हाई ब्लड प्रेशर की क्या पहचान है? उच्च रक्तचाप आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखाता है। हालांकि, सिरदर्द जैसे कुछ लक्षणों को आमतौर पर उच्च रक्तचाप का संकेत माना जाता है। लेकिन कुछ कम ज्ञात लक्षण भी हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। विशेष
रूप से वे जो अनहेल्दी लाइफस्टाइल या हाई बीपी के फैमली हिस्ट्री से जुड़े हुए हैं। हाई ब्लड प्रेशर की वजह से आपके दिल को पहले से ज्यादा मेहनत करने की जरूरत होती है। लंबे समय में यह अतिरिक्त प्रयास आपके हृदय की मांसपेशियों को मोटा बना सकता है। यह अंततः आपकी ए़डी में तरल पदार्थों का निर्माण करते है, जिससे वे सूज जाते हैं। देखा गया है कि पैरों को ऊपर उठाकर बैठने से आपका रक्त अधिक स्वतंत्र रूप से प्रवाहित होता है और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। लेकिन वक्त रहते इसे अपने डॉक्टर से परामर्श करना बेहत विकल्प है। बार-बार पेशाब आना है हाई बीपी का इशाराबार-बार पेशाब और हाई बीपी एक दूसरे से संबंधित होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, रात में पेशाब करने के लिए उठना उच्च रक्तचाप होने की 40% अधिक संभावना से जुड़ा था। हाइपरटेंशन का सकेंत है इरेक्टाइल डिस्फंक्शनउच्च रक्तचाप रक्त वाहिकाओं के लाइनिंग को नुकसान पहुंचा सकता है जिससे धमनियां सख्त और संकीर्ण हो जाती हैं। इसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है, जो शरीर में रक्त के प्रवाह को कम कर देता है। इससे कुछ पुरुषों में इरेक्शन हासिल करना और उसे बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। इसके साथ ही इससे पीड़ित पुरुषों में यौन इच्छा की कमी की समस्या होती है। यदि आप इससे ग्रसित हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से चर्चा करें। उच्च रक्तचाप से होती हैं ये बीमारियां
हाई बीपी को कैसे करें कंट्रोलहाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का पालन करने के साथ-साथ, जीवनशैली में कुछ बदलाव कर सकते हैं। इनमें वजन कम करना शामिल है, खासकर यदि आप अपकी पेट की चर्बी ज्यादा है। इसके अलावा नियमित व्यायाम करें और दिन भर सक्रिय रहें। स्वस्थ, संतुलित आहार लें और नमक का सेवन कम से कम करें। शराब सीमित करें, धूम्रपान बंद करें और तनाव से बचें। घर पर नियमित रूप से अपने रक्तचाप की निगरानी करें और नियमित जांच भी करवाएं। इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें
शेयर करें
शेयर करें हाई ब्लड प्रेशर क्या होता है? हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) एक सामान्य बीमारी है जिसमें आपकी धमनियों में रक्त का दबाव समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ कर इतना अधिक हो जाता है कि अंततः इसकी वजह से स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं जैसे कि हृदय रोग। ब्लड प्रेशर या रक्तचाप दो चीज़ों से निर्धारित होता है - हृदय द्वारा पंप किये गए ब्लड की मात्रा और धमनियों (आर्टरीज) में रक्त प्रवाह के खिलाफ प्रतिरोध (रेजिस्टेंस)। इसलिए आपका हृदय जितना ज्यादा ब्लड पंप करता है और आपकी आर्टरीज जितनी पतली होती हैं, आपका ब्लड प्रेशर उतना ही अधिक होता है। ब्लड प्रेशर सालों तक बिना किसी लक्षण के बढ़ता रह सकता है। इसलिए इस बीमारी को अक्सर "साइलेंट किलर" कहा जाता है। सौभाग्य से हाई बीपी, जिसे मेडिकल भाषा में "हाइपरटेंशन" कहते हैं, का आसानी से पता लगाया जा सकता है। और एक बार ब्लड प्रेशर हाई होने का पता लग जाए, तो आप दवा और स्वस्थ जीवन शैली से इसे नियंत्रित कर सकते हैं। अगर बीपी कंट्रोल न रहे और बहुत समय तक बढ़ा रहे तो इसकी वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक सहित कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर पर वीडियो - High blood pressure video in Hindiइस वीडियो में डॉ मनीष बंसल हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ी सारी जानकारी दे रहे हैं। डॉ बंसल एक सीनियर हृदय रोग विशेषज्ञ हैं जो हाई ब्लड प्रेशर के स्पेशलिस्ट हैं। myUpchar से इस चर्चा में उन्होंने हाई बीपी के शुरुआती लक्षण, कारण, इलाज और जांच के तरीकों के बारे में बताया है। ब्लड प्रेशर हाई क्यों होता है और इसको कैसे कम करें?
