जल संरक्षण कक्षा 8 क्या है? - jal sanrakshan kaksha 8 kya hai?

Essay on Water conservation in Hindi: जल हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है, इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। जल के बिना यह प्रकृति, जीव-जन्तु, पेड़-पौधे सब अधूरे है। जल को बचाना हमारा कर्तव्य है। इस लेख में हम जल संरक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।

जल संरक्षण कक्षा 8 क्या है? - jal sanrakshan kaksha 8 kya hai?

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विषय सूची

  • जल संरक्षण पर निबंध | Essay on Water conservation in Hindi
    • जल संरक्षण पर निबंध 150 शब्द (jal sanrakshan per nibandh)
    • जल संरक्षण पर निबंध 250 शब्द (jal sanrakshan par nibandh)
    • जल संरक्षण पर निबंध 400 शब्द
    • जल संरक्षण पर निबंध 600 शब्द
      • जल संरक्षण क्या है?
      • जल संरक्षण क्यों जरूरी है?
      • जल संरक्षण कैसे करें?
    • जल संरक्षण पर निबंध 800 शब्द
      • प्रस्तावना
      • जल संरक्षण क्या है?
      • जल संरक्षण का महत्त्व
      • जल संरक्षण की आवश्यकता
      • जल संरक्षण के उपाय
      • निष्कर्ष
    • अंतिम शब्द

जल संरक्षण पर निबंध | Essay on Water conservation in Hindi

हम यहां पर जल संरक्षण पर निबंध हिंदी में शेयर कर रहे है। इस निबंध में आपको जल संरक्षण से सम्बंधित सभी जानकारी प्राप्त होगी। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है। यहाँ पर हम 150, 250, 400, 600 और 800 शब्दों में निबंध शेयर कर रहे है।

जल संरक्षण पर निबंध 150 शब्द (jal sanrakshan per nibandh)

जल सभी के लिए बहुत ही जरूरी होता है, जल के बिना हम सभी का जीवन संभव नहीं है क्योंकि जल ही जीवन है। हमें जल को बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि उसको बचाना चाहिए। ऐसा करके हम जल संरक्षण में मदद कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए हमें नीचे दिए गए इस एप्स को फॉलो करना होगा, जो निम्न है:

  • अपने घर की पानी टंकी को खुला ना छोड़े।
  • यदि टंकी कहीं से लिंक हो रही है तो उसे बनवा लें या टंकी को बदल दें।
  • व्यर्थ रूप से पानी की बर्बादी को पूरी तरह से रोकना चाहिए जैसे यदि कोई काम एक बाल्टी से हो रहा है तो उसकी अधिक बाल्टी पानी लेने से बचें।
  • कपड़े धोते समय पानी की टंकी को खुला न छोड़ें। जरूरत के हिसाब से ही पानी उपयोग करें।

जल संरक्षण पर निबंध 250 शब्द (jal sanrakshan par nibandh)

पृथ्वी के सभी जीवों के लिए जल एक अमृत समान है। जल एक प्राकृतिक अमूल्य संपत्ति है। बिना जल के जीवन असंभव है। जल का व्यर्थ उपयोग हमारे जीवन को संकट में डाल सकता है क्योंकि पृथ्वी पर का सिर्फ 1% पानी ही हमारे लिए उपयोगी है। बढ़ती जन संख्या और औद्योगिकरण के कारण दुनिया के सभी देशों पर जल संकटकी विपदा आ पड़ी है। वर्तमान समय में हमारे आनेवाले भविष्य के लिए जल संरक्षण करना बेहद आवश्यक हो गया है।

पानी का व्यर्थ उपयोग ना करना और पानी हो दूषित होने से बचाना, उसे जल संरक्षण कहते है। पानी हमारे जीवन के हर क्षेत्र में जरुरी है। दैनिक कार्य से लेकर, कृषि, कारखाने तक हर जगह पर पानी की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन आज पेड़ों की हो रही अंधाधुन कटाई की वजह और ग्लोबल वार्मिंग के कारण से वर्षा चक्र का संतुलन बिगड़ गया है।

जिसके कारण दुनिया के कई देशों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए हमें आज लोगों के प्रति जल संरक्षण के बारे में जागरूकता लाने का प्रयास करना चाहिए। जल संरक्षण के उपाय के लिए हमें सबसे पहले वर्षा के जल का संग्रह करना होगा, इसलिए देश में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के प्रोजेक्ट शुरू करने होंगे।

