Punjab State Board PSEB 12th Class Hindi Book Solutions Chapter 21 मधुआ Textbook Exercise Questions and Answers. Show Hindi Guide for Class 12 PSEB मधुआ Textbook Questions and Answers (क) लगभग 60 शब्दों में उत्तर दें: प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. (ख) लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें: प्रश्न 4. मधुआ को रोता हुआ देखकर शराबी के दिल में उसके प्रति हमदर्दी जागी, वह उसे साथ लेकर फाटक के बाहर चला आया। रात के दस बजे थे। कड़ाके की सर्दी थी। दोनों चुपचाप चलने लगे। शराबी ने मधुआ के फिर से सिसकने की आवाज़ सुनी। पूछने पर मधुआ ने बताया कि वह दिनभर का भूखा है। यह सुनकर शराबी उसे अपनी कोठरी में बिठाकर पूरे एक रुपए की मिठाई, पूरी आदि लेकर वापिस आया। गले में तरावट आते ही मधुआ हँसने लगा। दूसरे दिन सवेरे शराबी ने मधुआ की सुन्दर और कोमल काया से प्रभावित होकर कर्मठ बनने की बात सोची। मधुआ दूसरे दिन से शराबी के साथ सान धरने की मशीन पर काम करने लगा। उसने शराबी को यह बताया कि उसका इस दुनिया में कोई नहीं है। प्रश्न 5. शराबी का हृदय मानवीय गुणों से भरपूर है। जब वह मधुआ को डाँट खाकर रोते हुए देखता है तो वह केवल उसके आँसू नहीं पोंछता, दुलार से उसे अपने साथ लेकर फाटक के बाहर आ जाता है। जब उसे पता लगता है कि बालक मधुआ सारे दिन का भूखा है तो वह ठाकुर साहब से मिले एक रुपए की पूरियाँ, मिठाई खरीद लाता है हालाँकि बाज़ार में जाकर कुछ देर के लिए उसकी नीयत डोलती है किन्तु उसके अन्दर का जागा हुआ इन्सान उसे पूरे एक रुपए का सामान लेकर मधुआ के पास आने पर विवश कर देता है। – शराबी उसी बालक के लिए घरबारी बनने को तैयार हो जाता है। वह ममत्व से उत्पन्न ज़िम्मेदारी को निभाने के लिए पुनः कार्य आरम्भ कर देता है। प्रश्न 6. प्रसाद जी का उद्देश्य एक साथ एक व्यक्ति में दया, ममता, सहानुभूति आदि गुणों के उजागर होने की बात सिद्ध करना है। शराबी का हृदय रोते हुए मधुआ को देखकर पसीज उठता है। वह बड़े दुलार के साथ उसे अपने साथ ले आता है। शराबी की इस मौन सहानुभूति को बालक ने स्वीकार कर लिया। जब शराबी को यह पता चलता है कि बालक मधुआ दिनभर का भूखा है तो वह मानसिक द्वन्द्व पर विजय पाकर मधुआ के लिए पूरे एक रुपए की पूरी मिठाई खरीद लाता है। मानसिक द्वन्द्व में पड़ा शराबी फिर से घरबारी बनने को तैयार हो जाता है क्योंकि अब उसके ऊपर मधुआ की ज़िम्मेदारी आ गई थी। इस तरह परिस्थितियों ने एक निष्क्रिय व्यक्ति को एक कर्मठ, कर्त्तव्यनिष्ठ एवं त्यागपूर्ण जीवन व्यतीत करने वाला व्यक्ति बना दिया। यही प्रसाद जी का उद्देश्य है जिसमें वे पूर्ण रूप से सफल हुए हैं। प्रश्न 7. प्रसाद जी ने समाज में व्याप्त दूसरी समस्या जिसकी ओर इशारा किया है वह है अमीर लोगों द्वारा अपने भोले-भाले नौकरों पर अत्याचार करने की प्रवृत्ति। मधुआ कुंवर साहब के यहाँ खेल के मसय उनका ओवर कोट उठाने की नौकरी करता है। सारा-सारा दिन वह उनका ओवर कोट उठाए कुंवर साहब के साथ बना रहता है, किन्तु न तो कुंवर साहब को तथा न ही उनके किसी दूसरे नौकर को इस बात का ध्यान आता है कि बालक सारे दिन का भूखा है। मधुआ जब इस बात की शिकायत कुंवर साहब के नौकर से करता है तो उसे डाँट खानी पड़ती है। विपरीत इसके शराबी, मधुआ को वह सब कुछ खिलाता है जो वह खिला सकता था। प्रसाद जी ने इस समस्या का समाधान संकेत रूप में यह दिया है कि ऐसी नौकरी करने की अपेक्षा कोई छोटा-मोटा काम-धन्धा करना बेहतर रहेगा क्योंकि इससे किसी दूसरे की गुलामी तो न सहनी पड़ेगी। (ग) सप्रसंग व्याख्या करें: 1. ‘मौज बहार की एक घड़ी, एक लम्बे दुःखपूर्ण जीवन से अच्छी है। उसकी खुमारी में रूखे दिन काट लिए जा सकते हैं।’ व्याख्या: विशेष:
2. “सोचा था, आज सात दिन पर भर भेट पीकर सोऊंगा, लेकिन वह छोटा-सा रोना पाजी न जाने से आ धमका।” व्याख्या: विशेष:
3. “बैठे बिठाये यह हत्या कहाँ से लगी। अब तो शराब न पीने की मुझे भी सौगन्ध लेनी पड़ेगी।” व्याख्या: विशेष:
PSEB 12th Class Hindi Guide मधुआ Additional Questions and Answers अति लघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. ‘मधुआ’ किस प्रकार की कहानी है? प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. वाक्य पूरे कीजिए प्रश्न 16. प्रश्न