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण - Symptoms of high blood pressure in Hindiहाई ब्लड प्रेशर की क्या पहचान है?अधिकांश लोगों को हाई ब्लड प्रेशर के कोई लक्षण अनुभव नही होते हैं, चाहे ब्लड प्रेशर खतरनाक लेवल तक बढ़ जाए तब भी नहीं। अक्सर हाई ब्लड प्रेशर का पता तब चलता है जब मरीज कोई अन्य गंभीर समस्या नहीं हो जाती जैसे दिल का दौरा या स्ट्रोक। ब्लड प्रेशर बढ़ने के क्या लक्षण होते हैं?हालांकि ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ जाने पर कुछ लोगों को निम्न लक्षण हो सकते हैं:
जैसा कि ऊपर बताया गया है, आमतौर पर हाई बीपी की वजह से कोई लक्षण नजर नही आते हैं, इसलिए हाई बीपी और इसकी जटिलताओं से बचने के लिए रक्तचाप के स्तर की नियमित रूप से जांच कराना महत्वपूर्ण होता है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण - Causes of high blood pressure in Hindiबीपी बढ़ने के कारण क्या हैं?हाई ब्लड प्रेशर को उसके कारणों के आधार पर दो श्रेणियों में बांटा जाता है - प्राइमरी और सेकेंडरी। प्राइमरी हाइपरटेंशन का कारण अज्ञात है जबकि सेकेंडरी हाइपरटेंशन थाइराइड, स्लीप एपनिया जैसे अन्य बिमारियों की वजह से होता है। खराब जीवनशैली ब्लड प्रेशर बढ़ने का एक महत्वपूर्ण करक है। 1. प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर के कारण: ज्यादातर मामलों में ब्लड प्रेशर बढ़ने का कारण पता नहीं चल पाता है। इसे प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। यह समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होता है। 2. सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर के कारण: कुछ लोगों को हाई बीपी किसी अन्य बीमारी की वजह से हो जाता है। इसे सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। कुछ बीमारियां जिनके कारण सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है, इस प्रकार हैं:
ब्लड प्रेशर बढ़ने का जोखिम बढ़ाने वाले कारकऐसे कई कारक हैं जो ब्लड प्रेशर बढ़ने के जोखिम को बढ़ा देते हैं। इनमें से कुछ हैं -
हाई बीपी से बचाव - Prevention of high blood pressure in Hindiबीपी बढ़ने से कैसे रोक सकते हैं? स्वस्थ आहार, पर्याप्त नींद, एक्सरसाइज और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के साथ सिगरेट-शराब छोड़कर आप अपने रक्तचाप को कंट्रोल में रख सकते हैं। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रख कर आपको हृदय रोग और स्ट्रोक होने का जोखिम कम हो जायेगा। निम्नलिखित स्वस्थ रहने की आदतों डालें -
हाई बीपी की जांच - Diagnosis of high blood pressure in Hindiहाई ब्लड प्रेशर की जांच कैसे की जाती है? हाई बीपी का परीक्षण करना अत्यंत सरल है। यदि आपका बीपी बढ़ा हुआ आता है, तो डॉक्टर एक हफ्ते में कई बार बीपी टेस्ट करने की सलाह देते हैं। केवल एक बार के टेस्ट से हाई बीपी की जांच नहीं की जाती है। डॉक्टर यह जानना चाहते हैं कि समस्या निरंतर रहती है कि नहीं क्योंकि कई बार पर्यावरण की वजह से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. इसके आलावा बीपी का स्तर पूरे दिन बदलता रहता है। यदि आपका बीपी बढ़ा हुआ रहता है, तो डॉक्टर अंतर्निहित बिमारियों का पता करने के लिए और परीक्षण करेंगे। ये परीक्षण निम्न हो सकते हैं:
ये परीक्षण डॉक्टर को हाई बीपी के अन्य संभावित कारणों की पहचान करने में मदद करते हैं। हाई ब्लड प्रेशर का इलाज - Treatment of high blood pressure in Hindiहाई बीपी का उपचार कैसे किया जाता है? कई कारक आपके डॉक्टर को आपके लिए सबसे अच्छा उपचार निर्धारित करने में मदद करते हैं। इन कारकों में शामिल हैं कि आपको किस प्रकार का हाई ब्लड प्रेशर है और उसके होने के कारण क्या हैं। अगर कारण का पता चला जाता है तो इलाज उस समस्या को ठीक करने पर केंद्रित किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपका ब्लड प्रेशर किसी दवा की वजह से बढ़ा है, तो डॉक्टर उस दवा के बदले आपको कोई अन्य दवा दे सकते हैं। अंतर्निहित कारण के उपचार के बावजूद कभी-कभी हाई ब्लड प्रेशर लगातार बना रहता है। ऐसे में डॉक्टर आपको जीवनशैली में बदलाव लाने ब्लॉकर को कहेंगे और ब्लड प्रेशर कम करने के लिए दवाएं देंगे। हाई ब्लड प्रेशर की दवा उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाओं में शामिल हैं बीटा ब्लॉकर, मूत्र वर्धक दवाएं, एसीई इन्हीबिटर, एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर और अल्फा -2 एगोनिस्ट। जीवनशैली में परिवर्तन स्वस्थ जीवन शैली में परिवर्तन आपको उन कारकों को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं जो उच्च रक्तचाप का कारण बनते हैं, जिनमें शामिल हैं:
