बचपन में लेखिका को क्या धोना पड़ता था? - bachapan mein lekhika ko kya dhona padata tha?

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Question 1:

उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका में क्या-क्या बदलाव हुए हैं? पाठ से मालूम करके लिखो।

Answer:

उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका स्वयं को उम्रदराज़ मानने लगी हैं। उनके पहनावे में और रंगों की पसंद में भी बदलाव हुए हैं, क्योंकि वो पहले फ्रॉक, निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे आदि पहनती थीं। परन्तु आज वो चूड़ी़दार और घेरदार कुर्ते डालती हैं। उन्हें पहले रंग-बिरगें कपड़े अच्छे लगते थे, परन्तु आज हल्के रंग ही पहनती हैं। अब उम्र बढ़ने के साथ उनके खाने में भी बदलाव हुए हैं।

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Question 2:

लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थीं?

Answer:

लेखिका इतवार की सुबह पहले अपने मोज़ों स्टॉकिंग को धोने और अपने जूतों को पालिश करने का काम करती थीं।

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Question 3:

'तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।' − यह कहकर लेखिका क्या-क्या बताती हैं?

Answer:

लेखिका के अनुसार आज और कल के समय में जो दूरी है वो इस प्रकार है उस समय मनोरंजन का साधन ग्रामोफ़ोन था; परन्तु आज उसका स्थान रेडियो और टेलीविजन ने ले लिया है। पहले बच्चे कुलफ़ी खाना पसन्द किया करते थे; परन्तु आज उसकी जगह आइसक्रीम ने ले ली है। उस समय खाने में केवल कचौड़ी-समोसे होते थे, आज उनकी जगह पैटीज़ ने ले ली है। शहतूत, फ़ालसे और खसखस के शरबत का स्थान आजकल पेप्सी और कोक ने ले लिया है। यही वो दूरी है जो लेखिका ने बताई है।

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Question 4:

पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका के चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्यों छेड़ते थे।

Answer:

लेखिका को चश्मा लगाने की आदत नहीं थी। पहली बार चश्मा पहनने के कारण वो कुछ अजीब सी लग रही थीं। इसलिए चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें छेड़ते थे।

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Question 5:

लेखिका अपने बचपन में कौन-कौन सी चीज़ें मज़ा ले-लेकर खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो।

Answer:

लेखिका बचपन में चाकलेट खाना बहुत पसंद करती थीं। वो हमेशा रात में खाने के बाद अपने बिस्तर में आराम मज़े लेते हुए खाती थीं। इसके अलावा लेखिका को काफ़ल, रसभरी, कसमल और चेस्टनट बहुत पसन्द थे, वे चने भी खाती थीं ।

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Question 1:

क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मारना से मार, काटना से काट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़प आदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कु क्रियाओं को छाँटकर लिखो और उनसे भाववाचक संज्ञा बनाओ।

Answer:

क्रिया  -

भाववाचक संज्ञा

चमकना  -

चमक

भागना  -

भाग

बदलना  -

बदल

खरीदना  -

खरीद

ओढ़ना  -

ओढ़

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Question 1:

लेखिका की तरह तुम्हारी उम्र बढ़ने से तुम्हारे पहनने-ओढ़ने में क्या-क्या बदलाव आए हैं? उन्हें याद कर लिखो।

Answer:

यह प्रश्न आपके अपने अनुभवों पर आधारित है।

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Question 2:

लेखिका के बचपन में ग्रामोफ़ोन, घुड़सवारी, शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल और हवाई जहाज़ की आवाज़ें ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीज़ें थीं। आज क्या-क्या आश्चर्यजनक आधुनिक चीज़ें तुम्हें आकर्षित करती हैं? उनके नाम लिखो।

Answer:

आज के समय की आधुनिक चीज़ें जैसे- मैट्रो ट्रेन, मोबाइल फ़ोन, कम्प्यूटर, एम.पी.3 प्लेयर, कार आदि हमें आकर्षित करती हैं।

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Question 3:

अपने बचपन की किसी मनमोहक घटना को याद करके विस्तार से लिखो।

Answer:

यह प्रश्न आपके अपने अनुभवों पर आधारित है।

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Question 2:

संस्मरण में आए अंग्रेज़ी के शब्दों को छाँटकर लिखो और उनके हिंदी अर्थ जानो।

Answer:

1.

