सोमवार को कैसे पूजा करना चाहिए? - somavaar ko kaise pooja karana chaahie?

सोमवार को कैसे पूजा करना चाहिए? - somavaar ko kaise pooja karana chaahie?
सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को है। ऐसे में पहले सावन सोमवार को लेकर बाबा के भक्तों में अति उत्साह है। सोमवार को शिव जी की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। आइए जानें कैसे करें भोलेनाथ की पूजा और किन मंत्रों का करें जाप।

कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। सावन माह की शुरुआत हो चुकी है। पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है। सावन के सोमवार का खास महत्व होता है। भक्त साल भर सावन सोमवार का इंतजार करते हैं। इस सोमवार की अलग महिमा होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सावन के सोमवार में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से सारे दुख दर्द दूर हो जाते हैं और मनचाहा फल मिलता है। ऐसे में इस साल सावन के पहले सोमवार भगवान शिव की पूजा कैसे करें, इसके बारे में जानते हैं।

सावन के सोमवार में क्या करें
सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठ जाएं। इसके बाद पूरे घर की सफाई करके स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। पूरे घर में गंगा जल या पवित्र नदी का जल छिड़कें। पूजा करते वक्त कभी भी काले वस्त्र धारण ना करें बल्कि सावन में मुख्य रूप से हरा, केसरिया, पीला, लाल और सफेद रंग के वस्त्र धारण करना लाभकारी माना जाता है। इस दिन भगवान शंकर के साथ पार्वती जी की भी पुष्प, धूप, दीप और जल से पूजा करनी चाहिए। यदि आप व्रत करते हैं तो पूरे दिन फलाहार का सेवन करें और दिन में एक बार भोजन करें जिसमें अन्न और नमक का सेवन न करें।

भगवान शिव की पूजा कैसे करें
सावन के पहले सोमवार में भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है। पूजा के दौरान चावल अर्पित करना (शिवलिंग पर कच्चे चावल चढ़ाने के नियम) प्रमुख माना जाता है। मान्यता यह है कि जो भी भक्त शिवलिंग पर कच्चे चावल अर्पित करता है उसे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। लेकिन अक्षत चढ़ाते समय ध्यान रहे कि चावल के दाने टूटे हुए न हों। भक्तों को शिवलिंग पर बेल पत्र, धतूरा, सफेद फूल, मोगरा, आक के फूल श्वेत और रक्त चंदन भस्म, श्वेत मदार, कनेर, बेला, गुलाब पुष्प, बेल फल, भांग चढ़ाने चाहिए और दूध से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। पूजा के बाद सावन के सोमवार की व्रत कथा पढ़ने और सुनने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। इस दिन शिव पूजन और आरती करने के बाद भगवान शिव को भोग लगाएं और घर परिवार में बांटने के पश्चात स्वयं भी ग्रहण करें।

सावन के पहले सोमवार में करें इन मंत्रों का जाप
सावन के सोमवार में शिव जी की पूजा करने से फल तो मिलता ही है, साथ ही पूजा के दौरान फलदायी मंत्रों का जाप करने का अलग महत्व है।

शिव पंचाक्षार मंत्र
भगवान शिव से संसार के कल्याण के लिए स्वयं पंचाक्षर मंत्र की रचना की जो है- ऊं नम: शिवाय । इन मंत्र का जाप रोजाना करने से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाएगा।

महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्

सावन में करें इन मंत्रों का भी जाप
ॐ सर्वात्मने नम:
ॐ त्रिनेत्राय नम:
ॐ हराय नम:
ॐ इन्द्रमुखाय नम:
ॐ श्रीकंठाय नम:
ॐ वामदेवाय नम:
ॐ तत्पुरुषाय नम:
ॐ ईशानाय नम:
ॐ अनंतधर्माय नम:
ॐ ज्ञानभूताय नम:
ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:
ॐ प्रधानाय नम:
ॐ व्योमात्मने नम:
ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:

सोमवार को कैसे पूजा करना चाहिए? - somavaar ko kaise pooja karana chaahie?

Sawan Puja Vidhi 2022: श्रावण मास को आम बोलचाल की भाषा में सावन भी कहा जाता है। श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित महीना है। इस महीना चारों ओर शिवमय हो जाता है। इस दौरान कांवड़िए गंगा नदी से जल लेकर विभिन्न शिवालयों में शिवजी का जलाभिषेक करके पूजा-अर्चना करते हैं। 

तो आइए, द रूरल इंडिया के इस ब्लॉग में जानें- सावन माह में शिवजी की पूजा कैसे करें?

तो चलिए जानते हैं

श्रावण माह से जुड़ी हुई संपूर्ण जानकारी

सबसे पहले इस लेख में हम श्रावण माह के महत्व के बारे में बात करेंगे। पूर्णमासी को श्रवण नक्षत्र योग होने के कारण यह मास श्रावण मास (सावन) कहलाता है। भगवान शिव को यह माह अत्यंत प्रिय है इसलिए शास्त्रों में श्रावण माह को पवित्र माना गया है। इस मास की हर तिथि यह व्रत एवं पूजा-पाठ के लिए महत्वपूर्ण एवं पुण्यकारी मानी गई है। 

आपको बता दें, सावन माह में हरियाली तीज, नाग पंचमी, सावन पुत्रदा एकादशी एवं रक्षाबंधन जैसे कई महत्वपूर्ण पर्व भी मनाए जाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन इसी माह में किया गया था, जिसमें निकले हलाहल विष को भगवान शिव ने अपने कंठ में धारण कर लिया था।