17. प्रश्न 18. हाँ-नहीं में उत्तर दीजिए प्रश्न 19. प्रश्न 20. बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर 1. जयशंकर प्रसाद की कीर्ति का आलोक स्तंभ कौन सा महाकाव्य है ? 2. लेखक के कितने कहानी संग्रह हैं ? 3. मधुआ किस
विद्या की रचना है ? 4. मधुआ कैसी कहानी है ? 5. ठाकुर सरदार सिंह को क्या सुनने का शौक था ? कठिन शब्दों के अर्थ महक = बदबू। खुमारी = मस्ती, नशा। दिल्लगी = हंसी-मज़ाक । कंगाल = गरीब। सुकुमार = कोमल। कर्कश = कठोर, तीव्र । ढेबरी = दीया जलाने वाली टीन की डिबिया। गढ़ा भरना = पेट भरना। आलोक = प्रकाश, रोशनी। दारिद्रय = गरीबी। नियति = भाग्य। इन्द्रजाल = जादू। सान धरने की कल = चाकू, छुरी तेज़ करने की मशीन। मधुआ Summaryमधुआ जीवन परिचय जयशंकर प्रसाद का संक्षिप्त जीवन परिचय लिखिए। जयशंकर प्रसाद का जन्म सन् 1889 ई० में वाराणसी के एक धनी वैश्य परिवार में हुआ। इन्होंने स्कूल में केवल आठवीं तक ही शिक्षा पाई थी, तत्पश्चात् घर पर ही संस्कृत
हिन्दी, अंग्रेज़ी आदि भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया। इनकी सर्वप्रथम कहानी ‘गाय’ सन् 1911 में ‘इन्दु’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई। आकाशदीप, आँधी, प्रतिध्वनि, छाया मधुआ कहानी का सार प्रस्तुत कहानी में एक गरीब व्यक्ति के चारित्रिक विकास के माध्यम से सामाजिक विषमताओं और अन्यायों का चित्र खींचा गया है। यह एक मनोवैज्ञानिक कहानी है जिसमें एक कोमल, सुन्दर किन्तु पीड़ित बालक के दुःख से भरे जीवन से प्रभावित होकर एक निष्क्रिय शराबी भी कर्मठ बन जाता है। ठाकुर सरदार सिंह को कहानी सुनने का चस्का था। एक शराबी उन्हें तरह-तरह की कहानियाँ सुनाकर बदले में शराब के लिए पैसे लेता है। एक दिन शराबी ठाकुर साहब के पास कहानी सुनाने पहुँचता है और कहता है कि आज उसे सात दिन से ऊपर हो गए हैं, एक बूंद भी गले में नहीं उतरी। कहानी सुनाने से पहले ही ठाकुर साहब को नींद सताने लगी। उन्होंने उसे एक रुपया देकर अपने नौकर लल्लू को भेजने का आदेश देकर उसे विदा किया। शराबी लल्लू को ढूँढ़ता हुआ जब उसकी कोठरी के पास पहुँचा तो उसने अन्दर से एक बालक के सिसकने का शब्द सुना। लल्लू उस बालक को डाँट रहा था। जब उसकी डाँट खाकर बालक बाहर निकला तो उसकी आँखों में आँसू देखकर शराबी ने उसे बड़े दुलार से उसकी आँखें पोंछते हुए उसे साथ लेकर फाटक के बाहर चला आया। बालक को पुनः रोता देख जब शराबी ने उसके रोने का कारण पूछा तो उसने बताया कि वह दिन भर से भूखा है। मार तो वह रोज ही खाता है लेकिन आज खाना भी नहीं मिला। बालक की बात सुनकर शराबी उसे अपनी गन्दी कोठरी में ले गया और उसे वहाँ बैठाकर स्वयं उसके लिए कुछ लेने के लिए चला गया। शराबी की जेब में एक रुपया था, वह शराब पीना चाहता था किन्तु न जाने किस दैवीय शक्ति के कारण उसने पूरे एक रुपए की मिठाई, पूरी और नमकीन खरीदी और बालक को खाने के लिए दी। इसे खाकर बालक मुस्कुराने लगा। . . . दूसरे दिन सवेरे उठकर शराबी ने अपनी कोठरी में बिखरी हुई दरिद्रता को देखा और उसने बालक मधुआ के लिए फिर से गृहस्थी बनने की बात सोची और फिर से अपना पुराना सान धरने का धन्धा शुरू कर दिया। बालक भी उस की गठरी उठाकर उसके साथ चल पड़ा। मधुआ कहानी का उद्देश्य क्या है?'मधुआ' कहानी में लेखक ने एक बालक द्वारा शराबी के हृदय परिवर्तन का सुन्दर चित्रांकन किया है। स्पष्ट करें। उत्तर: मधुआ कहानी में लेखक ने बालक मधुआ के रोने-सिसकने की आवाज़ सुनकर एक शराबी के हृदय में उस बालक के प्रति संवेदना, सहानुभूति जागृत होने की बात कहकर एक शराबी, आलसी, निकम्मे व्यक्ति का हृदय परिवर्तन दिखाया है।
मधुआ कहानी का प्रमुख चरित्र क्या है?उत्तर- इस कहानी के मुख्य पात्र शराबी को शराब पीने की इतनी बुरी लत है कि उसने सान धरने का अपना धंधा भी छोड़ दिया। वह ठाकुर सरदार सिंह को अपनी लच्छेदार कहानियाँ सुनाकर उनसे मिलने वाले पैसों से शराब पीता था।
मधुआ कहानी के कहानीकार कौन है?'मधुआ' कहानी के कहानीकार जयशंकर प्रसाद है।
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