कुरान पढ़ने से क्या फायदा होता है? - kuraan padhane se kya phaayada hota hai?

लोगो ! हमारे पास कुरान पाक हुज़ूर सल्लल लहू अलैहि वसल्लम के जिंदा मुआजिज़े की सूरत में एक ऐसी किताब है कि जिसके हर नुक्ते, आयत, हर्फ़ व सूरह में ऐसी रूहानियत ऐसी बातिनी ताक़त मौजूद है कि जिसके एक ज़र्रे को हासिल करने वाले की दुनिया व आखिरत दोनों संवर जाएँ |

जिन लोगो ने कुरान की असल कुव्वत और ताक़त को पहचाना और जाना और इस रोहानियत को हासिल करने के लिए जिस्म को मुजाहिदा और मेहनत के ज़रिये इस काबिल बनाया कि उनका जिस्म कुरान की रोशनी को अपने अन्दर जज़्ब कर सके तो अल्लाह ने दुनिया में ही उनको बहुत बलंद और ऊँचे दर्जात से नवाज़ा अल्लाह ने उनको ऐसा बनाया कि उनकी वफात के बाद भी उनका फैज़ इस दुनिया में जारी है |

कुछ तो कुरान के इस मफहूम के मुताबिक कि “हुज़ूर सल्लल लहू अलैहि वसल्लम पर खूब दुरूद पढ़ा करो” पर अमल करके मकबूल हुए और कुछ कुरान की तिलावत व ज़िक्र से अपने दिल का जंग दूर करके मुत्तकी और परहेजगार कहलाये और रोहानी ताक़ते हासिल की |

 

आमिल मुअक्किल को कब्जे में कैसे करता है

जब अल्लाह के किसी नाम या आयत को ख़ास तरीकों और शर्तों के साथ पढ़ा जाता है तो इन नामो और आयातों के ज़िक्र की वजह से ज़िक्र करने वाले की जुबां से नूर पैदा होता है और यही नूर इंसानी दिल ,पाक रूहों, फरिश्तों, मुआक्किलों और मुस्लमान जिन्नात की गिज़ा यानी उनका खाना होता है

जिस तरह परवाने शमा के जलने पर उसके चारों ओर चक्कर लगते है और उस पर दीवाना वार गिरते है उसी तरह ये मुआक्किल, जिन्नात, फरिश्ते अपनी अन्दुरूनी रोहानी गिज़ा हासिल करने के लिए ज़िक्र करने वाले के पास जमा हो जाते है और उससे लुत्फ़ लेते रहते है

फिर एक वक़्त ऐसा आता है कि ये सब अल्लाह के हुक्म से ज़िक्र करने वाले के काबू में आ जाते जाते है और उसके  फर्मांबरदार हो जाते है ज़िक्र करने वाला फिर इन से दीनी और दुनियावी कामों में मदद हसिल करता है

कुरान पढ़ने से क्या फायदा होता है? - kuraan padhane se kya phaayada hota hai?

कुरान से शिफा

अगर कोई शख्स अल्लाह की रजा (ख़ुशी) के लिए कुरान की किसी आयत या अल्लाह के किसी नाम का ज़िक्र तमाम शर्तों के साथ करता है तो उसपर अल्लाह के हुक्म से फरिश्ते उतारते है और अल्लाह की खुशनूदी की खुशखबरी सुनाते है और फिर उसको रोहानी व क़ल्बी ताक़ते अत की जाती है

यही मुसलमानों की वो असल ताक़त रोहानियत और विरासत है जिसके ज़रिये मुसलमानों ने पूरी दुनिया में हुकूमत की

 

आज मुसलमान ज़लील क्यूँ है

आज मुस्लमान अपने इस बातिनी व अन्दुरूनी इल्म यानी कुरान से दूरी कि वजह से ज़लील है यहांतक कि फ़राइज़ से भी दूर हो गए है मुसलमानों पर वेस्टर्न कल्चर इस क़दर हावी हो चूका है कि हमारे नजदीक नमाज़, रोज़े, और दूसरी दीनी और रोहानी उलूम की क़दर कम हो चुकी है हमारे पास इतनी फुर्सत नहीं कि हम इस से भी शिफा हासिल करे

कुरान पाक हर मर्ज़ कि दवा और हर मुश्किल कि कुंजी है हुज़ूर सल्लल लहू अलैहि वसल्लम ने हमें कुरान से फ़ायदा उठाने कि तल्कीन की

