हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के क्या-क्या परिणाम हो सकते हैं - hamaare shareer mein heemoglobin kee kamee ke kya-kya parinaam ho sakate hain

Solution : हीमोग्लोबिन लाल रंग का रंजक है जो रुधिर में उपस्थित होता है। इसकी कमी से ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन प्रभावित हो सकता है। हीमोग्लोबिन फेफड़े से ऑक्सीजन प्राप्त कर उसे सारे शरीर में पहुंचाता है। यदि हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाएगी तो शरीर के विभिन्न भागों में ऑक्सीजन की आवश्यक मात्रा नहीं पहुँच सकेगी। इसके परिणामस्वरूप भोजन का ऑक्सीकरण पूर्ण रूप से नहीं हो सकेगा तथा ऊर्जा का उत्पादन कम होगा। इससे शारीरिक कमजोरी बढ़ेगी। हीमोग्लोबिन की कमी की स्थिति को रक्त-अल्पता के नाम से जाना जाता है।

Q.31: हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के क्या परिणाम हो सकते हैं?

उत्तर : हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी से रक्ताल्पता (anaemia) हो जाता है। हमें श्वसन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की प्राप्ति नहीं होगी जिस कारण हम शीघ्र थक जाएंगे। हमारा भार कम हो जाएगा। हमारा रंग पीला पड़ जाएगा। हम कमज़ोरी अनुभव करेंगे।

हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के क्या परिणाम हो सकते हैं?


शरीर / रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी को अरक्तता कहा जाता है जिसके निम्नलिखित लक्षण हैं:
(i) क्योंकि हीमोग्लोबिन शरीर के विभिन्न भागों में O2 का स्थानांतरण करता है जिससे भोजन का ऑक्सीकरण हो सके। इसलिए यदि हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है तो कोशिकाओं और ऊतकों तक पर्याप्त मात्रा में O2 नहीं पहुँच पाती और शरीर में उत्सर्जित ऊर्जा की मात्रा भी अपर्याप्त रहती है।
(ii) ऐसी स्थिति में व्यक्ति हर समय थका हुआ अनुभव करता है और ज्यादा कार्य नहीं कर पाता
(iii) उसकी त्वचा व आँखों का रंग पीला पद जाता है।

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श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जिव की अपेक्षा स्थलीय जिव किस प्रकार लाभप्रद हैं?


जलीय जिव जल में घुली हुई ऑक्सीजन का श्वसन के लिए उपयोग करते हैं। जल में घुली ऑक्सीजन की मात्रा वायु में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा की तुलना में बहुत कम है। इसलिए जलीय जीवों के श्वसन की दर स्थलीय जीवों की अपेक्षा अधिक तेज़ होती है मछलियाँ अपने मुहँ के द्वारा जल लेती हैं और बल-पूर्वक इसे क्लोम तक पहुँचती हैं। वहाँ जल में घुली हुई ऑक्सीजन को रुधिर प्राप्त कर लेता है।
दूसरी ओर स्थलीय जिव ऑक्सीजन (O2) के लिए वायु पर निर्भर करते हैं। वायु में O2 की मात्रा 12% होती है। उन जीवों में साँस लेने के लिए फुफ्फुस (फेफड़े) होते हैं, जिनकी क्षमता क्लोम की अपेक्षा बहुत अधिक होती है। इसलिए स्थलीय जीवों को ऑक्सीजन की पर्याप्त मिलती रहती है।

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कोई वस्तु सजीव है, इसका निर्धारण करने के लिए हम किस मापदंड का उपयोग करेंगे?


