NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan Chapter 1 भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ : लता मंगेशकर are part of NCERT Solutions for Class 11 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan Chapter 1 भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ : लता मंगेशकर. पाठ्यपुस्तक
के प्रश्न-अभ्यास प्रश्न. 1. प्रश्न. 2. हमें लता की गायकी में उपर्युक्त सभी विशेषताएँ नजर आती हैं। उन्होंने भक्ति, देशप्रेम, श्रृंगार, विरह आदि हर भाव के गीत गाए हैं। उनका हर गीत लोगों के मन को छू लेता है। वे गंभीर या अनहद गीतों को सहजता से गा लेती हैं। एक तरफ ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गीत से सारा देश
भावुक हो उठता है तो दूसरी तरफ ‘दिलवाले दुल्हनियाँ ले जाएंगे’ फ़िल्म के अल्हड़ गीत युवाओं को मस्त करते हैं। वास्तव में, गायकी के क्षेत्र में लता सर्वश्रेष्ठ हैं। प्रश्न. 3. प्रश्न. 4. प्रश्न. 5. इस विषय में कुमार गंधर्व का मत है कि वस्तुतः फ़िल्मी संगीत ने लोगों के कान बिगाड़े नहीं अपितु सुधारे हैं। आज फ़िल्मी संगीत के कारण एक साधारण श्रोता भी स्वर, लय, ताल आदि के विषय में जानकारी रखने लगा है। लोगों की रुचि संगीत में बढ़ी है। शास्त्रीय संगीत के काल में कितने लोग संगीत का ज्ञान रखते थे? कितने लोग उसके दीवाने होते थे? अर्थात् बहुत कम। आज लोग केवल फ़िल्मी संगीत ही नहीं शास्त्रीय संगीत की ओर भी मुड़ने लगे हैं। यह भी फ़िल्मी संगीत के कारण ही संभव हुआ है। हमारा मत भी कुमार गंधर्व से मिलता है। हमारा भी यही मानना है कि आज के फ़िल्मी संगीत के कारण ही शास्त्रीय संगीतकारों की पूछ भी बढ़ी है। जब उन्हें फ़िल्मों में संगीत देने व कार्यक्रम प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है तो लाखों लोग उन्हें पहचानते हैं। अतः फ़िल्मी संगीत पर उपर्युक्त दोष लगाना उचित नहीं है। प्रश्न. 6. प्रश्न. 1.
प्रश्न. 2. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर प्रश्न. 1. प्रश्न. 2. प्रश्न. 3. प्रश्न. 4. प्रश्न. 5. प्रश्न. 6. प्रश्न. 7. इस अटूट संबंध को पहला कारण है-लता जी की योग्यता, जिसके समक्ष कोई नहीं टिक पाता। दूसरी बात है-लता जी का त्याग ! इस कला के प्रति उनके जैसा समर्पण अन्य किसी कलाकार में दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता। यही कारण है। कि उनके साथ उनके बाद आनेवाली अनेकानेक पाश्र्व गायिकाएँ उतनी एकाग्रता से संगीत के साथ न्याय नहीं कर पाईं, क्योंकि उनका ध्यान अन्यत्र भी लगा रहता थ। उन सबकी तुलना में लता जी का जीवन पूरी तरह संगीत को समर्पित है। यही समर्पण चित्रपट संगीत के साथ उनका अटूट संबंध बनाए हुए है। प्रश्न. 8. इन्हें श्रोता अधिक चाव से सुनते हैं। यदि उन्हें संगीत का ज्ञान न भी हो तो भी शब्दों के आकर्षण से उसमें रस भर जाता है और श्रोताओं को मनोरंजक लगता है। पाठ के लेखक कुमार गंधर्व के अनुसार शास्त्रीय संगीत की तीन घंटे की बंदिश में भी उतना आनंद नहीं जितना चित्रपट संगीत की तीन मिनट की ध्वनि मुद्रिका में आता है। शास्त्रीय संगीत के अभाव में किसी भी प्रकार का संगीत संभव नहीं है, यही सबका आधार है, लेकिन चित्रपट संगीत इसकी तुलना में अधिक लोकप्रिय होता है। वस्तुतः शास्त्रीय संगीत का विशिष्ट वर्ग का संगीत है, जबकि चित्रपट संगीत जन-जन का संगीत है। प्रश्न. 9. ऋतु चक्र समझाने वाले और खेती के विविध कामों का हिसाब लेने वाले कृषि गीत, ब्रजभूमि के गीत जिनमें सहजता समाई हुई है, को फ़िल्मों में खूब लिया गया और इसी परिणामस्वरूप लता जी द्वारा गाया भी गया। कुमार गंधर्व का मानना है कि यदि लता जी के संगीत निर्देशकों के