भारतीय संविधान सभा का गठन कैसे हुआ और संविधान निर्माण की प्रक्रिया को समझाइए? - bhaarateey sanvidhaan sabha ka gathan kaise hua aur sanvidhaan nirmaan kee prakriya ko samajhaie?

भारतीय संविधान सभा
भारतीय संविधान सभा का गठन कैसे हुआ और संविधान निर्माण की प्रक्रिया को समझाइए? - bhaarateey sanvidhaan sabha ka gathan kaise hua aur sanvidhaan nirmaan kee prakriya ko samajhaie?

संविधान सभा की मुहर
प्रकार
प्रकार

एकसदनीय

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इतिहास
स्थापना 6 दिसम्बर 1946
भंग 24 जनवरी 1950
पूर्व वर्ती इम्पीरियल लेजिसलेटिव काउंसिल
उत्तर वर्ती भारतीय संसद
नेतृत्व

अस्थायी अध्यक्ष

सच्चिदानन्द सिन्हा, कांग्रेस

अध्यक्ष

डॉ राजेन्द्र प्रसाद, कांग्रेस

प्रारूप समिति के अध्यक्ष

भीमराव आम्बेडकर, एससीएफ़

संवैधानिक सलाहकार

बी एन राव

उपाध्यक्ष

हरेन्द्र कुमार मुखर्जी
वी टी कृष्णमचारी

संरचना
सीटें 389 (दिसम्बर 1946 -जून 1947)
299 (जून 1947 - जनवरी 1950)
भारतीय संविधान सभा का गठन कैसे हुआ और संविधान निर्माण की प्रक्रिया को समझाइए? - bhaarateey sanvidhaan sabha ka gathan kaise hua aur sanvidhaan nirmaan kee prakriya ko samajhaie?

राजनैतिक गुट

██ कांग्रेस: 208 seats ██ AIML: 73 seats ██ अन्य : 15 सीटें ██ रियासतें: 93 सीटें
चुनाव
सरल बहुमत प्रणाली
बैठक स्थान
हाउस ऑफ पार्लियामेण्ट, नई दिल्ली

भारत की संविधान सभा का चुनाव भारतीय संविधान की रचना के लिए किया गया था। ब्रिटेन से स्वतन्त्र होने के बाद संविधान सभा के सदस्य ही प्रथम संसद के सदस्य बने।

पहली बार संविधान सभा की माँग सन-1895 में बाल गंगाधरतिलक ने उठाई थी। अन्तिम बार (पाँचवी बार) 1938 में नेहरू जी ने संविधान सभा बनाने का निर्णय लिया।

संविधान सभा के सदस्य वयस्क मताधिकार के आधार पर अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित हुए थे। जिनका चुनाव जुलाई 1946 में सम्पन्न हुआ था।

बँटवारे के बाद कुल सदस्यों (389) में से भारत में 299 ही रह गए। जिनमे 296 चुने हुए थे। वहीं 70 मनोनीत थे। जिनमें कुल महिला सदस्यों की संख्या 15 , अनुसूचित जाति के 26, अनुसूचित जनजाति के 33 सदस्य थे।

परिचय[संपादित करें]

द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद जुलाई 1945 में ब्रिटेन में एक सरकार बनी। इस नयी सरकार ने भारत सम्बन्धी अपनी नई नीति की घोषणा की तथा एक संविधान निर्माण करने वाली समिति बनाने का निर्णय लिया। भारत की स्वतंत्रता/स्वतन्त्रता के प्रश्न का हल निकालने के लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली ने कैबिनेट के तीन मंत्री लॉरेन्स, क्रिप्स, अलेक्जेंडर को भारत भेजा। मंत्रियों के इस दल को कैबिनेट मिशन के नाम से जाना जाता है। 15 अगस्त 1947 को भारत के आज़ाद हो जाने के बाद यह संविधान सभा पूर्णतः प्रभुतासंपन्न हो गई। इस सभा ने अपना कार्य 1 दिसम्बर  1946 से आरम्भ कर दिया। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। डॉ राजेन्द्र प्रसाद, भीमराव अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। अनुसूचित वर्गों से 30 से ज्यादा सदस्य इस सभा में शामिल थे। सच्चिदानन्द सिन्हा इस सभा के प्रथम सभापति थे। किन्तु बाद में डॉ राजेन्द्र प्रसाद को सभापति निर्वाचित किया गया। भीमराव अंबेडकर को निर्मात्री समिति का अध्यक्ष चुना गया था। संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11माह, 18 दिन में कुल 114 दिन बैठक की। इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी।

