एक देश की धरती द्वारा भेजी गई सुगंध दूसरे देश की धरती पर कैसे पहुंचती है? - ek desh kee dharatee dvaara bhejee gaee sugandh doosare desh kee dharatee par kaise pahunchatee hai?

“एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” - कथन का भाव स्पष्ट कीजिए। 


कवि का कथन है कि पक्षी तथा बादल भगवान के डाकिए हैं। जो विश्व-बंधुत्व, एकता व आपसी सहयोग की चिट्ठियाँ बाँटते है। उनके द्वारा ईश्वर से लाई चिट्ठियों को पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ ही पढ पाते है। एक देश में खिलने वाले फूलों की सुगंध दूसरे देश में हवा व पक्षियों के पंखों द्वारा पहुँच जाती है। इसी प्रकार एक देश का भाप बना जल बादलों द्वारा दूसरे देश में बरसता है। भाव यह है कि बादल व पक्षियों द्वारा विश्व-बंधुत्व का ईश्वरीय संदेश संपूर्ण विश्व को प्रेरित करता है।

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निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हम तो केवल यह आँकते हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।
एक देश का सौरभ दूसरे देश में कैसे पहुँचता हैं।

  • पक्षियों के पंखों से व हवा के झोंकों में तैरकर
  • वर्षा के साथ बहकर
  • लोगों के द्वारा
  • लोगों के द्वारा


A.

पक्षियों के पंखों से व हवा के झोंकों में तैरकर

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निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हम तो केवल यह आँकते हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।
प्रकृति की क्या विशेषता है?

  • किसी बंधन में नहीं बंधती
  • किसी के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करती।
  • विश्वबंधुत्व का संदेश देती है।
  • विश्वबंधुत्व का संदेश देती है।


C.

विश्वबंधुत्व का संदेश देती है।

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भगवान के डाकिए कौन हैं?


भगवान के डाकिए पक्षी व बादल हैं।

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‘भगवान के डाकिए’ कविता से क्या संदेश मिलता है? 


‘भगवान के डाकिए’ कविता से यह संदेश मिलता है कि हमें संसार में मिलजुलकर रहना चाहिए। अपने जीवन काल में हमें ऐसे कार्य करने चाहिए जिनकी सुगंध पूरे विश्व में फैल जाए।

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‘भगवान के डाकिए’ कविता का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।


‘भगवान के डाकिए’ कविता विश्व-बंधुत्व अर्थात् सभी देशों के लोगों को परस्पर मिलजुलकर रहना चाहिए इस बात की ओर संकेत करती है। जिस प्रकार प्रकृति अपने खजानों को लुटाने में किसी से भेदभाव नहीं करती ऐसे ही मनुष्य को भी किसी प्रकार का वर्ग या जातीय भेदभाव नहीं करना चाहिए। यही इस कविता का मूलभाव है।

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एक देश का सौरभ दूसरे देश में कैसे पहुंचता है?

एक देश में खिलने वाले फूलों की सुगंध दूसरे देश में हवा व पक्षियों के पंखों द्वारा पहुँच जाती है। इसी प्रकार एक देश का भाप बना जल बादलों द्वारा दूसरे देश में बरसता है। भाव यह है कि बादल व पक्षियों द्वारा विश्व-बंधुत्व का ईश्वरीय संदेश संपूर्ण विश्व को प्रेरित करता है।

एक देश की धरती द्वारा भेजा गया सुगंध दूसरे देश की धरती तक कैसे पहुँचता है?

Answer: सौरभ यानी सुगंध हवा में तैरते हुए पक्षियों के पंखों पर तैरता हुआ दूसरे देशों तक जा पहुँचता है। पृथ्वी द्वारा किए गए कार्य का प्रचार प्रसार कैसे होता है? Answer: पृथ्वी द्वारा भेजी गई सुगंध हवा में फैलती है तथा पक्षियों के पंखों पर सवार होकर अन्य स्थानों तक फैल जाती है।

एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है इस पंक्ति के माध्यम से कवि किसका संदेश दे रहे हैं?

कवयित्री व्यक्ति को इन आकर्षण से स्वयं को मुक्त करने के लिए प्रेरित करती है।

एक देश की धरती दूसरे देश की धरती को क्या भेजती है?

एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है' पंक्ति के माध्यम से कवि ने कहा है कि एक धरती दूसरी धरती को प्यार और सौहार्द भेजती है। यहां सुगंध, प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है। सद्भाव और प्रेम रूपी सुगंध एक देश से दूसरे देश में जाकर प्यार और उत्साह का वातावरण बनाती है!