प्रश्न; विदेश नीति से आप क्या समझते हैं? भारतीय विदेश नीति के निर्धारक तत्वों का विवेचन कीजिए। Show
अथवा" विदेश का अर्थ स्पष्ट करते हुए, भारतीय विदेश नीति के सिद्धांतों की व्याख्या कीजिए। अथवा" भारतीय विदेश नीति के आर्दश बताइए। उत्तर-- bhartiya videsh niti ke nirdharak tatva siddhant;भू-भाग की दृष्टि से भारत विश्व में सात नम्बर और जनसंख्या की दृष्टि से दूसरे स्थान पर आता हैं। इसलिए भारत की विदेश नीति विश्व की राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ता हैं। स्वतंत्रता से पूर्व भारत की कोई विदेश नीति नही थी, क्योंकि भारत ब्रिटिश सरकार के अधीन था। भारत अब एक स्वतंत्र और प्रजातांत्रिक राष्ट्र हैं। 2 सितम्बर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने भाषण मे भारत की विदेश नीति के लक्ष्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि "हम संसार के अन्य राष्टों से निकट और प्रत्यक्ष संबंध स्थापित करने तथा सहयोग और शांति कायम रखने के लिए बड़े उत्सुक हैं।" आज हम विदेश नीति क्या है, विदेश नीति का अर्थ, भारत की विदेश नीति के निर्धारक तत्व और भारतीय विदेश नीति के सिद्धांत या आर्दश जानेंगे। विदेश नीति का अर्थ (videsh niti kise kahte hai)विदेश नीति वह नीति या दृष्टिकोण है, जिसके द्वारा कोई राष्ट्र विश्व के अन्य राष्टों के साथ व्यवहार करता है जिसमें संबंधों का निर्माण या उनसे दूरी अथवा अनुकूलता या प्रतिकूलता बनायी जाती हैं। यदि देखा जाये तो विदेश नीति वह कला है जो अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का शुद्ध आधार प्रस्तुत करती हैं। एक राष्ट्र के क्या-क्या राष्ट्रीय हित है वह किस प्रकार उन्हें सुरक्षित रखना व विकसित करना चाहता हैं। जाॅर्ज मोडलेस्की के अनुसार, "विदेश नीति एक राज्य की गतिविधियों का सुव्यवस्थित व विकासशील रूप है, जिसके द्वारा एक राज्य अन्य राज्यों के व्यवहार को अपने अनुकूल बनाने अथवा यदि ऐसा न हो पाये तो अन्तर्राष्ट्रीय वातावरण के अनुसार बदलने का प्रयास करता है।" भारत की विदेश नीति के निर्धारक तत्व (bhartiya videsh niti ke nirdharak tatva)भारत की विदेश नीति के निर्धारक तत्व इस प्रकार है-- 1. राष्ट्रीय हित 4. सैनिक तत्व नवोदित भारत सैनिक दृष्टि से निर्बल था अतः विदेशी नीति के निर्धारकों
ने यह उपयुक्त समझा की दोनों गुटो की सहानुभूति अर्जित की जाये। यह तभी संभव था जब गुटनिरपेक्षता और सह अस्तित्व की नीति अपनाई जाती। अपनी रक्षा के लिए अनेक दृष्टियों से वह पूरी तरह विदेशो पर निर्भर था। भारत की दुर्बल सैनिक स्थिति उसे इस बात के लिए बाध्य करती रही थी कि विश्व की सभी महत्वपूर्ण शक्तियों के साथ मैत्री बनाये राखी जाये। प्रारम्भ से ही भारत राष्ट्रमण्डल का सदस्य बना रहा, उसका भी यही राज था कि सैनिक दृष्टि से भारत ब्रिटेन पर ही निर्भर था। 8. तकनीकी विकास स्वतंत्रता के समय भारत एक पिछड़ा हुआ देश होने के साथ अविकसित प्रौद्योगिकी और निम्न स्तर का औद्योगीकरण था, जिसकी वजह से भारत तकनीकी विकास और औद्योगीकरण के लिए विकसित राष्ट्रों के आयात पर निर्भर करता था। परन्तु बाद में भारत ने धीरे धीरे तकनीकी और औद्योगिक विकास किया, भारतीय वैज्ञानिको ने तकनीकी में सफलता प्राप्त कर ली है। आज भारत तीसरी दुनिया के देशो में अपनी नई तकनीक और औद्योगिक मॉल निर्यात कर रहा है। राकेट टेक्नोलॉजी, सैटेलाइट टेक्नोलॉजी एटॉमिक टेक्नोलॉजी और बढ़ता हुआ औधोगिक उत्पादन इन सभी ने भारत की भूमिका को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और ज्यादा बढ़ा दिया है भारत और विकसित राष्ट्रों के बीच आज भी बहुत बढ़ा अंतर है भारत आज भी विकासशील राष्ट्र है जो अपने विकास के लिए विकसित राष्ट्रों पर निर्भर करता है। अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संस्थाओ पर भारत की लगातार बढ़ती निर्भरता उसकी विदेश नीति की सफलता में एक बड़ा खतरा बन सकती है। 