एक कुरानी आयत का तर्जुमा ये है कि “और हम उतारते है कुरान में वो चीज़ जो ईमान वालो के लिए शिफा है “ हुज़ूर सल्लल लहू अलैहि वसल्लम न सिर्फ खुद दम करते थे बल्कि सहबा को भी बीमारियों से शिफा और मुश्किलात के हल के लिए कुरान पाक कि अमलियात से फायदा उठाने की तलकीन फरमाते

 

कुरान पर एक बहुत बड़ा सितम

सितम तो ये है कि हमने कुराने पाक को सिर्फ सवाब हासिल करने वाली किताब समझ लिया है जबकि उसकी असल रोहानी ताक़त और हर किस्म कि मुश्किलात को दूर करने कि ताक़त से नहीं जानते है

जिस तरह मुल्क का एक पवार हॉउस होता है जिस के ज़रिये तमाम शहरों इलाकों को बिजली मिलती है और उस एनर्जी से हम अपने घर कि चीजों को अपने आलात को चलाते है उसी तरह कुरान उम्मते मुस्लिम का एक ऐसा पवार हॉउस है जिसकी बर्की ताक़त के ज़रिये हम दीनी व दुनयावी मकासिद को पूरा करते है

अल्लाह ने कुरान में फ़रमाया है कि अगर ये कुरान हम किसी पहाड़ पर उतारते तो तुम उसे डरकर रेज़ा रेज़ा और टुकड़े टुकड़े होता हुआ देखते

तो जब पहाड़ कुरान कि रोहानी ताक़त से टुकड़े टुकड़े हो सकता है तो क्या वजह है कि इसके पढने से दुनयावी और रोहानी परेशानियाँ दूर न हो और जिस्मानी बीमारियाँ ख़त्म न हो


जब शिफा के हासिल करने और मुश्किलात के हल कि शर्तो का लिहाज़ करते हुए कुरान को किसी बीमारी पर पढ़ा जाता है तो कोई बीमारी और परेशानी कुरान कि ताक़त का मुकाबला नहीं कर सकती |

Quran ki tilawat ! दोस्तो आज के हमारे इस आर्टिकल में हम आप लोगो को बताएंगे कि कुरान की तिलावत कैसे की जाती है और कुरान की तिलावत करने से कौन कौन से फायदे होते हैं इन सब के बारे में आज हम आप लोगो को बताएंगे।

कुरान की तिलावत करने के कौन-कौन से फायदे होते हैं दोस्तों हम आप लोगों को बता दें कि कुरान पढ़ने की बहुत ही बेशुमार फायदे होते हैं। अल्लाह पाक ने सबसे आखिर में जिस किताब को नाजिल किया फरमाया उस आसमानी किताब को कुरान ए करीम कहा जाता है.

कुरान पढ़ने से क्या फायदा होता है? - kuraan padhane se kya phaayada hota hai?

अल्लाह ने कुरान में मुसलमानों के लिए बहुत ही अच्छी अच्छी बातें बताई है और एक सच्चे मुसलमान को क्या करना चाहिए ? इसके बारे में बताया है तो अगर आप एक मुसलमान है,

तो आपका यह जानना बहुत जरूरी है कि कुरान की तिलावत कैसे की जाती है और कुरान की तिलावत करने के कौन-कौन से फायदे होते हैं और कुरान पढ़ने से आपको कितनी नेकिया मिलती है।

इन सब के बारे में आज हम आप लोगों को बताएंगे अगर आप लोग जानना चाहते हैं क्यों सही से कुरान की तिलावत कैसे की जाती है तो आप हमारे साथ निकल को पढ़ ले.

इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको कुरान पढ़ने का तरीका बहुत ही अच्छे से पता चल जाएगा अगर आप अटक अटक कर कुरान की तिलावत करते हैं, तो इससे आपको उतना जवाब नहीं मिलेगा.

जैसा की

कुरान शरीफ कभी भी अटक अटक कर नहीं पढ़नी चाहिए और कुरान शरीफ को बहुत ही समझ कर पढ़ना चाहिए तो आज हम आप लोगों को बहुत ही मुकम्मल तरीके से यह सारी जानकारी देंगे कि आप लोगों को कुरान की तिलावत कैसे करनी है, तो आइए जानते हैं :

कुरान की तिलावत करने का तरीका

दोस्तों कुरान इस्लाम धर्म की सबसे ज्यादा मानी जाने वाली किताब है और यह बहुत ही पवित्र और पाक साफ होती है इसलिए इसको पढ़ने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना है और कुछ तरीकों को अपनाना है।

तभी आप इस कुरान के किताब को पढ़ सकते हैं जैसा कि कुरान पढ़ने से पहले आप के कपड़ो का पाक साफ होना बहुत जरूरी है और कपड़ों के पाक साफ होने के साथ-साथ जिस जगह पर आप कुरान पढ़े उस जगह का पाक साफ होना बहुत जरूरी है.

