भारत में सबसे ज्यादा कौन सा खेल खेला जाता है? - bhaarat mein sabase jyaada kaun sa khel khela jaata hai?

कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) के लॉन बॉल्स (Lawn Bowls) में भारतीय महिला टीम ने इतिहास रच दिया. न्यूजीलैंड को 16-13 से मात देकर भारत ने इस टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार अपना पदक पक्का किया है. भारत का अगला मुकाबला साउथ अफ्रीका से होगा. लेकिन इस जीत के साथ टीम का सिल्वर मेडल तो पक्का हो ही चुका है. आज टीम उसी बुलंद हौसले के साथ गोल्ड के लिए दावेदारी पेश करेगी. टीम का मुकाबला पॉवर हाउस मानी जाने वाली टीम साउथ अफ्रीका से होगा.

भारतीय महिला टीम में लवली चैबे (लीड), पिंकी (सेकेंड), नयनमोनी सेकिया (थर्ड) और रूपा रानी टिर्की (स्किप) की टीम हैं. इस खेल के बारे में अपने देश में ज्यादा लोगों को पता नहीं है. लॉन बॉल्स का गेम जिस मैदान में खेला जाता है उसे बोलिंग ग्रीन कहा जाता है. इसमें कई रिंक बने होते हैं और इनमें ही खेल होता है. लॉन बोल का खेल सिंगल्स, पेयर्स, ट्रिपल और फोर्स में खेला जाता है. खेल में एक टार्गेट होता है जो गेंद की तरह होता है जिसे जैक कहते हैं. (नीचे तस्वीर में दिख रही पीली गेंद जैक कहलाती है) 

भारत में सबसे ज्यादा कौन सा खेल खेला जाता है? - bhaarat mein sabase jyaada kaun sa khel khela jaata hai?

कैसे खेला जाता है गेम?
दो टीमों के बीच टॉस होता है और टॉस जीतने वाली टीम का खिलाड़ी जैक को रोल कर इसे दूसरे छोर के पास रोल करता है. यही जैक का टार्गेट प्वाइंट हो जाता है. इसके अलावा अलग-अलग कलर की गेंदें होती हैं जो खिलाड़ी रोल करते हुए फेंकते हैं ताकि वो जैक के ज्यादा से ज्यादा करीब पहुंच सकें. मुकाबला जीतने के लिए खिलाड़ी या टीम की कोशिश होती है कि उनकी एक या उससे अधिक गेंदें दूसरी टीम की गेंदों के मुकाबले जैक के पास जाएं.

खेल में जिस टीम की जितनी गेंद दूसरी टीम की सबसे नजदीक गेंद के मुकाबले जैक के ज्यादा पास होती है उसे राउंड में उतने अंक मिलते हैं. मान लीजिए टीम ए की एक गेंद जैक से 100 सेंटीमीटर दूर है और ये 6 प्रयासों में टीम की जैक के पास सबसे नजदीक गेंद है. अब अगर टीम बी की 2 गेदें जैक से सिर्फ 90 सेंटीमीटर दूर रोल होकर गई हैं, तो टीम बी को राउंड के अंत में 2 प्वाइंट मिलेंगे. हर राउंड में हर टीम के पास 6 प्रयास होते हैं. खिलाड़ी चाहें तो अपनी गेंद से दूसरे टीम की गेंद को मारकर उसे जैक से दूर भी ले जा सकती है. जैक से हर गेंद की दूरी राउंड के आखिर में नापी जाती है. सिंगल्स में 21 प्वाइंट तक जो पहले पहुंचता है वो जीतता है जबकि बाकि फॉर्मेट में 18 एंड ऑफ थ्रो में जिसके ज्यादा प्वाइंट हुए वह टीम विजयी होती है.

ये गेंदे गोलाकार गेंद जैसी चीज होती हैं जो साइड से चपटी होती है और इसमें भार होता है. आमतौर पर इसका वजन 1.5kgs होता है. जैक और शुरुआती बिंदु के बीच की दूरी मैच की शुरुआत में निर्धारित की जाती है जब एक टीम इसे विपरीत छोर की ओर घुमाती है. शुरुआत में टॉस के बाद ये तय होता है कि कौन सी टीम पहले गेंदबाजी करेगी और दूसरी टीम जैक को रोल करेगी. प्रत्येक प्रतियोगी को दी गई बॉल्स की संख्या टीम की इवेंट्स और व्यक्तिगत इवेंट्स के लिए अलग है. सिंगल कॉम्पटीटर को प्रति छोर चार बाउल मिलते हैं और टीम के प्रत्येक सदस्य को प्रति छोर दो थ्रो मिलते हैं.

क्या है इतिहास?

साल 1930 यानी कॉमनवेल्थ खेलों की शुरुआत से ही लॉन बॉल कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा रहा है. इंग्लैंड इस गेम का चैंपियन रहा है. इंग्लैंड ने लॉन बॉल में अब तक कुल 51 मेडल जीते हैं. जिसमें 20 गोल्ड, 9 सिल्वर और 22 ब्रॉन्ज़ मेडल शामिल हैं. वहीं भारत को पहली बार ये ऐतिहासिक कामयाबी हाथ लगी है. लवली चौबे, पिंकी, नयनमोनी सेकिया और रूपा रानी टिर्की ने लॉन बॉल के मैदान पर भी तिरंगा लहरा दिया है.

