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इस उम्र में आपका बच्चा हर चीज खा सकता है। उसे हर वो चीज दें, जो आप लोग खाते हैं। उसकी डाइट में ज्यादा
से ज्यादा पौष्टिक चीजों को शामिल करें जैसे दूध, अंडा, चिकन, मछली, मटर, दाल, बादाम, फल, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि। अपने बच्चे की डाइट में वसा भी शामिल करें। वसा से बच्चों को ऊर्जा मिलती है। इस उम्र में बच्चे को स्नैक्स के तौर पर चाॅकलेट, चिप्स आदि के बजाय ताजे फल आदि दें। यह भी पढ़ें : 1 साल के बच्चे को भूल से भी न खिलाएं ये 5 चीजें, हो सकती है गंभीर समस्या बच्चे को कितना खिलाएंइस उम्र के बच्चों को ठोस आहार लगभग एक कटोरी पूरे दिन में तीन से चार बार दें। हर दो मील के बीच स्नैक्स दें। स्नैक्स दिन में दो बार देना पर्याप्त है। अगर आप उसे अपना दूध नहीं पिला रही हैं, तो उसे इससे ज्यादा
आहार की जरूरत हो सकती है। जब आपका एक साल का बच्चा चलने लग जाए तो उसकी डाइट में बदलाव कर दें। उसे तीन से चार की बजाय चार से पांच बार पूरे दिन में खाना खिलाएं और दो बार स्नैक्स खिलाएं। दूध से बने पदार्थ बच्चों के लिए बहुत ही जरूरी हैं। इन्हें आवश्यक तौर पर दिन में दो बार जरूर दें। बच्चे को क्या न खिलाएंफिलहाल इस उम्र में बच्चे इतने छोटे होते हैं कि उन्हें स्नैक्स देने से बचना चाहिए। इन्हें साॅफ्ट ड्रिंक, जंक फूड, कुकीज, केक, सोडा, कैंडी जैसी चीजें बिल्कुल न दें। ये सभी चीजें बच्चे के लिए नुकसानदायक हैं। इनमें काफी मात्रा में शुगर, नमक, वसा और केमिकल मिले होते हैं। यह बच्चे के पेट के लिए सही नहीं है। इन सबके बजाय पौष्टिक आहार को ही महत्व दें। बच्चो को किस तरह खिलाएंबच्चे को कितना और कब खिलाने के साथ-साथ किस तरह खिलाएं, यह जानना भी जरूरी है। बच्चे की डाइट के लिए एक कटोरी फिक्स कर लें। इससे आपको हर बार समान मात्रा में आहार देने में सुविधा होगी। खाने में अक्सर बच्चे समय लेते हैं। आप उसे जबरन जल्दी खिलाने की कोशिश न करें। खाना खाने में उसे जितना समय लगे, आप उसे दें। शुरुआती दिनों में बच्चे समय लेकर खाना खत्म करते हैं और काफी बिखेरते भी हैं। आप उन्हें सही तरह खाना सिखाएं। खाते समय बच्चे को तरह-तरह से प्रोत्साहित करने की कोशिश करें और खिलाते वक्त उसके सामने बैठें। खिलाते वक्त अपने बच्चे के साथ बातचीत करें और बच्चे के लिए खाना खाने का समय मस्ती भरा होना चाहिए। खाना खाने को बच्चा जितना इंजॉय करेगा, वह उतना ही स्वस्थ रहेगा। यह भी पढ़ें : 1 साल के बच्चे को क्या खिलाना चाहिए? इससे बनेगी अच्छी सेहत जब बच्चा खाना खाने से मना करेज्यादातर मांओं की यही शिकायत होती है कि उनका बच्चा खाना नहीं खाता है। उसे सिर्फ स्नैक्स पसंद हैं, वह भी बाहर का। हालांकि, एक से दो साल के बच्चों को मांएं स्तनपान कराती हैं, इसलिए उनकी डाइट की ज्यादा चिंता नहीं करतीं जबकि ऐसा करना सही नहीं