श्रावण मास का महत्व (Significance of Shravan Month)

मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को श्रावण माह के साथ सोमवार का दिन भी अति प्रिय है। सावन में सोमवार के दिन व्रत करने का विधान है। इसलिए इस माह में सोमवार के दिन को धार्मिक दृष्टिकोण से परम कल्याणकारी माना गया है। इस दिन जो व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर उनका जलाभिषेक करते हैं, उन पर भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा रहती है। श्रावण सोमवार पर भगवान शिव की आराधना से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

जहां विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत करती हैं, वहीं अविवाहित महिलाएं योग्य वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत का पालन करती हैं। 

आपको बता दें, इस वर्ष श्रावण माह 14 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त को समाप्त हो जाएगा।

सावन में ऐसे करें शिवजी की पूजा

श्रावण सोमवार पर भगवान शिव के मंदिर जाकर शहद, दूध एवं जल से अभिषेक करें और उन्हें बिल्वपत्र चढ़ाएं, इससे आपको महादेव का आशीष प्राप्त होगा। इसके अलावा इस माह में शयन सैया का त्याग कर भूमि पर ही शयन करें। ऐसा करना शुभ माना जाता है। वहीं अगर संभव हो पाए तो भक्तिपूर्वक हर सोमवार के दिन व्रत का पालन करें। साथ ही इस माह में ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए,भगवान शिव का स्मरण करें।

सावन माह में इन बातों का रखें खास ध्यान

इस माह में प्याज, लहसुन, मूली, बैंगन मांस, मदिरा एवं धूम्रपान का त्याग करना चाहिए। इस माह में दिन में सोने से बचना चाहिए। वहीं अगर संभव हो तो सावन के महीने में पुरुषों को अपनी दाढ़ी नहीं बनानी चाहिए।

सावन सोमवार की खास पूजा विधि

श्रावण सोमवार का प्रारंभ आपके जीवन में सुख-समृद्धि के नए द्वार खोल सकता है। भगवान शिव को समर्पित यह व्रत आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने के साथ आपके सभी कष्टों को समाप्त भी कर सकता है। इस दिन भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व है। 

  • सोमवार के दिन पर ब्रह्म मुहूर्त पर उठकर भगवान भोलेनाथ का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। 

  • इसके बाद आप स्नान आदि करके सभी नित्य कर्मों से निवृत हो जाएं। 

  • तत्पश्चात् स्वच्छ कपड़े धारण करके सूर्यदेव को जल का अर्घ्य दें। 

  • फिर मंदिर जाकर भगवान शिव का स्मरण करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। 

  • भगवान शिव को पंचामृत अतिप्रिय है इसलिए जल के बाद आप शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें।

  • इसके बाद भगवान शिव को पुष्प,फल, अक्षत, भांग, धतूरा, दूध, दही, घी, शहद, चंदन, रोली, तुलसी दल, बेलपत्र आदि अर्पित करें और शिव चालीसा पढ़ें। 

  • इसके बाद महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें। 

  • ऐसा करना इस दिन बेहद शुभ माना जाता हैं।

  • साथ ही घर के मंदिर में भी भगवान शिव की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करें और उन्हें तिलक लगाकर पूजा सामग्री और भोग अवश्य अर्पित करें। 

  • इसके बाद श्रावण सोमवार की व्रत कथा सुने और श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की आरती उतारें। फिर उनके आशीष की कामना करें और अंत में प्रसाद वितरित करें।

ये तो थी, सावन में शिवजी की पूजा कैसे करें और सावन सोमवार से जुड़ी संपूर्ण जानकारी। लेकिन The Rural India पर आपको धर्म, आध्यात्म, पूजा-पाठ और सनातन धर्म की जानकारियां जैसे कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और भगवान से जुड़ सकते हैं। 

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  • सावन सोमवार की व्रत कथा 2022 | Sawan Somvar Vrat Katha 2022
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सोमवार के दिन कैसे पूजा की जाती है?

सुबह स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाकर भगवान भोलनाथ का जलाभिषेक करते हुए पूजा आराधना की जाता है। सावन माह के सोमवार के दिन महिलाएं और अविवाहित कन्याएं भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से शिव-पार्वती की पूजा-पाठ, कथा और आरती करती हैं।

सोमवार के दिन शिवलिंग पर क्या क्या चढ़ाना चाहिए?

सावन के पहले सोमवार (Pahla Sawan Somwar 2022) को शिवलिंग (Shivling) पर जल, गंगाजल, बेलपत्र, अक्षत, भांग, धतूरा, शहद, गन्ने का रस, चंदन, सफेद पुष्प और भस्म इत्यादि अर्पित करना शुभ फलदायी साबित होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ये चीजें भगवान शिव को बेहद प्रिय हैं.

सोमवार को सुबह से क्या क्या करना चाहिए?

सोमवार के उपाय सोमवार के दिन सुबह जल्दी स्नान और पूजा पाठ करने के बाद महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. सोमवार के दिन सुबह शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं और साथ ही साथ 'ऊँ नम: शिवाय:' का जाप करते रहें. इसके अलावा, सोमवार के दिन पूजा में बिल्व पत्र, अक्षत (चावल) का इस्तेमाल करना चाहिए.