 36वे सप्ताह में खिसकता है। लेकिन कुछ महिलाओं में ऐसा प्रसव पीड़ा के कुछ क्षण पहले भी हो सकता है। खासकर उन महिलाओं में यह ज्यादा होता है, जो पहली बार गर्भवती हुई हैं। जो महिलाएं एक से ज्यादा बार गर्भवती हो चुकी हैं, उनके गर्भ में बच्चे नीचे की ओर नहीं खिसकते। यदि आपको महसूस हो रहा है कि आपका बच्चा जगह से खिसक गया है, तो एक बार डाॅक्टर से संपर्क कर लें। बच्चे की सही पाॅजिशन के बारे में जान लें ताकि प्रसव के दौरान कोई समस्या न हो। आमतौर पर गर्भ में बच्चे की पोजीशन बदलती रहती है। लेकिन जन्म के कुछ समय पहले बच्चे नीचे की ओर खिसक जाते हैं। यह भी पढ़ें : पेट में हो रहा है दर्द असलियत में लेबर पेन है या फॉल्स अलार्म, यहां जानें दोनों का अंतर गर्भावस्था में बच्चे के खिसकने के संकेतजैसे-जैसे बच्चा नीचे की ओर खिसकता है, आप खुद में निम्न बदलाव महसूस कर सकती हैं-
बच्चा नीचे आने के लक्षण
यह भी पढ़ें : इन फूड्स से प्राकृतिक रूप से शुरू हो जाएगा Labour Pain जब बच्चा प्रसव के समय नीचे की ओर न खिसके तो क्या करेंकई बार डिलीवरी की तारीख आने के बावजूद बच्चा नीचे की ओर नहीं खिसकता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप चिंतित हो जाएं। आप कुछ टिप्स के सहयोग से बच्चे की नीचे की ओर खिसकने में मदद कर सकती हैं।
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by Neha Khandelwal | Medically reviewed by Dr Ashwini Nabar, Gynaecologist and Obstetrician | August 2021 | गर्भस्थ शिशु पूरी गर्भावस्था के दौरान हिलते-डुलते हैं और अपनी अवस्था बदलते रहते हैं। विशेषतौर पर दूसरी तिमाही में वे नितंब नीचे वाली अवस्था से पूरी तरह पलट कर सिर नीचे वाली अवस्था (हेड डाउन) में आ सकते हैं और फिर दोबारा से ये अवस्था बदल सकते हैं। शिशु के हिलने-डुलने, मुड़ने और पैर चलाने की हलचल आप पेट के अलग-अलग हिस्सों में महसूस कर सकती हैं। तीसरी तिमाही में, आमतौर पर 34 से 36 सप्ताह के बीच अधिकांश शिशु अपने आप घूम जाते हैं और जन्म लेने के लिए सिर नीचे वाली अवस्था में आ जाते हैं। हालांकि, कोई भी दो गर्भावस्था एक सी नहीं होती और कुछ शिशु इस अवस्था में दूसरों की तुलना में जल्दी आ जाते हैं, और कुछ इसमें और ज्यादा समय लेते हैं। 36 सप्ताह के प्रसवपूर्व चेकअप के दौरान डॉक्टर शिशु की अवस्था को देखेंगी। अधिकांश शिशु इस समय तक सिर नीचे (सेफेलिक) वाली अवस्था में आ चुके होते हैं। मगर, बहुत सी अन्य संभावित अवस्थाएं भी होती हैं, जैसे कि उल्टी अवस्था यानि पैर या नितंब नीचे की तरफ होना (ब्रीच शिशु), या शिशु आड़ा लेटा होना (ट्रांसवर्स लाइ) या तिरछी अवस्था (ओब्लीक लाइ) में होना। यदि आपका शिशु अभी तक हेड डाउन वाली अवस्था में नहीं आया है, तो अभी भी ऐसा हो सकता है। 37 सप्ताह की गर्भावस्था तक शिशु की अवस्था विशेष महत्व नहीं रखती। मगर, आपकी डॉक्टर शायद आपसे बात करें कि शिशु की अवस्था का आपकी डिलीवरी पर क्या असर पड़ सकता है। सिर नीचे की तरफ और शिशु के सिर का पिछला हिस्सा (गुद्दी) आपके पेट के सामने की तरफ होना, नॉर्मल डिलीवरी के लिए सबसे बेहतरीन अवस्था होती है। कुछ डॉक्टर शिशु को सिर नीचे वाली अवस्था में लाने के प्रयास कर सकते हैं। इसके लिए वे आपके पेट पर हाथ रखकर हल्का दबाव बनाते हैं और शिशु की अवस्था पलटने की कोशिश करते हैं। इस प्रक्रिया को अंग्रेजी में एक्सटर्नल सेफेलिक वर्जन (ईसीवी) कहा जाता है और यह 36 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद किया जाता है। हालांकि, सभी डॉक्टर ईसीवी का