दैनिक कार्यों में पानी का उपयोग कम करना होगा। विज्ञान की मदद लेकर सागर के खारे पानी को मीठे पानी में बदलकर उसका उपयोग करना होगा। ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होंगे। हमें जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। जल का मूल्य समझकर उनका व्यर्थ उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि जल से ही जीवन है।

जल संरक्षण पर निबंध 400 शब्द

जल संरक्षण का मतलब होता है कि पीने योग्य पानी का संरक्षण करना ही नहीं बल्कि जल संरक्षण का अर्थ होता है कि वर्षा के जल का भी संरक्षण करना, जल की समस्या के बढ़ने का कारण जलवायु का परिवर्तन होना भी है, जलवायु परिवर्तन होने के कारण से जल की समस्या उत्पन्न हो जाती है, विश्व के लगभग सभी देशों ने जल संरक्षण के लिए अनेकों कार्य किये है।

ऐसे में भारत सरकार भी जल संरक्षण के लिए अनेकों स्थानों पर तालाब, पोखरी तथा नहरों आदि का निर्माण करा रही है, जिससे कि जल संरक्षण में काफी मात्रा में मदद मिल सके। इस प्रकार हमारे जीवन के लिए भोजन हवा की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार जल की व्यवस्था होती है। इसके बिना जीवन संभव नहीं है तथा सभी जीव जंतु जल के बिना नहीं रह सकते हैं।

जल हमारे जीवन की लगभग सभी कार्य में काम आता है जैसे कि भोजन बनाने में, स्नान करने में, कपड़ों को धोने में, सबसे बड़ा उपयोग जल को पीने में ऐसे में आप तो समझ ही गए होंगे कि जल हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है। ऐसे में आपको जल को व्यर्थ नहीं करना चाहिए।

आप को जितना हो सके, उतना जल को बचाना चाहिए। हम आपको बता दें कि धरती पर जल तो बहुत मात्रा में उपस्थित है। परंतु पीने योग्य जल केवल 1 प्रतिशत जल है बाकी के अन्य जल खारे हैं या तो पहाड़ियों पर बर्फ के रूप में जमे हुए हैं।

ऐसे में यदि हम जल संरक्षण ना करें तो यह हमारे आने वाले भविष्य मैं बहुत बड़ी संकट पैदा कर सकता है। हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि हम जल का दुरुपयोग ना करें हमें जल संरक्षण के बारे में सोचना चाहिए तो चलिए आपको बताते हैं कि आप जल संरक्षण किस किस प्रकार से कर सकते हैं।

जल संरक्षण के निम्नलिखित उपाय है, जिन्हें फॉलो करके आप जल संरक्षण कर सकते हैं।

  • नहाते समय सावर का उपयोग ना करके आपको बाल्टी का उपयोग करना चाहिए, जिससे कि कम पानी खर्च होगा, शावर से नहाते वक्त ज्यादा पानी खर्चा होता है।
  • बर्तन धोते वक्त ज्यादातर लोग नलको खुला छोड़ देते हैं और बर्तन को साफ करते हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए तथा उन्हें बर्तन धुलते समय तब का प्रयोग करना चाहिए।
  • शौचालय को साफ करने के लिए बहुत लोग जरा पानी खर्च करते हैं, वैसा ना करके अपने शौचालय को पोखरे, नहर आदि के जल से भी साफ कर सकते हैं।
  • सिंचाई करते समय आप ट्यूबेल का उपयोग ना करके नारों के जल से सिंचाई कर सकते हैं। गंदे पानी से सिंचाई करके आप जल संरक्षण कर सकते हैं। यदि आपके आसपास नहर या फिर कोई पोखरा नहीं है तो आप ट्यूबेल से ही अपने खेत की सिंचाई करें परंतु सीमित मात्रा में करें, ज्यादा जल व्यर्थ ना करें।

जल संरक्षण पर निबंध 600 शब्द

जल संरक्षण क्या है?

