छाया मत छूना कविता का संदेश क्या है? - chhaaya mat chhoona kavita ka sandesh kya hai?

'छाया मत छूना’ कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?
अथवा
‘छाया मत छूना’ कविता का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए।

Solution

‘छाया मत छूना’ कविता के माध्यम से कवि यह कहना चाहता है कि जीवन में सुख और दुख दोनों आते-जाते रहते हैं। विगत समय के सुख को याद करके वर्तमान के दुख को बढ़ा लेना अनुचित है। विगत की सुखद काल्पनिकता से जुड़े रहना और वर्तमान के यथार्थ से भागने की अपेक्षा उसकी स्वीकारोक्ति श्रेयकर है। यह कविता अतीत की यादों को भूलकर वर्तमान का सामना करने एवं भविष्य के वरण का संदेश देती है।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)

  Is there an error in this question or solution?

APPEARS IN

छाया मत छूना कविता में हमें क्या संदेश देती है?

'छाया मत छूना' कविता के माध्यम से कवि यह कहना चाहता है कि जीवन में सुख और दुख दोनों आते-जाते रहते हैं। विगत समय के सुख को याद करके वर्तमान के दुख को बढ़ा लेना अनुचित है।

छाया मत छूना का भावार्थ क्या है?

भावार्थ(सार)- हे मेरे मन! तुम छाया मत छूना, अतीत के सुख को यादकर दुविधा में मत पड़ना, अन्यथा दुखद परिस्थितियों में दुख और अधिक बढ़ जाएगा। जीवन में रंग-बिरंगी और सुहावनी यादें भरी हुई हैं। सुंदरता की, सुखों की चित्रमयी गंध युक्त स्मृतियाँ मन का भाने वाली प्रतीत हो रही हैं।

छाया मत छूना मन में कौन सा अलंकार है?

छाया मत छूना मन, होगा दुख दूना। जीवन में हैं सुरंग सुधियाँ सुहावनी छवियों की चित्र - गंध फैली मनभावनी: (iv) चित्र-गंध में रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है।

पाठ छाया मत छूना के कवि का नाम क्या है?

छाया मत छूना / गिरिजाकुमार माथुर - कविता कोश