हमारे जीवन में पर्यावरण का क्या महत्व है बताइए? - hamaare jeevan mein paryaavaran ka kya mahatv hai bataie?

नमस्कार, आज हम पर्यावरण के महत्व यानी Importance Of Environment in Hindi को समझेंगे, जितना हमारे जीने के लिए खाना और पानी आवश्यक है उतना ही हमारे लिए एक स्वच्छ पर्यावरण आवश्यक है।

आज अगर हम अपने जीवन को स्वच्छ और रोगमुक्त होकर गुजार रहे हैं तो उसमे पर्यावरण का एक बहूत महत्वपूर्ण योगदान है पर्यावरण के महत्व यानी Importance Of Environment को जानने से पहले हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि आखिर पर्यावरण क्या होता (What is the Environment) है तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

पर्यावरण क्या है | What is the Environment

पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, परि + आवरण। जिसमे परि का अर्थ है चरों ओर, और आवरण का अर्थ है घिरा हुआ अर्थात चारों ओर से घिरा हुआ।

पर्यावरण के अंतर्गत पेड़-पौधे, जीव-जंतु, वृक्ष आदि आते हैं यानी जो कुछ भी हमारे आस-पास है चाहे वह सजीव हो या निर्जीव सभी हमारे पर्यावरण से जुड़े हुए हैं।

आज पृथ्वी पर जीवन संभव है इसका एकमात्र कारण पर्यावरण ही है अगर पर्यावरण हमारे अनुकूल नहीं होता तो शायद आज हम और आप नहीं होते।

हम अपने दैनिक जीवन में जिन सभी चीजों के संपर्क में हैं वो सभी पर्यावरण में ही मौजूद हैं प्रकृति ने हमें एक शुद्ध एवं स्वच्छ पर्यावरण प्रदान किया है हमारा सदैव यही प्रयास रहना चाहिए की हम इसे हर हाल में स्वच्छ रखें।

पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत महत्व है, पर्यावरण के द्वारा ही पृथ्वी पर जीवन संभव है यदि आज हम जीवित हैं तो उसमे बहुत बड़ा हाथ पर्यावरण का है एक अच्छा और स्वच्छ पर्यावरण हमें बेहतर जीवन जीने में मदद करता है।

आप जानते होंगे की जब हम सांस लेते हैं तो ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं और जब हम सांस छोड़ते हैं तो उसके साथ कार्बन-डाई-ऑक्साइड छोड़ते हैं।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है जो हम ऑक्सीजन लेते हैं वो हमें कहाँ से मिलता है, ये ऑक्सीजन हमें पेड़-पौधों से मिलता है और ये सभी पेड़-पौधे हमारे पर्यावरण का हिस्सा हैं।

पर्यावरण पृथ्वी का एक अभिन्न अंग है, प्राचीन काल में मानव अपने चारों ओर के वातावरण को काफी स्वच्छ और सहेज कर रखता था, वह अपना ज्यादातर समय वातावरण को स्वच्छ रखने में ही देता था।

हमारे जीवन में पर्यावरण का क्या महत्व है बताइए? - hamaare jeevan mein paryaavaran ka kya mahatv hai bataie?

प्राचीन काल में मानव पर्यावरण के महत्व (Importance Of Environment Studies) को काफी अच्छी तरह से समझता था वह जानता था की अगर पर्यावरण स्वच्छ है तो हम भी स्वच्छ रह सकेंगे।

पर्यावरण न केवल जलवायु को संतुलित बनाए रखता है बल्कि जीवन के लिए जो कुछ भी आवश्यक है वो सभी चीजे हमें पर्यावरण द्वारा ही प्राप्त होती है।

लेकिन आज के समय में मानव पर्यावरण के महत्व (importance of environment education) को भूलता जा रहा है जिसका सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ पर पड़ रहा है प्राचीन समय में मानव मीलों की यात्रा पैदल ही कर लेता था लेकिन आज थोड़े दूर पैदल चलने में व्यक्ति की साँसे फूलने लगती है।

प्राचीन काल में मनुष्य को प्रकृति द्वारा पूर्ण रूप से पौष्टिक सब्जियां, फल आदि प्राप्त होती थी और उसके सेवन से ही वह पूरे दिन ऊर्जा से भरे रहते थे और उन्हें पूरी उम्र कोई बीमारी नहीं होती थी