जल संरक्षण एक ऐसा उपाय है, जिसके माध्यम से आने वाले समय के लिए जल को संरक्षित किया जा सकता है। जल संरक्षण का सबसे मुख्य उपाय यह है कि हमें जल का उपयोग एक सीमित मात्रा में करना चाहिए। आज के समय में जल का उपयोग इतनी ज्यादा मात्रा में किया जा रहा है कि ना चाहते हुए भी जल का अभाव हो रहा है।

भारत में बहुत से ऐसे इलाके हैं, जहां पर पानी की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं अर्थात ऐसे क्षेत्रों में लोगों को पीने तक के लिए भी सीमित मात्रा में पानी मिल रहा है। ऐसे में यदि जल संरक्षण किया जाए तो आने वाले समय के लिए जल को स्टोर करके रखा जा सकता है और जल संरक्षण के कारण हमारे वायुमंडल को भी बहुत से लाभ मिलते हैं।

वायुमंडलीय क्षेत्रों में जल की एक अहम भूमिका है। यदि जल समाप्त हो जाएगा या प्रदूषित हो जाएगा तो इस धरती पर असंभव हो जाएगा। इन्हीं कारणों की वजह से हर देश की सरकार अपने अपने देश में जल संरक्षण पर कई आंदोलन चला रहे हैं।

जल संरक्षण क्यों जरूरी है?

हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर में जल की समस्याएं काफी तेजी से बढ़ रही हैं। क्योंकि पृथ्वी पर जल्द तेजी से प्रदूषित होता जा रहा है और पीने योग्य जल का अभाव हो रहा है। जल संरक्षण सबसे ज्यादा जरूरी इसीलिए है ताकि पीने योग्य जल और वायुमंडल को सुरक्षित रखा जा सके।

जल संरक्षण कैसे करें?

जल संरक्षण बहुत ही आसानी से किया जा सकता है, इसके लिए सभी को कुछ नियमों का पालन करना होगा। आइए जानते हैं:

जल प्रदूषण को रोके

हमें जल प्रदूषण को रोककर बड़े ही आसानी से जल का संरक्षण कर सकते हैं। आज के समय में जल प्रदूषण देश के लिए बहुत ही बड़ी विपदा बन गई है और धीरे-धीरे करके हमारे पृथ्वी का सारा जल प्रदूषित हो रहा है।

आज के समय में बहुत सी बड़ी-बड़ी ऐसी कंपनियां स्थापित हो गई है, जिनके निकलने वाले कूड़ा कचरा से नदियों तालाबों इत्यादि का जल प्रदूषित होता जा रहा है। यदि ऐसी कंपनियों को कुछ नियमों के अंतर्गत बाधित कर दिया जाए कि वे अपने कंपनी से निकलने वाले पूरा कचरा को मिट्टी के अंदर गड्ढे में दबाएंगे तो इससे जल को संरक्षित किया जा सकता है।

आवश्यकता के अनुसार ही जल का उपयोग करें

अक्सर कई बार ऐसा लिखा जाता है कि लोगों को जल की जरूरत थोड़ी सी होगी परंतु वे आवश्यकता से अधिक जल बहाते रहते हैं। यदि जल संरक्षण करना है तो हमें पहले आवश्यकता से अधिक जल का उपयोग नहीं करना है।

इतना ही नहीं हमें इस के उपलक्ष में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक भी करना है कि वह ज्यादा जल न बहाएं। अक्सर ऐसा ग्रामीण इलाकों में और बड़े-बड़े लोगों के घरों में होता है। ग्रामीण इलाकों में लगभग सभी के घरों में हैंडपंप और ट्यूबेल होते हैं अतः लोग जल को यूं ही खुला छोड़ देते हैं।

ऐसे में जल का बहाव काफी तेजी से होने लगता है और जल आवश्यकता ना होने पर भी इधर उधर बहता ही रहता है। हमें सदैव आवश्यकता के अनुसार ही जल का उपयोग करना चाहिए। आवश्यकता के अनुसार यदि जल का उपयोग किया जाए तो हमारा देश और पूरा विश्व जल संरक्षण के इस असीम योगदान में अपना हाथ बटा पाएगा।

जल को संरक्षित करने के उपाय सोचें

जहां कहीं भी हम जल बहाव को देखें सबसे पहले उसे रोकने का प्रयास करें और फिर ज्यादा से ज्यादा लोगों को उसके प्रति जागरूक करें और उन्हें बताएं कि कैसे हमारे विश्व में जल की कभी हो रही है और जल प्रदूषण भी फैल रहा है।

