ईदगाह कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है? - eedagaah kahaanee se hamen kya shiksha milatee hai?

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    • February 22, 2021 at 6:21 pm

    ‘ईदगाह‘ प्रेमचंद द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कहानी है।

    इस कहानी का प्रमुख पात्र हामिद है।

    उसके माता-पिता नहीं हैं, दादी माँ ही उसका पालन-पोषण करती हैं।

    ईद के मेले में हामिद अपने दोस्तों के साथ जाता है |

    उसके सभी दोस्त अपनी-अपनी पसंद के खिलौने खरीदते हैं, लेकिन हामिद अपने दादी के लिए चिमटा खरीदता है |

    क्योंकि चूल्हे पर खाना बनाते समय दादी का हाथ जल जाता था।

    हामिद की चतुराई से प्रभावित होकर उसके मित्र उसके तीन पैसे के चिमटे को अपने खिलौनों से श्रेष्ठ मानते हैं ।

    ईदगाह कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि व्यक्ति को प्रत्येक कार्य सोच-समझकर करना चाहिए ।

    सामर्थ्य के अनुसार काम करने पर व्यक्ति प्रशंसा का पात्र बनता है ।

    इस कहानी का उद्देश्य यह भी बताना है की “अपनों के प्रति प्रेम और त्याग की भावना होनी चाहिए” |

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    विषयसूची

    • 1 ईदगाह कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है प्रमुख पात्र के माध्यम से समझाइए?
    • 2 हिन्दी की पहली आधुनिक कहानी कौन सी है और क्यों अपने विचार लिखिए?
    • 3 ईदगाह कहानी का प्रमुख पात्र क्या है?
    • 4 ईदगाह का प्रमुख पात्र कौन सा है?
    • 5 किस कहानी को हिन्दी की पहली कहानी स्वीकार किया जाता है और क्यों?
    • 6 हामिद की बूढ़ी दादी का क्या नाम था?

    ईदगाह कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है प्रमुख पात्र के माध्यम से समझाइए?

    इसे सुनेंरोकेंक्योंकि चूल्हे पर खाना बनाते समय दादी का हाथ जल जाता था। हामिद की चतुराई से प्रभावित होकर उसके मित्र उसके तीन पैसे के चिमटे को अपने खिलौनों से श्रेष्ठ मानते हैं । ईदगाह कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि व्यक्ति को प्रत्येक कार्य सोच-समझकर करना चाहिए । सामर्थ्य के अनुसार काम करने पर व्यक्ति प्रशंसा का पात्र बनता है ।

    हिन्दी की पहली आधुनिक कहानी कौन सी है और क्यों अपने विचार लिखिए?

    इसे सुनेंरोकेंहिंदी की पहली कहानी की बात करें तो सबसे पहले ‘एक टोकरी भर मिट्टी’ कहानी याद आ जाती है। जिसे 1901 में छत्तीसगढ़ के प्रथम पत्रकार माधव राव सप्रे ने लिखा था। इस कहानी को उन्होंने अपनी मासिक पत्रिका छत्तीसगढ़ मित्र में प्रकाशित किया था। सर्वप्रथम प्रकाशित होने के कारण इस कहानी को हिंदी की पहली कहानी का श्रेय मिल गया।

    ईदगाह में कौन से पेड़ की छाया का वर्णन है?

    इसे सुनेंरोकेंसहसा ईदगाह नजर आया. ऊपर इमली के घने वृक्षों की छाया है. नीचे पक्का फर्श है, जिस पर जाजिम बिछा हुआ है और रोजेदारों की पंक्तियाँ एक के पीछे एक न जाने कहाँ तक चली गई हैं, पक्की जगत के नीचे तक, जहाँ जाजिम भी नहीं है. नए आने वाले आकर पीछे की कतार में खड़े हो जाते हैं.

    ईदगाह कहानी का प्रमुख पात्र क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer:. प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी ईदगाह भावनात्मक एवं बाल मनोविज्ञान पर आधारित है। कहानी का मुख्य पात्र हामिद है जो अपनी दादी अमीना के साथ रहता है।

    ईदगाह का प्रमुख पात्र कौन सा है?

    ईदगाह -प्रेमचंद
    लेखक मुंशी प्रेमचंद
    मूल शीर्षक ईदगाह
    मुख्य पात्र हामिद, अमीना, महमूद, मोहसिन, नूरे, सम्मी
    कथानक हामिद के मनोभावों और परिस्थितियों का सूक्ष्म चित्रण

    हिंदी की प्रथम कहानी आप किसे मानते हैं और क्यों?

    इसे सुनेंरोकेंपरन्तु किशोरी लाल गोस्वामी द्वारा कृत ‘इन्दुमती’ को मुख्यतः हिन्दी की प्रथम कहानी का दर्जा प्रदान किया जाता है। ‘देवरानी जेठानी की कहानी’ (लेखक – पंडित गौरीदत्त ; सन् १८७०)। श्रद्धाराम फिल्लौरी की भाग्यवती और लाला श्रीनिवास दास की परीक्षा गुरू को भी हिन्दी के प्रथम उपन्यस होने का श्रेय दिया जाता है।

    किस कहानी को हिन्दी की पहली कहानी स्वीकार किया जाता है और क्यों?

    इसे सुनेंरोकेंउपेंद्रनाथ अश्क तथा धीरेंद्र वर्मा आदि द्वारा सम्पादित हिंदी साहित्य कोश (भाग – १)में ‘दुलाईवाली’ को हिंदी की पहली मौलिक कहानी स्वीकार किया गया है.

    हामिद की बूढ़ी दादी का क्या नाम था?