लेकिन आज के समय में मनुष्य प्राचीन काल जैसी सब्जियां प्राप्त करने के लिए अनेक प्रकार की दवाईयों और कीटनाशकों का प्रयोग करता है जिसका सीधा प्रभाव उसके स्वास्थ पर पड़ता है क्यूंकि उसने जिस सब्जी या फल का सेवन किया है वह अब दूषित हो चुका है और उसमे जो पौष्टिक तत्व होने चाहिए अब वह उन दवाइयों के कारण उसमे नहीं बचे हैं।

इसी कारण आज हर 10 में से 6 लोग कम उम्र में ही अनेक बिमारियों की चपेट में आ जाते है। इसके बावजूद भी कोई पर्यावरण को गंभीरता से नहीं लेता और हमेशा इसे नुकशान पहुचाने में लगा रहता है।

आज के समय में मनुष्य ने कई नए अविष्कार कर दिखाए हैं जिससे मानव जीवन और आसन हो गया है, मनुष्य ने कई गगनचुम्बी इमारतें खड़ी कर दी हैं, अनेकों फैक्ट्री, कारखानों का निर्माण हो चुका है। जिसका सीधे प्रभाव हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है।

फैक्ट्रीयों कारखानों से निकलने वाला धुआं हमारे पर्यावरण को बहूत बुरी तरह प्रभावित कर रहा है आज मनुष्य अपनी सुविधा के लिए पेड़-पौधे काटकर वहां बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी कर रहा है लेकिन वो ये नहीं सोचता की हमें जीने के लिए ऑक्सीजन भी इन्ही पेड़-पौधों से मिलता है।

आज व्यक्ति एक स्थान से दुसरे स्थान पर बहुत ही कम समय में पहुँच जाता है क्यूंकि आज अनेक प्रकार के वाहन मौजूद हैं और इसका विकास और तेजी से बढ़ता जा रहा है लेकिन इसके साथ ही इन वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण हमारा पर्यावरण भी तेजी से प्रदूषित हो रहा है।

पर्यावरण प्रदुषण को कैसे नियंत्रित करें | How to control environmental pollution

पर्यावरण प्रदुषण को रोकने का सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण उपाय है अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगायें। क्यूंकि पेड़-पौधे हमें एक स्वच्छ वायु प्रदान करते हैं जो हमारे स्वास्थ के लिए बहूत आवश्यक है।

पेड़-पौधे कार्बन-डाई-ऑक्साइड ग्रहण करते हैं और हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं जो हमारे वायुमंडल का संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

  • हमें फैक्ट्रीयों, कारखानों से निकलने वाले धुएं पर नियंत्रण करना होगा।
  • फैक्ट्रीयों, कारखानों से निकलने वाले दूषित जल को नदियों या तालाबों में जाने से रोंके और इसकी व्यवस्था किसी अन्य जगह की जानी चाहिए जहाँ कोई नदी या तालाब न हो, इससे हमारे नदियों या तालाबों का जल सुरक्षित बना रहेगा।
  • वाहनों का उपयोग कम करना होगा।
  • वाहनों के इंजन को कुछ इस प्रकार डिजाइन किया जाना चाहिए जिससे अधिक ऊर्जा कुशल परिवहन प्रणालियों का विकास हो सके।
  • बाइक या कार का उपयोग कम से कम करें जितना संभव हो पैदल चलें, इससे आपका स्वास्थ भी अच्छा रहेगा और पर्यावरण प्रदुषण को रोकने में आपका यह कदम सराहनीय होगा।
  • जब भी संभव हो पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित पेंट और सफाई उत्पादों का उपयोग करें।
  • किसी भी अपशिष्ट पदार्थ को जलाने से बचें, ये कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को बढ़ाते हैं और पर्यावरण को बुरी तरह नुकसान पहुंचाते हैं।
  • पर्यावरणीय रूप से सुदृढ़ नीतियों का समर्थन करें, जो ऊर्जा विकास की गतिविधियों को कम करें, ऊर्जा संरक्षण पर जोर दें और नवीकरणीय संसाधनों के उपयोग को प्रोत्साहित करें।
  • हमें ठोस और खतरनाक कचरे के रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
  •  कूड़ा-कचरा कभी भी इधर-उधर न फेकें इन्हें केवल कूड़ेदान में ही डाले।