है। इस समय बच्चे को ठोस आहार देना चाहिए। उसके स्वाद को विकसित होने दें। तरह-तरह के आहार खिलाएं। जो उसे पसंद आ रहा है, शुरुआती दिनों में वही दें। अलग-अलग आहार उसकी पसंदीदा आहार के साथ मिलाकर दें। बच्चे के खाने में कई रंगों की चीजों को शामिल करें। रंग हमेशा बच्चों को आकर्षित करते हैं। इससे खाने के प्रति भी उनकी रुचि पैदा हो सकती है। बच्चा जब कोई चीज खाने के लिए मना करे तो बच्चे पर गुस्सा न करें। न ही उस पर खाने के लिए दबाव डालें। पौष्टिक आहार के बदले बच्चे को स्नैक्स न दें। धैर्य बनाए रखें। जब वह टाल दे तो कुछ देर के लिए खाने की थाली उसके सामने से ले हटा दें। थोड़ी देर बाद फिर वही खाना उसे खिलाने की कोशिश करें। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें सामान्य रूप से एक माँ का सबसे पहला काम घर के सभी सदस्यों को ठीक से खाना खिलाना होता है। लेकिन यह काम तब थोड़ा कठिन हो जाता है जब सदस्य नन्हा मुन्ना बच्चा होता है। ऐसे में खाने से जी चुराने वाले बच्चों को खाना कैसे खिलाएँ एक बड़ी समस्या का रूप ले लेता है। माँ यह भी सोच कर परेशान होती है की बच्चे को ठीक से पोषण नहीं मिल रहा है। लेकिन अब
आपकी इस समस्या का हल आपको इस लेख में मिल जाएगा। क्या आप जानतीं हैं की एक छोटे दुधमुंहे बच्चे को 1000 से लेकर 1400 कैलोरी तक की आवश्यकता होती है। यदि आपका शिशु कुछ अधिक चैतन्य है तो यह संख्या बढ़ भी सकती है। इस बात का अर्थ यह नहीं है की आप कैलोरी की संख्या को लेकर चिंतित हो जाएँ। वास्तव में प्रत्येक बच्चा हर पल एक नयी बात दिखाता है। एक दिन अगर वह एक समय पर खाना चाहेगा तो दूसरे दिन वो उस समय सोना चाहेगा। इसलिए आप बच्चे ने एक दिन में कितनी कैलोरी लीं को लेकर चिंतित न हों, बल्कि यह देखें की
उसने जो खाया वह पौष्टिक हो। इस बात पर ध्यान दें की उसकी रोज की आहार की मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए। इसके साथ ही रोज नए स्वाद का परिचाय करवाना भी न भूलें। छोटे बच्चे की मुस्कुराहट और ऊर्जा को बनाए रखने के लिए उसे हर दो घंटे बाद कोई आहार देना चाहिए।(khane se ji churane vale bachon)इसका अर्थ यह है की उसे कुछ न कुछ खाने या पीने के लिए देना चाहिए। आइये देखें की इस नियम का आप किस प्रकार पालन कर सकतीं हैं: सुबह (7.00 a.m.-7.30 a.m.)एक गिलास दूध (इसमें लगभग 200-250 मीली तरल होता है) या कोई भी पौष्टिक तरल जैसे जूस आदि दिया जा सकता है। इसके माध्यम से 42 कैलोरी मिल सकती है। यदि नन्हा बादशाह दूध नहीं पसंद करता है तो एक साबुत फल भी दिया जा सकता है। इसमें सेब, मौसम्बी या कोई भी अपनी पसंद का फल दिया जा सकता है। सुबह का नाश्ताबच्चे को सुबह के नाश्ते में आप अपनी सुविधा के अनुसार निम्न में से कुछ भी दे सकती हैं (आपकी सुविधा के लिए यहाँ हर नाश्ते में कितनी कैलोरी मिलेगी, यह भी बताया गया है);
हल्का नाश्ता (11 a.m.-11.30 a.m.)