9. वैचारिक तत्व भारत की विदेश नीति के निर्धारण में शांति और अहिंसा पर आधारित गाँधीवादी विचारधारा का भी गहरा प्रभाव दिखाई देता है। इस विचारधारा से प्रभावित होकर ही संविधान के अनुच्छेद ५१ में विश्व शांति की चर्चा की गई है भारत के द्वारा हमेशा ही विश्व शांति और शांतिपूर्ण सह जीवन का समर्थन तथा साम्राज्यवाद और प्रजातीय विभेद का घोर विरोध किया गया है। भारत ने लोकतान्त्रिक समाजवाद को अपनी शासन व्यवस्था का आधार बनाया है। भारत की विदेश नीति की नींव डालने वाले पं. जवाहरलाल नेहरू पाश्चात्य लोकतंत्रीय परम्परा से बहुत प्रभावित थे। वे पशिचमी लोकतंत्रवाद और साम्यवाद दोनों की अच्छाइयों को पसंद करते थे। इस प्रकार की समन्वयकारी विचारधारा ने गुट निरपेक्षता की नीति के विकास में योगदान दिया। भारत की विदेश नीति के सिद्धांत अथवा आर्दशभारत की विदेश नीति के सिद्धांत या आर्दश निम्नलिखित है-- 1. तटस्थता अथवा असंलग्नता 8. वैश्विक मुद्दों पर आम सहमति पर जोर यह भी पढ़ें; <a href="https://www.kailasheducation.com/2021/03/videsh-niti-ko-prabhavit-karne-wale-karak.html" target="_blank">विदेश नीति को प्रभावित करने वाले तत्व</a><ins class="adsbygoogle" data-ad-client="ca-pub-4853160624542199" data-ad-format="fluid" data-ad-layout="in-article" data-ad-slot="6046215559" style="display:block;text-align:center"></ins><script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); </div> <p></p> <div style="clear:both"></div> </div> <div class="post-footer"> <div class="post-footer-line post-footer-line-1"> <div align="center"> </div> <span class="post-backlinks post-comment-link"> </span> <span class="post-icons"> </span> </div> <div class="post-footer-line post-footer-line-2"> <span style="font-size:16px;font-weight:600;text-align:left"> Shere this post:</span><br> <a href="https://www.blogger.com/share-post.g?blogID=1753745050809921699&postID=3887501706688933132&target=facebook" onclick="window.open(this.href, "_blank", "height=430,width=640"); return false;" target="_blank" title="Share to Facebook"><button class="buttonfb"><span><i class="fa fa-facebook"></i></span></button></a> <a href="https://www.blogger.com/share-post.g?blogID=1753745050809921699&postID=3887501706688933132&target=twitter" target="_blank" title="Share to Twitter"><button class="buttontw"><span><i class="fa fa-twitter"></i></span></button></a> <a href="https://www.linkedin.com/shareArticle?mini=true&url=https://www.kailasheducation.com/2020/01/bharat-videsh-niti-nirdharak-tatva-siddhant.html&title=%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6%20%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%BF%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%85%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A5,%20%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6%20%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%BF%20%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%95%20%E0%A4%A4%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B5,%20%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A4/%E0%A4%86%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%B6" target="_blank" title="Share on linkedin"><button class="buttongp"><span><i class="fa fa-linkedin"></i></span></button></a> <a href="https://www.blogger.com/share-post.g?blogID=1753745050809921699&postID=3887501706688933132&target=pinterest" onclick="window.open(this.href,'', 