    इसे सुनेंरोकेंहामिद और उसकी बूढ़ी दादी अमीना के रिश्‍ते के भावुक पलों को बयां करने वाली यह कहानी जल्‍द ही बड़े पर्दे पर दिखेगी.

    हिम्मत की बूढ़ी दादी का नाम क्या था?

    इसे सुनेंरोकेंहामिद की दादी का नाम अमीना था।

    "ईदगाह"
    लेखक प्रेमचंद
    देश भारत
    भाषा उर्दू, हिन्दी
    प्रकाशन चाँद[1]
    प्रकाशन प्रकार पत्रिका
    प्रकाशन तिथि 1933

    ईदगाह प्रेमचंद की उर्दू में लिखी हुई कहानी है। यह प्रेमचंद की सुप्रसिद्ध कहानियों में एक है।[2] इस में एक अनाथ बालक की कहानी बताई गई है।

    कहानी[संपादित करें]

    ईदगाह हामिद नाम के एक चार साल के अनाथ की कहानी है जो अपनी दादी अमीना के साथ रहता है। कहानी के नायक हामिद ने हाल ही में अपने माता-पिता को खो दिया है; हालाँकि उसकी दादी उसे बताती है कि उसके पिता पैसे कमाने के लिए चले गए हैं, और उसकी माँ उसके लिए सुंदर उपहार लाने के लिए अल्लाह के पास गई है। यह हामिद को आशा से भर देता है, और अमीना की गरीबी और उसके पोते की भलाई के बारे में चिंता के बावजूद, हामिद एक खुश और सकारात्मक सोच वाला बच्चा है।

    कहानी ईद की सुबह शुरू होती है, जब हामिद गांव के अन्य लड़कों के साथ ईदगाह के लिए निकलता है। हामिद अपने दोस्तों के बगल में विशेष रूप से गरीब है, खराब कपड़े पहने और भूखा है, और त्योहार के लिए ईदी के रूप में केवल तीन पैसे हैं। अन्य लड़के अपनी पॉकेट मनी सवारी, कैंडी और मिट्टी के सुंदर खिलौनों पर खर्च करते हैं, और हामिद को चिढ़ाते हैं जब वह इसे क्षणिक आनंद के लिए पैसे की बर्बादी के रूप में खारिज कर देता है। जबकि उसके दोस्त आनंद ले रहे हैं, वह अपने प्रलोभन पर काबू पा लेता है और चिमटे की एक जोड़ी खरीदने के लिए एक हार्डवेयर की दुकान पर जाता है, यह याद करते हुए वह दुखी हो जाता था।

    जैसे ही वे गाँव लौटते हैं हामिद के दोस्त उसे उसकी खरीद के लिए चिढ़ाते हैं, उसके चिमटे पर अपने खिलौनों के गुणों की प्रशंसा करते हैं। हामिद कई चतुर तर्कों के साथ मुंहतोड़ जवाब देता है और लंबे समय से पहले उसके दोस्त अपने स्वयं के खेलने की चीजों की तुलना में चिमटे से अधिक आसक्त हो जाते हैं, यहां तक ​​​​कि उसके लिए अपनी वस्तुओं का व्यापार करने की पेशकश भी करते हैं, जिसे हामिद ने मना कर दिया। कहानी एक मार्मिक नोट पर समाप्त होती है जब हामिद अपनी दादी को चिमटा उपहार में देता है। पहले तो वह मेले में खाने या पीने के लिए कुछ खरीदने के बजाय खरीदारी करने के लिए उसे डांटती है, जब तक कि हामिद उसे याद नहीं दिलाता कि वह रोजाना अपनी उंगलियां कैसे जलाती है। इस पर वह फूट-फूट कर रोती है और उसे उसकी दया के लिए आशीर्वाद देती है।

    सन्दर्भ[संपादित करें]

    1. Sigi, Rekha (2006). Munshi Prem Chand. Diamond. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-288-1214-9.
    2. Asgharali Engineer (2007). Communalism in secular India: a minority perspective. Hope India Publication. पृ॰ 57. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7871-133-1.

    कड़ियाँ[संपादित करें]

    • कहानी ईदगाह उर्दू में
    • ईदगाह कहानी WikiSource पर
    • ईदगाह अपराधबोध की नहीं जीवनबोध की कहानी है

    ईदगाह कहानी से हमें क्या संदेश मिलता है?

    ईदगाह कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि व्यक्ति को प्रत्येक कार्य सोच-समझकर करना चाहिए । सामर्थ्य के अनुसार काम करने पर व्यक्ति प्रशंसा का पात्र बनता है ।

    ईदगाह कहानी की मुख्य विशेषताएं क्या है?

    सभी छोटे-बड़े, गरीब-अमीर वर्ग-भावना से ऊपर उठकर धार्मिक प्रेम की गहरी समझ और सहानुभूति से भरपूर पूरे उत्साह में भरे हुए बड़े-बूढों के साथ-साथ बालकों का दल भी ईदगाह की ओर बढ़ रहा है। सभी बहुत प्रसन्न हैं। हामिद तो सबसे ज्यादा प्रसन्न है।

    हामिद के चरित्र से आपने क्या सीखा?

    (ग) भावुक और अपनो से प्रेम करने वाला- हामिद भावुक और अपनो से प्रेम करने वाला है। वह अपनी दादी की सुविधा के लिए चिमटा खरीदता है। यह उसकी भावुकता और प्रेम का प्रमाण है।

    प्रेमचंद की कहानी ईदगाह के मुख्य पात्र का नाम क्या है?

    प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी ईदगाह भावनात्मक एवं बाल मनोविज्ञान पर आधारित है। कहानी का मुख्य पात्र हामिद है जो अपनी दादी अमीना के साथ रहता है।