जब प्रकाश वायु से कांच में जाता है तो क्या होता है? - jab prakaash vaayu se kaanch mein jaata hai to kya hota hai?

नमस्कार दोस्तों दिया गया प्रश्न है जब प्रकाश हवा से कांच में प्रवेश करता है तो वह पहला उसकी तरफ दर्द बढ़ जाती है दूसरा उसकी आवृत्ति भर जाती है तीसरा उसकी तरह दिखाई जाती है और कुछ परिवर्तित नहीं होता जब प्रकाश किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश कर रही है मतलब यह है कि अगर पहला वाला माध्यम क्या है दोस्तों भाइयों है और दूसरा वाला माध्यम क्या है हमारा सघन माध्यम है और वह कौन सा है कहां से है तू जब भी प्रकाश किरण कहां से वायु से कांच में प्रवेश करती है तो क्या होती है उसको अपने मार्ग से विचलित होने के कारण वह कैसी हो जाती अभी और थोड़ा झुक जाती है प्रकाश की वायु या निर्वात में चाल के पट्टे में उसकी माध्यम में चाल के अनुसार दिया जाता है तो यहां पर दोस्तों जो अपवर्तनांक होगा उसके ऊपर निर्भर करता है

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वायु में प्रकाश की चाल तथा जो माध्यम में प्रकाश की चाल है उसके तो दोस्तों जो चाल होती है ठीक है इस स्थिति में जो प्रकाश की चाल होगी वह अपनी जाति है सी इज इक्वल टू लौंडा * 16 जोशी का मानना है कि यह तरंग दर्द होती है ठीक है लगे हमारी तरंग दर्द है प्रकाश की किस्में वायु या निर्वात में यह जो है उसका मान भाइयों निपात में एक नियत महान होता है और आवृत्ति भी जो होती दोस्तों वह प्रकाश की किसी भी माध्यम में परिवर्तित नहीं होती ठीक है बराबर से क्या होता है ठीक है बेटे में यहां पर हम इसी प्रकार

आरती कैसी रहेगी नहीं रहेगी तो हमारा मन करता है मतलब जैसे जैसे माध्यम का मान बढ़ाया जाएगा अपवर्तनांक का मान बढ़ता चला जाएगा कि विक्रम में होती है मतलब क्या है कि हमारे माध्यम का अपवर्तनांक न्यू है बहुत तरंग दर्द के विक्रम में रहेगा वर्तमान कैसा होगा काम हो जाएगा तो जब भी प्रकाश किरण वाइजों सिखाएं में प्रवेश करेंगी कांच में प्रवेश करेंगे तो तुरंत याद दिलाना का मान कैसा हो जाएगा कम हो जाएगा तो हम कह सकते हैं कि प्रकाश हवा से प्रवेश करता है तो उसकी डेट बढ़ जाती है तो यह सत्य है आवृत्ति बढ़ती है क्या नहीं पड़ती क्योंकि आवृत्ति कैसी होती है यह भी गलत है उसकी जाति है

हमारे प्रश्न का सही उत्तर है जबकि चौथा कहां गया था कुछ भी परिवर्तित नहीं होता तो ऐसा कभी नहीं होगा जब प्रकाश होता है वह अगर भाइयों से हाथ में प्रवेश करेगा तो उसका कारण दर्द पर पड़ता है तभी उसकी चाल जो है वो कैसे जाती है धीमी हो जाती है हमारे प्रश्न का उत्तर है धन्यवाद