भारतीय संविधान सभा के सदस्य[संपादित करें]

मद्रास[संपादित करें]

ओ.वी.मुदलियार अलगेसन, अम्मु स्वामीनाथन, एम ए अयंगार, मोटूरि सत्यनारायण, दक्षयनी वेलायुधन, दुर्गाबाई देशमुख, एन. गोपालस्वामी अयंगर, डी. गोविंदा दास, जेरोम डिसूजा, पी. कक्कन, टी एम कलियन्नन गाउंडर, लालकृष्ण कामराज, वी. सी. केशव राव, टी. टी. कृष्णमाचारी, अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, एल कृष्णास्वामी भारती, पी. कुन्हिरामन, मोसलिकान्ति तिरुमाला राव, वी. मैं मुनिस्वामी पिल्लै, राजा एम अन्नामलाई मुत्तैया चेट्टियार, वी. नादिमुत्तु पिल्लै, एस नागप्पा, पी. एल नरसिम्हा राजू, पट्टाभि सीतारमैया, सी. पेरुमलस्वामी रेड्डी, टंगुटूरी प्रकाशम, एस एच. गप्पी, श्वेताचलपति रामकृष्ण रंगा रोवा, आर लालकृष्ण शन्मुखम चेट्टि, टी. ए रामलिंगम चेट्टियार, रामनाथ गोयनका, ओ पी. रामास्वामी रेड्डियार, एन जी रंगा, नीलम संजीव रेड्डी, शेख गालिब साहिब, लालकृष्ण संथानम, बी शिव राव, कल्लूर सुब्बा राव, यू श्रीनिवास मल्लय्या, पी. सुब्बारायन, चिदम्बरम् सुब्रह्मण्यम्, वी सुब्रमण्यम, एम. सी. वीरवाहु, पी. एम. वेलायुधपाणि, ए क मेनन, टी. जे एम विल्सन, मोहम्मद इस्माइल साहिब, के. टी. एम. अहमद इब्राहिम, महबूब अली बेग साहिब बहादुर, बी पोकर साहिब बहादुर, वी. रमैया, रामकृष्ण रंगा राव

बॉम्बे राज्य[संपादित करें]

बालचंद्र महेश्वर गुप्ते, हंसा मेहता, हरिविनायक पटस्कर, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, यूसुफ एल्बन डिसूजा, कन्हैयालाल नानाभाई देसाई, केशवराव जेधे, खंडूभाई कसनजी देसाई, बाळासाहेब गंगाधर खेर, मीनू मसानी, कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी, नरहर विष्णु गाडगील, एस निजलिंगप्पा, एस. के. पाटिल, रामचंद्र मनोहर नलावडे़, आर आर दिवाकर, शंकरराव देव, गणेश वासुदेव मावलंकर, विनायकराव बालशंकर वैद्य, बी एन मुनवली, गोकुलभाई भट्ट, जीवराज नारायण मेहता, गोपालदास अंबैदास देसाई, प्राणलाल ठाकुरलाल मुंशी, बी एच. खरडेकर, रत्नाप्पा कुंभार, वल्लभ भाई पटेल, अब्दुल कादर मोहम्मद शेख, आफताब अहमद खान

पश्चिम बंगाल[संपादित करें]

मनमोहन दास, अरुण चन्द्र गुहा, लक्ष्मी कांता मैत्रा, मिहिर लाल चट्टोपाध्याय, काफ़ी चन्द्र सामंत, सुरेश चंद्र मजूमदार, उपेंद्रनाथ बर्मन, प्रभुदयाल हिमतसिंगका, बसंत कुमार दास, रेणुका राय, हरेन्द्र कुमार मुखर्जी, सुरेंद्र मोहन घोष, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, अरी बहादुर गुरुंग, आर ई. पटेल, क्षितिज चंद्र नियोगी, रघीब अहसान, सोमनाथ लाहिड़ी, जासिमुद्दीन अहमद, नज़ीरुद्दीन अहमद, अब्दुल हलीम गज़नवी, डॉ भीमराव अम्बेडकर