लोगों को इस विषय में जरूर बताएं कि यदि वे जल का सही उपयोग करेंगे और सीमित मात्रा में उपयोग करेंगे तो आने वाले समय में उनके ही वंशजों को लाभ होगा अन्यथा आप के ही वंशज को नुकसान पहुंचेगा। हमें खुद के साथ-साथ लोगों को भी इतना इच्छुक कर देना है, वह भी जल संरक्षण के प्रति अपने योगदान दे सके।

जल संरक्षण पर निबंध 800 शब्द

प्रस्तावना

धरती पर जीवन जीने के लिए 3 चीज़ों का होना बेहद आवश्यक है हवा, पानी और भोजन। किसी एक का ना होना हमारे अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर सकता है। इन में से जल हमारे लिए अमूल्य है। किसी ने खूब कहा है कि ‘जल है तो जीवन है’। जल एक प्राकृतिक संपत्ति है’।

बिना जल के हमारे अस्तित्व के बारे में कल्पना करना भी हम नही सोच सकते। वैसे तो पृथ्वी पर 70% भाग पानी हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ 1% पानी ही हमारे लिए उपयोगी है। इसलिए जल का सही मात्रा में उपयोग करना बेहद आवश्यक है। जल संरक्षण करना भी एक कला है।

जल संरक्षण क्या है?

पानी का सही तरीके से इस्तेमाल करना और पानी का बचाव करना उसे जल संरक्षण कहते है। जल संरक्षण के लिए हम अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते है, जिससे हम जल को स्वच्छ और प्रदूषण विहीन संग्रह कर सके। हमें हमारे दैनिक काम के लिए सुबह से रात तक पानी की जरुरत रहती है। इन में से ज्यादातर पानी हम बिना उपयोग किये व्यर्थ करते है। लेकिन जल संरक्षण का प्रयोग करके हम निश्चित पानी का बचाव कर सकते है।

जल संरक्षण का महत्त्व

पानी की हर एक बूँद-बूँद से हमारा अस्तित्व है। पृथ्वी के सभी छोटे, बड़े जीवों और पेड़ पौधों को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता है। बिना पानी के जीवन शक्य नहीं। दैनिक कार्य से लेकर कॄषि तक के सभी कामों में पानी का वपराश मुख्य होता है।

फसलों के उत्पादन और बिजली उत्पन्न करने की क्रिया में भी पानी मुख्य घटक है। इसलिये पानी को बचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। जल की कमी का सीधा असर कुदरत के संतुलन पर पड़ता है। बिगड़ा हुआ कुदरत का संतुलन पृथ्वी के हर जीव को संकट की ओर ले जाता है।

जल संरक्षण की आवश्यकता

जैसा कि हम जानते है कि पृथ्वी पर ज्यादातर पानी समुद्र के रूप में है और समुद्र के पानी में खारांश है। बढ़ती जनसंख्या के कारण पानी का उपयोग भी बढ़ता चला जा रहा है। शुद्ध जल बहुत सीमित मात्रा में है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण वर्षा ऋतु का चक्र भी असमतल हो गया है। एक सर्वे के अनुसार दुनिया में भारत जल संकट से गुजरनेवाला 13 वां देश है।

रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 2 लाख लोग पीने का पानी नहीं मिलने पर कारण अपनी जान गवा रहे है। इस से हमें पता चलता है कि भावी पीढ़ी बिना जल के कारण संकट से गुजरनेवाली है। इसलिए हमें वर्तमान समय में जल संरक्षण करने की आवश्यकता आन पड़ी है।

जल संरक्षण के उपाय

जल संरक्षण के लिए सबसे पहले शुरुआत खुद से करनी पड़ेगी। हमें हमारी दैनिक गतिविधियों के लिए कम से कम पानी का उपयोग करना पड़ेगा। क्योंकि हमारे द्वारा किया गया एक छोटा सा प्रयास भी बड़ा परिणाम दे सकता है।