स्थान पर ‘वे होते तो इतना सरल-सरल काम लता जैसी गायिका को नहीं देते। “मैं उन्हें और मुश्किल काम देता।” इसका कारण वे बताते हैं कि लता में और बहुत-सी संभावनाएँ छिपी हैं। उन्हें बाहर लाने के लिए उनसे और कठिन कार्य करवाया जाना चाहिए। प्रश्न. 10. चौथा गुण बताते हुए कुमार गंधर्व लिखते हैं कि लता के व्यक्तित्व की निर्मलता उनके स्वर में भी है और वही गायकी के माध्यम से श्रोताओं के कानों और मन पर निर्मलता का असर छोड़ती है। यही कारण है कि लता के आने के बाद हमारे देश के लोगों का (सामान्य लोगों का) संगीत के प्रति रुझान और दृष्टिकोण बदल गया है। उन्हीं के कारण लोगों में अच्छे गीतों की समझ जागृत हुई है। कुमार गंधर्व ने कहा है कि लता ने करुण रस के साथ न्याय नहीं किया और दूसरा यह कि वे सदा उच्च स्वर में ही गाती हैं जो चिलवाने जैसा लगता
है। दोनों दोषों का कारण वे लता प्रश्न. 11 प्रश्न. 12. चित्रपट संगीत का क्षेत्र व्यापक है। इसमें रेगिस्तान का रंग भी है तो समुद्र की लहरें भी गरजती हैं। कहीं वर्षा है तो पर्वतीय गुफाओं के पहाड़ी गीत भी होते हैं। अनेक राज्यों के संगीत को मिलाकर नए गाने बनाए जा रहे हैं। हम कह सकते हैं कि चित्रपट संगीत ने अपने द्वार खोल रखे हैं। वह विश्व के हर रूप को अपने अंदर समाहित कर रहा है। उसका एकमात्र लक्ष्य श्रोताओं को आनंद प्रदान करना है। इसके लिए वह हर नियम को तोड़ने के लिए तैयार है। यही कारण है। कि चित्रपट संगीत का विस्तार दिनोंदिन होता जा रहा है। We hope the given NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan Chapter 1 भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ : लता मंगेशकर will help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan Chapter 1 भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ : लता मंगेशकर, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. कुमार गंधर्व ने लता मंगेशकर की कौन कौन सी विशेषताएँ बताई है?लता के गाने की एक और विशेषता है, उसके स्वरों की निर्मलता। उसके पहले की पार्श्व गायिका नूरजहाँ भी एक अच्छी गायिका थी, इसमें संदेह नहीं तथापि उसके गाने में एक मादक उत्तान दीखता था। लता के स्वरों में कोमलता और मुग्धता है। ऐसा दीखता है कि लता का जीवन की ओर देखने का जो दृष्टिकोण है वही उसके गायन की निर्मलता में झलक रहा है।
कुमार गंधर्व ने लता मंगेशकर के गायन को चमत्कार की संज्ञा क्यों दी है?उनके गायन में जो गानपन है, वह अन्य किसी गायिका में नहीं मिलता। उनके गायन में जो गानपन है, वह अन्य किसी गायिका में नहीं मिलता। उच्चारण में शुद्धता व नाद का संगम तथा भावों में जो निर्मलता है, वह अन्य गायिकाओं में नहीं है। उनकी सुरीली आवाज ईश्वर की देन है, परंतु लता जी ने उसे अपनी मेहनत से निखारा है।
कुमार गंधर्व के अनुसार लता मंगेशकर ने कैसे गानों के साथ न्याय नहीं किया है?लता ने करुण रस के गानों के साथ न्याय नहीं किया, जबकि श्रृंगार परक गाने में बड़ी उत्कटता से गाती है। इस कथन से आप कहां तक सहमत हैं । उत्तर – लेखक का यह कहना कि “लताजी ने करुण रस के गानों के साथ न्याय नहीं किया हैं ,जबकि श्रृंगार पारक गाने में बड़ी उत्कटता से गाती है।” यह बात चित्रपटों पर लागू नहीं होती है।
लता मंगेशकर के गायन की किस कमी की ओर कुमार गंधर्व जी ने संकेत किया है क्या आप इससे सहमत हैं?उत्तर: कुमार गंधर्व का मानना है कि लता जी की गायकी में करुण रस विशेष प्रभावशाली रीति से व्यक्त नहीं होता। उन्होंने करुण रस के साथ उतना न्याय नहीं किया। बजाय इसके मुग्ध श्रृंगार की अभिव्यक्ति वाले गीत बड़ी उत्कटता से गाए हैं।
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