एक शिक्षक के रूप में आप एक बहुभाषिक कक्षा का कैसे संचालन करेंगे? - ek shikshak ke roop mein aap ek bahubhaashik kaksha ka kaise sanchaalan karenge?

बहुभाषिक कक्षा में बच्चों की भाषाओं को स्थान देने के लिए आवश्यक है कि

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CTET July 2019 Paper 2 Social Studies (L - I/II: Hindi/English/Sanskrit)

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  1. शिक्षक बच्चों को उनकी भाषाओं में ही व्यवहार करने के लिए कहे।
  2. शिक्षक बच्चों के मातृभाषा-प्रयोग को स्वीकार करे।
  3. शिक्षक बच्चों की मातृभाषाओं में गीत-कविता सुने।
  4. शिक्षक बच्चों की भाषाओं का ही प्रयोग करे।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : शिक्षक बच्चों के मातृभाषा-प्रयोग को स्वीकार करे।

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CT 1: CDP (Growth & Development)

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बहुभाषिक कक्षा का अर्थ उस कक्षा से है, जहाँ अलग अलग भाषाओं वाले बच्चे एक साथ सामान शिक्षा ग्रहण करते हैं। बहुभाषिक कक्षा में शिक्षण प्रक्रिया के दौरान शिक्षक को सदैव विद्यार्थियों को अपनी मातृभासा में बोलने के अवसर प्रदान करना चाहिए।

बहुभाषिक कक्षा की विशेषताएं: 

  • बहुभाषिक कक्षा में बच्चों को उनकी गृहभाषा में कहने सुनने की स्वतन्त्रता होती है।
  • बहुभाषिक कक्षा में बच्चों की मातृभाषा को कक्षा में स्थान दिया जाता है तथा शिक्षक बच्चों के मातृभाषा-प्रयोग को स्वीकार करता है।
  • बहुभाषिक कक्षा में मातृभाषा के प्रयोग कारण बच्चों के संज्ञानात्मक तथा शैक्षिक विकास को गति प्राप्त होती है।
  • बच्चों को कक्षा के वातावरण से जोड़ कर उनमें भाषाई कौशल को विस्तार देती है।
  • बच्चों को हरेक संवादात्मक परिस्थितियों का सामना करने की योग्यता प्रदान करती है।
  • कक्षा-कक्ष में बच्चों की मातृभाषा का प्रयोग, बच्चों के संज्ञानात्मक विकास को गति प्रदान करता है तथा पढ़ाए जा रहे पाठ को स्वयं से जोड़कर समझने में मदद करता है।

अतः उपर्युक्य पंक्तियों से स्पष्ठ है कि बहुभाषिक कक्षा में बच्चों की भाषाओं को स्थान देने के लिए आवश्यक है कि शिक्षक बच्चों के मातृभाषा-प्रयोग को स्वीकार करे।

Last updated on Sep 22, 2022

MP TET Revised Result (2020) declared on 3rd October 2022. Earlier, the Professional Examination Board of Madhya Pradesh had declared the MP TET Result 2020 for Primary School Teacher Eligibility Test on 8th August 2022. The MP TET exam was conducted from 5th March to 26th March 2022. Candidates can check out their results from their applicant number/roll number and date of birth. Only candidates with a Diploma/B.Ed degree appeared for the examination. The candidates who will be qualified for the MP TET can earn a salary ranging from INR 2.7 lakhs to INR 3.5 lakhs per annum as a Primary School Teacher

विषयसूची

  • 1 बहुभाषी कक्षा से आप क्या समझते हैं?
  • 2 भारत को बहुभाषी देश क्यों कहा जाता है?
  • 3 5 बहुभाषावाद द्वारा प्रस्तुत अवसर और चुनौतियां क्या हैं?
  • 4 बौद्धिक विकास में बहुभाषिकता कैसे सहायक है?
  • 5 कक्षा प्रवचन से आप क्या समझते हैं?
  • 6 विद्यालय भाषा से आप क्या समझते हैं?
  • 7 बहुभाषिक का शिक्षण में क्या उपयोग है?
  • 8 भाषा शिक्षण में सुंदर समग्री क्या होती है इसके स्तोत्र लिखिए?

