बवासीर का कैसे ऑपरेशन किया जाता है? - bavaaseer ka kaise opareshan kiya jaata hai?

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बवासीर के सर्जिकल ऑपरेशन क्या हैं? - सर्जरी के 4 प्रकार

बवासीर का कैसे ऑपरेशन किया जाता है? - bavaaseer ka kaise opareshan kiya jaata hai?

Hexahealth Care Team Friday, 09 December 2022

बवासीर का कैसे ऑपरेशन किया जाता है? - bavaaseer ka kaise opareshan kiya jaata hai?

क्या आप जवाब खोज रहे हैं कि बवासीर क्या है, इसका इलाज कैसे किया जा सकता है, और किस प्रकार की सर्जरी उपलब्ध हैं? तब आप सही जगह पर आए हैं। बवासीर के इलाज के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए कृपया पढ़ते रहें।

Table of Contents

  1. बवासीर क्या होता है?
  2. बवासीर को कैसे ठीक करें
  3. सर्जरी के प्रकार
  4. अगर आप सर्जरी कराने में देरी करते हैं तो क्या होगा?
  5. क्या सर्जरी के बाद बवासीर दोबारा हो सकता है?
  6. बवासीर का इलाज कराने के लिए कहाँ संपर्क करें?
  7. अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल
  8. सम्बंधित डॉक्टर
  9. सम्बंधित अस्पताल

बवासीर क्या होता है?

बवासीर रक्त वाहिकाओं से भरे ऊतक के सामान्य "कुशन" होते हैं, जो मलाशय के अंत में, गुदा के अंदर पाए जाते हैं। यह न केवल अंदर बल्कि बाहर भी मौजूद होता है, जिसे प्रोलैप्सड पाइल्स के नाम से जाना जाता है। यदि वे बढ़े हुए हो जाते हैं तो वे लक्षण पैदा करते हैं जैसे खून निकलना।

शरीर रचना विज्ञान और शरीर विज्ञान

गुदा हमारे पाचन तंत्र का सबसे अंतिम भाग है, जो मलाशय के ठीक आगे स्थित होता है। यह हमारे पाचन तंत्र का बाहरी भाग है जो हमारे शरीर से मल को बाहर निकालता है। गुदा में स्फिंक्टर मांसपेशियां होती हैं जो मल को बाहर निकालने में नियंत्रित करने में मदद करती हैं। रक्त वाहिकाएं और नसों के सिरे भी गुदा वाले हिस्से को घेरे रहते हैं।

बवासीर को कैसे ठीक करें

शुरुआती चरणों में बवासीर को दवाओं से ठीक किया जा सकता है लेकिन अगर बीमारी बढ़ जाए और बवासीर के इलाज में दवाएं असर न कर रही हों, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं आपकी स्थिति की गंभीरता और बवासीर कितना बाहर निकला हुआ है, इसके आधार पर, आपके प्रोक्टोलॉजिस्ट बवासीर के उपचार का निर्णय करेंगे। वे आपको सर्जरी की सलाह दे सकते हैं अगर:

  1. आपको पाइल्स के कारण दर्द, रक्तस्राव और बेचैनी होती है
  2. आपके मामले में, कम से कम चीर-फाड़ वाली सर्जरी जैसे कि रबर बैंड लिगेशन (आपके बवासीर के चारों ओर रबर का एक बैंड लगाया जाता है जो नस में रक्त की आपूर्ति होने से रोकता है), आदि, प्रभावी नहीं रही हैं
  3. आपको ग्रेड III या IV पाइल्स है
  4. अगर आपको प्रोलैप्सड पाइल्स (उभरे हुए बवासीर) है
  5. आपको अंदरूनी और बाहरी बवासीर दोनों की समस्या हों
  6. अगर बवासीर की समस्या बार-बार होती है