फ्रॉक

-

लड़कियों के पहनने का घेरदार झबला

2.

स्कर्ट

-

लड़कियों के पहनने का घेरदार घाघरा

3.

चॉकलेटी

-

भूरा

4.

लेमन कलर

-

नींबू जैसा रंग

5.

पालिश

-

जूते को चमकानेवाला पदार्थ

6.

आलिव आयल

-

जैतून का तेल

7.

कैस्टर आयल

-

रेड़ का तेल

8.

ग्रामोफ़ोन

-

गाने सुनने का यंत्र

9.

आइसक्रीम

-

कुल्फी जैसी

10.

पेटीज़

-

कचौड़ी जैसी

11.

ब्राउन ब्रेड

-

भूरे रंग का पाव

12.

स्पीड

-

गति

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Question 3:

चार दिन, कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो पता चलेगा कि इसमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं। इसमें भी चार दिन से निश्चित संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं और कुछ व्यक्ति से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार एक लीटर दूध से परिमाण का बोध होता है इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो --

() मुझे दो दर्जन केले चाहिए।

() दो किलो अनाज दे दो।

() कुछ बच्चे रहे हैं।

() तुम्हारा सारा प्रयत्न बेकार रहा।

() सभी लोग हँस रहे थे।

() तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।

Answer:

() मुझे दो दर्जन केले चाहिए: निश्चित संख्यावाचक विशेषण

() दो किलो अनाज दे दो: निश्चित परिमाणवाचक विशेषण

() कुछ बच्चे रहे थे: अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

() तुम्हारा सारा प्रयत्न बेकार रहाः सार्वनामिक विशेषण

() सभी लोग हँस रहे थे: अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

() तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है: गुणवाचक विशेषण

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Question 4:

कपड़ों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थीं। इस वाक्य में रेखांकित शब्द 'दिलचस्पियाँ!' और 'मौसी' संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।

Answer:

(1) मैं तुम्हारी दादी भी हो सकती हूँ, तुम्हारी नानी भी।

(2) बचपन में हमें अपने मोज़े खुद ही धोने पड़ते थे।

(3) हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगाते।

(4) कुछ एकदम लाल, कुछ गुलाबी, रसभरी कसमल।

(5) मैंने अपने छोटे भाई का टोपा उठाकर सिर पर रखा।

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लेखिका को बचपन में खुद क्या धोने पड़ते थे?

उत्तर: लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोजे धोती थी। उसके बाद अपने जूते पॉलिश करके चमकाती थी। इतवार की सुबह इसी काम में लगाती थी।

लेखिका बचपन में क्या क्या पहनती थी?

उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका स्वयं को उम्रदराज़ मानने लगी हैं। उनके पहनावे में और रंगों की पसंद में भी बदलाव हुए हैं, क्योंकि वो पहले फ्रॉक, निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे आदि पहनती थीं।

अपने बचपन में रविवार की सुबह लेखिका क्या क्या काम करती थी?

लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थीं? लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोज़े व स्टॉकिंग को धोने और अपने जूतों को पोलिश करने का काम करती थीं।

लेखिका के बचपन में को पेप्सी की जगह क्या प्रयोग किया जाता था?

कचौड़ी-समोसा पैटीज़ में बदल गया है। फाल्से और खसखस के शरबत का स्थान कोक और पेप्सी जैसे शीतल पेयों ने ले लिया है। लेखिका के बचपन में कोक और पेप्सी के स्थान पर लैम्नेड, विमटो मिलती थी।