भौतिक (PHYSICS) Show
भौतिक विज्ञान की परिभाषा :- भौतिक विज्ञान अथवा भौतिकी शास्त्र, प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है। भौतिक विज्ञान को परिभाषित करना कठिन है। क्योंकि भौतिक विज्ञान के इस लेख के मुख्य बिंदुओ... इसके सिद्धांत सभी विज्ञान में मान्य हैं| और विज्ञान के प्रत्येक अंग में लागू होता हैं। इसका क्षेत्र बहुत ही विस्तृत क्षेत्र है| और इसकी सीमा
निर्धारित करना अति दुष्कर है। 2. भौतिक विज्ञान का विकास के बारे में संक्षिप्त जानकारियाँ 'भौतिक विज्ञान' या 'भौतिकी' अंग्रेजी जे शब्द Physics का हिन्दी बदलाव है और यह
शब्द यानि की Physics आया है, विज्ञान की जिस शाखा के अंतर्गत प्रकृति व इसके घटनाओं का अध्ययन किया जाता है, उसे ही भौतिकी कहा जाता है; 3. भौतिक विज्ञान के पिताभौतिक विज्ञान के पिता न्यूटन हैं | भौतिक विज्ञान के पिता न्यूटन हैं | 4. भौतिक विज्ञान की मुख्य शाखाएंभौतिकी विज्ञान तथा प्रोधोगिकी विज्ञान की सभी शाखाओं में भौतिकी विज्ञान के अनुप्रयोग दिखाई देते हैं। प्रोधोगिकी तो अनुप्रयुक्त भौतिकी विज्ञान ही है। संचार, दुरदर्शन, बेतार, रेडियो, आदि में भौतिकी विज्ञान के विधुत-चुम्बकीय सिदांतो का प्रयोग किया जाता है। स्कूटर, मोटरसाईकिल, कार, बस, स्कूटर, आदि में प्रयोग किए जाने वाले अन्तःदहन इंजन, भौतिकी विज्ञान की एक शाखा, ऊष्मागतिकी के सिदांतो पर आधारित है। भौतिकी विज्ञान की प्रमुख शाखाएं 1. आधुनिक भौतिकी (Modern Physics) –इसमें मुख्यतः 20वीं. शताब्दी से वर्तमान की भौतिकी विज्ञान का अध्ययन किया जाता है। इसकी प्रमुख उपशाखाएँ निम्नलिखित हैं : - i. परमाणु भौतिकी ii. क्वाण्टम भौतिकी iii. मध्याकार भौतिकी iv. नाभिकीय भौतिकी v. आपेक्षिकता का सिध्दान्त vi. विश्वविज्ञान एवं अन्तरिक्ष अन्वेषण 2. चिरसम्मत भौतिकी (Classical Physics) –19वीं. शताब्दी तक की भौतिकी विज्ञान को चिरसम्मत भौतिकी विज्ञान कहा जाता है। इसकी प्रमुख उपशाखाएँ निम्नलिखित हैं : - i. यांत्रिकि ii. विद्युत्-चुम्बकत्व iii. प्रकाशिकी iv. ऊष्मा एवं ऊष्मागतिकी v. ध्वनि एवं तरंग गति Tag :-Janeknow aboutsikhesamjhepadhekya kaiseadarshcadarsh.comadarshc.comDownloadहिन्दी मेंसिखेYou may like related post:
भौतिकी के अन्तर्गत बहुत से प्राकृतिक विज्ञान आते हैं भौतिकी, प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है। भौतिकी को परिभाषित करना कठिन है। कुछ विद्वानों के मतानुसार यह ऊर्जा विषयक विज्ञान है और इसमें ऊर्जा के रूपांतरण तथा उसके द्रव्य संबन्धों की विवेचना की जाती है। इसके द्वारा प्राकृत जगत और उसकी आन्तरिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। स्थान, काल, गति, द्रव्य, विद्युत, प्रकाश, ऊष्मा तथा ध्वनि इत्यादि अनेक विषय इसकी परिधि में आते हैं। यह विज्ञान का एक प्रमुख विभाग है। इसके सिद्धांत समूचे विज्ञान में मान्य हैं और विज्ञान के प्रत्येक अंग में लागू होते हैं। इसका क्षेत्र विस्तृत है और इसकी सीमा निर्धारित करना अति दुष्कर है। सभी वैज्ञानिक विषय अल्पाधिक मात्रा में इसके अंतर्गत आ जाते हैं। विज्ञान की अन्य शाखायें या तो सीधे ही भौतिक पर आधारित हैं, अथवा इनके तथ्यों को इसके मूल सिद्धांतों से संबद्ध करने का प्रयत्न किया जाता है। भौतिकी का महत्त्व इसलिये भी अधिक है कि अभियांत्रिकी तथा शिल्पविज्ञान की जन्मदात्री होने के नाते यह इस युग के अखिल सामाजिक एवं आर्थिक विकास की मूल प्रेरक है। बहुत पहले इसको दर्शन शास्त्र का अंग मानकर नैचुरल फिलॉसोफी या प्राकृतिक दर्शनशास्त्र कहते थे, किंतु 1870 ईस्वी के लगभग इसको वर्तमान नाम