सर्जरी के प्रकार

मुख्य तौर पर सर्जरी चार प्रकार से की जा सकती है:-

  1. स्क्लेरोथेरेपी (इंजेक्शन)
    स्क्लेरोथेरेपी तकनीक को ग्रेड 1 या ग्रेड 2 बवासीर के उपचार के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस सर्जरी में, एक प्रोक्टोस्कोप को धीरे से गुदा में डाला जाता है और उसकी मदद से कुछ दवाओं से युक्त तरल को बढ़े हुए बवासीर के आसपास के क्षेत्र में इंजेक्ट किया जाता है। इस सर्जरी का उद्देश्य रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाकर और बवासीर में रक्त की आपूर्ति को कम करके बवासीर को सिकोड़ना है।
     
  2. रबर बैंड लिगेशन (बैंडिंग)
    1. यह सर्जरी मुख्य रूप से ग्रेड 2 बवासीर के उपचार में की जाती है। हालांकि, इसका उपयोग निम्न ग्रेड 3 बवासीर के लिए भी किया जाता है। रबर बैंड लिगेशन (जिसे केवल "बैंडिंग" के रूप में भी जाना जाता है) में, डॉक्टर पहले गुदा में एक प्रोक्टोस्कोप डालता है और बढ़े हुए बवासीर के आधार के चारों ओर एक छोटा रबर बैंड बांधता है। बैंड बवासीर के रक्त की आपूर्ति काट या रोक देता है जिससे वो सिकुड़ जाता है और मर जाता है।
    2. अध्ययनों से पता चला है कि ग्रेड 2 बवासीर के उपचार के लिए अन्य सर्जिकल प्रक्रियाओं की तुलना में रबर बैंड लिगेशन ज़्यादा लाभकारी है।
       
  3. हेमेंरॉइडेक्टोमी (बवासीर निकालना)
     इस तरह के ऑपरेशन में, कैंची, स्केलपेल या लेज़र जैसे उपकरणों का उपयोग करके बढ़े हुए बवासीर (ग्रेड 4 बवासीर को हटा दिया जाता है।
    ओपन हेमोराहाइडेक्टोमी : बवासीर को हटाने के बाद, घाव को खुला  या थोड़ा सा खुला छोड़ दिया जाता है।
     
  4. बवासीर के लिए लेज़र सर्जरी
    बवासीर को दूर करने के लिए लेज़र सर्जरी सबसे बेहतर उपाय है। इसके कई फ़ायदे हैं:
    1. बवासीर की लेज़र सर्जरी एक दर्द रहित प्रक्रिया है।
    2. इसमें किसी तरह के कट और टांके नहीं लगाए जाते है। इसमें बवासीर के मस्सों को काटा नहीं जाता, बल्कि सिकोड़ दिया जाता हैं। इस कारण दर्द कम होता है।
    3. लेज़र सर्जरी करवाने पर मरीज को उसी दिन डिस्चार्ज कर दिया जाता है।
    4. लेज़र सर्जरी काफी सुरक्षित है। इसमें कोई कट और टांके नहीं लगाए जाते, जिससे सर्जरी के बाद कोई परेशानी नहीं होती।
    5. लेज़र सर्जरी में रिकवरी जल्दी हो जाती है।

अगर आप सर्जरी कराने में देरी करते हैं तो क्या होगा?

आपको बवासीर के इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे जटिलताएं हो सकती हैं जैसे:

  1. एनीमिया (शरीर के ऊतकों तक जो स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं ऑक्सीजन ले जाती हैं उनकी कमी होने की स्थिति) होना
  2. बवासीर वाले बाहरी ऊतक में रक्त के थक्के बनना
  3. त्वचा से ऊतक के फ्लैप (मस्सा या स्किन टैग) का लटकना
  4. संक्रमण होना
  5. स्ट्रेन्ग्युलेटेड पाइल्स (कसाव वाली बवासीर) - गुदा की मांसपेशियों की ओर से उभरे हुए अंदरूनी बवासीर को रक्त की आपूर्ति बंद हो सकती है
  6. मल असंयम

क्या सर्जरी के बाद बवासीर दोबारा हो सकता है?