प्रयास नहीं करते। जो ऐसा करते हैं वे केवल उन्हीं महिलाओं के साथ करेंगे जिनकी गर्भावस्था में कोई जटिलता न हो और जो पहले भी शिशु को जन्म दे चुकी हों। ऐसा इसलिए क्योंकि ईसीवी उन महिलाओं पर ज्यादा कारगर होती है जो पहले भी शिशु को जन्म दे चुकी हों। यदि 37 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद भी आपका शिशु सिर नीचे वाली अवस्था में नहीं आया है, तो इसके बाद उसकी अवस्था बदलने की संभावना काफी कम होती है। पहली बार माँ बन रही महिलाओं के मामलों में तो यह और भी ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि शिशु के पास हिलने-डुलने की पर्याप्त जगह नहीं होती। आपकी डॉक्टर स्कैन करवाने की सलाह दे सकती है। अल्ट्रासाउंड स्कैन से डॉक्टर को यह स्पष्ट पता चल जाएगा कि शिशु गर्भ में किस तरह लेटा हुआ है और वे निर्णय ले सकती हैं कि किस तरह की डिलीवरी संभव है। अधिकांश ब्रीच शिशुओं का जन्म सिजेरियन ऑपरेशन के जरिये होता है। हालांकि कुछ ब्रीच अवस्थाओं में नॉर्मल डिलीवरी संभव हो सकती है। बहरहाल, यदि आपका शिशु अभी भी आड़ा या तिरछा लेटा हुआ है, तो आपको सी-सेक्शन डिलीवरी ही करवानी होगी। यदि आपका शिशु पहले से ही हेड डाउन अवस्था में आ गया है, तो जन्म लेने के लिए उसका सिर श्रोणि में और नीचे होता जाता है, इसे अंग्रेजी में 'हैड एंगेज' होना कहा जाता है। हालांकि, इसका मतलब है कि शिशु जन्म लेने के लिए तैयार है, मगर जरुरी नहीं है कि यह प्रसव जल्द शुरु होने का संकेत हो। कुछ शिशु प्रसव शुरु होने के बाद भी श्रोणि में नीचे की और नहीं खिसकते, खासतौर पर यदि यह आपकी पहली डिलीवरी है। अंग्रेजी के इस लेख से अनुवादित: When should my baby get into a head-down position? हमारे लेख पढ़ें:
Neha translates BabyCenter India's English content into Hindi to make it available to a wider audience. कौन से week में बच्चा सिर नीचे करता है?बच्चा अमूमन गर्भावस्था के 34वे और 36वे सप्ताह में खिसकता है। लेकिन कुछ महिलाओं में ऐसा प्रसव पीड़ा के कुछ क्षण पहले भी हो सकता है। खासकर उन महिलाओं में यह ज्यादा होता है, जो पहली बार गर्भवती हुई हैं। जो महिलाएं एक से ज्यादा बार गर्भवती हो चुकी हैं, उनके गर्भ में बच्चे नीचे की ओर नहीं खिसकते।
बच्चा का सिर नीचे कब आता है?ऐसा होने की संभावना केवल तभी होती है जब आपके कुछ बच्चे हो चुके हों। जब योनिमुख पर शिशु का सिर पूरी तरह दिखाई पड़ने लगता है, तो इसे 'क्राउनिंग' कहा जाता है। यदि आप चाहें तो आप स्वयं या आपके साथी आपको आइने की मदद से इसे दिखा सकते हैं, इस तरह आप इस क्षण को देख सकती हैं।
बच्चे का सिर नीचे लाने के लिए क्या करें?सिर नीचे की तरफ और शिशु के सिर का पिछला हिस्सा (गुद्दी) आपके पेट के सामने की तरफ होना, नॉर्मल डिलीवरी के लिए सबसे बेहतरीन अवस्था होती है। कुछ डॉक्टर शिशु को सिर नीचे वाली अवस्था में लाने के प्रयास कर सकते हैं। इसके लिए वे आपके पेट पर हाथ रखकर हल्का दबाव बनाते हैं और शिशु की अवस्था पलटने की कोशिश करते हैं।
कैसे पता चलेगा डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन?डिलीवरी से कुछ दिनों या घंटे पहले मिलने वाले संकेत
हर बार पेशाब करते समय म्यूकस प्लग का कुछ हिस्सा निकलना, ये गुलाबी और गाढ़ा हो सकता है। संकुचन बार-बार और तेज होना जो समय के साथ बढ़ जाए। पीठ के निचले हिस्से में ऐंठन और दर्द जो कि पेट और टांगों तक भी पहुंच जाए। एम्नियोटिक फ्लूइड की थैली फटने के कारण पानी छूटना।
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