भारत में नदियों को आपस में जोड़ने के सामाजिक और आर्थिक लाभ क्या है? - bhaarat mein nadiyon ko aapas mein jodane ke saamaajik aur aarthik laabh kya hai?

भारत में नदियों को आपस में जोड़ने के सामाजिक-आर्थिक लाभ क्या हैं?

भारत की नदियाँ दो प्रकार की हैं। एक प्रकार की नदी जिसमें सालों भर पानी रहता है और दूसरे प्रकार की नदी जिसमें सालों भर पानी नहीं रहता है। भारत की नदियाँ प्रतिवर्ष जल की विशाल मात्रा वहन करती हैं लेकिन समय व स्थान की दृष्टि से इसका वितरण समान नहीं है। वर्षा ऋतु में अधिकांश जल बाढ़ में व्यर्थ हो जाता है और समुद्र में बह जाता है। इसी प्रकार जब देश के एक भाग में बाढ़ होती है तो दूसरा भाग सूखाग्रस्त होता है। यदि हम नदियों को आपस में जोड़ दें तो बाढ़ और सूखे की समस्या भी हल हो जाएगी। पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध होने के कारण पीने के पानी की समस्या भी हल हो जाएगी हजारों, करोड़ों रुपयों की बचत होगी और पैदावार में बढ़ोत्तरी होगी तथा किसानों की आर्थिक हालत सुधरेगी।

I भारत में नदियों को आपस में जोड़ने के सामाजिक आर्थिक लाभ क्या हैं ?`?

एक अपवाह द्रोणी को दूसरे से अलग करने वाली सीमा को 'जल विभाजक' या 'जल-संभर' (Watershed) कहते हैं। बड़ी नदियों के जलग्रहण क्षेत्र को नदी द्रोणी जबकि छोटी नदियों व नालों द्वारा अपवाहित क्षेत्र को 'जल-संभर' ही कहा जाता है।

नदियों से हमें क्या लाभ होता है?

नदियाँ हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।.
नदियाँ कृषि में सिंचाई कार्यों के लिए अत्यंत उपयोगी होती हैं।.
नदियाँ अनेक जल जीवों को आश्रय देती है।.
नदियाँ अपने अंदर रह रहे जीवो को भोजन प्रदान करती है।.
नदियाँ यातायात के लिए एक अच्छा साधन है।.

कौन सी नदियों को पंचनंद में शामिल नहीं किया गया है?

सही उत्तर सिंधु है।

नदी के तीन कार्य कौन कौन से हैं?

इसी तरह नदी के तीन प्रमुख कार्य होते हैं - अपरदन, परिवहन और निक्षेपण। जब नदी अपने उद्गम से निकलती है तो तेज़ डाल के कारण पानी का बहाव अधिक होता है जिससे नदी अपने किनारे तथा तली को काटती हैं। यही 'अपरदन' होता है।