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र के कितने प्रकार होते हैं?‘र’ के विभिन्न रूप
र के कौन से रूप में र पूर्ण है?इसे सुनेंरोकेंआइए देखते हैं कि “र” के विभिन्न रूप कौन-कौन से हैं। र, रा, रि, री, रु, रू, रे, रै, रो, रौ ! र वर्ण का प्रयोग कैसे किया जाता है समझाइए? इसे सुनेंरोकेंपाई तथा बिना पाई वाले व्यंजनों के साथ ‘र’ का प्रयोग जब ‘र’ से पहले प्रयुक्त व्यंजन बिना स्वर का होता है यानी अर्ध होता है और इसका उच्चारण प्रयुक्त वर्ण के बाद होता है तो ‘र’ से पहले पूरा वर्ण लिखा जाता है और ‘र’ के लिखने का रूप बदल जाता है। ऐसी स्थिति में पाई तथा बिना पाई वाले व्यंजन के साथ इनका प्रयोग अलग होता है। रकार की मात्रा क्या होती है? इसे सुनेंरोकें’र’का यह रूप भी स्वर रहित है। यह ‘र’ का रूप अपने से पूर्व आए व्यंजन वर्ण में लगता है। पाई वाले व्यंजनों के बाद प्रयुक्त ‘र’ का यह रूप तिरछा होकर लगता है, जैसे- क्र, प्र, म्र इत्यादि। स्वर का उच्चारण कैसे करें?U का उच्चारण अ, उ, ऊ, यू इत्यादि होता है.
र का चिन्ह क्या है?इसे सुनेंरोकें’र’ में प्राय: सभी मात्राएँ और चिह्न सामान्य रूप से जुड़ते हैं। परंतु ‘र्’ में ‘ऋ’ की मात्रा नहीं लगती तथा ‘उ’ और ‘ऊ’ मिलने पर क्रमश: विशेष रूप ‘रु’ और ‘रू’ बनते हैं (रुपया, रूप, रुष्ट, रूठा)। र देवनागरी वर्णमाला में अंत:स्थ वर्ग का दूसरा व्यंजन है। र का उच्चारण स्थान क्या है? इसे सुनेंरोकेंर हिंदी व्रणमाला का सत्ताईसवाँ व्यंजन वर्ण जिसका उच्चारण जीभ के अगले भाग को मूर्धा के साथ कुछ स्पर्श कराने से होता है । यह स्पर्श वर्ण और ऊष्म वर्ण के मध्य का वर्ण है । इसका उच्चारण स्वर और व्यंजन का मध्यवर्ती है; इसलिये इसे अंतस्थ वर्ण कहते हैं । र की मात्रा को क्या कहते है? इसे सुनेंरोकें’र’ में प्राय: सभी मात्राएँ और चिह्न सामान्य रूप से जुड़ते हैं। परंतु ‘र्’ में ‘ऋ’ की मात्रा नहीं लगती तथा ‘उ’ और ‘ऊ’ मिलने पर क्रमश: विशेष रूप ‘रु’ और ‘रू’ बनते हैं (रुपया, रूप, रुष्ट, रूठा)। र देवनागरी वर्णमाला में अंत:स्थ वर्ग का दूसरा व्यंजन है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह वर्त्स्य, लुंठित, घोष और अल्पप्राण है। र का उच्चारण कैसे करे?र के उच्चारण में जिह्वा का अग्र भाग नीचे की ओर मुड़ता है जबकि ड़ के उच्चारण में जिह्वा का आधा हिस्सा उल्टा मुड़ जाता है। धन्यवाद।…
ढाका उच्चारण स्थान क्या है?इसे सुनेंरोकेंइन ध्वनियों के उच्चारण में श्वास वायु का आवागमन स्वर तंत्रियों से होता है लेकिन इनमें कंपन नहीं होता है, इसलिए यह सघोष कहलाता है। उदाहरण -ग,घ, ङ,ञ्, झ, म, ड, ढ, ण, द, ध, न, ब, भ, म, य, र, व, ड, ढ। यह सभी ध्वनियाँ सघोष के अंतर्गत आती है। र कौन सा व्यंजन है? इसे सुनेंरोकेंर देवनागरी वर्णमाला में अंत:स्थ वर्ग का दूसरा व्यंजन है। यह वर्त्स्य, लुंठित, घोष और अल्पप्राण है। यह वर्त्स्य, लुंठित, घोष और अल्पप्राण है। Contents ‘र’ के विभिन्न रूप – हिन्दी मात्राएँरेफ (र्) वाले शब्दस्वर रहित ‘र्’ को व्याकरण की भाषा में रेफ कहते हैं। रेफ का प्रयोग कभी भी किसी भी शब्द के पहले अक्षर में नहीं किया जाता। शब्दों में इसका प्रयोग होते समय इसके उच्चारण के बाद आने वाले वर्ण की अंतिम मात्रा के ऊपर लग जाता है। हमें यहाँ ‘र’ और ‘ऋ’ का अंतर जानना भी बहुत ज़रूरी है, इन दोनों का अंतर इस प्रकार है :-
