एक किडनी होने पर क्या होता है? - ek kidanee hone par kya hota hai?

Updated: | Thu, 19 Mar 2015 11:10 AM (IST)

किडनी की सेहत बनाए रखने के लिए हरेक को सही खानपान, एक्सरसाइज, सही वजन, पर्याप्त पानी पीने और नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप करवाने की सलाह दी जाती है। लेकिन जो लोग एक किडनी के साथ जिंदगी जी रहे हैं उनके लिए यह और भी जरूरी हो जाता है कि इसकी विशेष देखभाल करें।

इन बातों का रखें ध्यान

ब्लड प्रेशर- एक किडनी के साथ जीवन बिता रहे लोगों को हाई ब्लड प्रेशर का खतरा अधिक रहता है। उन्हें अपना ब्लड प्रेशर नियमित रूप से चेक करवाते रहना चाहिए और उनसे सलाह लेना चाहिए कि किस प्रकार आप ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रख सकते हैं। ब्लड प्रेशर की दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं कि आपके पास सिर्फ एक ही किडनी है क्योंकि कई दवाएं किडनी की सेहत के लिए अधिक बेहतर होती है।

जीएफआर की क्षमता- ग्लोमेरूलर फिल्टरेशन रेट द्वारा इस बात का पता लगाया जा सकता है कि यह किस प्रकार किडनी रक्तधाराओं से सही तरीके से अपशिष्‍ट निकालने का काम कर रही है।

एक किडनी होने की स्थिति में यह देखना और भी जरूरी होता है कि वह सही तरीके से काम कर रही है या नहीं। डॉक्टर जीएफआर को व्यक्ति की उम्र, नस्ल, जेंडर और खून में मौजूद वेस्ट के आधार पर कैलकुलेट करते हैं एक बार इसे कैलकुलेट करने के बाद यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति को किडनी से जुड़ी बीमारी है या नहीं और वह चरण तक पहुंच चुकी है।

इससे सही समय पर समस्या का पता चल जाता है और किस प्रकार क्या सावधानियां बरतनी चाहिए इसकी जानकारी भी हो जाती है।

प्रोटीन की मात्रा - प्रोटेन्यूरिया ऐसी स्थिति होती है जिसमें काफी अधिक मात्रा में प्रोटीन रक्त से निकलकर यूरीन में पहुंच जाता है। जो लोग एक किडनी के साथ जिंदगी जी रहे हैं उन्हें प्रोटेन्यूरिया होने का खतरा अधिक रहता है।

यदि रक्त से बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन निकल जाए तो उससे फ्ल्यूड और सोडियम जमा होने लगता है, जिससे टखनों या पेट में सूजन होने लगती है। प्रोटेन्यूरिया से बचाव के लिए अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए कि कब उन्हें अपनी डाइट से प्रोटीन कम करने की जरूरत है।

जब ले रहे हों खेल में हिस्सा

शोध में यह बात सामने आई है कि सिंगल किडनी को 40 प्रतिशत अधिक काम करना पड़ता है जब वह एक जोड़े के रूप में होती है। एकमात्र किडनी को सुरक्षित रखना काफी अहम हो जाता है।

किसी भी खेल या एडवेंचर्स एक्टिविटी में हिस्सा लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें ताकि अकेली किडनी को किसी प्रकार की क्षति ना पहुंचे। विशेषज्ञ किडनी को सुरक्षित रखने के लिए किसी इक्यूपमेंट को पहनने की सलाह देंगे या फिर कौन-से खेल खेलने चाहिए और किनसे बचना चाहिए, ये बताएंगे।

किडनी फेल्यिर के क्या होते हैं लक्षण

  • टखनों या चेहरे पर सूजन
  • यूरीनेशन की आदतें या रंग में बदलाव होना
  • मितली या उल्टी
  • खाने का स्वाद बदल जाना
  • उंगलियों या अंगूठे में सुन्‍नपन महसूस होना
  • थकान होना

यदि इस प्रकार के लक्षण नजर आ रहे हों तो अपने डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

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सेनिटोरियम अस्पताल के डॉक्टर भी रिपोर्ट देखकर हैरान

