हर्निया की जांच कैसे होती है - harniya kee jaanch kaise hotee hai

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हमारे शरीर के आंतरिक अंगों को अपनी जगह पर थामे रखने वाले मसल-वाल (muscle wall), मेम्ब्रेन (membrane) या टिशू जब कहीं से कमजोर हो जाते हैं या उनमें कहीं छेद हो जाता है तो उसे हर्निया कहते हैं। एक बार जब कमजोर हिस्सा या छेद बड़ा हो जाता है तो आंतरिक अंग का कोई हिस्सा बाहर की ओर निकलने लगता है। इस तरह हर्निया एक ऐसे थैले जैसा होता है जिसमे एक छोटा छेद हो जाता है और जिसके कारण थैले के अंदर की चीजें जैसे खाना, डिब्बे आदि बाहर निकलने लगते हैं। चूंकि हर्निया कई कारणों से हो सकता है इसलिए उसकी जांच कैसे की जाये यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता ताकि आगे हो सकने वाले जटिलताओं से बचा जा सके। (hernia ke baare me jane, hernia ki jaanch kaise kare)

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    स्टमक, ऐब्डोमेन या चेस्ट क्षेत्र में होने वाले हर्निया की जांच करें: हर्निया आपके शरीर के विभिन्न अंगों को विभिन्न तरीकों से प्रभावित कर सकता है परंतु स्टमक एरिया में होने वाला हर्निया सबसे आम होता है। इन हर्नियाओं में ये सब शामिल हैं:

    • हियेटल हर्निया (Hiatal hernia) स्टमक के ऊपरी भाग को प्रभावित करता है। चेस्ट और ऐब्डोमेन को विभाजित करने वाले डायाफ्राम में पाये जाने वाले छेद को हियेटस कहते हैं।[१] हियेटल हर्निया दो प्रकार के होते हैं: स्लाइडिंग या पैरा-इसोफ़ेजियल। हियेटल हर्निया पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा होता है।
    • एपीगैस्ट्रिक हर्निया (Epigastric hernia), फैट के छोटे स्तर के, ब्रेस्ट बोन और नाभि के मध्य बेली-वाल में छेद करके बाहर निकलने से होता है।[२] यह एक ही समय में आपको एक से अधिक हो सकता है। यद्यपि एपीगैस्ट्रिक हर्निया अक्सर बिना किसी लक्षण के होता है तथापि इसके इलाज़ के लिए सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।
    • इनसिजनल हर्निया (Incisional hernia) तब होता है जब ऐब्डोमिनल सर्जरी के बाद उचित देख-भाल नहीं होती है और चीरे वाली जगह से आंतरिक अंग बाहर निकलने लगता है।[३] अक्सर मेश की लाइनिंग को सही ढंग से स्थापित न करने से आंत, मेश में से स्लिप करके बाहर आने लगता है और हर्निया हो जाता है।
    • अंबेलिकल हर्निया (Umbilical hernia) विशेष कर के नवजात शिशुओं में होता है। जब बच्चा रोता है तो उसके नाभि के आस-पास के क्षेत्र में एक लम्प बाहर की ओर निकल आता है।[४]

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    उस तरह के हर्निया के बारे जो में जानिए जो ग्रोइन एरिया को प्रभावित करता है: आँतें थैले से बाहर निकल के जो हर्निया बनाती हैं वे ग्रोइन, पेल्विस या जांघों को प्रभावित करती हैं और उन क्षेत्रों में असुविधाजनक या कभी-कभी दर्दनाक लम्प बनाती हैं।

    • इंगुइनल हर्निया (Inguinal hernia) छोटी आंत के किसी हिस्से द्वारा एब्डोमिनल लाइनिंग को भेद कर बाहर निकालने से होता है और ग्रोइन एरिया को प्रभावित करता है। [५] इस हर्निया को ठीक करने के लिए कभी-कभी सर्जरी की आवश्यकता होती है क्योंकि इसमे जटिलता होने पर ये प्राणघातक हो सकता है।
    • फीमोरल हर्निया (Femoral hernia) ग्रोइन के ठीक नीचे, जंघे के ऊपरी हिस्से को प्रभावित करता है। हो सकता है कि इसमें दर्द न हो परंतु जंघे के ऊपरी हिस्से में यह एक उभार के रूप में दिखता है। [६] हियेटल हर्निया की तरह ही फीमोरल हर्निया भी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा होता है।
    • एनल हर्निया (Anal hernia), एनल मेम्ब्रेन के के आस-पास टिशूज के उभरने के कारण होता है। एनल हर्निया बहुत कम देखने को मिलता है। अक्सर लोग बवासीर को ही एनल हर्निया समझ लेते हैं।