पर्यावरण के प्रकार | Types of Environment

पर्यावरण को तीन भागों में बांटा गया है जो कुछ इस प्रकार है-

1.प्राकृतिक पर्यावरण: इसके अंतर्गत वे सभी जैविक एवं अजैविक  तत्व शामिल हैं जो इस पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं जैविक तत्वों में सभी जीव जंतु, पेड़-पौधे देखने को मिलते हैं ये सभी विशेष रूप से पर्यावरण में मौजूद हैं।अजैविक तत्वों में वायुमंडल में मौजूद सभी गैसें, जल, अग्नि, ऊर्जा, तापमान, वायु, मृद्दा शामिल हैं ये सभी तत्व प्राकृतिक रूप से पृथ्वी में विद्यमान हैं।

2. मानव निर्मित पर्यावरण: मानव निर्मित पर्यावरण के अंतर्गत वे सभी चीजें सम्मिलित हैं जो खुद मानव द्वारा बनायीं गयी हैं इसके अंतर्गत कृषि, तकनीक, शहर, कारखाने, स्टेशन आदि चीजें मौजूद हैं! मानव द्वारा निर्मित वस्तुओं से पर्यावरण पर कई सारे बुरे प्रभाव भी पड़ रहे हैं! जो की हमारे वातावरण को बुरी तरह प्रभावित कर रहें हैं।

3. सामजिक पर्यावरण: सामजिक पर्यावरण से शायद आप समझ गए होंगे की हम किसकी बात करने वाले हैं सामजिक पर्यावरण के अंतर्गत सभी सामजिक एवं सांस्कृतिक मान्यताओं को सम्मिलित किया गया है, आर्थिक धार्मिक एवं राजनितिक संस्था और संगठन भी सामजिक पर्यावरण का हिस्सा हैं।

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वायुमंडल में सम्मिलित विभिन्न गैसें :

गैसें सम्मिलित मात्र प्रतिशत में
नाइट्रोजन 78%
ऑक्सीजन 20%
आर्गन 0.93%
कार्बन-डाई ऑक्साइड 0.036%
नीऔन 0.002%
हीलियम 0.0005%
क्रिप्टोन 0.001%
जिनौन 0.00009%
हाइड्रोजन 0.00005%

अंतिम शब्द :

हमें उम्मीद है की आपने पर्यावरण और उसके महत्व Importance Of Environment in Hindi को समझा और जाना होगा, पर्यावरण हमारे जीवन की नीव है हमें पर्यावरण को दूषित होने से बचाना होगा क्यूंकि अगर हम इसी तरह पर्यावरण को दूषित करते रहे तो शायद आने वाले समय में पृथ्वी पर जीवन ही संभव न हो।

अगर आपको पर्यावरण का महत्व यानी Importance Of Environment से कुछ सीखने को मिला हो तो आप इसे अपने मित्रों को भी शेयर कर सकते हैं ताकि वो भी पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए अपना योगदान दें।

अगर आपको हमारे पर्यावरण पर इस निबंध (importance of environment essay) से कोई समस्या या आपके कोई सुझाव हैं तो हमें Comment Box में जरूर बताएं हमें जानकार अच्छा लगेगा, धन्यवाद।

पर्यावरण का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

पर्यावरण मानव-जीवन को आधार प्रदान करता है! पर्यावरण के तत्वों की विद्यमानता से ही पृथ्वी तल पर जीवन संभव हुआ है! इन तत्वों के अभाव के कारण ही अन्य ग्रहों एवं उपग्रहों पर जीवन संभव नहीं है! मानव इस पर्यावरण की सर्वश्रेष्ठ कृति है! जैव समुदाय की सभी आवश्यकताएँ पर्यावरण के तत्वों द्वारा ही पूर्ण होती है!

पर्यावरण हमारे जीवन का मूल क्या है?

Solution : पर्यावरण हमारे जीवन का मूलाधार है क्योंकि यह हमें साँस लेने के लिए हवा, पीने के लिए पानी, खाने के लिए भोजन तथा रहने के लिए भूमि प्रदान करता है।

पर्यावरण की परिभाषा तथा पर्यावरण का हमारे जीवन में क्या महत्व है समझाइए?

पर्यावरण शब्द 'परि' एवं 'आवरण' से मिलकर बना है। परि का अर्थ चारों ओर व आवरण का अर्थ घेरा होता है अर्थात् हमारे चारों ओर जो कुछ भी दृश्यमान एवं अदृश्य वस्तुएँ हैं, वही पर्यावरण है। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि हमारे आस-पास जो भी पेड़-पौधें, जीव-जन्तु, वायु, जल, प्रकाश, मिट्टी आदि तत्व हैं वही हमारा पर्यावरण है।