संयुक्त प्रांत[संपादित करें]

अजीत प्रसाद जैन, अलगू राय शास्त्री, बालकृष्ण शर्मा, बंशीधर मिश्र, भगवान दीन, दामोदर स्वरूप सेठ, दयाल दास भगत, धरम प्रकाश, ए धरम दास, रघुनाथ विनायक धुलेकर, फिरोज गांधी, गोपाल नारायण, कृष्ण चंद्र शर्मा, गोविंद बल्लभ पंत, गोविंद मालवीय, हरियाणा गोविंद पंत, हरिहर नाथ शास्त्री, हृदय नाथ कुन्ज़रू, जसपत राय कपूर, जगन्नाथ बख्श सिंह, जवाहरलाल नेहरू, विजय लक्ष्मी पंडित, जोगेन्द्र सिंह, जुगल किशोर, ज्वाला प्रसाद श्रीवास्तव, बी वी. केसकर, कमला चौधरी, कमलापति त्रिपाठी , आचार्य कृपलानी, महावीर त्यागी, खुरशेद लाल, मसुरियादीन, मोहनलाल सक्सेना, पदमपत सिंघानिया, फूल सिंह, परागी लाल, पूर्णिमा बनर्जी, पुरुषोत्तम दास टंडन, हीरा वल्लभ त्रिपाठी, राम चंद्र गुप्ता, शिब्बन लाल सक्सेना, सतीश चंद्रा, जॉन मथाई, सुचेता कृपलानी, सुंदर लाल, वेंकटेश नारायण तिवारी, मोहनलाल गौतम, विश्वम्भर दयालु त्रिपाठी, विष्णु शरण दुबलिश, बेगम ऐज़ाज़ रसूल, चौधरी हैदर हुसैन, हसरत मोहानी, अबुल कलाम आजाद, नवाब मुहम्मद इस्माईल खान, रफी अहमद किदवई, मौलाना हिफ्ज़ुर्हमान स्योहारवी, बशीर हुसैन जैदी

पूर्वी पंजाब[संपादित करें]

रणबीर सिंह हुड्डा, बख्शी टेक चन्द, पंडित श्रीराम शर्मा, जयरामदास दौलताराम, ठाकुरदास भार्गव, बिक्रमलाल सोंधी, यशवंत राय, लाला अचिंत राम, नंद लाल, सरदार बलदेव सिंह, गुरमुख सिंह मुसाफिर, सरदार हुकम सिंह, सरदार भूपिंदर सिंह मान, सरदार रतन सिंह लौहगढ़, सरदार रणजीत सिंह

बिहार[संपादित करें]

अमिय कुमार घोष, अनुग्रह नारायण सिन्हा, बनारसी प्रसाद झुनझुनवाला, भागवत प्रसाद, Boniface लाकड़ा, ब्रजेश्वर प्रसाद, चंडिका राम, लालकृष्ण टी. शाह, देवेंद्र नाथ सामंत, डुबकी नारायण सिन्हा, गुप्तनाथ सिंह, यदुबंश सहाय, जगत नारायण लाल, जगजीवन राम, जयपाल सिंह मुंडा, कामेश्वर सिंह, कमलेश्वरी प्रसाद यादव, महेश प्रसाद सिन्हा, कृष्ण वल्लभ सहाय, रघुनंदन प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद, रामेश्वर प्रसाद सिन्हा, राम नारायण सिंह, सच्चिदानन्द सिन्हा, सारंगधर सिन्हा, सत्येन्द्र नारायण सिन्हा, बिनोदानंद झा, पी. लालकृष्ण सेन, श्रीकृष्ण सिंह, श्री नारायण महता, श्यामनन्दन सहाय, हुसैन इमाम, सैयद जाफर इमाम, एस.एम.लतीफुर्रहमान, एम. ताहिर, तजमुल हुसैन, चौधरी आबिद हुसैन, हरगोविन्द मिश्र