आमतौर पर, सर्जरी से बवासीर ठीक हो जाता है। इसके दोबारा होने की संभावना ऑपरेशन के बाद की जीवनशैली और देखभाल पर निर्भर करती है। पर्याप्त हाइड्रेशन (शरीर में पानी की सही मात्रा बनाए रखना) के साथ-साथ फाइबर युक्त आहार बनाए रखना महत्वपूर्ण है। अगर रोगी अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करता है तो दोबारा बवासीर होने की संभावना बहुत कम होगी। और अगर यह फिर से हो भी जाता है तो भी यह बहुत निम्न ग्रेड का होगा जिसे आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है।

बवासीर का इलाज कराने के लिए कहाँ संपर्क करें?

बवासीर के इलाज के बारे में ज़्यादा जानने के लिए आज ही HexaHealth से संपर्क करें। बवासीर के इलाज के लिए सबसे अच्छा डॉक्टर आर्टेमिस अस्पताल के डॉ थुसू हैं, जो बवासीर की सर्जरी के लिए प्रसिद्ध हैं। वह सामान्य और एमआई सर्जरी के विशेषज्ञ हैं और उन्हें चालीस वर्षों का अनुभव है।

अब आप जानते हैं कि बवासीर का इलाज कैसे किया जाता है। क्या आपके पास अभी भी कोई प्रश्न हैं, तो आप एक फोन कॉल दूर हैं। सही समय की प्रतीक्षा न करें और हमारी व्यक्तिगत देखभाल सहायक टीम को तुरंत कॉल करें। वे आपको वह सारी जानकारी देंगे जो आपको चाहिए।

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

बवासीर के लिए किस प्रकार की सर्जरी सबसे अच्छी है?

गंभीर प्रकार के बवासीर में उपचार के कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन सबसे पसंदीदा और सर्वोत्तम विकल्प लेज़र सर्जरी से उपचार करना है। लेज़र सर्जरी में कोई बड़ा कट नहीं लगाना होता है, जिससे मरीज को कम पीड़ा होती है और जल्दी रिकवरी होती है। लेकिन, यह बवासीर के प्रकार और स्थिति पर निर्भर करता है।

क्या बवासीर की सर्जरी में दर्द होता है?

आमतौर पर, सर्जरी करने से पहले सर्जन लोकल एनेस्थीसिया देकर गुदा क्षेत्र को अचेत करते हैं, जिससे सर्जरी होते वक्त दर्द का एहसास नहीं होता है। लेकिन यदि किसी कारण से दर्द होता है, तो डॉक्टर आपको पेन किलर की दवा देंगे। 

क्या बवासीर की सर्जरी एक बड़ी सर्जरी है?

बवासीर की सर्जरी एक सामान्य प्रक्रिया है। यदि आप लेज़र सर्जरी करते है, तो आमतौर पर १ से २ घंटे का समय सर्जरी में लग सकता है। लेज़र सर्जरी में एक हफ़्ते में रिकवरी में लग सकता है, लेकिन १ से २ दिन में मरीज़ अपने काम पर लौट सकता है। वहीं, स्टेप्लिंग सर्जरी और ओपन सर्जरी जैसी प्रक्रिया के जरिए बवासीर का उपचार करवाने पर रिकवरी में ५ से १५ दिन तक लग सकते हैं।

बवासीर के किस स्टेज में सर्जरी की जरूरत होती है?

बवासीर के १० प्रतिशत से कम मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है। हालांकि, बवासीर की समस्या काफ़ी बढ़ जाने पर सर्जरी की जरूरत हो सकती है। आमतौर पर सर्जरी की जरूरत तब पड़ती है, जब गुदा के अंदर का मस्सा बाहर आ जाता है और घरेलू उपचार, आयुर्वेदिक औषधि और एलोपैथी दवा से बवासीर की समस्या का समाधान नहीं हो पाता है।

बवासीर सर्जरी के बाद कितने दिन आराम करें?

स्टेप्लिंग सर्जरी और ओपन सर्जरी जैसी प्रक्रिया के जरिए इलाज करवाने पर रिकवरी में आमतौर पर ५ से १० दिन तक लग सकते हैं। वहीं, लेज़र सर्जरी में रिकवरी का समय काफ़ी कम हो जाता है। आमतौर पर १ से ३ दिन में मरीज़ अपनी सामान्य गतिविधियां शुरू कर सकता है।

क्या ऑपरेशन के बाद बवासीर वापस हो सकता है?

