वायु प्रदूषण से क्या आशय है वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों का उल्लेख कीजिए? - vaayu pradooshan se kya aashay hai vaayu pradooshan ke haanikaarak prabhaavon ka ullekh keejie?

Solution : वायु में ऑक्सीजन , नाइट्रोजन तथा कार्बन डाइ ऑक्साइड तथा अन्य गैंसे एक निश्चित अनुपात में होती है। इनके अनुपात में असंतुलन की स्थिति को वायु प्रदूषण कहते है। वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव इस प्रकार है - <br> (1)वायु प्रदूषण जीवो के श्वसन तंत्र को प्रभावित करके ब्रोंकाइटिस ,दमा ,फेफड़ो का कैंसर तथा न्यूमोनिया जैसे रोग उत्पन्न करता है। <br> (2)वायु प्रदूषण से ओजोन परत का अवक्षय होता है जिससे सूर्य के प्रकाश की पराबैंगनी विकिरणें पृथ्वी पर पहुंचकर आँखों तथा प्रतिरक्षी तंत्र को नुकसान पहुंचाती है एवं त्वचा कैंसर हो जाता है <br> (3)कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी विषैली गैस शरीर में पहुंचकर रुधिर में ऑक्सीजन वाहक क्षमता को घटा देती है। <br> (4) वायु प्रदूषण अम्ल वर्षा तथा विश्व उष्णन के लिए भी उत्तरदायी है।

वायु प्रदूषण से क्या आशय वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव का उल्लेख कीजिए?

वायु प्रदूषण.
वायु प्रदूषण रसायनों, सूक्ष्म पदार्थ, या जैविक पदार्थ के वातावरण में, मानव की भूमिका है, जो मानव को या अन्य जीव जंतुओं को या पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है।.
वायु प्रदूषण के कारण मौतें और श्वास रोग होते हैं। ... .
यह वातावरण एक जटिल, गतिशील प्राकृतिक वायु तंत्र है जो पृथ्वी गृह पर जीवन के लिए आवश्यक है।.

वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव कौन कौन से हैं?

प्रदूषित वायु से श्वास संबंधी रोग जैसे ब्रोंकाइटिस, बिलिनोसिस, गले का दर्द, निमोनिया, फेफड़ों का कैंसर आदि हो जाते हैं । श्वास रोगों के अतिरिक्त वायु में सल्फर-डाई-ऑक्साइड और नाइट्रोजन-डाई- ऑक्साइड की अधिकता से कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह आदि हो जाते हैं

प्रदूषण से क्या आशय है?

प्रदूषण पर्यावरण को और जीव-जन्तुओं को नुकसान पहुँचाते हैं। प्रदूषण का अर्थ है -'वायु, जल, मिट्टी आदि का अवांछित द्रव्यों से दूषित होना', जिसका सजीवों पर प्रत्यक्ष रूप से विपरीत प्रभाव पड़ता है तथा पारिस्थितिक तन्त्र को नुकसान द्वारा अन्य अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ते हैं।

वायु प्रदूषण से क्या क्या हानियां है लिखिए?

यह एक श्वसन संबंधी रोग है, जिसमें रोगी को सांस लेने में तकलीफ होती है, सीने में दबाव महसूस होता है और खांसी भी होती है। ऐसा तब होता है, जब व्यक्ति की श्वसन नलियों में अवरोध पैदा होने लगता है। ये रुकावट एलर्जी (हवा अथवा प्रदूषण) और कफ से आती है।