बहुलक और माध्य कैसे ज्ञात करते हैं? - bahulak aur maadhy kaise gyaat karate hain?

बहुलक और माध्य कैसे ज्ञात करते हैं? - bahulak aur maadhy kaise gyaat karate hain?

इस लेख में हमारे द्वारा माध्य (Mean) , माध्यक (Median) और बहुलक (Mode) से सम्बंधित परिभाषा , सूत्र और महत्वपूर्ण प्रश्नोतरी दिए गए है जो कक्षा 7 से 10 तथा 11 एवं 12 के लिए अतिमहत्वपूर्ण है | कक्षा 10 NCERT के लिए तो यह लेख बहुत ही फायदेमंद है | आप हमे नीचे comment करके बता सकते है कि आपको यह लेख कैसा लगा |

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केन्द्रीय प्रवृति के माप ( सांख्यिकी ) :-

केन्द्रीय प्रवृति के मापों को सांख्यिकीय औसत के नाम से जाना जाता है | केन्द्रीय प्रवृति के कई माप है जिनमे माध्य , माध्यिका तथा बहुलक सबसे महत्वपूर्ण है |
इस लेख में हम इन्ही माध्य ,माध्यिका तथा बहुलक का विस्तारपूर्वक अध्ययन करेंगे

माध्य क्या है / माध्य कि परिभाषा ( Defination of Mean ) :-

वह मान जो सभी मूल्यों के योग को कुल प्रेक्षणों कि संख्या से विभाजित करने पर प्राप्त होता है , माध्य (Mean) कहलाता है

माध्य के सूत्र ( Mean Formula ) :-

1. माध्य =

आंकड़ो का योग / आंकड़ो की संख्या

2. वर्ग चिन्ह =

उपरि वर्ग सीमा + निचली वर्ग सीमा / 2

वर्गीकृत आंकड़ो का माध्य ज्ञात करना (How to find Mean) :-

वर्गीकृत आंकड़ो का माध्य मुख्यतः तीन विधियों द्वारा ज्ञात किया जा सकता है जिनके नाम एवं सूत्र निम्न प्रकार है -

(a) प्रत्यक्ष विधि से माध्य ज्ञात करना :-

fi = बारम्बारता
xi = प्रेक्षणों कि संख्या ( वर्ग - चिन्ह )


(b) कल्पित माध्य विधि से माध्य ज्ञात करना :-

माध्य (x) = a +

Σ fidi / Σfi

जहाँ a = कल्पित माध्य
fi = बारम्बारता
di = वर्ग चिन्ह - कल्पित माध्य (xi-a)


(c) पग विचलन विधि से माध्य ज्ञात करना :-

माध्य (x) = a + (

Σ fiUi / Σfi

) h

जहाँ a = कल्पित माध्य
fi = बारम्बारता
h = वर्गमाप



Note :-

तीनो विधियों से प्राप्त माध्य एक ही है

माध्यक क्या है / माध्यिका कि परिभाषा ( Defination of Median ) :-

माध्यिका उस कोटि का मान होता है जो व्यवस्थित श्रेणी को दो बराबर संख्याओ में विभाजित करता है | यह मान वास्तविक मूल्यों से स्वतंत्र होता है माध्यक ज्ञात करने के लिए सर्वप्रथम आंकड़ों को आरोही क्रम में सजाते है |

माध्यक के सूत्र ( Median formula ) :-

1. माध्यिका = (

n + 1 / 2

) वां पद
{ जब आंकडे विषम संख्या में हो }

2. माध्यिका = {

( n/2 ) वां पद + ( n/2 + 1 ) वां पद / 2

}
{ जब आंकडे सम संख्या में हो }

वर्गीकृत आंकड़ो का माध्यक ज्ञात करना ( how to find Median ) :-

1. माध्यक (Median) = l + (

n/2 - cf / f

) x h

जहाँ l = माध्यक वर्ग कि निम्न सीमा
n = प्रेक्षणों की संख्या
cf = माध्यक वर्ग से ठीक पहले वाले वर्ग कि संचयी बारम्बारता
f = माध्यक वर्ग कि बारम्बारता
h = वर्ग माप ( यह मानते हुए कि वर्ग माप बराबर है )