  • हमें वर्षा के जल का संग्रह करना होगा क्योंकि वर्षा का जल शुद्ध होता है। इसके लिए हमें देश के छोटे छोटे क्षेत्रों में तालाब और जलाशय बनवाने होंगे, जहाँ वर्षा के पानी का जल संरक्षण किया जा सके।
  • साथ-साथ हमें भूगर्भ जल का भी रक्षण करना होगा क्योंकि वृक्षों की कटाई होने से भूमि प्रदूषण को भी बढ़ावा मिल रहा है और जिसके चलते भूगर्भ जल दूषित हो रहा है।
  • विज्ञान की मदद लेकर सागर के खारे पानी को मीठे पानी में शुद्धिकरण करना चाहिए। इस पानी का उपयोग घरेलु कार्य, कृषि के लिए और कारखानों में भी कर सकते हो।
  • स्नान करते समय और बर्तन साफ करते समय नल को बहता हुआ नहीं छोड़ना चाहिए।
  • फ़ैक्टरी व कारख़ानों से निकलने वाला गन्दा पानी शुद्ध पानी के जल स्रोतों से ना मिले यह ध्यान रखना बेहद जरुरी है।
  • देश में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के प्रोजेक्ट शुरू करने चाहिए।
  • अगर सार्वजनिक नल और किसी भी पाईपों में से जल लीक हो रहा है तो तुरंत उनकी मरम्मत करवानी चाहिए।
  • पानी के फालतु उपयोग पर रोक लगाने के लिए सभी छोटे और बड़े घरो में पानी के मीटर लगवाने चाहिए और पानी का व्यर्थ उपयोग करने वालों के लिए दंडात्मक अपराध बनाने चाहिए।
  • बच्चों और महिलाओं जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए छोटे छोटे अभियान चलाने चाहिए।
  • खेतो में सिंचाई के लिए टपक सिंचाई (ड्रिप इरीगेशन) पद्धति का उपयोग करना चाहिए।
  • पेड़ों का सीधा नाता पानी से है क्योंकि पेड़ों के कारण ही वर्षा होती है। इसलिए हो सके तो ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।
  • यदि मुमकिन हो तो वर्षा जल संरक्षण के लिए घर के छत पर एक या दो टंकी बनवानी चाहिए। इस पानी का उपयोग दैनिक कार्यों में करना चाहिए।

निष्कर्ष

जल हमारे जीवन का एक आधार स्तंभ है। अगर हमें अपना भविष्य सुनहरा बनाना है तो जल संरक्षण अपनाना पड़ेगा और लोगों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ानी पड़ेगी। क्योंकि ‘जल है तो कल है’।

अंतिम शब्द

हमने यहां पर “जल संरक्षण पर निबंध (Essay on Water conservation in Hindi)” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar

इनका नाम राहुल सिंह तंवर है। इनकी रूचि नई चीजों के बारे में लिखना और उन्हें आप तक पहुँचाने में अधिक है। इनको 4 वर्ष से अधिक SEO का अनुभव है और 6 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे है। इनके द्वारा लिखा गया कंटेंट आपको कैसा लगा, कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। आप इनसे नीचे दिए सोशल मीडिया हैंडल पर जरूर जुड़े।

जल संरक्षण क्या है उत्तर?

जल संरक्षण का अर्थ है जल के प्रयोग को घटाना एवं सफाई, निर्माण एवं कृषि आदि के लिए अवशिष्ट जल का पुनःचक्रण (रिसाइक्लिंग) करना। धीमी गति के शावर हेड्स (कम पानी गरम होने के कारण कम ऊर्जा का प्रयोग होता है और इसीलिए इसे कभी-कभी ऊर्जा-कुशल शावर भी कहा जाता है) धीमा फ्लश शौचालय एवं खाद शौचालय.

जल संरक्षण क्या है निबंध?

निबंध 1 (300 शब्द) – जल का संरक्षण पूरे ब्रह्माण्ड में एक अपवाद के रुप में धरती पर जीवन चक्र को जारी रखने में जल मदद करता है क्योंकि धरती इकलौता अकेला ऐसा ग्रह है जहाँ पानी और जीवन मौजूद है। पानी की जरुरत हमारे जीवन भर है इसलिये इसको बचाने के लिये केवल हम ही जिम्मेदार हैं।

जल संरक्षण का क्या उद्देश्य है?

वर्षा जल संरक्षण का मुख्य उद्देश्य घरों के छत पर जल संचय कर भू-जल को रिचार्ज करना है ताकि जमीन का जलस्तर बरकरार रह सके तथा पेयजल की समस्या उत्पन्न न हो ।

8 जल संरक्षण कैसे किया जा सकता है?

जल संरक्षण के उपाय.
हर नागरिक में जल संरक्षण हेतु जागरूकता लानी होगी।.
हर नागरिक शावर की जगह बाल्टी में पानी भरकर स्नान करें।.
सेविंग करते समय नल बंद रखें।.
बर्तन धुलते समय नल के स्थान पर टब का प्रयोग करें।.