Show मानव के वक्ष गुहा में हिया को घेरे हुए दोनों फेफड़े.[1] वायु में सांस लेने वाले प्राणियों का मुख्य सांस लेने के अंग फेफड़ा या फुप्फुस (जैसा कि इसे वैज्ञानिक या चिकित्सीय भाषा मे कहा जाता है) होता है। यह प्राणियों में एक जोडे़ के रूप मे उपस्थित होता है। फेफड़े की दीवार असंख्य गुहिकाओं की उपस्थिति के कारण स्पंजी होती है। यह वक्ष गुहा में स्थित होता है। इसमें रक्त का शुद्धीकरण होता है। प्रत्येक फेफड़ा में एक फुफ्फुसीय धमनीहृदय से अशुद्ध रक्त लाती है। फेफड़े में रक्त का शुद्धीकरण होता है। रक्त में ऑक्सीजन का मिश्रण होता है। फेफडो़ं का मुख्य काम वातावरण से प्राणवायु लेकर उसे रक्त परिसंचरण मे प्रवाहित (मिलाना) करना और रक्त से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर उसे वातावरण में छोड़ना है। गैसों का यह विनिमय असंख्य छोटे छोटे पतली-दीवारों वाली वायु पुटिकाओं जिन्हें अल्वियोली कहा जाता है, मे होता है। यह शुद्ध रक्त फुफ्फुसीय शिरा द्वारा हृदय में पहुँचता है, जहां से यह फिर से शरीर के विभिन्न अंगों मे पम्प किया जाता है। सन्दर्भ[संपादित करें]
फेफड़ों का मुख्य कार्य क्या है?फेफड़े में रक्त का शुद्धीकरण होता है। रक्त में ऑक्सीजन का मिश्रण होता है। फेफडो़ं का मुख्य काम वातावरण से प्राणवायु लेकर उसे रक्त परिसंचरण मे प्रवाहित (मिलाना) करना और रक्त से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर उसे वातावरण में छोड़ना है।
फेफड़े खराब होने से क्या होता है?फेफड़ों में कमी होने पर व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ या फिर सांस फूलने की समस्या होने लगती है. हालांकि इन दिनों कोरोना महामारी और बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों के फेफड़े खराब हो रहे हैं. खराब डाइट, शराब और धुम्रपान की वजह से आपके फेफड़े कमजोर हो सकते हैं.
मनुष्य के शरीर में फेफड़े कितने होते हैं?Solution : मनुष्य में बायाँ फेफड़ा दो खण्डों (lobes) में तथा दाहिना फेफड़ा तीन खण्डों में विभक्त रहता है।
क्या एक फेफड़े से इंसान जिंदा रह सकता है?अस्पताल में दाखिल मरीज और होम ऑक्सीजन पर डिस्चार्ज किए गए मरीज भी डॉक्टर की सलाह से इस अभ्यास को कर सकते हैं। इससे उनकी ऑक्सीजन आवश्यकता कम करने में मदद मिल सकती है। स्वस्थ व्यक्ति भी सांस रोक कर रखने का अभ्यास कर सकते हैं। यह अभ्यास उन्हें अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करेगा।
|