बहुलक क्या है / बहुलक की परिभाषा ( Defination of Mode ) :-

किसी बिंदु या मान कि अधिकतम पुनरावृति अथवा आवृति , बहुलक कहलाता है |

बहुलक के सूत्र ( Mode Formula/bahulak ka formula) :-

बहुलक (Mode) :- अधिक बार आए आंकड़ो कि कुल संख्या

वर्गीकृत आंकड़ों का बहुलक ज्ञात करना ( How to find Mode )

1. बहुलक = l + (

f1 - f0 / 2f1 - f0 - f2

) x h

जहाँ l = बहुलक वर्ग कि निम्न सीमा
h = वर्ग अन्तराल कि माप
f1 = बहुलक वर्ग की बारम्बारता
f0 = बहुलक वर्ग से ठीक पहले वर्ग कि बारम्बारता
f2 = बहुलक वर्ग के ठीक बाद में आने वाले वर्ग की बारम्बारता

माध्य , माध्यक तथा बहुलक में सम्बन्ध ( Relation Between Mean , Mode and Median ) :-

3(माध्यक) = बहुलक + 2(माध्य)

माध्य , माध्यक तथा बहुलक के सभी सूत्र ( Mean , Mode and Median all formula ) :-

1. माध्य =

आंकड़ो का योग / आंकड़ो की संख्या


2. वर्ग चिन्ह =

उपरि वर्ग सीमा + निचली वर्ग सीमा / 2


3. प्रत्यक्ष विधि से माध्य (x) =

Σ fixi / Σfi


4. कल्पित माध्य विधि से माध्य (x) = a +

Σ fidi / Σfi

जहाँ a = कल्पित माध्य
fi = बारम्बारता
di = वर्ग चिन्ह - कल्पित माध्य (xi)


5. पग विचलन विधि से माध्य (x) = a + (

Σ fidi / Σfi

) h

जहाँ a = कल्पित माध्य
fi = बारम्बारता
h = वर्गमाप


6. माध्यिका = (

n + 1 / 2

) वां पद
{ जब आंकडे विषम संख्या में हो }


7. माध्यिका = {

( n/2 ) वां पद + ( n/2 + 1 ) वां पद / 2

}
{ जब आंकडे सम संख्या में हो }


8. माध्यक (Median) = l + (

n/2 - cf / f

) x h

जहाँ l = माध्यक वर्ग कि निम्न सीमा
n = प्रेक्षणों की संख्या
cf = माध्यक वर्ग से ठीक पहले वाले वर्ग कि संचयी बारम्बारता
f = माध्यक वर्ग कि बारम्बारता
h = वर्ग माप ( यह मानते हुए कि वर्ग माप बराबर है )


9. बहुलक = l + (

f1 - f0 / 2f1 - f0 - f2

) x h

जहाँ l = बहुलक वर्ग कि निम्न सीमा
h = वर्ग अन्तराल कि माप
f1 = बहुलक वर्ग की बारम्बारता
f0 = बहुलक वर्ग से ठीक पहले वर्ग कि बारम्बारता
f2 = बहुलक वर्ग के ठीक बाद में आने वाले वर्ग की बारम्बारता


10. 3(माध्यक) = बहुलक + 2(माध्य)


11. बहुलक = 3(माध्यक) - 2(माध्य)


12. 2(माध्य) = 3(माध्यक) - बहुलक



माध्य , माध्यक एवं बहुलक पर आधारित प्रश्नोतरी :-

1. दिए गए आंकड़ो का माध्य , माध्यक तथा बहुलक ज्ञात करे |

2,3,8,3,1,1,3

(a) माध्य =

आंकड़ो का योग / आंकड़ो की संख्या

=

2 + 3 + 8 + 3 + 1 + 1 + 3 / 7

(b) माध्यक = माध्यक ज्ञात करने के लिए आंकड़ों के सर्वप्रथम आरोही क्रम में सजाते है -

1,1,2,3,3,3,8
कुल आंकड़ों कि संख्या n = 7 (विषम है)

माध्यिका =

n + 1 / 2

वां पद

माध्यिका =

7 + 1 / 2

= 4 वां पद

(c) बहुलक :- अधिक बार आए आंकड़े की कुल संख्या
यहाँ 3 सर्वाधिक तीन बार आया है इसलिए बहुलक 3 होगा

2. यदि माध्य = 7 और माध्यिका = 9 हो तो बहुलक ज्ञात करे |

बहुलक = 3(माध्यक) - 2(माध्य)
= 3(9) - 2(7) = 27 - 14 = 13

3. निम्न वर्गीकृत आंकड़ो का किसी एक विधि से माध्य ज्ञात करे

वर्ग अन्तराल 10-25 25-40 40-55 55-70 70-85 85-100
विद्यार्थियों की संख्या 2 3 7 6 6 6