'left=10,top=10,width=550,height=520');return false;" target="_blank"><button class="buttonpt"><span><i class="fa fa-pinterest"></i></span></button></a> <a target="_blank" href="https://api.whatsapp.com/send?text=%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6%20%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%BF%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%85%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A5,%20%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6%20%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%BF%20%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%95%20%E0%A4%A4%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B5,%20%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A4/%E0%A4%86%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%B6%20%20|%20https://www.kailasheducation.com/2020/01/bharat-videsh-niti-nirdharak-tatva-siddhant.html" title="Share on whatsapp"><button class="bitz"><span><i class="fa fa-whatsapp"></i></span></button></a> <div class="footertags"> <span class="tags"> <span>Tags:</span> <a target="_blank" href="https://www.kailasheducation.com/search/label/Education%20of%20political%20science" rel="category tag">Education of political science</a> </span> </div> </div> <div class="related-posts"> <div class="heading"> <span class="post-footer-icon"> <i aria-hidden="true" class="fa fa-map-signs"></i> </span> <span class="post-footer-title"> आपको यह भी पढ़ना चाहिए </span> <div class="pikislider-pagination"> <div class="piki-button-prev-3"> <i class="fa fa-angle-left"></i> </div> <div class="piki-button-next-3"> <i class="fa fa-angle-right"></i> </div> </div> </div> <div class="related"> <div class="piki-container-3"> <script>document.write('<script src="/feeds/posts/summary/-/Education of political science?max-results=0&orderby=published&alt=json-in-script&callback=relatedPosts"><\/script>'); भारत की विदेश नीति के निर्धारक तत्व क्या है?किसी भी देश की विदेश नीति के निर्धारक तत्त्वों में देश की भौगोलिक स्थिति , इतिहास , परम्पराएँ , संस्कृति , आर्थिक विकास का स्तर , सैनिक बल तथा अन्तर्राष्ट्रीय परिस्थितियाँ आदि तत्त्व गिने जाते है।
भारत की विदेश नीति को निर्धारित करने वाले मुख्य संस्था कौन सी है?राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) : यह भारत सरकार का शीर्षस्थ निकाय है जो सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और रक्षा संबंधी मामलों में परामर्श देता है।
भारत की विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?1) अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए प्रत्येक संभव प्रयत्न करना। 2) अंतर्राष्ट्रीय विवादों को मध्यस्थता द्वारा निपटाए जाने की नीति को प्रोत्साहन देना। 3) सभी राज्य और राष्ट्रों के बीच परस्पर सम्मानपूर्ण संबंध बनाए रखना।
भारत की विदेश नीति के मूल निर्धारक क्या हैं प्रासंगिक उदाहरणों की सहायता से विवेचना कीजिए?भारत विश्व व्यापार व्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, बौद्धिक संपदा अधिकार, वैश्विक शासन जैसे वैश्विक आयामों के मुद्दों पर वैश्विक बहस और वैश्विक सहमति की हिमाकत करता है। आजादी के बाद कई वर्षों तक भारत ने गुटनिरपेक्षता की नीति का पालन किया था और गुटनिरपेक्ष आंदोलन (गुटनिरपेक्ष आंदोलन) का नेतृत्व किया था।
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