जमीन लीज पर लेने की प्रक्रिया राजस्थान - jameen leej par lene kee prakriya raajasthaan

बंजर और गैर उपजाऊ सरकारी भूमि लीज पर कैसे लें | government agriculture land for lease | सरकारी बंजर जमीन पर खेती की योजना क्या है ? | Farmers will be able to do farming on government and barren land, this is the government’s plan

नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) द्वारा जारी निर्देशों के बाद राज्य सरकारों ने बंजर पड़ी भूमि को लीज (Lease) पर देने का निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद अब आम आदमी बंजर जमीनों (Barren lands) को बेहद कम कीमत में लीज पर लेकर खेती कर सकेगा। इस योजना को कृषि और बागवानी के विकास में तेजी और औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया जा रहा है।

केंद्र सरकार के निर्देश के बाद इस समय देश में बंजर जमीनों का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के बाद राज्य सरकारों को ऐसी जमीन की पहचान कर उसका डाटा एक पोर्टल पर डालने के निर्देश जारी किये गये है ।

किसान कॉल सेंटर का हेल्पलाइन नंबर

सरकार द्वारा 2030 तक देश की 50 लाख हेक्टेयर बंजर जमीन को खेती योग्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। देश में 29 फीसदी परती भूमि है।

  • हॉर्टिकल्चर पॉलिसी में बदलाव
    • गुजरात देश के पहला राज्य बना
  • इस तरह कर सकेंगे सरकारी बंजर जमीन पर खेती
    • इन राज्यों में भी जल्द होगी शुरुआत

हॉर्टिकल्चर पॉलिसी में बदलाव

देश में कृषि कानूनों में बदलाव के बाद सरकार अब हॉर्टिकल्चर पॉलिसी (Horticulture policy) में भी बदलाव करने जा रही है। इस बदलाव के बाद बंजर और गैर उपजाऊ सरकारी भूमि को लीज पर लेकर आम आदमी औषधीय या फलदार पौधे लगा सकेंगे। लीजधारक इस जमीन पर सोलर पैनल या विंड मिल (पवनचक्की) लगाकर उर्जा उत्पादन कर सकेंगे ,लेकिन बेच नही सकेंगे।

अब खाली पड़ी सरकारी जमीनों को आम आदमी लीज पर ले सकेंगे

गुजरात देश के पहला राज्य बना

केंद्र सरकार के बंजर और गैर उपजाऊ जमीन को लीज पर देने के निर्देश के बाद गुजरात मिशन को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने अपने यहाँ की बंजर और गैर उपजाऊ जमीन को आम लोगों के लिए खोल दिया है। इस मिशन के तहत गैर किसान भी ऐसी जमीन को लीज पर ले सकेंगे। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक पहले 5 साल तक किसी प्रकार की फीस नही ली जाएगी।

गुजरात के सीएम विजय रूपानी ने मंगलवार को कहा कि इससे किसानों की आय दोगुनी होगी और रोजगार पैदा होगा। बागवानी विकास मिशन के तहत किसानों और गैर-किसानों को 30 सालों के लिए पट्टे पर एक अवधि के लिए अयोग्य और परती भूमि आवंटित की जाएगी। फिलहाल गुजरात सरकार पहले चरण में 20 लाख हेक्टेयर भूमि की पहचान की है, जो लीज पर दी जाएगी।

इस तरह कर सकेंगे सरकारी बंजर जमीन पर खेती

How to get Government land on lease in Gujarat for Agriculture : गुजरात में जिला कलक्टर अध्यक्षता में समिति गठित की जायेगी, जो बंजर जमीनों की सबसे पहले सूची तैयार करेगी , फिर जमीन की सूची आई-किसान पोर्टल पर जारी होगी। खेती करने वाले लीज पर जमीन लेने के लिए आवेदन कर सकेंगे।

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान के साथ-साथ गैर-किसान भी आवेदन कर सकते हैं। भूमि लेने के लिए एक मामूली लीज रेट और एक सिक्योरिटी डिपॉजिट देना होगा।

इन राज्यों में भी जल्द होगी शुरुआत

सरकारी बंजर जमीन पर खेती करने के लिए उसे लीज पर देने के मिशन की शुरुआत बिहार , उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल और असम की सरकारें भी जल्द करने करने जा रही है . रेलवे ने भी इस योजना पर अमल शुरू किया है । रेलवे के पास इस समय लाखों हेक्टेयर परती जमीन है ।

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जिले में जो भी सरकारी जमीन होगी, उसकी एक सूची ऑनलाइन उपलब्ध होगी। इसमें से 7500 वर्ग फीट जमीन को कलेक्टर 30 साल के लिए पट्टे पर दे सकेंगे। इसी तरह 7500 वर्ग फीट तक कब्जे वाली जमीन के व्यवस्थापन का अधिकार भी कलेक्टर को होगा। इससे ज्यादा होने की स्थिति में राज्य सरकार निर्णय लेगी। इसके लिए राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग के बाद राजस्व विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