बहुभाषी कक्षा से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार, विद्यार्थी जानकारी को एक भाषा में सुन सकते हैं और उसके भावार्थ को दूसरी भाषा में मौखिक रूप से समझा सकते हैं या उसके लिखित नोट बना सकते हैं। इसी प्रकार वे एक भाषा में कोई पाठ्य पढ़ सकते हैं और दूसरी भाषा में उसके बारे में बात कर सकते हैं या लिखित रूप में उसका सारांश कर सकते हैं।

भारत को बहुभाषी देश क्यों कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंभारत जैसे बहुभाषी देश में जहाँ 26 आधिकारिक भाषाएं हैं एवं कई क्षेत्रिय भाषाएं हैं, वहां केवल एक भाषाओं को महत्त्व देना अन्य भाषाओं का अपमान है। ऐसा करके हम अन्य भाषा बोलने वालों को कम आंकते हैं और केवल एक भाषा को ही प्रोत्साहित करते हैं। यह भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।

इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार बहुभाषिक कक्षा में बच्चों की भाषाएँ संसाधन के रूप में कार्य कर विभिन्न भाषाओं के बच्चे भाषा के नए अवसर तथा अभिव्यक्ति के भिन्न-भिन्न माध्यम लेकर कक्षा में आते हैं। अतः हम कह सकते हैं बहुभाषिकता कक्षा में बच्चों की भाषाएं संसाधन के रूप में कार्य करती है। सामाजिक रूप से अधिगम प्रक्रिया को व्यवस्थित करती है।

बहुभाषावाद कैसे माध्यमिक स्तर पर शिक्षण में यह उपयोगी है क्या है?

इसे सुनेंरोकेंएक से अधिक भाषा ज्ञान के संज्ञानात्मक और व्यावहारिक लाभ के कई शोध और प्रमाण हैं। इस प्रकार का ज्ञान अध्यापन और शिक्षण का अद्भुत साधन है। चाहे किसी भी विषय में विशेषज्ञता हो, प्रत्येक शिक्षक को अपने सभी विद्यार्थियों के भाषा ज्ञान और कौशल की प्रशंसा, प्रचार और उसे निखारने के अवसरों की तलाश करनी चाहिए।

5 बहुभाषावाद द्वारा प्रस्तुत अवसर और चुनौतियां क्या हैं?

इसे सुनेंरोकेंएक ही धर्म से संबध रखने के बावजूद बांग्लादेश और पाकिस्तान भाषा के नाम पर बंट गए। इसके विपरीत भारत में अनेक धर्म और भाषाएं होने के बावजूद हम संयुक्त हैं। वर्तमान में देखें तो युवा वर्ग कई भाषाओं के बीच पल रहे हैं। इसलिए उनके लिए बहु भाषावाद चुनौती बन गया है।

बौद्धिक विकास में बहुभाषिकता कैसे सहायक है?

इसे सुनेंरोकेंपहले ऐसा माना जाता था कि बहुभाषिता व बौद्धिक स्तर में एक उलटा रिश्ता है – जैसे-जैसे बहुभाषिता बढ़ती है, बौद्धिक स्तर घटता है। इसी तरह की मान्यताएँ व शोध-कार्यक्रम जरूरी भी थे एकभाषी उपनिवेशवादियों के लिए, जो बहुभाषी देशों पर राज करना चाहते थे।

भाषा की अच्छी कक्षा में क्या क्या होना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंभाषा की कक्षा में मौखिक और लिखित दोनों रूपों को विकसित होने का पर्याप्त अवसर मिलना चाहिए। इसके लिए कहा जाता है कि शिक्षक कोई बात कहते समय पूरे वाक्य का प्रयोग करें। सही तरीके से अपनी बात रखें ताकि बच्चों को अपनी समझ बनाने में मदद मिले। इसके अलावा बच्चों को लिखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

कक्षा प्रवचन से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकिसी कक्षा में छात्र वार्तालाप के विभिन्न तरीके होते हैं जिनमें दोहराने से लेकर उच्च स्तर की तार्किक क्षमता विकसित करने हेतु चर्चा तक शामिल हैं। पूर्व में शिक्षक द्वारा बातचीत का दबदबा होता था और वह छात्रों की बातचीत या छात्रों के ज्ञान के मुकाबले अधिक मूल्यवान समझी जाती थी।

विद्यालय भाषा से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंबच्चे का मनोवैज्ञानिक व सामाजिक विकास मुख्यत: उस भाषा पर निर्भर करता है जिसका बच्चे को घर में, आस-पड़ोस मेें और पहली बार स्कूल जाने पर अनुभव होता है। यही उस बच्चे की मातृभाषा या पहली भाषा होती है। भारत में दूसरी भाषा सम्पर्क भाषा होती है जो या तो हिन्दी होती है या अँग्रेज़ी।

बहुभाषावाद छात्रों और शिक्षकों को कैसे प्रभावित करता है?