उत्तर :- यहाँ हम प्रत्यक्ष विधि से माध्य ज्ञात करेंगे

वर्ग अन्तराल विद्यार्थियों कि संख्या fi वर्ग - चिन्ह xi = ( x1 + x2 / 2 ) fixi
10-25 2 17.5 35.0
25-40 3 32.5 97.5
40-55 7 47.5 332.5
55-70 6 62.5 375.0
70-85 6 77.5 465.0
85-100 6 92.5 555.0
योग Σfi = 30 Σfixi = 1860.0

प्रत्यक्ष विधि से माध्य =

Σfixi / Σfi

4. निम्न आंकड़ों का बहुलक ज्ञात कीजिए

वर्ग अन्तराल 1-3 3-5 5-7 7-9 9-11
बारम्बारता(f) 7 8 2 2 1

अधिकतम वर्ग बारम्बारता = 8

बहुलक वर्ग = 3-5

बहुलक वर्ग कि निम्न सीमा (l) = 3

वर्ग माप (h) = 2

बहुलक वर्ग कि बारम्बारता f1 = 8

बहुलक वर्ग से ठीक पहले वाले वर्ग कि बारम्बारता (f0) = 7

बहुलक वर्ग के ठीक बाद में आने वाले वर्ग की बारम्बारता (f2) = 2

बहुलक = l + (

f1 - f0 / 2f1 - f0 - f2

) x h

= 3 + (

8 - 7 / 2(8) - 7 - 2

) x 2

= 3.286

5. निम्न वर्गीकृत आंकड़ो का माध्यक ज्ञात कीजिए

वर्ग अन्तराल 140 से कम 140-145 145-150 150-155 155-160 160-165
बारम्बारता(f) 4 7 18 11 6 5
वर्ग अन्तराल बारम्बारता(f:) संचयी बारम्बारता (cf)
140 से कम 4 4
140-145 7 4+7 = 11
145-150 18 11+18 = 29
150-155 11 29+11 = 40
155-160 6 40+6 = 46
160-165 5 46+5 = 51

जहाँ माध्यक वर्ग कि निम्न सीमा (l) = 145

प्रेक्षणों कि संख्या (n) = 51

माध्यक वर्ग से ठीक पहले वाले वर्ग कि संचयी बारम्बारता (cf) = 11

माध्यक वर्ग की बारम्बारता (f) = 18

वर्ग माप (h) = 5

माध्यक (Median) = l + (

n/2 - cf / f

) x h

माध्यक (Median) = 145 + (

51/2 - 11 / 18

) x 5

माध्यक (Median) = 145 +

72.5 / 18

माध्यक (Median) = 149.03



माध्य , माध्यक और बहुलक से सम्बंधित परिभाषा , सूत्र तथा प्रश्नोतरी Download PDF



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माध्य माध्यिका और बहुलक कैसे निकालते हैं?

माध्य माध्य वह मान है जो सभी मूल्यों के योग को कुल प्रेक्षणों की संख्या से विभाजित करने पर प्राप्त होता है। 14 भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य, भाग - 2 माध्यिका माध्यिका उस कोटि का मान होता है जो व्यवस्थित श्रेणी को दो बराबर संख्याओं में विभाजित करता है । यह मान वास्तविक मूल्यों से स्वतंत्र होता है।

1 2 3 4 5 का माध्य क्या होगा?

माना दो धनात्मक संख्याओं के हरात्मक माध्य और गुणोत्तर माध्य का अनुपात 4:5 है।

माध्य ज्ञात करने का सूत्र क्या है?

माध्य ज्ञात करने की कल्पित माध्य विधि का सूत्र `a+ (Sigma "fd")/(Sigma f)`है।

बहुलक कैसे ज्ञात करते?

यहां हम देखते है कि 1 की पुनरावृत्ति 2 बार, 2 की पुनरावृत्ति 1 बार, 3 की पुनरावृत्ति 1 बार, 4 की पुनरावृत्ति 3 बार, 6 की पुनरावृत्ति 2 बार, 10 की पुनरावृत्ति 1 बार हो रही है। क्योंकि इस संख्याओंं मे सर्वाधिक पुनरावृत्ति 4 की 3 बार हो रही है। अतः इन संख्याओं का बहुलक 4 है।