एकांकी का अर्थएकांकी एक अंग का दृश्य काव्य है जिसमें एक ही कथा और कुछ ही पात्र होते है। उसमे एक विशेष उद्देश्य की अभिव्यक्ति करते हुए केवल एक ही प्रभाव की पुष्टि सृष्टि की जाती है। कम से कम समय मे अधिक से अधिक प्रभाव एकांकी का लक्ष्य होता हैं। आज हम एकांकी किसे कहते हैं? एकांकी के तत्व और एकांकी के प्रकारों के बारें मे विस्तार से चर्चा करेंगे। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप इस लेख को पूरा पढ़े बीच से छोड़कर ना भागें क्योंकि आप जितना ज्यादा पढ़गें आपको उतना ही ज्यादा और अच्छे से समझ आएगा। Show एकांकी किसे कहते है? (ekanki kise kahate hain)एक अंग वाले नाटक को एकांकी कहते हैं। आकार मे छोटा होने के कारण इसमे जीवन का खण्ड चित्र प्रस्तुत होता है। नाटक के समान इसके भी छः तत्व होते हैं। एकांकी के तत्व1. कथावस्तु एकांकी के प्रकार1. सामाजिक एकांकी एकांकी के कितने तत्त्व है?ऐसे नाटकों में स्थान या दृश्य, काल और घटनाक्रम में अनवरत परिवर्तन स्वाभाविक था। लेकिन एकांकी में यह संभव नहीं। एकांकी किसी एक नाटकीय घटना या मानसिक स्थिति पर आधारित होता है और प्रभाव की एकाग्रता उसका मुख्य लक्ष्य है। इसलिए एकांकी में स्थान, समय और घटना का संकलनत्रय अनिवार्य सा माना गया है।
एकांकी कितने प्रकार के होते हैं?एकांकी के प्रकार. १.सामाजिक एकांकी. २. ऐतिहासिक एकांकी. ३. मनोवैज्ञानिक एकांकी. ४. राजनैतिक एकांकी. ५. चारित्रिक एकांकी. ६. पौराणिक एकांकी. ७. सांस्कृतिक एकांकी. ८. आंचलिक एकांकी. एकांकी और नाटक के तत्व क्या है?नाटक के समान एकांकी में भी छः तत्व होते हैं-
ऐसा भी नहीं कि नाटक को छोटा करके एकांकी बना लिया जाए। एकांकी सर्वथा स्वतंत्र विधा है। नाटक में घटनाओं की बहुलता रहती है, जबकि एकांकी पात्र, घटना, संवाद आदि की दृष्टियों से सीमित होता है। नाटक में अनेक अंक होते हैं, किंतु एकांकी में एक ही अंक होता है ।
एकांकी की विशेषता क्या है?उदाहरणार्थ, एकांकी संविधान की वैज्ञानिकता, संवेदन की सूक्ष्मता, कथा तत्व में नाटकीय सन्धियाँ, घटनाओं के नाटक के संघर्ष में बदल जाना, मनोवैज्ञानिक विश्लेषण और आरोह-अवरोह के साथ उनका चरित्र-चित्रण, संवाद में वाद-तैदग्ध्य और स्वाभाविक परिमार्जन और सम्पूर्ण रचना-विधान में कसाव।
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