ग + र् + म = गर्म ब + र् + फ = बर्फ क + र् + म = कर्म
पदेन (र) वाले शब्द‘^’ यह ‘र’ का नीचे पदेन वाला रूप है। ‘र’का यह रूप स्वर रहित है। यह ‘र’ का रूप अपने से पूर्व आए व्यंजन वर्ण में लगता है। पाई वाले व्यंजनों के बाद प्रयुक्त ‘र’ का यह रूप तिरछा होकर लगता है, जैसे- द्र, प्र, म्र, क्र इत्यादि। पाई रहित व्यंजनों में नीचे पदेन का रूप ‘^’ इस तरह का होता है, जैसे – द्रव्य, क्रम , पेट्रोल, ड्राइवर
‘त् + र = त्र’ और ‘श् + र = श्र’ हो जाता है, जैसे – नेत्र, त्रिशूल, अश्रु, श्रमिक इत्यादि। प् + र + े + म = प्रेम उ + म् + र = उम्र प् + र + े + त = प्रेत विशेष टिप्पणी
‘रु’ और ‘रू’ वाले सामान्य शब्द
र्+उ+च्+इ = रुचि र्+ऊ+प्+अ = रूप अ+म्+र्+ऊ+द्+अ = अमरूद र्+उ+द्+र्+अ = रुद्र
अन्य हिन्दी मात्राएँ
Mrs. Shilpi Nagpal is a post-graduate in Chemistry and an experienced tutor who has been teaching students since 2007. She specialises in tutoring science subjects for students in grades 6-12. Mrs. Nagpal has a proven track record of success, and her students have consistently achieved better grades and improved test scores. She is articulate, knowledgeable and her passion for teaching shines through in her work with students. Reader Interactionsर कितने प्रकार से लिखते है?'रु' और 'रू' वाले सामान्य शब्द. 'र' के सामान्य रूप का प्रयोग में 'र' शब्द के आरंभ में, मध्य में और अंत में आ सकता है।. 'र' में सभी मात्राएँ लग सकती है सिवाय 'ऋ' और हलंत (्) के, जैसे – र, रा, रि, री, रु, रू, रे, रै, रो, रौ. हिंदी भाषा में र कितने प्रकार के होते हैं?हिन्दी भाषा में र का प्रयोग विभिन्न रूपों में होता है। कहीं र का प्रयोग स्वर के साथ होता है तो कहीं बिना स्वर के। आइए देखते हैं कि "र" के विभिन्न रूप कौन-कौन से हैं। र, रा, रि, री, रु, रू, रे, रै, रो, रौ !
र वर्ण को कितने प्रकार से लिखते हैं उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए?'र' का सामान्य रूप. र+उ=रु (रुद्र, रुचि, पुरुष, गुरु, रुपया). र+ऊ=रू (रूप, रूठना, अमरूद, डमरू, रूखा). विशेष द्रष्टव्य. नीचे पदेन. विशेष द्रष्टव्य. 'र' और 'ऋ' में निहित अंतर. पदेन र का चिन्ह क्या है?त में जब पदेन र का प्रयोग होता है तो त् + र = त्र बन जाता है, जैसे- नेत्र, त्रिकोण, त्रिशूल आदि। श में जब पदेन र का प्रयोग होता है तो श् + र = श्र बन जाता है, जैसे- श्रमिक, अश्रु, श्रवण आदि। कुछ शब्द ऐसे होते हैं, जिनमें दो पदेन र का प्रयोग एक ही शब्द में होता है, जैसे- प्रक्रिया, प्रक्रम आदि।
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