भौतिकी या फिजिक्स द्वारा संबोधित करने लगे। धीरे-धीरे यह विज्ञान उन्नति करता गया और इस समय तो इसके विकास की तीव्र गति देखकर, अग्रगण्य भौतिक विज्ञानियों को भी आश्चर्य हो रहा है। धीरे-धीरे इससे अनेक महत्वपूर्ण शाखाओं की उत्पत्ति हुई, जैसे रासायनिक भौतिकी, तारा भौतिकी, जीवभौतिकी, भूभौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, आकाशीय भौतिकी इत्यादि। भौतिकी का मुख्य सिद्धांत "उर्जा संरक्षण का नियम" है। इसके अनुसार किसी भी द्रव्यसमुदाय की ऊर्जा की मात्रा स्थिर होती है। समुदाय की आंतरिक क्रियाओं द्वारा इस मात्रा को घटाना या बढ़ाना संभव नहीं। ऊर्जा के अनेक रूप होते हैं और उसका रूपांतरण हो सकता है, किंतु उसकी मात्रा में किसी प्रकार परिवर्तन करना संभव नहीं हो सकता। आइंस्टाइन के सापेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार द्रव्यमान भी उर्जा में बदला जा सकता है। इस प्रकार ऊर्जा संरक्षण और द्रव्यमान संरक्षण दोनों सिद्धांतों का समन्वय हो जाता है और इस सिद्धांत के द्वारा भौतिकी और रसायन एक दूसरे से संबद्ध हो जाते हैं। आधुनिक भौतिकी[संपादित करें]१९०० ईस्वी के पश्चात अनेक क्रांतिकारी तथ्य ज्ञात हुए, जिनको चिरसम्मति भौतिकी के ढाँचे में बैठाना कठिन है। इन नये तथ्यों के अध्ययन करने और उनकी गुत्थियों को सुलझाने में भौतिकी की जिस शाखा की उत्पत्ति हुई, उसको आधुनिक भौतिकी कहते हैं। आधुनिक भौतिकी का द्रव्यसंरचना से सीधा संबंध है। अणुपरमाणु, केंद्रक (न्युक्लियस) तथा मूल कण इनके मुख्य विषय हैं। भौतिकी की इस नवीन शाखा ने वैज्ञानिक विचारधारा को नवीन और क्रांतिकारी मोड़ दिया है तथा इससे सामाजिक विज्ञान और दर्शनशास्त्र भी महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित हुए हैं। वर्तमान में इलेक्तट्रोनिक्स बिषय एक केन्द्र बिन्दु माना जा रहा है जिसके सहारे समूचा विश्व चलायमान है| भौतिक शास्त्र के प्रमुख क्षेत्र[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
भौतिक विज्ञान का अर्थ क्या है?भौतिकी, प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है। भौतिकी को परिभाषित करना कठिन है। कुछ विद्वानों के मतानुसार यह ऊर्जा विषयक विज्ञान है और इसमें ऊर्जा के रूपांतरण तथा उसके द्रव्य संबन्धों की विवेचना की जाती है। इसके द्वारा प्राकृत जगत और उसकी आन्तरिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
भौतिक विज्ञान में क्या आता है?भौतिक विज्ञान विज्ञान की वह शाखा है, जिसमें ऊर्जा के विभिन्न स्वरूपों तथा द्रव्य से उसकी अन्योन्य क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। सतत् वैज्ञानिक अध्ययनों से अब यह साबित हो चुका है कि ब्रह्माण्ड द्रव्य और ऊर्जा से मिलकर बना है तथा वह प्रत्येक वस्तु जो स्थान घेरती है, द्रव्य कहलाती है।
भौतिक विज्ञान का क्या महत्व है?भौतिक विज्ञान ने मनुष्य के दृष्टिकोण को निश्चित कर उसके विचारों को क्रमबद्धता प्रदान की है। यह सिर्फ वैज्ञानिक तथ्यों को ही नहीं बदलता ब्लकि यह वैज्ञानिक भावना तथा वैज्ञानिक अनुशासन को जन्म देता हैं। भौतिक विज्ञान ने नागरिकों में अन्ध-विश्वास को दूर कर वृहत दृष्टिकोण अपनाने में मदद प्रदान की है।
भौतिक विज्ञान की उत्पत्ति कैसे हुई?भौतिकी (Physics), विज्ञान की मूलभूत शाखा है जिसका विकास प्रकृति एवं दर्शन के अध्ययन से हुआ था। १९वीं शताब्दी के अन्त तक इसे 'प्राकृतिक दर्शन' ( "natural philosophy") कहा जाता था। वर्तमान समय में पदार्थ, उर्जा तथा इसके पारस्परिक सम्बन्धों का अध्ययन भौतिकी कहलाता है।
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