किसी भी सरकारी जमीन के आबंटन से पहले सभी विभागों से मंजूरी लेनी होती थी। इसके बाद ही व्यक्ति या संस्था को पट्टे पर दिया जाता था। राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल कर दिया है। अब जिले में जो भी सरकारी जमीन होगी, उसकी एक सूची कलेक्टोरेट के साथ ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी। इससे पहले ही संबंधित जमीन की आवश्यकता के संबंध में सरकारी विभागों से सहमति ले ली जाएगी। जिस जमीन की किसी भी सरकारी विभाग को जरूरत नहीं होगी, उसे कोई भी व्यक्ति लीज पर ले सकेगा। इसमें आवासीय व अन्य प्रयोजन भी शामिल हैं। अतिक्रमित जमीन के व्यवस्थापन के लिए गाइडलाइन का 150 फीसदी लीज रेंट तय किया जाएगा। नगरीय निकायों से 25 फीसदी लीज रेंट लिया जाएगा। इसके लिए अपर कलेक्टर, एसडीएम या संयुक्त कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें नगर निवेश के संयुक्त या उप संचालक और नगर निगम आयुक्त या सीएमओ सदस्य होंगे।

एक ही जमीन के दो दावेदार होंगे तो नीलामी के जरिए आबंटन
एक महीने में मंगाएंगे प्रस्ताव
राजस्व सचिव ने सभी कलेक्टरों को शहरी क्षेत्रों की खाली सरकारी जमीन का रिकॉर्ड एनआईसी के जरिए भुइयां सॉफ्टवेयर में अपलाेड करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद एक महीने के भीतर विभागों से जमीन की उपयोगिता के संबंध में प्रस्ताव मंगाया जाएगा। विभाग ने शर्त रखी है कि सरकारी विभागों को तभी जमीन दी जाएगी, जब उनके पास बाउंड्री वॉल बनाने के लिए बजट होगा, जिससे जमीन का अतिक्रमण न हो। इसके बाद जो जमीन बच जाएगा, उसमें यह देखा जाएगा कि जमीन पर किसी भी तरह के निर्माण से लोगों को बाधा न हो।

डायवर्सन के लिए अब सीधे नगर निवेश दफ्तर में कर सकेंगे आवेदन
विकास योजना के अंतर्गत आने वाले गांव में 5 हजार वर्ग फीट तक खेती की जमीन का दूसरे उपयोग के लिए डायवर्सन करने के लिए अब नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय में आवेदन किया जा सकेगा। पहले एसडीएम के पास यह आवेदन किया जाता था। एसडीएम के माध्यम से नगर एवं ग्राम निवेश को भेजा जाता था। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नगर एवं ग्राम निवेश में आवेदन करने की सुविधा दी जाएगी। नगर एवं ग्राम निवेश की प्रक्रिया पूरी होने के बाद एसडीएम के पास प्रकरण चला जाएगा।

दो महीने में करना होगा निराकरण
किसी जमीन के आबंटन या व्यवस्थापन के लिए आवेदन मिलने पर कलेक्टरों को दो महीने के भीतर निराकरण करना होगा। गैर रियायती दर पर शासकीय पट्‌टे पर आबंटित जमीन को यदि पट्‌टेदार भूमि स्वामी हक में परिवर्तित कराना चाहे तो उनसे प्रचलित गाइडलाइन दर के दो फीसदी अतिरिक्त राशि लेकर कलेक्टर परिवर्तित कर सकेंगे। रियायती जमीन होने की स्थिति में पूरा लीज रेंट जमा करने की स्थिति में परिवर्तन किया जा सकेगा। यह पूरी प्रक्रिया भू राजस्व संहिता 1959 व राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधान व निर्देश के मुताबिक होंगे।

सरकार से जमीन लीज पर कैसे ले?

ऐसे में अगर आप सरकारी बंजर जमीन लीज पर लेना चाहते हैं तो जिला कार्यलयों में या फिर राज्य सरकारों के वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. इन सरकारी जमीनों पर आम आदमी औषधि‍ या फल उगाने का ही काम करेंगे. गुजरात पहला राज्य है, जिसने इस कानून को लागू कर दिया है. इस कानून के मुताबिक, पहले 5 साल तक कोई फीस नहीं ली जाएगी.

सरकारी जमीन लीज पर कैसे ले राजस्थान?

राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल कर दिया है। अब जिले में जो भी सरकारी जमीन होगी, उसकी एक सूची कलेक्टोरेट के साथ ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी। इससे पहले ही संबंधित जमीन की आवश्यकता के संबंध में सरकारी विभागों से सहमति ले ली जाएगी। जिस जमीन की किसी भी सरकारी विभाग को जरूरत नहीं होगी, उसे कोई भी व्यक्ति लीज पर ले सकेगा।

लीज का मतलब क्या होता है?

What is Lease: लीज (पट्टा) एक अनुबंध है जो उन शर्तों को रेखांकित करता है जिन पर एक पार्टी दूसरी पार्टी की स्वामित्व वाली संपत्ति को किराए पर देने के लिए सहमत होती है।

लीज की जमीन क्या होती है?

लीज प्रॉपर्टी के मालिक और किरायेदार के बीच किया जाने वाला अनुबंध है। लीज एग्रीमेंट में वो शर्तें होती हैं, जिसके अंतर्गत प्रॉपर्टी के मालिक हर महीने किसी निश्चित राशि के बदले किरायेदार को प्रॉपर्टी का इस्तेमाल करने की अनुमति देता है।