1 बहुभाषी कक्षा का प्रारंभ

  • विद्यार्थी उस भाषा में सर्वश्रेष्ठ ढंग से सीखते हैं जिसे वे सबसे अच्छी तरह जानते हैं।
  • शिक्षक उस भाषा में सबसे प्रभावी ढंग से पढ़ाते हैं जिसमें उनकी सबसे अच्छी पकड़ होती है।
  • प्रथम भाषा में जितना अधिक अध्यापन और शिक्षण होता है, शैक्षणिक परिणाम भी उतने ही बेहतर होते हैं।

बहुभाषिक का शिक्षण में क्या उपयोग है?

इसे सुनेंरोकेंपहली-दूसरी कक्षा में अच्छी पढ़ाई हो इसके साथ-साथ स्कूल के बच्चों को पढ़ना सिखाने में मदद करने की बात भी हुई जो पढ़ाई के मामले में पीछे हैं। या जिनको किताब पढ़ने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। ताकि बच्चों में एक-दूसरे से सीखने की भावना (पियर लर्निंग) का विकास हो सके।

भाषा शिक्षण में सुंदर समग्री क्या होती है इसके स्तोत्र लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंशिक्षण सामग्री या शिक्षण अधिगम सहायक सामग्री से तात्पर्य है, कि पाठ को ठीक से समझाने के लिए शिक्षक जिन जिन सामग्री का प्रयोग करता है। ठीक उसी प्रकार भाषा शिक्षक सामग्री वह होती हैं, जिसमें भाषा को ठीक से समझाने के लिए शिक्षक दिन सामग्री का प्रयोग करता है उन्हें शिक्षक सामग्री कहते हैं।

भाषा समृद्ध कैसे होती है?

इसे सुनेंरोकेंSolution. कुछ शब्द बड़े बिंदास होते हैं, वे किसी भी भाषा में जाकर अपने लिए जगह बना ही लेते हैं। शब्दों के इस प्रकार बाहर जाने और अन्य अनेक भाषाओं के शब्दों के आने से भाषा समृद्ध होती है।

बहुभाषी कक्षा का संचालन कैसे करें?

गतिविधि 4: अपनी कक्षा में बहुभाषी अभ्यास को संयोजित करना (पर बल देना).
अभिवादन दिन की शुरूआत अपने विद्यार्थियों द्वारा विद्यालयी भाषा में अभिवादन करके और फिर उनमें से प्रत्येक अपनी घरेलू भाषा में पूरी कक्षा को एक-एक करके जवाब दे, ऐसी दिनचर्या विकसित करें। ... .
लेबल ... .
बहुभाषी शब्द दीवार ... .
बहुभाषी पठन सामग्री ... .
बहुभाषी शब्दकोश.

बहुभाषिकता का शिक्षण में क्या उपयोग है?

इन सब बातों के बावजूद, संवैधानिक बहुभाषिता भारत के बहुभाषी होने का केवल एक आयाम है जो उसकी बहुभाषिता की रक्षा तो करता है पर उसे परिभाषित नहीं करता, उसके मर्म को नहीं समझता । यह संविधान का काम भी नहीं है शायद ।

बहुभाषी कक्षा से क्या तात्पर्य है?

बहुभाषी कक्षा से तात्पर्य एक ऐसी कक्षा से है जिसमें दो से अधिक प्रकार की बोली जाने वाली भाषा के छात्रों की उपलबध्ता हो और साथ में उन्हें अपनी-अपनी भाषा में बोलनें के अवसरों की भी उपलब्धता हो अथवा ऐसी कक्षा जिसमें दो से अधिक मातृभाषा बोलने वाले छात्रों की उपलब्धता के साथ उन्हे अपनी-अपनी भाषा में बोलने के अवसरों की भी ...

बहुभाषी कक्षा की बुनियादी समस्याएं क्या हैं?

भाषा के कालांश में बहुभाषिकता को एक समस्या के रूप में देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि कक्षा में अलग-अलग भाषाओं के इस्तेमाल से बच्चों को उलझन होती है। जबकि स्थिति इसके ठीक विपरीत होती हैकक्षा में बहुभाषी माहौल के कारण हर बच्चा अपनी बात रखने में सहज महसूस करता है