कुरान पढ़ने से पहले आपको अच्छी तरीके से वजू करना है और फिर उस कुरान की तिलावत उस जगह पर बैठकर पढ़ना है, जो जगह बिल्कुल पाक साफ हो और अपने मुंह को और कुरान को काबे की तरफ रख कर पढ़ना है।

कुरान पढ़ने का सबसे अच्छा वक्त होता है कि जब आप सुबह फजर की नमाज पढ़े तो कुरान की तिलावत जरूर किया करें अगर आप किसी भी वजह से ज्यादा नहीं पढ़ सकते हैं तो आप थोड़ा ही पढ़े. लेकिन रोजाना सुबह कुरान की तिलावत करना आपके लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होगा।

अगर आप ऐसा करेंगे तो इससे आपको बहुत सारे फायदे मिलेंगे और अल्लाह आपसे खुश होगा क्योंकि किसी भी काम का आगाज करने से पहले अल्लाह को याद करना और उसके बनाई हुई कुरान की तिलावत करना बहुत ही अच्छा होता है।

कुरान को समझ कर पढ़ना

बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो कुरान को पढ़ तो लेते हैं लेकिन समझ नहीं पाते हैं लेकिन कुरान को पढ़ने से ज्यादा समझना जरूरी है अगर आप कुरान को समझकर पढ़ते हैं तो आपको यह सारी बातें समझ पाएंगे कि कुरान में क्या लिखा है ?

जब भी कोई शख्स कुरान सुनता है या फिर तब या मजनून पड़ता है तो वह पूरी कोशिश करता है कि वह उसे समझ कर पड़े इसी तरह अगर कोई शख्स कुरान ए  करीम पढ़ता है तो हमारी पहली कोशिश यही होनी चाहिए कि हम उसे बहुत ही समझ कर और अच्छे तरीके से पढ़े ताकि जो लोग हमारे कुरान को सुन रहे हैं।

वह भी अच्छे से सुने अगर हम कुरान ए करीम के मायने को अच्छे से समझते हैं तो हमें उसके मतलब अच्छे से समझ जाएंगे और कुरान की तिलावत से होने वाले फायदों के बारे में भी पता चलेगा कुरान शरीफ की सिर्फ तिलावत करने से भी बहुत ज्यादा फायदे है.

अल्लाह ने इसका सवाब बहुत ज्यादा दिया है अगर कोई शख्स रोजाना कुरान की तिलावत करता है तो अल्लाह उसे बेशुमार नेकियां देता है और उस शख्स के चेहरे पर एक अलग ही नूर पैदा करता है।

कुरान की तिलावत में मसगुलियत

जो शख्स कुरान ए करीम की तिलावत बहुत ही मशगूल होकर करता है अल्लाह का जिक्र करने और दुआ मांगने के लिए भी उसके पास फुर्सत नहीं होती है ऐसी तिलावत में मशगूल होने वाले शख्स को उसकी तमाम जरूरतों से ज्यादा देता है और उस शख्स को अल्लाह से कुछ भी मांगना नहीं पड़ता है.

अल्लाह उसे बेहतर से बेहतरीन अता फरमाता है कुरान ने फरमाया गया जो शख्स मेरी कुरान को पूरे दिल से पड़ता है अल्लाह उसके सारी दुआओं को कुबूल फरमाता है और उसे हमेशा नेक रास्ते पर चलने की तौफीक अता फरमाता है।

अटक अटक कर तिलावत करना

जो शख्स कुरान शरीफ को सही से नहीं पढ़ पाता है उसे चाहिए कि वह पहले कुरान को पढना अच्छे से सीखे और समझे उसके बाद कुरान की तिलावत करे अगर आप गलत कुरान पढ़ते हैं या फिर अटक अटक कर पढ़ते हैं तो इससे अल्लाह आप से नाराज होता है और आपको इसका सवाब नहीं मिलता है.

इसलिए आप कुरान को अच्छी तरीके से पढ़ने की कोशिश करें, जो शख्स हाफिज ए कुरान होता है और जो शख्स सिर्फ कुरान की तिलावत करता है और इन दोनों में बहुत फर्क होता है क्योंकि जो हाफिज ए कुरान होता है कभी भी अटक अटक कर कुरान की तिलावत नहीं करता है.