हाई ब्लड प्रेशर के नुकसान - High blood pressure complications in Hindiहाई बीपी से हमारी धमनियों की दीवारों पर बहुत ज़्यादा तनाव पड़ता है। जिससे हमारी रक्त कोशिकाओं और हमारे शरीर में मौजूद अंगो को नुकसान पहुँचता है। जितना ज़्यादा रक्त चाप होगा, उतना ज़्यादा वह अनियंत्रित रहेगा और उतना ज़्यादा नुकसान होगा। हाई बीपी होने से निम्नलिखित चीज़ें हो सकती हैं :
हाई ब्लड प्रेशर कितना होता है? - What should blood pressure be in Hindiरक्तचाप को दो संख्याओं के अनुपात के रूप में दर्ज किया जाता है:
डिस्टोलिक और डायास्टोलिक दोनों को "मरकरी प्रति मिलीमीटर" (mmHg) में नापा जाता है। रक्तचाप को पांच श्रेणियों में बांटा जाता है:
(और पढ़ें - नॉर्मल ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए) संदर्भ
हाई ब्लड प्रेशर के डॉक्टरहाई ब्लड प्रेशर की दवा - Medicines for High Blood Pressure in Hindiहाई ब्लड प्रेशर के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है। Showing 1 to 10 of 991 entries हाई ब्लड प्रेशर की ओटीसी दवा - OTC Medicines for High Blood Pressure in Hindiहाई ब्लड प्रेशर के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है। Showing 1 to 10 of 302 entries
translation missing: hi.lab_test.sub_disease_titletranslation missing: hi.lab_test.test_name_description_on_disease_page translation missing: hi.lab_test.test_names हाई ब्लड प्रेशर पर आम सवालों के जवाबसवाल 3 साल से अधिक पहलेमुझे हाई ब्लड प्रेशर है। बार-बार सुस्ती और सिरदर्द की समस्या होती है। मुझे किस डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। कृपया बताएं।Dr. Haleema Yezdani MBBS , सामान्य चिकित्साक्या आपने अपना बीपी किसी डाक्टर से चेक करवाया था? आपको हाइपरटेंशन है या नहीं, इसका जांच के बाद ही पता चलेगा। आप फिजीशियन से संपर्क करें। सवाल 3 साल से अधिक पहलेहाई ब्लड प्रेशर से क्या होता है?हाई ब्लड प्रेशर होने पर रक्त वाहिकाओं और हृदय पर अतिरिक्त दबाव बनता है। वक्त गुजरने के साथ दबाव बढ़ता जाता है, जिससे हृदयाघात और स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है। हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट और किडनी से संबंधित बीमारियां भी हो सकती हैं। सवाल 3 साल से अधिक पहलेसामान्य तौर पर मेरे ब्लड प्रेशर की रेंज 110-70 तक रहती है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से 110 से 90 तक पहुंच गई साथ ही एंग्जाइटी और चक्कर आने की समस्या भी हो रही है। क्या मुझे हाई ब्लड प्रेशर है?आपकी मेडिकल हिस्ट्री से यही लग रहा है कि आपको डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर है। आप कार्डियोलॅाजिस्ट से संपर्क कर ईसीजी और 2 डी इकोकार्डियोग्राफी करवाएं। वे आपकी रिपोर्ट देखकर आपको आपकी समस्या बताएंगे। सवाल 3 साल से अधिक पहलेहाई ब्लड प्रेशर से होने वाले रोग कौनसे हैं?Dr. Braj Bhushan Ojha BAMS , गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सकअगर हाई ब्लड प्रेशर का समय रहते इलाज न किया जाए तो आपको कई तरह की गंभीर बीमारी हो सकती है। इसमें धमनी, हृदय, मस्तिष्क, किडनी और आंखों को नुकसान पहुंचना मुख्य रूप से शामिल हैं। इतना ही नहीं 50 साल से उम्र ज्यादा होने पर पुरुषों की शारीरिक संबंध स्थापित करने की क्षमता में गिरावट आती है। इसके अलावा आपको नींद न आने की समस्या भी हो सकती है। सम्बंधित लेख |