गोरखपुर में सबसे ज्यादा बारिश क्यों होती है? - gorakhapur mein sabase jyaada baarish kyon hotee hai?

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर में बुधवर को झमाझम बारिश शुरू हो गई। उम्मीद की जा रही है कि बारिश का यह क्रम आठ अक्टूबर तक जारी रहेगा। मौसम विज्ञानी के पूर्वानुमान के मुताबिक वर्षा की वायुमंडलीय परिस्थितियां अभी भी बनी हुई हैं और अगले दो दिन तक बनी रहेंगी। इसके चलते आठ अक्टूबर तक आसमान में बादल जमे रहेंगे और रह-रह कर वर्षा का सिलसिला जारी रहेगा। इसके चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी। यह सिलसिला भी मंगलवार से शुरू हो चुका है। अधिकतम तापमान में चार डिग्री और न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है।

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तीन दिन में 30 से 50 मिलीमीटर बारिश की संभावना

मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के मध्य में निम्न वायुदाब क्षेत्र बना हुआ है। वहां से एक निम्नवायुदाब की रेखा उड़ीसा, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश तक आ रही है। वर्तमान में हो रही वर्षा की यही वायुमंडलीय परिस्थितियां वजह बन रही हैं। चूंकि यह स्थित अभी दो-तीन दिन और बनी रहेगी, ऐसे में वर्षा का क्रम भी जारी रहेगा। अगले तीन दिन में 30 से 50 मिलीमीटर बारिश की संभावना मौसम विज्ञानी जता रहे हैं।

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30 डिग्री पर पहुंचा पारा

वर्षा ने अधिकतम और न्यूनतम तापमान पर प्रभाव डाला है। अधिक तापमान 34-35 डिग्री सेल्सियस से घटकर 30-31 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। न्यूनतम तापमान का आंकड़ा भी 25 से गिरकर 23 डिग्री सेल्सियस के करीब आ गया है। मौसम विज्ञानी के अनुसार अगले दो से तीन दिन तापमान की यही स्थिति बनी रहेगी। यानी लोगों को गर्मी से राहत रहेगी। बारिश के बाद ठंड का मौसम प्रभावी हो जाएगा। नतीजा तापमान में और गिरावट का क्रम शुरू हो जाएगा। सुबह और शाम कोहरा पड़ने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा।

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मंगलवार को गोरखपुर का तापमान व आर्द्रता

अधिकतम : 30.1 डिग्री सेल्सियस

न्यूनतम : 24.8 डिग्री सेल्सियस

आर्द्रता अधिकतम- 82 प्रतिशत

आर्द्रता न्यूनतम- 74 प्रतिशत।

आज व कल के तापमान का पूर्वानुमान (डिग्री सेल्सियस में)

गोरखपुर

05 अक्टूबर : 30.0-23.0

06 अक्टूबर : 28.0-22.0

देवरिया

05 अक्टूबर : 28.6-22.5

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गोरखपुर में अधिक वर्षा क्यों होती है?

पृष्ठ तनाव (सरफेस टेंशन) की वजह से। केवल बारिश का पानी ही नहीं, ऊंचाई से गिरने वाला कोई भी द्रव जैसे-जैसे पृथ्वी के नजदीक आता है, बूंदों में बदल जाता है और बूंदों का आकार पृष्ठ तनाव के कारण हमेशा गोल होता है। ऊंचाई से पृथ्वी की तरफ आ रही पानी की बूंद न्यूनतम आकार ग्रहण करने की कोशिश करती है।

सबसे अधिक वर्षा कहाँ होती है?

दुनिया में सबसे ज़्यादा नमी वाले जगह के तौर पर गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भारत के मेघालय में मासिनराम का नाम दर्ज है. यहां बंगाल की खाड़ी की वजह से काफी ज़्यादा नमी है और 1491 मीटर की ऊंचाई वाले खासी पहाड़ियों की बदौलत यह नमी संघनित भी हो जाती है. यहां औसतन सालाना बारिश 11,871 मिलीमीटर होती है.

गूगल इतनी बारिश क्यों होती है?

जब गर्म नम हवा, ठंडे और उच्च दबाव वाले वातावरण के संपर्क में आती है तब बारिश होती है. गर्म हवा अपने अंदर ठंडी हवा से ज्यादा पानी जमा कर सकती है. और जब ये हवा अपने जमा पानी के साथ ऊंचाई की और जाती है तो ठंडे जलवायु से जाकर मिल जाती है और अपने अन्दर जमा पानी के भारी हो जाने से उसे नीचे गिरा देती है.

बरसात क्यों हुई?

बारिश क्यों होती है ( Barish Kyu Hoti Hai) गर्म हवा में ठंडी हवा से ज्यादा पानी इकट्ठा करती है और जब यह हवा अपने अंदर इकट्ठे पानी को ऊंचाई पर ले जाती है तो ठंडे जलवायु मैं मिल जाती है और अपने अंदर का जमा हुआ पानी के भारी हो जाने पर उसे नीचे गिराने लगती है। जिसे बारिश या वर्षा कहते हैं।