चरमोत्कर्ष किसे कहते हैं कहानी में चरमोत्कर्ष का चित्रण किस प्रकार करना चाहिए और क्यों? - charamotkarsh kise kahate hain kahaanee mein charamotkarsh ka chitran kis prakaar karana chaahie aur kyon?

विषयसूची

  • 1 चरमोत्कर्ष का क्या मतलब होता है?
  • 2 कहानी लेखन चरित्र चित्रण की क्या भूमिका होती है?
  • 3 चरमोत्कर्ष किसे कहते हैं कहानी में चरमोत्कर्ष का चित्रण किस प्रकार करना चाहिए और क्यों?
  • 4 सुशील नाम का मतलब क्या होता है?
  • 5 सुशील नाम के व्यक्ति कैसे होते हैं?

चरमोत्कर्ष का क्या मतलब होता है?

इसे सुनेंरोकेंचरमोत्कर्ष संज्ञा पुं० [सं०] अत्यंत उन्नति । सर्वापरि विकास ।

कहानी क्या है कहानी के प्रमुख तत्व लिखें?

इसे सुनेंरोकेंकहानी के तत्व- मुख्यतः कहानी के छ तत्व माने गये है। [1] कथावस्तु [2] चरित्र-चित्रण [3] संवाद [4] देशकाल या वातावरण [5] उद्देश्य [6] शैली [1] कथावस्तु- कथावस्तु के बिना कहानी की कल्पना ही नहीं की जा सकती। यह उसका अनिवार्य अंग है । कथावस्तु जीवन की भिन्न- मिन्न दिशाओं और क्षेत्रों से ग्रहण की जाती है ।

कहानी लेखन चरित्र चित्रण की क्या भूमिका होती है?

इसे सुनेंरोकेंकहानी में पात्रों का चरित्र चित्रण पात्रों की अभिरुचि को प्रदर्शित करता है। कहानी के पात्रों के चरित्र चित्रण के माध्यम से पूरी कहानी की विषय-वस्तु स्पष्ट होती है। पात्रों के चरित्र-चित्रण के द्वारा कहानी में वर्णित नैतिक-अनैतिक बातों को भी स्पष्ट किया जाता है।

सुभग शब्द का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्रिय; प्यारा 4. सुखद 5. उपयुक्त 6.

चरमोत्कर्ष किसे कहते हैं कहानी में चरमोत्कर्ष का चित्रण किस प्रकार करना चाहिए और क्यों?

इसे सुनेंरोकेंजब किसी कहानी की घटनाये ऐक ऐक कर के उत्सुकता की चोटी पर पहुंच जाती हैं , जो भाव या ‘रस’ कथाकार चित्रित करना चाहता है ( जैसे वीर रस, करुण रस, हास्य रस, भय, रहस्य इत्यादी) जो भी अभिष्ठ हो अपने चर्म स्थान पर पहुंच जाये जिसे ‘क्लाीमेक्स’ climax या चर्म बिन्दू कहते हैं तो वहां से वह कहानी को उल्टि दिशा में लेचलता है और धीरे …

कहानी में चरमोत्कर्ष का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकें7 चरमोत्कर्ष (क्लाइमैक्स) – कथा के अनुसार कहानी चरमोत्कर्ष की ओर बढ़ती है। सर्वोत्तम यह है कि चरमोत्कर्ष पाठक को स्वयं सोचने के लिए प्रेरित करें तथा उसे लगे कि उसे स्वतंत्रता दी गई है। उसने जो निष्कर्ष निकाले हैं वह उसके सामने है।

सुशील नाम का मतलब क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंसुशील नाम का मतलब – Sushil ka arth सुशील नाम का मतलब अच्छा चरित्र मैन या अच्छी तरह से व्यवहार किया, अच्छा आचरण होता है।

कहानी में क्लाइमेक्स का क्या महत्व होता है?

इसे सुनेंरोकेंचरम उत्कर्ष या क्लाइमेक्स कहानी का अंतिम तत्त्व होता है। इसमें कहानी के उद्देश्य की अभिव्यक्ति होती है। कहानी का उद्देश्य मनोरंजन के साथ साथ जीवन-संबंधी अनुभूतियों से मानव-मन का निकट परिचय कराना है।

सुशील नाम के व्यक्ति कैसे होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसुशील नाम के लड़के स्वभाव से गुस्सैल किस्म के होते हैं। सुशील नाम के लड़के गठिया, अस्थमा, हृदय सम्बन्धी रोग और एलर्जी से ग्रस्त हो सकते हैं। इन सुशील नाम के लड़कों में दूसरों की मदद करने का गुण, ऊर्जा और बुद्धि कूट कूट कर भरी होती है। इन्हें दोस्ती करना पसंद होता है।

कहानी में चरमोत्कर्ष से क्या तात्पर्य?

7 चरमोत्कर्ष (क्लाइमैक्स) – कथा के अनुसार कहानी चरमोत्कर्ष की ओर बढ़ती है। सर्वोत्तम यह है कि चरमोत्कर्ष पाठक को स्वयं सोचने के लिए प्रेरित करें तथा उसे लगे कि उसे स्वतंत्रता दी गई है। उसने जो निष्कर्ष निकाले हैं वह उसके सामने है।

चरमोत्कर्ष से क्या अभिप्राय है कहानी में चरमोत्कर्ष का चित्रण अत्यंत सावधानीपूर्वक क्यों करना चाहिए?

कहानी में चरमोत्कर्ष का चित्रण, अत्यंत सावधानीपूर्वक करना चाहिए शतर जब कहानी पढ़ते-पढ़ते पाठक कौतूहल (जिज्ञासा) की पराकाष्ठा पर, पहुँच जाए, तब उसे कहानी का चरमोत्कर्ष या चरम स्थिति कहते हैं ।, कथानक के अनुसार कहानी चरमोत्कर्ष (क्लाइमेक्स) की ओर बढ़ती, है। निष्कर्ष:कथा के अनुसार कहानी चरमोत्कर्ष की ओर बढ़ती है।

कहानी के क्लाइमैक्स का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंकहानी में पात्रों का चरित्र चित्रण पात्रों की अभिरुचि को प्रदर्शित करता है। कहानी के पात्रों के चरित्र चित्रण के माध्यम से पूरी कहानी की विषय-वस्तु स्पष्ट होती है। पात्रों के चरित्र-चित्रण के द्वारा कहानी में वर्णित नैतिक-अनैतिक बातों को भी स्पष्ट किया जाता है।