सभी जीवित वस्तुएँ सजीव कहलाती हैं। वे रूप-रंग, आकार आदि में समान भी होते हैं तथा भिन्न भी। अत: कोई वस्तु सजीव है, इसके निर्धारण के लिए निम्नलिखित मापदंड हैं:
(i) सजीवों की संरचना सुसंगठित होती है।
(ii) उनमें कोशिकाएँ और ऊतक होते हैं।
(iii) सजीवों में वृद्धि तथा विकास होता है।
(iv) साँस लेना तथा श्वसन।
(v) सजीवों की निश्चित रूप से मृत्यु होती है।
(vi) पौधों की कोपल तथा हरे नए पत्तों की वृद्धि आदि।
(vii) उनके शरीर में रासायनिक क्रियाओं की श्रृंखला चलती है। उनमें उपचय-अपचय अभिक्रियाएँ होती हैं।

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हमारे जैसे बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने में विसरण क्यों अपर्याप्त है?


बहुकोशी जीवों में उनकी केवल बहरी त्वचा की कोशिकाएँ और रंध्र ही आस-पास के वातावरण से सीधे संबंधित होते हैं। बहुकोशीय जिव जैसे मनुष्य में शरीर का आकार बहुत बड़ा होता है तथा शरीर की संरचना जटिल होती है। बहुकोशीय जीवों में सभी कोशिकाएँ सीधे ही पर्यावरण के संपर्क में नहीं होती। अत: साधारण विसरण सभी कोशिकाओं की ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने के लिए अपर्याप्त है।

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जीवन के अनुरक्षण के लिए आप किन प्रक्रमों को आवश्यक मानेंगे?


जीवन के अनुरक्षण के लिए जो प्रक्रम आवश्यक मने जाने चाहिए, वे हैं-
(i) पोषण, (ii) श्वसन, (iii) परिवहन, (iv) उत्सर्जन, (v) वृद्धि तथा विकास, (vi) जनन, (vii) गति, (viii) अनुकूलन, (xi) उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया।

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किसी जिव द्वारा किन कच्ची सामग्रियों का उपयोग किया जाता है?


बाहर से जीवों को कच्ची सामग्री की आवश्यकता निम्नलिखित उदेश्यों की पूर्ति के लिए होती है-
(i) भोजन- ऊर्जा प्राप्ति के के लिए उचित पोषण।
(ii) ऑक्सीजन- श्वसन के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन।
(iii) जल- शरीर को भोजन को पचने और शारीरिक क्रियाओं को पूरा करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।
(iv) टीन, एंजाइम, न्यूक्लिक अम्लों के संश्लेषण के लिए।
(v) कोशिकाओं, ऊतकों के बनने व रख-रखाव के लिए।

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हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के क्या परिणाम हो सकते हैं?

Solution

हीमोग्लोबिन हमारे शरीर में ऑक्सीजन का वहन करता है। लाल रक्त कण में यदि इनकी मात्रा कम हो जाती है तो शरीर के अंगो को सुचारू रूप से ऑक्सीजन नहीं मिल पता है। जिससे भोजन का ऑक्सीकरण पूर्णतः नहीं हो पाता, जिससे ऊर्जा में भी कमी आती है और थकावट उत्पन्न होती है। इसकी कमी से व्यक्ति एनीमिया से पीड़ित हो जाता है।

हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के क्या-क्या परिणाम हो सकते हैं - hamaare shareer mein heemoglobin kee kamee ke kya-kya parinaam ho sakate hain

Dileep Vishwakarma

5 months ago

हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसकी वजह से कमजोरी और थकान महसूस होती है, इसी स्थिति को एनीमिया कहते हैं।

हीमोग्लोबिन की कमी के क्या परिणाम होंगे?

हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसकी वजह से कमजोरी और थकान महसूस होती है, इसी स्थिति को एनीमिया कहते हैं।

हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के क्या कारण हो सकते हैं?

-डेली डाइट में आयरन की कमी के कारण हीमोग्लोबिन कम हो सकता है. -प्रेग्नेंसी की वजह से भी शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो सकती है. -पीरियड के दौरान अत्याधिक ब्लीडिंग से भी हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो सकता है. -जंक फूड का ज्यादा इस्तेमाल हो सकता है इसका कारण.