Upsarg Kise Kahate Hain : नमस्कार, हिंदी बाराखड़ी डॉट कॉम पे आपका स्वागत है। व्याकरण के पॉइंट उपसर्ग किसे कहते हैं और उपसर्ग के प्रकार के बारेमे आज हम इस पोस्ट में जानने वाले हैं। Show Contents
उपसर्ग किसे कहते हैंउपसर्ग की परिभाषा : ऐसे शब्दांश जो किसी मूल शब्द के पूर्व में लगकर नए शब्द का निर्माण करते हैं यानि नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें उपसर्ग कहा जाता है। तो दोस्तों Upsarg kise kahate hain, upsarg kitne parkar ke hote hain यह आप अच्छे से समज गए होंगे। उपसर्ग ऐसे शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व जुड़ कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या उसके अर्थ में विशेषता ला देते हैं। उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है - किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना।
उपर्युक्त उदाहरण में 'प्र', 'आ', 'सम्' और 'वि' का अलग से कोई अर्थ नहीं है, 'हार' शब्द के आदि में जुड़ने से उसके अर्थ में इन्होंने परिवर्तन कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि ये सभी शब्दांश हैं और ऐसे शब्दांशों को उपसर्ग कहते हैं। वे शब्दांश जो किसी मूल शब्द के पूर्व में लगकर नये शब्द का निर्माण करते हैं अर्थात् नये अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं। ये शब्दांश होने के कारण वैसे इनका स्वतन्त्ररूप से अपना कोई महत्त्व नहीं होता किन्तु शब्द के पूर्व संश्लिष्ट अवस्था में लगकर उस शब्द विशेष के अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं। जैसे ‘हार’ एक शब्द है, इसके साथ शब्दांश प्रयुक्त होने पर कई नये शब्द बनते हैं यथा आहार (भोजन), उपहार (भेंट) प्रहार (चोट) विहार (भ्रमण), परिहार (त्यागना), प्रतिहार (द्वारपाल) संहार (मारना), उद्धार (मोक्ष) आदि। अतः ‘हार’ शब्द के साथ प्रयुक्त क्रमशः आ, उप, प्र, वि, परि, प्रति, सम्, उत् शब्दांश उपसर्ग की श्रेणी में आते हैं। प्रकार : हिन्दी में उपसर्ग तीन प्रकार के होते हैं (i) संस्कृत के उपसर्गसंस्कृत में उपसर्ग की संख्या 22 होती है। ये उपसर्ग हिन्दी में भी प्रयुक्त होते हैं इसलिए इन्हें संस्कृत के उपसर्ग कहते हैं।
उपर्युक्त उपसर्गों के अतिरिक्त संस्कृत के निम्न उपसर्ग भी हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं – (ii) हिन्दी के उपसर्ग1.अन – (नहीं) अनपढ़, अनजान, अनबन, अनमोल अनहोनी, अनदेखी, अनचाहा, अनसुना (iii) विदेशी उपसर्गहिन्दी भाषा में अन्य भाषाओं के शब्द भी प्रयुक्त होते हैं फलतः उनके उपसर्गों को हिन्दी में विदेशी उपसर्ग की संज्ञा दी जाती हैं।. बेरहितबेघर, बेवफा, बेदर्द, बेसमझ, बेवजह, बेहया, बेहिसाबदरमेंदरअसल, दरबार, दरखास्त, दरहकीकत, दरम्यानबासहितबाइज्जत, बामुलायजा, बाअदब, बाकायदाकमअल्पकमअक्ल, कमउम्र, कमजोर, कम समझ, कमबख्तलापरे/ बिनालाइलाज, लावारिस, लापरवाह, लापता, लाजवाबनानहींनापसन्द, नाकाम, नाबालिग, नाजायज, नालायक, नाराज, नादानहरप्रत्येकहरदम, हरवक्त, हररोज, हरहाल हर मुकाम, हर घड़ीखुशश्रेष्ठखुशनुमा, खुशहाल, खुशबू, खुशखबरी खुशमिजाजबदबुराबदबू, बदचलन, बदमाश, बदमिजाज, बदनाम, बदकिस्मतसरमुख्य/ प्रधानसरपंच, सरदार, सरताज, सरकारबसहितबखूबी, बतौर, बशर्त, बदौलतबिलाबिनाबिलाकसूर, बिलावजह, बिलाकानूनबेशअत्यधिकबेश कीमती, बेश कीमतनेकभलानेकराह, नेकनाम, नेकदिल, नेकनीयतऐनठीकऐनवक्त, ऐनजगह, ऐन मौकेहमसाथहमराज, हमदम, हमवतन, हमसफर, हमदर्दअलनिश्चितअलगरज, अलविदा, अलबत्ता, अलबेतागैररहित भिन्नगैर हाजिर, गैरमर्द, गैर वाजिबहैडप्रमुखहैडमास्टर, हैड ऑफिस, हैडबॉयहाफआधाहाफकमीज, हाफटिकट, हाफपेन्ट, हाफशर्टसबउपसब रजिस्ट्रार, सबकमेटी, सब इन्स्पेक्टरकोसहितको-आपरेटिव, को-आपरेशन, को-एजूकेशनइस पोस्ट में आपको उपसर्ग किसे कहते हैं हिंदी में उपसर्ग किसे कहते हैं संस्कृत में उपसर्ग किसे कहते हैं उदाहरण सहित हिंदी में उपसर्ग कितने प्रकार के होते हैं उपसर्ग के भेद की परिभाषा उपसर्ग ट्रिक उपसर्ग की परिभाषा और उदाहरण हिंदी के उपसर्ग से संबधित जानकारी दी गयी है . हिंदी में कुल उपसर्ग कितने हैं?१. संस्कृत के उपसर्ग या तत्सम उपसर्ग- इनकी संख्या २२ है। २. हिन्दी के उपसर्ग या तद्भव उपसर्ग- इनकी संख्या १० है।
हिंदी के उपसर्ग कौन कौन से हैं?प्र, परा, अप, सम्, अनु, अव, निस्, निर्, दुस्, दुर्, वि, आ (आङ्), नि, अधि, अपि, अति, सु, उत् /उद्, अभि, प्रति, परि तथा उप।
उपसर्ग कितने प्रकार के होते हैं class 8?उपसर्गों को चार भागों में विभक्त किया जा सकता है:. संस्कृत के उपसर्ग. हिंदी के उपसर्ग. उर्दू के उपसर्ग. उपसर्ग के समान प्रयुक्त किए जाने वाले संस्कृत के अव्यय. उपसर्ग के कितने भेद होते हैं class 9?(क) संस्कृत के उपसर्ग, (ख) हिंदी के उपसर्ग, (ग) विदेशी उपसर्ग।
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