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    अन्य प्रकार के हर्निया के बारे में जानिए: हर्निया, स्टमक और ग्रोइन एरिया के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों को भी प्रभावित कर सकता है। निम्नलिखित हर्निया विशेष कर व्यक्तियों में चिकित्सीय समस्या उत्पन्न कर सकते हैं।

    • हर्निएटेड डिस्क्स (Herniated disks) तब होता है जब आपके स्पाइनल कालम में से कोई डिस्क बाहर निकल कर किसी नस (nerve) को दबाने लगता है। [७] डिस्क, स्पाइनल कालम के चारो ओर शॉक ऐब्जार्बर का काम करता है लेकिन चोट लगने से या किसी बीमारी के कारण ये अपनी जगह से हट जाता है जिससे हर्निएटेड डिस्क बन जाता है।
    • इंट्राक्रेनियल हर्निया (Intracranial hernias) सिर के अंदर होता है। ये, स्कल में ब्रेन टिशू, फ़्ल्युइड और ब्लड वेसेल्स के अपने निश्चित स्थान से हटने के कारण होते हैं। [८] यदि स्कल के अंदर हर्निया ब्रेन स्टेम रीज़न के निकट कहीं होता है तो उसका इलाज़ तुरंत किया जाना चाहिए।

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    हर्निया के संभावित लक्षणों या संकेतों की जांच करें: हर्निया कई कारणों से हो सकता है। एक बार ये हो जाते हैं तो दर्द हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है। इसलिए हर्निया के लक्षणों को विशेष कर ऐब्डामेन या ग्रोइन एरिया में देखें। :

    • जहां दर्द हो रहा हो वहाँ सूजन को देखें। सूजन आम तौर पर उस एरिया, जैसे कि जांघ, ऐब्डामेन या ग्रोइन, के सतह पर होता है।

    • आमतौर पर हर्निया का उभार बिना दर्द के होता है जबकि सूजन में दर्द हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है।

    • ऐसे उभार जो दबाने पर सपाट हो जाते हैं उन्हें चिकित्सीय सहायता मिलनी चाहिए लेकिन यदि उभार दबाने पर सपाट न हों तो फौरन चिकित्सीय मदद मिलनी चाहिए।[९]

    • दर्द भी हो सकता है जो "थोड़े असुविधाजनक" से लेकर "तीव्र" तक हो सकता है। हर्निया का एक सामान्य लक्षण तनाव पड़ने पर दर्द का होना है। यदि इनमें से कोइ भी कार्य करते समय आपको दर्द हो तो आपको हर्निया हो सकता है:

    • भारी सामान उठाने पर

    • खाँसने या छींकने पर

    • व्यायाम करने या परिश्रम करने पर

    • दिन समाप्त होने तक दर्द का बढ़ जाना। हर्निया का दर्द अक्सर दिन के समाप्त होने तक बढ़ जाता है या देर तक खड़े रहने पर बढ़ जाता है।

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    हर्निया की पुष्टि के लिए डाक्टर से मिलें: कुछ हर्निया ऐसे होते हैं जिन्हें डाक्टर "ट्रैप्ड" (trapped) या "स्ट्रैंगुलेटेड" (strangulated) कहते हैं जिसका अर्थ है कि संबन्धित अंग में या आंत में रक्त का प्रवाह बाधित हो रहा है। [१०] इस तरह के हर्निया में तुरंत चिकित्सीय मदद की जरूरत होती है।

    • डाक्टर से मिलें। डाक्टर को अपने सभी लक्षणों के बारे में बताना सुनिश्चित करें।
    • शारीरिक परीक्षण कराएं। डाक्टर यह देखने के लिए जांच करता है कि वजन उठाने पर, झुकने पर या खाँसने पर उस जगह की साइज़ बढ़ती है या नहीं।

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    यह जानें कि क्या चीजें है जो लोगों में हर्निया के खतरे को बढ़ाते हैं: लाखों लोगों को हर्निया क्यों होता है?[११] हर्निया बहुत से कारणों से हो सकता है। यहाँ कुछ घटकों के नाम बताए जा रहे हैं जो लोगों में हर्निया के खतरे को बढ़ाते हैं। [१२]:

