Show Solution : भारत में भू उपयोग का प्रारूप: स्थाई चारागाहों के अंतर्गत भूमि कम हो रही है, जिससे पशुओं के चरने में समस्या उत्पन्न होगी। शुद्ध बोये गये क्षेत्र का हिस्सा 54% से अधिक नहीं, यदि हम परती भूमि के अलावे भी अन्य भूमि शामिल कर लें। शुद्ध बोये जाने वाले क्षेत्र का प्रारूप एक राज्य से दूसरे राज्य में बदल जाता है। पंजाब में 80% क्षेत्र शुद्ध बोये जाने वाले क्षेत्र के अंतर्गत आता है, वहीं अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर और अंदमान निकोबार द्वीप समूह में यह घटकर 10% रह जाता है। गैरकानूनी ढ़ंग से जंगल की कटाई और अन्य गतिविधियों (सड़क और भवन निर्माण), आदि के कारण वन क्षेत्र बढ़ने की बजाय कम हो रहा है। दूसरी ओर जंगल के आस पास एक बड़ी आबादी रहती है जो वन संपदा पर निर्भर रहती है। इन सब कारणों से वनों में ह्रास हो रहा है। भारत का भूमि उपयोग पैटर्न क्या है?भारत में भूमि उपयोग नीति के मुख्य लक्ष्य थे: भूमि उपयोग का विस्तृत और वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराना, वन नीति के अनुरूप 33.3% भूमि पर वनावरण स्थापित करना, गैर-कृषि योग्य भूमि के क्षेत्र में बढ़ोत्तरी को रोकना, बंजर भूमि का विकास कर इसे कृषि लायक बनाना, स्थायी चारागाहों का विकास करना और शस्य गहनता में वृद्धि करना।
भारत में भूमि उपयोग पैटर्न की व्याख्या करें और 1960 61 के बाद से वन के तहत भूमि में वृद्धि क्यों नहीं हुई है?बढ़ती हुई जनसंख्या, औद्योगिकरण, पर्यावरण प्रदूषण, भूमि निम्नीकरण तथा कृषि के विस्तार के कारण वन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। इसके अलावा गैर- कृषि उद्देश्यों में भूमि उपयोग बढ़ा है। कुल मिलाकर इन सब कारणों से वन क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई है।
भूमि उपयोग क्या है भूमि उपयोग के विभिन्न वर्गों का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए?Answer. Answer: भूमि उपयोग पृथ्वी के किसी क्षेत्र का मनुष्य द्वारा उपयोग को सूचित करता है। सामान्यतः जमीन के हिस्से पर होने वाले आर्थिक क्रिया-कलाप को सूचित करते हुए उसे वन भूमि, कृषि भूमि, परती, चरागाह इत्यादि वर्गों में बाँटा जाता है।
2 भूमि उपयोग प्रतिरूप क्या है भारत में भूमि उपयोग प्रतिरूप की व्याख्या कीजिए?भूमि उपयोग का प्रारूप एवं श्रेणियाँ :- भूमि उपयोग का तात्पर्य मानव द्वारा धरातल के विविध रूपों (पर्वत, पहाड़ मरू भूमि दलदल, खदान, यातायात, आवास, कृषि, पशुपालन तथा खनिज) में प्रयोग किये जाने वाले कार्यों से है। भूमि का प्रमुख उपयोग फसलों के उत्पादन के लिये किया जाता है।
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