ऑपरेशन से बवासीर ठीक होने के बाद दोबारा होने की संभावना कम रहती है। लेकिन अगर आप देख-रेख में लापरवाही और खान-पान सही नही रखते हैं, तो बवासीर दोबारा हो सकता है।

क्या मैं बवासीर की सर्जरी के बाद बैठ सकता हूँ?

बवासीर की सर्जरी के तुरंत बाद लेटे रहना चाहिए। सर्जरी के बाद १ से २ सप्ताह तक तेज़ गतिविधि (जैसे कि दौड़-भाग, ज्यादा श्रम वाले कार्य अदि) करने से बचें। जब तक आप आराम से बैठने और चलने-फिरने में सक्षम नहीं हो जाते, तब तक सिट्ज़ बाथ (गर्म पानी में १० से १५ मिनट तक बैठें) करें।

स्टेज ३ बवासीर क्या है?

३ स्टेज यह थोड़ा सीरियस होता है क्योंकि इसमें गुदा के अंदर बनी गांठ शौच के दौरान गुदा से बाहर निकल आती है। इस स्टेज में मरीज़ को बहुत दर्द महसूस होता है। वहीं, दस्त के साथ ख़ून भी ज़्यादा आता है।

क्या बिना सर्जरी के बवासीर ठीक हो सकता है?

बवासीर के प्रारंभिक मामलों में कई बार घरेलू उपाय या आयुर्वेदिक उपचार कर के बवासीर ठीक हो सकता है। यदि, इससे आराम नहीं पड़ता है, तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए हैं। डॉक्टर आपके बवासीर के स्थिति के आधार पर आपको दवा और मलहम का सुझाव दे सकते हैं। कई मरीजों का गैर-सर्जिकल इलाज से बवासीर ठीक हो जाता हैं। लेकिन यदि बवासीर गंभीर अवस्था में है, तो सर्जरी से ही ठीक किया जा सकता है।

बवासीर की सर्जरी कितने प्रकार की होती है?

गैर-सर्जिकल उपचार में निम्न प्रकार शामिल हैं:

  1. बैंडिंग: डॉक्टर मस्सें के जड़ में रबर बैंड को बांधते है जिस वजह से ब्लड सप्लाई रुक जाता है। जिससे कुछ दिनों के बाद मस्सें गिर जाते हैं। 
  2. स्क्लेरोथैरेपी: इसमें मस्से को सिकुड़ने के लिए फेनॉल इंजेक्शन दिया जाता है। इस इंजेक्शन को देने पर मस्से में ब्लड सप्लाई रुक जाती है, जिससे मस्सा सिकुडकर गिर जाता है। 
  3. इन्फ्रारेड कोगुलेशन: इस प्रक्रिया में इन्फ्रारेड लाइट का उपयोग करके मस्सें को हो रहा ब्लड सप्लाई बंद किया जाता है। जिससे मस्से सिकुड़ कर गिर जाये। 

सर्जिकल उपचार में निम्न प्रकार शामिल हैं:

  1. लेज़र सर्जरी: बवासीर की लेज़र सर्जरी में लेज़र किरणों की मदद से बवासीर के मस्सों को खत्म कर दिया जाता है। 
  2. ओपन सर्जरी: सर्जिकल नाइफ और अन्य उपकरणों का उपयोग करके मस्सों को गुदा मार्ग से अलग किया जाता है। 
  3. स्टेप्लिंग सर्जरी: स्टेपलर सर्जरी में डॉक्टर मस्सों को स्टेपल कर देते हैं, जिससे मस्सों तक होने वाला ब्लड सप्लाई बंद हो जाता है और कुछ दिन बाद मस्सा गिर जाता है।

मैं बवासीर की सर्जरी से कैसे बच सकता हूँ?