मध्य प्रान्त और बरार[संपादित करें]

गुरु अगमदास, रघु वीर, बड़ेभाई ठाकुर ललोनी, राजकुमारी अमृत कौर, नगला भौगरा (कामा) , भगवंतराव मंडलोई, बृजलाल बियाणी, बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल, प. किशोरी मोहन त्रिपाठी, सेठ गोविंद दास, हरिसिंह गौर, हरि विष्णु कामथ, हेमचन्द्र जगोबाजी खांडेकर, घनश्याम सिंह गुप्ता, लक्ष्मण श्रवण भाटकर, पंजाबराव शामराव देशमुख, रविशंकर शुक्ल, आर लालकृष्ण सिधवा, शंकर त्र्यंबक धर्माधिकारी, फ्रैंक एंथोनी, काजी सैयद करीमुद्दीन, गणपतराव दानी, आर.एल. मालवीय, रामप्रसाद पोटाई

असम[संपादित करें]

निबारन चंद्र लास्कर, जेम्स जॉय मोहन निकोल्स रॉय, धरणीधर बसु मतरी, गोपीनाथ बोरदोलोई, कुलाधौर चालिहा, रोहिणी कुमार चौधरी, मुहम्मद सादुल्ला, अब्दुल रऊफ

उड़ीसा[संपादित करें]

विश्वनाथ दास, कृष्ण चन्द्र गजपति नारायण देव, हरेकृष्ण महताब, लक्ष्मीनारायण साहू, लोकनाथ मिश्र, नंदकिशोर दास, राजकृष्ण बोस, शांतनु कुमार दास, लाल मोहन पति, एन माधव राव, राज कुंवर, शारंगधर दास, युधिष्ठिर मिश्र

दिल्ली[संपादित करें]

देशबंधु गुप्ता

अजमेर मेरवाड़ा[संपादित करें]

मुकुट बिहारी लाल भार्गव

कूर्ग[संपादित करें]

सी. एम. पूनाचा

मैसूर[संपादित करें]

(वर्तमान में कर्नाटक )

के.सी.रेड्डी, के.हनुमन्तैया, टी. सिद्धलिंगैया, आर गुरुव रेड्डी, एस वी कृष्णमूर्ति राव, एच. सिद्धवीरप्पा, टी. चेन्निया

जम्मू एवं कश्मीर[संपादित करें]

शेख मुहम्मद अब्दुल्ला, मोतीराम बैगरा, मिर्जा मोहम्मद अफजल बेग, मौलाना मुहम्मद सईद मसूदी

त्रावणकोर-कोचीन[संपादित करें]

(वर्तमान में केरल)

पट्टम ताणु पिल्लै, आर शंकर, पी. टी. चाको, पानमपिली गोविन्द मेनन, एनी मस्करीन, पी. एस. नटराज पिल्लई, के ए मोहम्मद

मध्य भारत[संपादित करें]

विनायक सीताराम सरवटे, बृजराज नारायण, गोपीकृष्ण विजयवर्गीय, राम सहाय, कुसुम कांत जैन, राधवल्लभ विजयवर्गीय, सीताराम एस जापू

सौराष्ट्र[संपादित करें]

बलवंतराय मेहता, जयसुख लाल हाथी, ठक्कर बापा, चिमनलाल चकूभाई शाह, सामलदास गांधी

राजस्थान[संपादित करें]

जयपुर से वी. टी. कृष्णमाचारी और हीरालाल शास्त्री, खेतड़ी से सरदार सिंह, बीकानेर से के एम पण्णिकर‌ और जसवंत सिंह, भरतपुर से राज बहादुर, उदयपुर से माणिक्य लाल वर्मा और बलवंत सिंह मेहता, शाहपुरा से गोकुल लाल असावा, अलवर से रामचंद्र उपाध्याय, कोटा से दलेल सिंह, जोधपुर से जय नारायण व्यास और सी एस वेंकटाचार

विन्ध्य प्रदेश[संपादित करें]

अवधेश प्रताप सिंह, शम्भूनाथ शुक्ल, राम सहाय तिवारी, मन्नूलालजी द्विवेदी

कूचबिहार[संपादित करें]