दोपहर का खाना (12.30-1.30)दोपहर का खाना देते समय इस बात का ध्यान रखें की बच्चों के खाने में दाल और सब्जी को ज़रूर शामिल करें। इससे उन्हें पूरा पोषण और विटामिन मिलता है जो उनके सम्पूर्ण विकास के लिए बहुत जरूरी होता है।
शाम का नाश्ता (4 बजे )
रात का खाना (8 बजे)किसी भी वयस्क की भांति, छोटे बच्चों के लिए भी रात का खाना दिन भर के खाने की तुलना में हल्का होना चाहिए। इस खाने में अधिक तेल या घी की मात्रा नहीं होनी चाहिए। इसमें आप इनमें से कुछ भी दे सकतीं हैं:
यदि आपके नन्हें शहंशाह यह सब खा कर ऊब गए हैं तो उनका स्वाद बदलने के लिए आप हफ्ते में एक बार एक गिलास दूध भी दे सकतीं हैं। लेकिन ध्यान रहे, इसे आदत न बनने दें। पानी“जल ही जीवन है और जल से ही जीवन है ” इस बात को भी आप न भूलें !!!! जब बच्चा 1-3 वर्ष की आयु का होता है तो उसे दिन में 1.3 लीटर पानी की ज़रूरत होती है। इस आयु में इतनी मात्रा पानी की बच्चे के शरीर में पानी की कमी नहीं होने देती है। बाहर का खानाआजकल लगभग हर परिवार अपने रोज की दिनचर्या में बदाव लाने के लिए हफ्ते में एक या दो बार रेस्टरोंट में खाना खाने के लिए जाना पसंद करते हैं। ऐसे में आपके साथ अगर आपके साथ छोटा बच्चा हो तो आप निम्न उपायों का सहारा ले सकते हैं:
उम्मीद है की यह लेख आपके लिए सहायक रहा होगा और आप इसकी मदद से अपने नन्हें-मुन्ने बच्चे की खाने की आदतों को समझने में आपको मदद मिलेगी। बच्चों को कितना खाना खाना चाहिए, क्या आप इसके बारे में अधिक जानना चाहतीं हैं ? यदि आप अपने बच्चे की आयु के आधार पर उसके खाने के लिए मासिक चार्ट को अपनी मेल में प्राप्त करना चाहतीं हैं तो यहाँ क्लिक करें डेढ़ साल का बच्चा खाना ना खाए तो क्या करें?जब बच्चा कुछ न खाए तो क्या करे (agar bacha khana na khaye to kya kare). Step 1: बच्चों के आहार में फल और सब्जियौं को समल्लित करें. Step 2: शिशु आहार तयार करते समय उसमे देशी घी या मक्खन का इस्तेमाल करें. Step 3: बच्चों को ड्राइफ्रूट्स दें। ड्राइफ्रूट्स में बहुत ही घनिष्ट मात्र में पोषक तत्त्व होते हैं।. कमजोर बच्चे को हेल्दी कैसे बनाएं?नई दिल्ली: अगर आपका बच्चा भी कमजोर है तो उसकी डाइट पर ध्यान देने की जिम्मेदारी आपकी है, क्योंकि बच्चे आमतौर पर खाने-पाने के मामले में काफी लापरवाह होते हैं. ... . बच्चों को खिलाएं ये चीजें. दाल का सेवन ... . घी या मक्खन का सेवन ... . मलाई वाला दूध फायदेमंद ... . बनाना शेक भी लाभकारी ... . अण्डा और आलू का सेवन ... . हरी सब्जियों का सेवन. दुबले पतले बच्चों को क्या खिलाएं?पेरेंट्स सबसे पहले बच्चे को वहीं खाने के लिए देना चाहिए, जो उसे पसंद हो, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि उसे बाहर का फूड देना शुरू कर दिया जाए. खाने के तरीकों की बात करें इसके लिए भी ट्रिक है. अगर बच्चा केले को मैश करके खाना पसंद करता है, तो उसे इस तरह की केला खिलाएं.
18 महीने के बच्चे को क्या खिलाना चाहिए?शुक्रवार को सुबह नाश्ते में एक अंडा या हरी चटनी के साथ पनीर का परांठा खिलाएं। थोड़ी देर बाद पपीते पर शहद डालकर खिलाएं। लंच में बच्चे को रोटी, दाल, सब्जी, खीरा और चावल खिलाएं। शाम के समय सेवइयों की खीर खिलाएं और रात को डिनर में पनीर का कटलेट या ग्रिल्ड फिश के साथ राजमा का सूप पिलाएं।
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