बालगोबिन भगत के संगीत को लेखक ने क्या कहा है 1 Point बीन जादू लहर? - baalagobin bhagat ke sangeet ko lekhak ne kya kaha hai 1 point been jaadoo lahar?

Short Note

बालगोबिन भगत के संगीत को जादू क्यों कहा गया है?

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Solution

बालगोबिन भगत का संगीत हर आयुवर्ग के लोगों पर समान रूप से असर करता था। उनका स्वर अचानक एक मधुर स्वर तरंग झंकृत-सी हो उठती है। उनके मधुर गान को सुनकर बच्चे झूम उठते थे, मेंड़ पर खड़ी औरतों के होंठ गुनगुना उठते थे, हलवाहों के पैर ताल से उठने से लगते थे और रोपनी करने वालों की अँगुलियाँ क्रम से चलने लगती थीं।

Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A)

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Chapter 11: रामवृक्ष बेनीपुरी - बालगोबिन भगत - अतिरिक्त प्रश्न

Q 4Q 3Q 5

APPEARS IN

NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2

Chapter 11 रामवृक्ष बेनीपुरी - बालगोबिन भगत
अतिरिक्त प्रश्न | Q 4

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बाल गोविंद के संगीत को लेखक ने क्या कहा है?

बालगोबिन भगत की संगीत - साधना का चरम उत्कर्ष उस दिन देखा गया जिस दिन उनका बेटा मरा। इकलौता बेटा था वह ! कुछ सुस्त और बोदा-सा था, किंतु इसी कारण बालगोबिन भगत उसे और भी मानते।

लेखक ने भगत जी के संगीत को क्या कहा *?

बालगोबिन भगत के मधुर गायन में एक जादू सा असर होता था। उसके जादू से खेतों में काम कर रही महिलाओं के होंठ अनायास ही थिरकने लगते थे। उनके गाने को सुनकर रोपनी करने वालों की अंगुलियाँ स्वत: चलने लगती थीं। रात में भी लोग उनके गानों पर मंत्रमुग्ध हो जाते थे।

बालगोबिन भगत के संगीत को लेखक ने क्या कहा है 1 Point अनुपम भक्तिमय जादू?

उत्तर-बालगोबिन भगत का संगीत सुनकर लोग मुग्ध । हो जाते थे। उनके भक्ति गीतों के सुर से बच्चे झूम उठते। औरतों के होंठ काँप उठते और वे भी गुनगुनाने लग जाती।

बाल गोविंद भगत पाठ के लेखक कौन हैं?

'बालगोबिन भगत' पाठ के लेखक 'रामवृक्ष बेनीपुरी' हैं। लेखक बचपन से ही बालगोबिन भगत को आदरणीय व्यक्ति मानता आया है। लेखक ब्राह्मण था और बालगोबिन भगत एक तेली थे।