चिरैया की सबसे प्रसिद्ध विशेषता क्या है? - chiraiya kee sabase prasiddh visheshata kya hai?

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Ancient and Medieval History

10 Questions 20 Marks 12 Mins

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Last updated on Sep 26, 2022

The Jharkhand Public Service Commission (JPSC) released the final result of the JPSC Civil Services Exam 2021 on 31st May 2022. The candidates should go through the JPSC Civil Services Result to download their results. The interview round was conducted between 9th to 16th May 2022. A total of 252 candidates were selected for the 2021 recruitment cycle. The candidates were selected based on their performance in the prelims, mains, and interview stages.

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चिरिया
Chiria

चिरैया की सबसे प्रसिद्ध विशेषता क्या है? - chiraiya kee sabase prasiddh visheshata kya hai?

चिरैया की सबसे प्रसिद्ध विशेषता क्या है? - chiraiya kee sabase prasiddh visheshata kya hai?

चिरिया

झारखंड में स्थिति

निर्देशांक: 22°18′N 85°16′E / 22.30°N 85.27°Eनिर्देशांक: 22°18′N 85°16′E / 22.30°N 85.27°E
ज़िलापश्चिमी सिंहभूम ज़िला
प्रान्तझारखंड
देश
चिरैया की सबसे प्रसिद्ध विशेषता क्या है? - chiraiya kee sabase prasiddh visheshata kya hai?
 
भारत
जनसंख्या (2001)
 • कुल4,178
भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी, हो, ओड़िया
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)

चिरिया (Chiria) भारत के झारखंड राज्य के पश्चिमी सिंहभूम ज़िले में स्थित एक शहर है।[1][2]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • पश्चिमी सिंहभूम ज़िला

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Tourism and Its Prospects in Bihar and Jharkhand Archived 2013-04-11 at the Wayback Machine," Kamal Shankar Srivastava, Sangeeta Prakashan, 2003
  2. "The district gazetteer of Jharkhand," SC Bhatt, Gyan Publishing House, 2002

"https://hi.wikipedia.org/w/index.php?title=चिरिया&oldid=5244580" से प्राप्त

श्रेणियाँ:

  • झारखंड के शहर
  • पश्चिमी सिंहभूम ज़िला
  • पश्चिमी सिंहभूम ज़िले के नगर

छुपी हुई श्रेणियाँ:

  • वेबआर्काइव टेम्पलेट वेबैक कड़ियाँ
  • Wikipedia page with obscure country or subdivision
  • विकिडेटा पर उपलब्ध निर्देशांक

Q. चिरिया लोह खदान काम्प्लेक्स किस राज्य में स्थित है?
Answer: [C] झारखण्ड
Notes: चिरिया झारखण्ड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित है। यह चिरिया लोह खदान भारत की सबसे बड़ी लोह अयस्क खदान है, यहाँ पर 2,000 मिलियन टन का लोह अयस्क भंडार मौजूद है। इस खदान में भारतीय स्टील प्राधिकरण द्वारा काम किया जाता है।

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इतिहास

पश्चिम सिंहभूम झारखंड का सबसे पुराना जिला है। 1837 में कोल्हण पर ब्रिटिश विजय के बाद, एक नए जिले को परिणाम स्वरूप सिंहभूम के रूप में जाना जाने लगा एवं इसका मुख्यालय चाईबासा था। बाद में सिंहभूम को पूर्व सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावाँ तीन जिलों में विभाजित किया गया। पश्चिमी सिंहभूम जिले का मुख्यालय चाईबासा को ही रखा गया है।
नवनिर्मित झारखण्ड राज्य के दक्षिणी भाग में पश्चिमी सिंहभूम जिला स्थित है और राज्य का सबसे बड़ा जिला है। यह जिला 210 58 ‘और 230 36’ उत्तरी अक्षांश और 850 0 ‘और 86 54’ पूर्वी देशांतर में फैला हुआ है। समुद्र तल से 244 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसका क्षेत्रफल 5351.41 वर्ग किलोमीटर है। जिले के उत्तर में खुँटी, पूर्व में सरायकेला-खरसावाँ, दक्षिण में उड़िसा का केउन्झर, मयूरभंज और सुन्दरगढ़ और पश्चिम में झारखण्ड का सिमडेगा एवं उड़िसा का सुन्दरगढ़ सीमाबद्ध है। यह जिला पहाड़ी ढलानों पर घाटियाँ, खड़ी पहाड़े और घने जंगलों से भरा पड़ा है। पश्चिमी सिंहभूम जिले की आबादी का अधिकांश हिस्सा जनजातीय आबादी का है।

पश्चिमी सिंहभूम में स्थित चिरिया की सबसे प्रसिद्ध विशेषता क्या है?

नवनिर्मित झारखण्ड राज्य के दक्षिणी भाग में पश्चिमी सिंहभूम जिला स्थित है और राज्य का सबसे बड़ा जिला है। यह जिला 210 58 'और 230 36' उत्तरी अक्षांश और 850 0 'और 86 54' पूर्वी देशांतर में फैला हुआ है। समुद्र तल से 244 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसका क्षेत्रफल 5351.41 वर्ग किलोमीटर है।

पश्चिम सिंबू में स्थिति चिरैया की सबसे प्रसिद्ध विशिष्ट क्या है?

सही उत्तर लौह अयस्क खनन है। पश्चिम सिंहभूम में स्थित चिरैया लौह अयस्क खनन के लिए प्रसिद्ध है।

सिंहभूम क्यों प्रसिद्ध है?

यह जिला खनिजों से समृद्ध है और बहुतायत से पाया जाता है। लौह अयस्क, तांबा, यूरेनियम, गोल्ड केनाइट मुख्य खनिज हैं।

चाईबासा जिला कब बना?

परिचय :: 1990 में सिंहभूम जिले के विभाजन के बाद पश्चिमी सिंहभूम जिला अस्तित्व में आया था। 9 सामुदायिक विकास प्रखण्डों के साथ पूर्वी भाग पूर्वी सिंहभूम साथ ही जमशेदपुर मुख्यालय बना और 23 प्रखण्डों के साथ पश्चिमी सिंहभूम बन गया। पुनः 2001 में पश्चिमी सिंहभूम दो भागों में विभाजित हो गया।