    • अनुवांशिक कारण: यदि आपके पेरेंट्स में से किसी को भी हर्निया रहा होगा तो आपको भी हर्निया होने की संभावना ज्यादा होगी।

    • आयु: जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे आपको हर्निया होने की संभावना बढ़ती जाती है।

    • प्रेग्नेंसी: प्रेग्नेंट होने पर माँ का पेट फैल जाता है और हर्निया होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

    • अचानक वज़न घटना: जिन लोगों का वज़न अचानक तेजी से घटता है उनमें भी हर्निया होने का खतरा ज्यादा होता है।

    • मोटापा: जिन लोगों का वज़न काफी ज्यादा होता है उनमें भी, संतुलित वज़न वाले लोगों की तुलना में, हर्निया होने का खतरा ज्यादा होता है।

    • काली खांसी (Whooping cough): खाँसने से ऐब्डामेन पर अत्यधिक दबाव और खिंचाव पड़ता है जो हर्निया की संभावना को बढ़ाता है।

सलाह

  • इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर डाक्टर से मिलें।
  • हर्निया का एकमात्र इलाज़ सर्जरी है। आपका डाक्टर ओपेन सर्जरी या लैप्रोस्कोपिक सर्जरी कर सकता है। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में कम दर्द होता है, चीरा भी छोटा लगता है और रिकवरी भी तेजी से होती है।
  • यदि आपका हर्निया छोटा है और कोई लक्षण भी नहीं है तो आपका डाक्टर उसे निगरानी में रखेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्थिति और न बिगड़े।
  • आप हर्निया को विभिन्न तरीकों से रोक सकते हैं। उदाहरण के लिए वज़न उचित तरीके से उठा सकते हैं, यदि आपका वज़न ज्यादा हो तो उसे घाटा सकते हैं या कब्ज़ से बचने के लिए फाइबर और फ़्ल्युइड्स को आने आहार में शामिल कर सकते हैं।

चेतावनी

  • यदि कमजोर एरिया या छेद बड़ा हो जाये जिसके कारण टिशूज उलझाने लगें और रक्त प्रवाह को रोकने लगे तो हर्निया एक आकस्मिक चिकित्सा के दायरे में आ जाता है। ऐसे मामले में आकस्मिक सर्जरी करनी ही पड़ती है।
  • यदि मूत्र निष्कासन में ज़ोर लगाना पड़ रहा हो तो पुरुषों को डाक्टर से मिलना चाहिए। यह प्रोस्ट्रेट एनलार्जमेंट जैसी गंभीर बीमारी को लक्षण हो सकता है।

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हर्निया पता कैसे लगाएं?

दर्द होने पर तो जाना ही पड़ेगा लेकिन दर्द आमतौर पर बाद की स्टेज में होता है और तब तक स्थिति खराब होने लगती है। - आमतौर पर डॉक्टर फिजिकल जांच से ही पता लगा लेते हैं। मांस का एक लोथड़ा बाहर निकलता है और फिर अंदर जाता है। खांसी आने पर यह महसूस होता है।

हर्निया का दर्द कहाँ होता है?

हार्निया की समस्या तब होती है जब शरीर का कोई हिस्सा अपनी जगह से बाहर निकल आता है। हार्निया के लक्षणों में वजन उठाते हुए दर्द का अनुभव, पेट में भारीपन, चक्कर और कब्ज आदि शामिल हैं। कई बार हार्निया के लक्षण महसूस हो भी सकते हैं और नहीं भी हो सकते हैं, जिसमें हल्के से तीव्र दर्द तक शामिल है।

हर्निया का कौन सा टेस्ट होता है?

लक्षणों की जांच जहां दर्द हो रहा हो वहाँ सूजन को देखें। सूजन आम तौर पर उस एरिया, जैसे कि जांघ, ऐब्डामेन या ग्रोइन, के सतह पर होता है। आमतौर पर हर्निया का उभार बिना दर्द के होता है जबकि सूजन में दर्द हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है।

हर्निया होने का मुख्य कारण क्या है?

देहगुहा चमड़े की झिल्ली से ढकी रहती है। इन गुहाओं की झिल्लियाँ कभी-कभी फट जाती हैं और अंग का कुछ भाग बाहर निकल आता है। ऐसी विकृति को हर्निया (Hernia) कहते हैं।

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