हिम्मत सिंह लालकृष्ण माहेश्वरी

त्रिपुरा और मणिपुर[संपादित करें]

गिरिजा शंकर गुहा, रवि मैहरा

भोपाल[संपादित करें]

लाल सिंह

कच्छ[संपादित करें]

भवनजी अर्जुन खिमजी

हिमाचल प्रदेश[संपादित करें]

यशवंत सिंह परमार

समितियाँ[संपादित करें]

संविधान सभा ने संविधान निर्माण के कार्य को त्वरित गति से पूरा करने के लिए 22 समितियों का निर्माण किया था जिसमें आठ प्रमुख समितियाँ थीं।

प्रमुख समितियाँ

  1. मसौदा समिति - बाबासाहेब आंबेडकर
  2. केन्द्रीय ऊर्जा समिति - जवाहरलाल नेहरू
  3. केन्द्रीय घटना समिति - जवाहरलाल नेहरू
  4. प्रान्तीय घटना समिति - वल्लभभाई पटेल
  5. मूलभूत अधिकार, अल्पसंख्यक, आदिवासी और अपवर्जित क्षेत्रों की सलाहकार समिति - वल्लभभाई पटेल
    1. मूलभूत अधिकार उपसमिति - जे॰ बी॰ कृपलानी
    1. अल्पसंख्याकांची उपसमिति - हरेन्द्र कुमार मुखर्जी
    1. उत्तर-पूर्व सीमान्त आदिवासी क्षेत्र उप-समिति - गोपीनाथ बोरदोलोई
    1. वगळलेले आणि अंशतः वगळलेले क्षेत्र (आसाम के अतिरिक्त) उपसमिति - ठक्कर बापा
  1. प्रक्रिया समिति के नियम - राजेंद्र प्रसाद
  1. राज्य समिति – जवाहरलाल नेहरू
  1. सुकाणू समिति - राजेंद्र प्रसाद
  1. राष्ट्रीय ध्वज तदर्थ समिति - राजेंद्र प्रसाद
  1. संघटन कार्य समिति की बैठक - गणेश वासुदेव मावलणकर
  1. सभा समिति - पट्टाभि सीतारमैया
  1. भाषा समिति - मोटूरि सत्यनारायण
  1. व्यवसाय समिति के आदेश - कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी
  1. राज्य समिति -गणेश वासुदेव मावलंकर

घटनाक्रम[संपादित करें]

  • 6 दिसम्बर 1946: संविधान सभा की स्थापना हुई (फ्रेंच प्रथा के अनुसार)
  • 9 दिसम्बर 1946: संविधान सभागृह (आज का संसद भवन सेंट्रल हॉल) में संविधान सभा की पहली बैठक हुई। संविधान सभा को संबोधित करने वाले प्रथम व्यक्ति जे.बी. कृपलानी थे। इसकी अध्यक्षता सच्चिदानन्द सिन्हा ने की। स्वतन्त्र देश की माँग करते हुए मुस्लिम लीग ने बैठक का बहिष्कार किया।
  • 11 दिसम्बर 1946: राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष, हरेंद्र कुमार मुखर्जी उपाध्यक्ष निर्वाचित।
  • 22 जनवरी 1947: वस्तुनिष्ठ ठराव सर्वानुमति से स्वीकार हुआ।
  • 22 जुलाई 1947: संविधान सभा ने तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार किया।
  • 15 अगस्त 1947: भारत को स्वतन्त्रता मिली। भारत से अलग होकर पाकिस्तान नामक देश बना।
  • 29 अगस्त 1947: मसौदा समिति बनी, जिसके अध्यक्ष डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर बनाए गए। इसके अन्य सदस्य ये थे: कन्हैयालाल मुंशी, मोहम्मद सादुल्लाह, अल्लादि कृष्णस्वामी अय्यर, गोपाळ स्वामी अय्यंगार, एन. माधव राव puna rao sa, टी.टी. कृष्णामचारी ।
  • 16 जुलाई 1948: हरेंद्र कुमार मुखर्जी वी.टी. कृष्णामचारी संविधान सभा के दूसरे उपाध्यक्ष निर्वाचित किये गये।
  • 26 नवम्बर 1949: संविधान सभा ने भारतीय संविधान को स्वीकार किया और उसके कुछ धाराओं को लागू भी किया गया।
  • 24 जनवरी 1950: संविधान सभा की बैठक हुई जिसमें संविधान पर सभी ने अपने हस्ताक्षर करके उसे मान्यता दी।
  • 26 जनवरी 1950: सम्पूर्ण भारतीय संविधान लागू हुआ।

