रायसेन जिले में सबसे बड़ी तहसील कौन सी है? Disclaimer: रायसेन जिले में तहसील कितनी है? इसे सुनेंरोकेंउनमें रायसेन जिले की सभी 9 तहसील रायसेन, गैरतगंज, बेगमगंज, सिलवानी, गौहरगंज, बरेली, बाड़ी, उदयपुरा तथा सुल्तानपुर को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। इसे सुनेंरोकेंपत्नी रत्नावली का स्वयं सिर काट दिया था -जब शेरशाह ने इस किले को घेरा तब 1543 ईसवी में यहां राजा पूरनमल का शासन था। रायसेन का पुराना नाम क्या है? इसे
सुनेंरोकेंइतिहास : मुगल काल के दौरान खामखेड़ा क्षेत्र मुख्यालय गैरतगंज तहसील में पड़ता था। शाहपुर, परगना का मुख्यालय था, बाद में उसे सगोनि पर स्थानांनतरित कर दिया गया जो की बेगमगंज तहसील में आता है । भोपाल के भारत के संघ के ‘सी’ राज्य बनने के बाद रायसेन जिला मुख्यालय के साथ, 5 मई 1950 को अस्तित्व में आया । भारत में सबसे बड़ी तहसील कौन सी है? इसे सुनेंरोकेंभारत की सबसे बड़ी तहसील “मऊरानीपुर” है जो उत्तर प्रदेश के झाँसी जिले में स्थित है, यह तहसील क्षेत्र के आधार पर भारत की सबसे बड़ी तहसील है। क्षेत्रफल में सबसे बड़ी तहसील कौन सी है?इसे सुनेंरोकेंइसलिए इस article में हम भारत की सबसे बड़ी तहसील कौन सी है इसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। भारत की अगर हम सबसे बड़ी तहसील की बात करें तो यहां की सबसे बड़ी तहसील “मऊरानीपुर” है जो कि उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित है। हमारी तहसील का नाम क्या है? तहसील
रायसेन जिले में कितने ब्लॉक हैं? इसे सुनेंरोकेंरायसेन जिले में कुल 7 ब्लॉक हैं। पूरनपुर से छिना सबसे बड़ी तहसील का दर्जापीलीभीत : पूरनपुर में कलीनगर में नई तहसील बनने के साथ ही पूरनपुर का सबसे बड़ी तहसील का दर्जा समाप्त ह पीलीभीत : पूरनपुर में कलीनगर में नई तहसील बनने के साथ ही पूरनपुर का सबसे बड़ी तहसील का दर्जा समाप्त हो गया। अधिसूचना जारी होने के साथ ही नई तहसील में उपजिलाधिकारी व तहसीलदार ने पदभार ग्रहण कर लिया है। नई तहसील के अस्तित्व में आने से क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है। जनपद की सबसे बड़ी तहसील के विभाजन की मांग कई वर्षों से की जा रही थी। जनप्रतिनिधि के आश्वासन सुन-सुन लोग निराश हो चुके थे, लेकिन सपा विधायक पीतमराम के प्रयास पर इसका प्रस्ताव राजस्व परिषद और कैबिनेट की बैठक में स्वीकृत होने के बाद कलीनगर तहसील की अधिसूचना जिला मुख्यालय आते ही क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई तथा कलीनगर में जमकर कर जश्न मनाया गया। जनपद की सबसे बड़ी पूरनपुर तहसील में शामिल 495 राजस्व गांव में से 170 गांव नई तहसील कलीनगर में शामिल किए गए हैं। पूरनपुर तहसील में अब 325 गांव रह जाने से बड़ी तहसील का दर्जा भी समाप्त हो गया है। नई तहसील में तराई क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों बंदरभोज, नौजल्हा, नकटहा, गभिया सहराई, महाराजपुर, नगरिया खुर्द कलां, मटैयालालपुर, पुरैना तालुका महाराजपुर, सेल्हा, धुरियापलिया, मझारा, पचपेड़ा तालुका महाराजपुर, राजपुर सिमरा तथा न्याय पंचायत माधोटांडा, जमुनिया, चांदूपुर, शाहगढ़, शिवनगर, भगवंतापुर आदि के गांव शामिल हैं। उधर नई तहसील बनने के बाद नए उपजिलाधिकारी जेबी ¨सह, तहसीलदार शेरबहादुर ¨सह की नियुक्ति जिलाधिकारी की ओर से कर दी गई है। कलीनगर में तहसील भवन के लिए आरक्षित भूमि पर कार्यालय बनाए गए हैं। कलीनगर: तहसील बनने पर नगर में व्यापारियों की ओर से मिष्ठान बांटकर खुशी मनाई गई। व्यापारियों ने तहसील के लिए कस्बा में संघर्ष करने वाले बलराम कृष्ण मिश्र को फूल मालाएं पहनाकर आभार जताया। इस मौके पर सुनील कटियार, रामप्रकाश सक्सेना, जावेद, अजय गुप्ता, अशोक देवल, मुनीश देवल, देवेन्द्र शर्मा, दीपक देवल, विजय मिश्र, सर्वेश शर्मा, नाजिम समेत कई लोग मौजूद थे।