बवासीर की सर्जरी से बचने के लिए आपको बवासीर के प्रारंभिक लक्षण दिखते ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इस दौरान आपको तले हुए, मसालेदार, ज्यादा तीखा और बाहर के खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए। इसके अलावा, डॉक्टर की दी हुई दवा नियमित तौर पर लेनी चाहिए और समय पर मलहम लगाना चाहिए। वहीं, लंबे समय तक शौचालय पर न बैठे और शौच करते समय ज़्यादा तनाव न दे। यह बवासीर पर अधिक दबाव डाल सकता है। अगर आप ऐसा करते हैं और डॉक्टर द्वारा दिए गए सलाह को अच्छे से फॉलो करते हैं तो आप सर्जरी से बच सकते हैं।

क्या सर्जरी बवासीर को स्थायी रूप से ठीक कर सकती है?

सर्जरी करने से बवासीर की समस्या ठीक होने के बाद अगर यदि आप अपने जीवनशैली को बेहतर रखेंगे, तो आपको दोबारा बवासीर होने की संभावना बहुत कम हो सकती है। वहीं, अगर फिर से बिना फाइबर वाले आहार लेने लगे, देर तक बैठे या खड़े रहने लगे तो बवासीर वापस होने की संभावना बढ़ सकती है।

क्या मैं बवासीर की सर्जरी के बाद सब कुछ खा सकता हूँ?

बवासीर की सर्जरी होने के बाद कुछ चीज़ों को अपने डाइट में ज़रूर शामिल करना चाहिए। जैसे कि अनाज में ओट्स, ब्राउन राइस, होल व्हीट आदि को अपने डाइट में शामिल करें। फलों में केला, सेब, अंगूर और संतरा खाएं। इसके साथ ही हरी और पत्तेदार सब्जियां जैसे कि पालक, गाज़र, पत्ता गोभी, खीरा और ब्रोकली का सेवन कर सकते हैं। मसालेदार और तीखा खाने से बचें।

बवासीर की सर्जरी के बाद क्या नहीं खाना चाहिए?

बवासीर की सर्जरी होने के बाद कुछ चीज़ों को खाने से परहेज़ करना चाहिए। जैसे कि तैलीय, तीखा और मसालेदार खाना न खाएं। इसके साथ-साथ बेकरी उत्पाद, जंक फ़ूड, डिब्बाबंद भोजन, सफेद ब्रेड, चाट, पापड़ और सूखी सब्जियां आदि। वहीं, सिगरेट, गुटखा और शराब का सेवन भी बवासीर की स्थिति को बिगाड़ सकता है।

बवासीर को दूर करने की सबसे अच्छी प्रक्रिया क्या है?

डॉक्टर आपके बवासीर की जांच करते हैं और बवासीर के ग्रेड, गंभीरता और अन्य कारक जैसे उम्र, मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर आपके लिए उचित उपचार की सलाह देते हैं। सभी कारकों को देखते हुए डॉक्टर आपको गैर-सर्जिकल उपचार, होम्योपैथी, एलोपैथिक या सर्जिकल उपचार की सलाह दे सकते हैं।

बवासीर का ऑपरेशन कितने दिन में ठीक होता है?

बवासीर के पारंपरिक ऑपरेशन के बाद रिकवरी में 5 से 15 दिनों तक का वक्त लग सकता है।

बवासीर सर्जरी कैसे होती है?

स्टेपलर सर्जरी ये सर्जरी बवासीर की ओपन सर्जरी से बेहतर मानी जाती है. स्टेपलर सर्जरी में डॉक्टर मस्सों को स्टेपल कर देते हैं जिससे मस्सों तक होने वाला रक्त संचार बंद हो जाता है और रोगी को कुछ ही दिनों में बवासीर से छुटकारा मिल जाता है. इस उपचार के बाद बवासीर के दोबारा होने की संभावना बनी रहती है.

क्या बवासीर के लिए ऑपरेशन जरूरी है?

बवासीर के १० प्रतिशत से कम मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है। हालांकि, बवासीर की समस्या काफ़ी बढ़ जाने पर सर्जरी की जरूरत हो सकती है।

बवासीर के लेजर ऑपरेशन में कितना खर्चा आता है?

बवासीर के लेजर ऑपरेशन का खर्च 15 हजार से 60 हजार के बीच आता है।