चित्रावली[संपादित करें]

  • भारतीय संविधान सभा का गठन कैसे हुआ और संविधान निर्माण की प्रक्रिया को समझाइए? - bhaarateey sanvidhaan sabha ka gathan kaise hua aur sanvidhaan nirmaan kee prakriya ko samajhaie?

    १४-१५ अगस्त की मध्यरात्रि में भारतीय संविधान सभा के अधिवेशन में शपथ लेते हुए जवाहरलाल नेहरू एवं अन्य सदस्य

  • भारतीय संविधान सभा का गठन कैसे हुआ और संविधान निर्माण की प्रक्रिया को समझाइए? - bhaarateey sanvidhaan sabha ka gathan kaise hua aur sanvidhaan nirmaan kee prakriya ko samajhaie?

    २९ अगस्त १९४७ को डॉ भीमराव आम्बेडकर तथा मसौदा समिति के अन्य सदस्य

  • भारतीय संविधान सभा का गठन कैसे हुआ और संविधान निर्माण की प्रक्रिया को समझाइए? - bhaarateey sanvidhaan sabha ka gathan kaise hua aur sanvidhaan nirmaan kee prakriya ko samajhaie?

    २५ नवम्बर १९४९ को डॉ आम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद को भारतीय संविधान का अन्तिम मसौदा सौंपते हुए

  • भारतीय संविधान सभा का गठन कैसे हुआ और संविधान निर्माण की प्रक्रिया को समझाइए? - bhaarateey sanvidhaan sabha ka gathan kaise hua aur sanvidhaan nirmaan kee prakriya ko samajhaie?

    Constituent Assembly of India.

  • भारतीय संविधान सभा का गठन कैसे हुआ और संविधान निर्माण की प्रक्रिया को समझाइए? - bhaarateey sanvidhaan sabha ka gathan kaise hua aur sanvidhaan nirmaan kee prakriya ko samajhaie?

    १९४६ में संविधान सभा को सम्बोधित करते हुए जवाहरलाल नेहरू

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • भारतीय संविधान

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • इस तरह अस्तित्व में आया संविधान Archived 2008-03-31 at the Wayback Machine

संविधान सभा का गठन कैसे हुआ समझाइए?

संविधान सभा का गठन छह दिसंबर 1946 को हुआ था। इसके तहत संविधान निर्माण की समिति बनी, जिसे ड्राफ्ट कमेटी भी कहा जाता है। उसके जिम्मे संविधान के तब तक तैयार संविधान के प्रारूप पर बहस करके उसे 389 सदस्यीय संविधान सभा में प्रस्तुत करना था, जो उसे अंतिम रूप देगी।

भारत में संविधान सभा का गठन कब हुआ?

यह गणराज्‍य भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्‍बर 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ।

संविधान का निर्माण कैसे होता है?

सबसे पहले 1946 के कैबिनेट मिशन ने भारत के लिये एक नया संविधान बनाने के लिये संविधान सभा की स्थापना की सिफारिश की थी और इसके लिये जुलाई 1946 में चुनाव हुये थे जिसके बाद संविधान सभा में 389 सदस्य थे, हालांकि बाद में इस घटा कर 299 कर दिया गया क्योंकि अंग्रेजी सरकार ने पाकिस्तान के लिये एक अलग संविधान सभा का गठन किया था।

संविधान बनाने के लिए संविधान सभा ने कितनी समितियां बनाई थी?

संविधान निर्माण करने वाली संविधान सभा में विभिन्न विषयों के लिए 8 प्रमुख समितियाँ और 15 लघु समितियाँ थीं। इसने संविधान के गठन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए 11 सत्र आयोजित किए।