उसको पूरी कुरान याद रहती है और वह बिल्कुल आसानी से और बहुत ही अच्छे से कुरान की तिलावत करता है इसलिए सबको चाहिए कि वह कुरान की तिलावत सही ढंग से करें हालाकि कुरान की तिलावत करने से बहुत ज्यादा सवाब मिलता है लेकिन आप कुरान की तिलावत को अटक अटक कर ना करें बल्कि अच्छे से पढ़ें।

कुरान पढ़ने के फायदे

कुरान पढ़ने के बहुत से फायदे होते हैं जो शख्स रोजाना सुबह कुरान की तिलावत करता है अल्लाह उसके जेहन को बहुत तेज करता है और उसके चेहरे की चमक को और बढ़ाता है और अल्लाह ताला रोजाना कुरान की तिलावत करने वाले की आंखों में कभी भी रोशनी कम नहीं होने देता है और उसे हर तरह की आंखों से होने वाली बीमारी से दूर रखता है।

रोजाना कुरान की तिलावत करने वाला शख्स कभी भी किसी बीमारी से परेशान नहीं होता है अल्लाह उसे हर तरह की बीमारी से शिफा देता है और उसकी रोजी में बरकत देता है जो इंसान अपने काम का आगाज करने से पहले अल्लाह को याद करता है और उसके कुरान की तिलावत करता है. अल्लाह उसे उस काम में कामयाबी देता है और उसके काम में बरकत देता है।

FAQ : कुरान की तिलावत

कुरान क्या हैं ?

Ans. कुरान मुस्लिमों की एक ऐसी किताब है जिसको हर मुस्लमान पढ़ता है और इसे हर मुस्लिम बहुत पाक और साफ मानी जाती है.

कुरान पढने का तरीका क्या होता हैं ?

Ans. कुरान पढने का तरीका ये होता है की आप पाक साफ हो कर और वजू करके किसी पाक साफ जगह पर बैठ कर कुरान की तिलावत करें.

कुरान कौन सी भाषा में होती हैं ?

Ans. कुरान इस्लाम धर्म की सबसे पाक किताब मानी जाती है और यह अरबी भाषा में लिखी होती है.

निष्कर्ष

उम्मीद करते हैं दोस्तों हमारे द्वारा दी गई इस्लामिक Information आप लोगों को काफी पसंद आई होगी इस पोस्ट में हमने आप लोगों को बताया कुरान की तिलावत करने का तरीका क्या होता है और कुरान को किस तरीके से पढ़ना चाहिए और कुरान पढ़ने से कौन-कौन से फायदे होते हैं ?

अगर आप लोगों ने यह मेरा आर्टिकल पूरा पढ़ा होगा तो आप लोगों को यह सारी जानकारी हासिल हो गई होगी और आप लोगों को बहुत ही अच्छे से पता चल गया होगा कि कुरान को पढ़ने से कौन-कौन से फायदे होते हैं और कुरान की तिलावत करने का सही तरीका क्या होता है ?

कुरान पढ़ने से क्या फायदा होता है? - kuraan padhane se kya phaayada hota hai?

इन सब के बारे में आप लोगों को मालूमात हासिल हो गई होगी, साथ ही हर मुसलमान को कुरान की तिलावत करने का हुक्म है।

कुरान शरीफ पढ़ने से क्या फायदा होता है?

कुरान पढ़ने से बहुत फायदा होता है इसे पढ़ने से हमें पता चलता है कि अल्लाह कौन है। पर पूरा मुस्लिम समाज ये मानता है कि पवित्र क़ुरआन शरीफ का ज्ञान दाता स्वयं अल्लाह (पूर्ण प्रभु) ही है।

कुरान को कैसे पढ़ना चाहिए?

कुरान शरीफ पढ़ने से पहले कुछ चीजों को करना चाहिए जिससे आमतौर पर लोग करते रहते है सबसे पहला कुरान पढ़ने से पहले वजू कर लेना जरुरी होता है। वजू के बाद किबला रुख हो कर पढ़े और कुरान शरीफ अच्छी आवाज़ से पढ़ना चाहिए लेकिन गाने की तरह नहीं पढ़ना चाहिए क्युकी इस तरह पढ़ना नाजाइज है।

कुरान पढ़ने का मतलब क्या होता है?

कुरान इस्लाम की सर्वोच्च किताब है, जो अल्लाह के संदेशों का संकलन है. मसलकों, फिरकों और दूसरी तरह के मतभेदों के बावजूद तमाम मुसलमानों का यह अकीदा है कि कुरान एक आसमानी और अल्लाह के द्वारा भेजी गई अंतिम किताब है. इसे अल्लाह ने अपने फरिश्ते (देवदूत) जिब्राइल के जरिए पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब तक पहुंचाया.