हिंदू धर्म में कितने देवता हैं? - hindoo dharm mein kitane devata hain?

होम /न्यूज /अजब गजब /क्या सनातन धर्म में हैं 33 करोड़ देवी-देवता? शख्स ने बताई मान्यता की सच्चाई! वायरल हो रहा वीडियो

हिंदू धर्म में कितने देवता हैं? - hindoo dharm mein kitane devata hain?

शख्स ने लोगों को बताया कि 33 कोटि का क्या अर्थ है. (फोटो: Twitter/BhaavnaArora)

आपने अक्सर लोगों से सुना होगा कि हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता (Does Hindu religion has 33 crore God and Goddess) ...अधिक पढ़ें

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  • Last Updated : August 09, 2022, 17:08 IST

सनातन धर्म (Sanatan Dharma) के अनुयायी भारत में तो हैं ही, मगर विदेशों में भी बढ़ते जा रहे हैं. धीरे-धीरे लोगों का जुड़ाव इस महान और प्राचीन धर्म से जुड़ता जा रहा है. अब जो धर्म जितना पुराना होगा उससे जुड़ी मान्यताएं भी उतनी पुरानी होती हैं. मगर समय के साथ इन मान्यताओं को लेकर आम लोगों के बीच कई तरह की अफवाहें भी फैलने लगती हैं जो समय के साथ जड़ होती जाती हैं और लोग उसे ही सच मान लेते हैं. इन दिनों एक शख्स का वीडियो वायरल (33 crore or 33 koti devi devta) हो रहा है जो इस धर्म से जुड़ी एक पुरानी अफवाह को दूर कर रहा है.

आपने अक्सर लोगों से सुना होगा कि हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता (Does Hindu religion has 33 crore God and Goddess) हैं. इस बात को लेकर आधुनिक सोच रखने वाले लोग सवाल उठाते हैं और कई बार धर्म का मजाक भी बनाते हैं. सनातन धर्म के कई अनुयायी इसका जवाब भी ठीक तरह से नहीं दे पाते और उन्हें इस विवाद में हार जाना पड़ता है कि किसी धर्म में इतने ज्यादा देवी-देवता आखिर (33 koti devi devta concept explained) क्यों हैं. मगर ये महज एक अफवाह जिसके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है.

33 crore Gods pic.twitter.com/zZjDel6PaV

— bhaavna arora (@BhaavnaArora) August 9, 2022


33 उच्च कोटि के देवी-देवता
ट्विटर यूजर भावना अरोड़ा ने एक डिजिटल शिक्षक का वीडियो पोस्ट किया है जो लोगों को 33 करोड़ देवी-देवता वाली मान्यता की सच्चाई बता रहे हैं. शख्स ने खास तरीके से लोगों के इस भ्रम को दूर किया और बताया कि इसकी हकीकत क्या है. शख्स ने बताया कि वेद-पुराणों में सनातन धर्म में 33 कोटि देवी-देवताओं का जिक्र है. संस्कृत शब्द में कोटि के दो अर्थ हैं. पहला है प्रकार और दूसरा है करोड़. अनुवादकों ने प्रकार को करोड़ समझकर ये प्रचलित कर दिया कि सनातन धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं मगर सच तो ये है कि 33 करोड़ नहीं, 33 उच्च कोटि यानी 33 उच्च प्रकार के देवी-देवता हैं.

वीडियो हो रहा वायरल
इस वीडियो में शख्स ने उन सभी 33 कोटि देवी-देवताओं के नाम बोर्ड पर लिखकर सबका भ्रम दूर किया. ये 33 देवी-देवता हैं, 12 आदित्य, 8 वसु, 11 रुद्र और 2 अश्विनी कुमार शामिल हैं. वीडियो में शख्स ने हर देवी-देवता का नाम स्पष्टता से बोर्ड पर लिखा है. ये वीडियो इन दिनों कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो रहा है. ट्विटर पर इस वीडियो को 2 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं जबकि कई लोगों ने कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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FIRST PUBLISHED : August 09, 2022, 17:08 IST

कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिंदू धर्म में -
12 प्रकार हैँं - आदित्य , धाता, मित, आर्यमा, शक्रा, वरुण, अंशभाग, विवास्वान, पूष, सविता, तवास्था और विष्णु।
8 प्रकार हैं - वासु:, धरध्रुव, सोम , अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।
11 प्रकार हैं- रुद्र:, हरबहुरुप, त्रयँबक, अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी, रेवात, मृगव्याध, शर्वा और कपाली।
दो प्रकार हैं- दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार ।
इस प्रकार कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी देवी देवता हैं।

 

ये जानकारी भी अहम
दो पक्ष- कृष्ण पक्ष, शुक्ल पक्ष।
तीन ऋण - देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण।
चार युग - सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलियुग।
चार धाम - द्वारिका, बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम धाम।

ये हैं चार चारपीठ -
शारदा पीठ ( द्वारिका )
ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम )
गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) ,
शृंगेरीपीठ

ये हैं चार वेद-
ऋग्वेद
अथर्वेद
यजुर्वेद
सामवेद

चार आश्रम -
ब्रह्मचर्य
गृहस्थ
वानप्रस्थ
संन्यास

चार अंतःकरण -
मन
बुद्धि
चित्त
अहंकार

पञ्च गव्य -
गाय का घी
दूध
दही
गोमूत्र
गोबर

पंच तत्त्व -
पृथ्वी
जल
अग्नि
वायु
आकाश

छह दर्शन -
वैशेषिक
न्याय
सांख्य
योग
पूर्व मिसांसा
दक्षिण मिसांसा

सप्त ऋषि -
विश्वामित्र
जमदाग्नि
भरद्वाज
गौतम
अत्री
वशिष्ठ और कश्यप

सप्त पुरी -
अयोध्या पुरी
मथुरा पुरी
माया पुरी ( हरिद्वार )
काशी
कांची
शिन कांची - विष्णु कांची
अवंतिका
द्वारिका पुरी

आठ योग - यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान , समािध।
दस दिशाएं - पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, अग्नि, आकाश, पाताल।
बारह मास - चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, अषाढ, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष,
माघ, फागुन।
पंद्रह तिथियां - प्रतिपदा, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा, अमावास्या।

स्मृतियां - मनु, विष्णु, अत्री, हारीत, याज्ञवल्क्य, उशना, अंगीरा, यम, आपस्तम्ब, सर्वत, कात्यायन, ब्रहस्पति, पराशर, व्यास, शांख्य, लिखित, दक्ष, शातातप, वशिष्ठ।

33 करोड़ देवता कौन कौन से हैं?

कौन-कौन शामिल हैं 33 कोटि देवताओं में 33 कोटि देवी-देवताओं में आठ वसु, ग्यारह रुद्र, बारह आदित्य, इंद्र और प्रजापति शामिल हैं। कुछ शास्त्रों में इंद्र और प्रजापति के स्थान पर दो अश्विनी कुमारों को 33 कोटि देवताओं में शामिल किया गया है।

सबसे पहला देवता कौन है?

त्रिदेव में ब्रह्मा प्रथम हैं। भारतीय धारणा के अनुसार ब्रह्मा ही स्त्रष्टा हैं और वे ही प्रजापति हैं। वे एक हैं और उनकी इच्छा कि मैं बहुत हो जाऊँ (एकोऽहं बहु स्याम्‌) ही विश्व की समृद्धि का कारण है। मंडूक उपनिषद् में ब्रह्मा को देवताओं में प्रथम, विश्व का कर्ता और संरक्षक कहा गया है।

हिंदू धर्म के प्रमुख देवता कौन है?

ये पंचदेव हैं—विष्णु , शिव , गणेश , सूर्य और शक्ति ।

सबसे शक्तिशाली देवता कौन से हैं?

हिन्दू धर्म में सबसे शक्तिशाली देवता में भगवान शिव को पहले स्थान पर रखा जाता है। ऐसा ऐसा माना जाता है की शिव ही इस संसार के सृजनकर्ता,पालनकर्ता और संहारकर्ता हैं।