Answer : Show होली का त्यौहार फागुन मास में आता है। इस समय मादक हवायें चलती है और चारो ओर का वातावरण रंगो से भर जाता है। प्रकृति
का सौंदर्य अत्यंत मनोहारी हो जाता है। शीत ऋतु का पलायन और ग्रीष्म ऋतु का आगमन हो रहा होता है। जिससे लोगो में उत्साह देखने को मिलता है।
गेहूं की फसल पक चुकी होती है उसकी कटाई की तैयारी हो रही होती है। आम के पेड़ों पर बौर आ चुकी होती है। सुबह हल्की सर्दी और दिन
में गर्मी का अहसास होने लगता है। भौंरों का गुंजार-स्वर जोर पकड़ने लगता है। अब तक मौन बैठी कोयल पंचम स्वर से गान कर उठती है।
मंद-मंद वायु का प्रवाह पुष्पों के स्पर्श से पर्यावरण को सुगंधित कर देता है। मधुमक्खियाँ अपने छत्तो में शहद का संचय करने लगती है। तितलियाँ
भी फूलों पर मडराने लगती है। एक अलग ही प्रकार की अनुभूति होने लगती है जिसे शायद शब्दों में उतनी अच्छी तरह से ना पिरोया जा सके। इस
परिवर्तन को सिर्फ महसूस किया जा सकता है। Rate this question : How useful is this solution? We strive to provide quality solutions. Please rate us to serve you better. PREVIOUS<span lang="EN-USNEXT<span lang="EN-US Try our Mini CourseMaster Important Topics in 7 DaysLearn from IITians, NITians, Doctors & Academic Experts Dedicated counsellor for each student 24X7 Doubt Resolution Daily Report Card Detailed Performance Evaluation view all courses RELATED QUESTIONS : श NCERT Hindi - क्षितिज भाग 2 फागुन के साँस लेते ही प्रकृति में क्या क्या परिवर्तन आ जाते हैं?Answer: Explanation: फागुन के साँस लेते ही प्रकृति में यह परिवर्तन दिखाई देते हैं कि सर्वत्र खुशभू व्याप्त हो जाती है। इसका प्रभाव तन-मन, पेड़-पौधों की डालियों, नए-नए पत्तों एवं फूलों पर दिखाई देता है।
फागुन की सांस का क्या प्रभाव होता है?फागुन की मस्ती का मानव-मन पर क्या प्रभाव दिखाई देता है? Solution : फागुन की मस्ती इतनी अधिक और रंगीन है कि मानव-मन इससे उत्फुल्ल और प्रसन्न दिखाई देता है। वह सौंदर्य से इतना प्रभावित है कि अपनी आँखें बंद नहीं करना चाहता । वह उस सौंदर्य को हमेशा-हमेशा के लिए अपनी आँखों में समा लेना चाहता है।
फागुन में ऐसा क्या होता है जो सभी ऋतुओं से भिन्न होता है?फागुन में वर्षा होती है, बारिश की बूँदें वातावरण को स्वच्छ कर देती हैं तथा पूरा वातावरण सुंदर प्रतीत होता है। आसमान अत्यंत साफ़ सुथरा लगता है, प्रकृति में चारों तरफ़ हरियाली ही हरियाली होती है, वातावरण शीतल तथा शांत हो जाता है। इन्हीं विशेषताओं के कारण फागुन का मौसम अन्य सभी ऋतुओं से भिन्न होता है।
फागुन आते ही वन उपवन में क्या परिवर्तन होने लगता है?फागुन का महीना मस्ती से भरा होता है जो सारी प्रकृति को नया रंग प्रदान कर देता है। पेड़-पौधों की शाखाएँ हरे--हरे पत्तों से लद जाती हैं। लाल-लाल कोंपलें अपार सुंदर लगती हैं। रंग-बिरंगे फूलों की बहार-सी छा जाती है।
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