गौरतलब है कि क्षत्रियों को शारीरिक विकास के लिए रथ दौड़, धनुर्विद्या, तलवारबाजी, घुड़सवारी, मल्ल-युद्ध, कुश्ती, तैराकी, भाला फेंक, आखेट आदि का प्रशिक्षण दिया जाता था। इसके अलावा अन्य वर्ग भी बैलगाड़ियों और दक्षिण में नौका की दौड़ में भाग लेते थे। हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो के अवशेषों से ज्ञात होता है कि ईसा से 2500-1550 वर्ष पूर्व सिन्धु घाटी सभ्यता में कई प्रकार के अस्त्र-शस्त्र और खेल के उपकरण प्रयोग किए जाते थे।

यह सभी जानते हैं कि बलराम, भीम, हनुमान, जामवंत और जरासंध आदि के नाम मल्ल-युद्ध में प्रख्यात हैं। विवाह के क्षेत्र में भी शारीरिक बल के प्रमाणस्वरूप स्वयंवर में भी शारीरिक शक्ति और दक्षता का प्रदर्शन किसी न किसी रूप में शामिल किया जाता था। राम ने शिव-धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाकर और अर्जुन ने मछली की आंख का प्रतिबिम्ब देखकर प्रतियोगिता में खुद की क्षमता का प्रदर्शन किया था। गौतम बुद्ध स्वयं सक्षम धनुर्धर थे और रथ दौड़, तैराकी तथा गोला फेंकने आदि की स्पर्द्धाओं में भाग ले चुके थे। ‘विलास-मणि-मंजरी’ ग्रंथ में त्र्युवेदाचार्य ने इस प्रकार की घटनाओं का उल्लेख किया है।

युद्ध कलाओं का विकास सबसे पहले भारत में किया गया और ये बौद्ध धर्म प्रचारकों द्वारा पूरे एशिया में फैलाई गई। योग कला का उद्भव भारत में हुआ है और यह 5,000 वर्ष से अधिक समय से मौजूद है।

इसके अतिरिक्त जनजातियां भी जिम्नास्टिक की तरह के प्रदर्शनकारी खेलों में पारंगत थीं। बाजीगर चलते-फिरते सरकस करते थे। उनके लिए बांस की सहायता से अपना शारीरिक संतुलन नियंत्रित करके रस्सों के ऊपर चलना साधारण-सी बात है और वे आजकल भी ऐसा ही करते हैं। केवल हाथों के बल पर चलना-फिरना, बांस की सहायता से ऊंची छलांग (हाई जंप) भरना आदि के आधुनिक खेल वे बिना किसी सुरक्षा आडंबरों के दिखा सकते हैं।

निम्न खेलों के अलावा छिपाछई, पिद्दू, चर-भर, शेर-बकरी, अस्टा-चंगा, चक-चक चालनी, समुद्र पहाड़, दड़ी दोटा, गो, किकली (रस्सीकूद), मुर्ग युद्ध, बटेर युद्ध, अंग-भंग-चौक-चंग, गोल-गोलधानी, सितौलिया, अंटी-कंचे, पकड़मपाटी आदि सैकड़ों खेल हैं जिनमें से कुछ का अब अंग्रेजीकरण कर दिया गया है। आओ जानते हैं कि ऐसे कौन से टॉप 12 खेल हैं जिनका जन्म भारत में हुआ...

भारत में सबसे ज्यादा खेला जाने वाला खेल कौन सा है?

भारत में सबसे ज्यादा पॉपुलर गेम है \'पबजी\', 24.3% लोग हफ्ते में 8 घंटे से ज्यादा इसे खेलते हैं गैजेट डेस्क. प्लेयर अननोन बैटलग्राउंड (पबजी) गेम भारत का सबसे पॉपुलर गेम बन गया है। इस बात का दावा क्वार्ट्ज ने अपनी रिपोर्ट में किया है।

सबसे लोकप्रिय खेल कौन सा है?

दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है फुटबॉल। इसका अंदाजा फीफा के 208 सदस्य देशों की संख्या को देखकर ही लगाया जा सकता है और भारत के तथाकथित लोकप्रिय राष्ट्रीय खेल क्रिकेट से अगर इसकी तुलना की जाए तो यह खेल सॉकर से काफी पीछे है क्योंकि आईसीसी में पूर्ण सदस्य देश गिनती केवल 10 ही है।

भारत में कौन सा खेल खेला जाता है?

भारत में खेल प्राचीन काल से आधुनिक काल तक परिवर्तन की विभिन्न अवस्थाओं से गुजरे हैं। कबड्डी, शतरंज, खो-खो, कुश्ती, गिल्ली-डंडा, तीरंदाजी, गदा आदि परंपरागत खेलों के अलावा विभिन्न देशों के संपर्क में आने से भारत में क्रिकेट, जूडो, टेनिस, बैडमिंटन आदि खेलों का भी खूब प्रचलन हुआ है।

भारत में आज कौन सा खेल अधिक लोकप्रिय है और क्यों?

भारत में सबसे अधिक लोकप्रिय खेल वर्तमान समय में क्रिकेट है।