ईश्वर-भक्ति से सांसारिक व्यक्ति को क्या लाभ मिलता है - eeshvar-bhakti se saansaarik vyakti ko kya laabh milata hai

ईश्वर की भक्ति करने से क्या लाभ होता है?...


ईश्वर-भक्ति से सांसारिक व्यक्ति को क्या लाभ मिलता है - eeshvar-bhakti se saansaarik vyakti ko kya laabh milata hai

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सच्चे और जिंदा खुदाया ने ईश्वर को आकर हम भक्ति करते हैं तो हमें यह लाभ होगा कि हम स्वर के वारिस बन सकते हैं लेकिन अगर हम इस की भक्ति करते हैं याने सच्चा और जिंदा खुदा जो प्रभु यीशु ख्रीस्त है जिसने आकाश पृथ्वी और इंसान को बनाया है उसको हम अपना उद्धार करता स्वीकारते हैं और हम पाप से फिरते हैं पाप नहीं करते किसी के हत्या नहीं करते किसी औरत पर बुरी नजर नहीं डालते किसी पर गुस्सा नहीं करते झूठ नहीं बोलते और पाप से मन फिर आते हैं और परमेश्वर को स्वीकार करते हैं और उसकी भक्ति करते हैं तो हम स्वर्ग के बारिश बन सकते

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ईश्वर-भक्ति से सांसारिक व्यक्ति को क्या लाभ मिलता है - eeshvar-bhakti se saansaarik vyakti ko kya laabh milata hai

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भगवान की भक्ति करने से क्या फायदा होता है?

भक्ति से लाभ पवित्र सद्ग्रन्थों में लिखा है कि प्राणी अपनी भक्ति तथा पुण्यों के बल से स्वर्ग-महास्वर्ग में जाता है, वहाँ इसे सर्व सुख प्राप्त होता है। जिसके समय भक्ति तथा पुण्य क्षीण (समाप्त) हो जाते हैं तो वह प्राणी पृथ्वी पर भिन्न-भिन्न प्राणियों के शरीरों में कष्ट उठाता है।

ईश्वर की भक्ति क्यों आवश्यक है?

-एक बार पूजन का संकल्प लेने के बाद उस पूजा को पूरा करना आवश्यक होता है. -इस परंपरा से हमारी संकल्प शक्ति मजबूत होती है.

भगवान की सच्ची भक्ति क्या है?

जो दूसरों की खुशी में सुख खोजता है, वास्तव में वही सच्चा भक्त है। जो दूसरों को सुख बांटता है, ऐसा व्यक्ति भगवान को बहुत प्रिय होता है। धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि निष्कपट व्यवहार करने वाले और प्राणी मात्र से प्रेम करने वाले ही सच्चे भक्त कहलाने के अधिकारी हैं।

ईश्वर की भक्ति करने वाले को क्या कहते हैं?

आगे चलकर पुराणों में भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि भक्त भले ही किसी भी जाति-पाँति का हो, वह सच्ची भक्ति से ईश्वर की कृपा प्राप्त कर सकता है। भक्ति की विचारधारा इतनी अधिक लोकप्रिय हो गई कि बौद्धों और जैन मतावलंबियों ने भी इन विश्वासों को अपना लिया।