हेलो दोस्तों हमारे पास एक प्रश्न है जिसमें पूछा गया जयप्रकाश कांच में प्रवेश करती है तो इसका तरंग धैर्य विकल्प दिया गया है घटता है या बढ़ता है सी अपरिवर्तित रहता है डी आंकड़े पूर्ण नहीं है तो आइए इस प्रश्न को देखते हैं कि जब प्रकाश किरण कांच में से प्रवेश करती है तो उसके चेहरे में किस प्रकार का परिवर्तन दिखाई देता है तो किसी माध्यम का अपवर्तनांक होता है वह भी अपने पति होता है उसके तरीके यानी कि माध्यम के अपवर्तनांक को अगर हम न्यू मान ले तो व्यक्ति होता है उस तरफ धरी की इस स्थिति में हम देखते हैं जब अपवर्तनांक का मान बढ़ेगा तब हमें तरंग धैर्य कमान कम प्राप्त होता है और जब अपवर्तनांक का मान घटे तो हमें तरंग धैर्य कमान अधिक प्राप्त होता है तो प्रश्न के अनुसार जयप्रकाश कांच में प्रवेश करती है तो इसका तरंग धैर्य तो हमें पता है हवा की अपेक्षा कच कचवा पंप

नाग होते हैं वह सामान अधिक होता है यानी कि म्यू का मान अधिक होगा और जहां म्यू का मान अधिक होगा वहां पर हमें तरंग धैर्य का मन करता हुआ प्रतीत होगा तो इस स्थिति में हमारे जो पहले भी कल किया गया है घटता है यह सही होगा क्योंकि हमने जाना जो तरंग धैर्य यानी के अपवर्तनांक होता है वह तरंग धैर्य के वितरण पाती होता है अर्थ हमारा भी कल भी सी बडी गलत होगा तो इस स्थिति में हम बोल सकते हैं जो प्रकाश कांच में प्रवेश करती है तो इसका तरंग धैर्य घटता है कि हमारे प्रश्न का उत्तर है धन्यवाद

जब प्रकाश किरण वायु से कांच में जाती है तो नहीं बदलती है, क्यों?...


ज्ञान गंगाभौतिक विज्ञानदृश्य प्रकाश

RIYAZUDDIN ANSARI

Teacher

0:11

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जब प्रकाश किरण आवास विकास में जाती है तो क्या निकलता है उसमें जाती है तो आपने बदलता है बाकी प्रियंका यादव बदल जाता है

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जब प्रकाश वायु से कांच में जाता है तो क्या होता है? - jab prakaash vaayu se kaanch mein jaata hai to kya hota hai?
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जब प्रकाश वायु से कांच में जाता है तो क्या होता है? - jab prakaash vaayu se kaanch mein jaata hai to kya hota hai?

1 जवाब

जब प्रकाश वायु से कांच में जाता है तो क्या होता है? - jab prakaash vaayu se kaanch mein jaata hai to kya hota hai?

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जब एक प्रकाश किरण वायु से कांच में जाती है तो क्या होता है?

एक प्रकाश किरण वायु से काँच में प्रवेश करती है। क्या इस किरण का पूर्ण आंतरिक परावर्तन होगा? UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW! Solution : नहीं, पूर्ण आंतरिक परावर्तन के लिए शर्त है कि प्रकाश किरणों को सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाना चाहिए।

जब प्रकाश की किरण हवा से कांच में जाती है तो वह किधर मर जाती है?

Answer: जब प्रकाश किरण सतह से सघन माध्यम (काँच) से विरल माध्यम (हवा) में प्रवेश करती है तो मार्ग पर गमन करती है। यह निर्गत अपवर्तित किरण अभिलम्ब से दूर हट जाती है। निष्कर्ष- जब प्रकाश की किरण विरल माध्यम (हवा) से सघन माध्यम (काँच) में प्रवेश करती है तो अभिलम्ब की ओर झुक जाती है।

कांच में प्रकाश की गति क्या है?

वैक्यूम में प्रकाश लगभग 300,000 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से यात्रा करता है, जिसका 1.0 का अपवर्तक सूचकांक होता है, लेकिन यह पानी में 225,000 किलोमीटर प्रति सेकंड (अपवर्तक सूचकांक = 1.3; चित्र 1 देखें) और 200,000 किलोमीटर प्रति सेकंड ग्लास (अपवर्तक) में धीमा हो जाता है; 1.5 का सूचकांक)।

जब एक तरंग वायु से जल में प्रवेश करती है तब क्या परिवर्तित नहीं होता है?

Solution : जब तरंग एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करती है तो आवृत्ति नियत रहती है।