बचपन से एक ही किडनी के सहारे जी रहा रोशन लाल

जागरण संवाद केंद्र, शिमला : जिंदगी के 46 वर्ष बीत जाने के बाद जाना कि बचपन से एक किडनी के सहारे जी रहा हूं। जन्म से एक किडनी के सहारे जी रहे रोशन लाल के होश फाख्ता हो गए जब उनकी जिंदगी में पहला अल्ट्रासाउंड हुआ और जाना कि बचपन से उसमें एक ही किडनी है। दूसरी किडनी का जो अंश है वह निष्क्रिय है। इस प्रकार का मामला शिमला के सेनिटोरियम अस्पताल में सामने आया है।

टेस्ट रिपोर्ट आने पर डॉक्टरों को जब पता चला कि उक्त व्यक्ति की बचपन से ही किडनी नही हैं तो वह हैरान रह गए। उन्हें पहले शक हुआ कि किसी ऑपरेशन के बहाने उसकी किडनी निकाल ली गई होगी। उन्होंने रोशन लाल से जिंदगी में कोई ऑपरेशन करवाने के बारे में पूछा तो उसने मना कर दिया। तब जाकर डॉक्टरों को विश्वास हुआ कि रोशन लाल की एक ही किडनी है। इस तरह के मामले प्रदेश में बहुत कम प्रकाश में आते हैं।

शिमला के भट्टाकुफर के रहने वाले 46 वर्षीय रोशन लाल 24 वर्ष से पंजाब नेशनल बैंक में सेवाए दे रहे हैं। दो दिन पहले उन्हें पेशाब की दिक्कत हुई तो वह सेनेटोरियम अस्पताल में चेकअप करवाने पहुंचे। डॉक्टरों ने उसे अल्ट्रासाउंड करवाने को कहा। रिपोर्ट आने पर रोशन लाल की एक ही किडनी निकली, जो 95 प्रतिशत काम कर रही है तथा दूसरी का जो अंश है वह निष्क्रिय है।

प्रदेश में इस प्रकार के बहुत कम मामले सामने आते हैं। अकसर यही होता है कि किसी बीमारी की वजह से इंसान की किडनी काम करना बंद कर देती है मगर बचपन से ही किडनी न होना यह अनूठा मामला है। इंसान एक किडनी के सहारे साधारण जिंदगी बिता सकता है। उसे स्वास्थ्य का अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता रहती है। इस केस में भी समय-समय पर डॉक्टर की जांच होनी चाहिए तथा अपनी मर्जी से कोई भी पेन किलर या किसी प्रकार का ड्रग लेने से पहले डॉक्टर की राय लेना जरूरी है ताकि किडनी किसी प्रकार से प्रभावित न हो।

डॉ. पीएल गौंटा, सर्जरी विशेषज्ञ, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला।

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एक किडनी में कितने दिन जिंदा रह सकता है?

वैसे आपको बता दें कि ज्यादातर लोग जो एक किडनी पर जीवित हैं वह भी एक स्वस्थ जिंदगी जी रहे हैं। हालांकि, एक किडनी होने पर ऊपर बताए गई तीन समस्याओं में से कोई भी हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके पास दूसरी किडनी का बैकअप नहीं है और केवल एक ही को शरीर का पूरा कार्य करना है।

एक किडनी वाले को क्या करना चाहिए?

जैसे-जैसे गुर्दे अपने काम करने में गड़बड़ी करने लगते हैं, शरीर में नमक जमा होने लगता है, जिससे आपकी पिंडली और टखनों में सूजन आने लगती है। संक्षेप में, अगर किसी भी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण दिखें तो उसे नेफ्रोलॉजिस्ट से मिलकर अपने गुर्दे की कार्यप्रणाली का तत्काल मूल्यांकन करवाना चाहिए

क्या आदमी एक किडनी पर जिंदा रह सकता है?

किडनी शरीर से टॉक्सिन और अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकालने का काम करती है. यह शरीर से एसिड बाहर कर पानी, नमक और मिनरल्स को बैलेंस करती है. नर्व्स, मसल और टिशू के हेल्दी बैलेंस के बिना इंसान का शरीर सही ढंग से फंक्शन नहीं कर पाता है.

क्या किडनी ठीक हो सकती है?

सवाल: क्या खराब हो चुकी किडनी ठीक हो सकती है? जवाब: किडनी दो तरीके से खराब हो सकती है। एक्यूट यानी अचानक किडनी का फेल हो जाना या क्रोनिक यानी किडनी का धीरे-धीरे खराब होना। एक्यूट किडनी फेलियर है तो किडनी का वापस सामान्य हो जाना संभव है, लेकिन क्रॉनिक किडनी डिसीज (CKD) में किडनी दोबारा ठीक नहीं हो सकती है।