मऊरानीपुर (Mauranipur) ((प्रस्तावित जिला)) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के झाँसी ज़िले का एक छोटा सा कस्बा है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है। यह वस्त्र उत्पादन का एक केंद्र है, जिसे प्राचीन समय में मधुपुरी के नाम से जाना जाता था। मऊरानीपुर उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी तहसील है।[1][2] इतिहास[संपादित करें]यह भी कहा जाता है कि हजारों साल पहले मऊरानीपुर में राजा भोज का राज्य था। 12वीं शताब्दी के दौरान मऊरानीपुर चंदेला शासक मदनवर्मन (1129-1163) के अधीन था।[3] मऊरानीपुर के विकास का श्रेय बुंदेला राजाओं को जाता है।[4] रानी लक्ष्मी बाई के शासन में शामिल परगना में मऊरानीपुर एक था। 10 अगस्त 1857 को टिहरी की रानी ने मऊरानीपुर पर कब्जा कर लिया। शुरुआत में लक्ष्मी बाई को उलटफेर का सामना करना पड़ा, लेकिन 23 अक्टूबर को हुए युद्ध में टिहरी की सेना के साथ वह विजयी हुईं।[5] 1857 में रानी लक्ष्मी बाई ने ब्रिटिश के खिलाफ विद्रोह के दौरान मऊरानीपुर में अंग्रेजों को पराजित किया था और 1857 के विद्रोह के सबसे शक्तिशाली विद्रोही नेता बन गई। बुंदेलखंड में बानपुर और शाहगढ़ के शासक उसके सहयोगी बन जाने पर उनकी सेना को और मजबूती मिली। सर ह्यू रोज के न्रेतत्व में ब्रिटिश सेना द्वारा किए गए हमलों के खिलाफ बहादुरी से लड़ी।[6] गोविंद बल्लभ पंत ने 30 दिसंबर 1951 को मऊरानीपुर में ज़मींदारी उन्मूलन अधिनियम और कृषि के लिए पंचवर्षीय योजना की स्थापना के बारे में भाषण दिया।[7] मऊरानीपुर शहर लंबे समय से खुरूद नामक एक लाल कपड़े के निर्माण के लिए जाना जाता है, जिसे इसी नाम के पेड़ की जड़ से रंगा जाता है। एक बार फिटकरी द्वारा शोधन करने पर यह रंग स्थायी हो जाता है। भूगोल[संपादित करें]मऊरानीपुर {25°14′23″N 79°11′47″E} पर स्थित है। इसकी समुद्र तल से औसत ऊंचाई 192 मीटर (630 फीट) है। सुखनई, धसान नदी की एक सहायक नदी, जो स्वयं वेत्रवती की एक सहायक नदी है, शहर के चारों ओर पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है।[8] मऊरानीपुर झाँसी शहर से 60.43 किमी दूर है। यह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 252 किमी दूर है। भूमि क्षेत्र के हिसाब से यह भारत की सबसे बड़ी तहसील है। जनसांख्यिकी[संपादित करें]2011 की भारत की जनगणना के अनुसार, मऊरानीपुर की जनसंख्या 61,449 थी। पुरुषों की आबादी 53 प्रतिशत और महिलाओं की 47 प्रतिशत है। मऊरानीपुर की औसत साक्षरता दर 76% है, जो राष्ट्रीय औसत 75% से अधिक है: पुरुष साक्षरता 79 प्रतिशत है, और महिला साक्षरता 59 प्रतिशत है। मौरानीपुर में, 25 प्रतिशत आबादी 6 वर्ष से कम आयु की है। मौरिपुर में 147 बसे हुए गाँव हैं, जिनमें से 108 गाँव की आबादी 1,000 और 10,000 के बीच है और 39 गाँव में 1,000 से कम निवासी हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, मऊरानीपुर की ग्रामीण आबादी लगभग 301,100 (158,300 पुरुष और 142,800 महिलाएं) हैं।[9] बहुमत आबादी हिंदूओं की है इसके अलावा; लगभग 18,000 मुस्लिम, 1,400 जैन, 300 ईसाई, 70 बौद्ध और 50 सिख भी हैं।[10] परिवहन[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
भारत की सबसे बड़ी तहसील कौन सी है?मऊरानीपुर झाँसी शहर से 60.43 किमी दूर है। यह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 252 किमी दूर है। भूमि क्षेत्र के हिसाब से यह भारत की सबसे बड़ी तहसील है।
भारत की सबसे छोटी तहसील कौन सी है?भारत की सबसे छोटी तहसील "अजयगढ़' है जो कि भारत के मध्य प्रदेश राज्य के पन्ना जिले में स्थित है यह जिला 7,135 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी तहसील कौन सी है?भारत की सबसे बड़ी तहसील “मऊरानीपुर” है जो उत्तर प्रदेश के झाँसी जिले में स्थित है, यह तहसील क्षेत्र के आधार पर भारत की सबसे बड़ी तहसील है।
पूरे भारत में कुल कितनी तहसील है?सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि भारत में वर्तमान समय में 5,410 तहसीलें हैं। और अगर हम बात करें कि सबसे ज्यादा तहसील भारत के किस राज्य में है तो सबसे ज्यादा तहसील “आंध्र प्रदेश” राज्य में है जिसमें तहसीलों की कुल संख्या 661 है।
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