मनोज कुमार द्विवेदी, ज्योतिषाचार्य Published by: विनोद शुक्ला Updated Tue, 17 May 2022 08:48 AM IST Show जेठ का महीना गर्मी के हिसाब से सबसे ज्यादा कष्टकारी होता है। इस महीने में सबसे ज्यादा पानी की किल्लत रहती है। सूर्य के रौद्र रूप से धरती में मौजूद पानी का वाष्पीकरण सबसे तेज हो जाता है जिसके कारण से नदियां और तालाब सूख जाते हैं। हिन्दू मान्यता में इस महीने जल के संरक्षण का विशेष जोर दिया जाता है। ज्येष्ठ महीने में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे व्रत रखे जाते हैं। ये व्रत प्रकृति में जल को बचाने का संदेश देते हैं। गंगा दशहरा में नदियों की पूजा और निर्जला एकादशी में बिना जल का व्रत रखा जाता है। जल ही जीवन है। ज्येष्ठ मास में जल दान उपयुक्त माना गया है। पक्षियों के लिए घर की छत या बगीचे में जल का पात्र भर कर रखें। पशु-पक्षी भी प्रकृत्ति की अनमोल देन है और साथ-साथ ये ज्योतिष की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण हैं। आपने देखा होगा कि हर देवी-देवता का कोई ना कोई वाहन होता है जो पशु या पक्षी है,मान्यताओं के अनुसार इन वाहनों की पूजा करने से संबंधित देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कुछ ऐसा ही ज्योतिष के अंतर्गत भी है,ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सौरमंडल के हर ग्रह का संबंध किसी ना किसी पक्षी या पशु से होता है,अगर ग्रह को शांत या प्रसन्न करना है संबंधित पक्षियों या पशुओं की सेवा करनी चाहिए। ज्येष्ठ माह को आम बोलचाल की भाषा में जेठ का महीना भी कहा जाता है। इस महीने में भारत के उत्तरी भाग में भीषण गर्मी पड़ती है। महीने के शुरुआती दिनों में नौतपा के चलते तेज गर्म हवाएं चलती हैं। शास्त्रों में ज्येष्ठ के महीने का खास धार्मिक महत्व बताया गया है। ज्येष्ठ माह नाम कैसे पड़ा ज्येष्ठ माह का धार्मिक महत्व ज्योतिष शास्त्र में चन्द्रमा मन का कारक ग्रह है,मन के कारक चन्द्रमा को एक जल तत्व गृह के रूप में जाना जाता है। हमारे शरीर में मौजूद रक्त का 72% हिस्सा पानी ही है जिस पर चन्द्रमा का ही अधिकार है। इसलिए चन्द्र को मजबूत करने के लिए जल का संरक्षण करें। जल का दुरुपयोग चंद्रमा को दूषित करेगा। मन में कुंठाएं,चिंताए व्याप्त होगी,आर्थिक पक्ष डांवाडोल रहेगा। अपने चंद्र को मजबूत करें। जल का दुरुपयोग रोके। पक्षियों व प्राणियों के लिए पीने हेतु जल का दान करें। News Nation Bureau | Edited By : Gaveshna Sharma | Updated on: 06 May 2022, 10:04:03 AM इस तिथि से आरंभ होने वाला है ज्येष्ठ माह, सूर्य को इस तरह करें प्रसन्न (Photo Credit: Social Media) नई दिल्ली : Jyeshtha Month 2022, Starting Date (Tithi): हिंदू धर्म में हर महीने का अपना महत्व है. साथ ही हर महीने को किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित किया गया है. उस महीने में संबंधित देवी-देवता की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा मिलती है. फिलहाल वैशाख महीना चल रहा है और इसके बाद ज्येष्ठ महीना शुरू होगा. इस महीने में सूर्य की तीखी किरणें धरती को तपाती हैं. इस महीने में सूर्य देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस साल 17 मई 2022 से ज्येष्ठ का महीना शुरू होगा और 14 जून 2022 को खत्म होगा. यह भी पढ़ें: Nail Cutting at Night Brings Extreme Poverty: रात में नाखून काटना घर में बसा देता है कंगाली! जानें क्या कहता है धर्म और विज्ञान? ज्येष्ठ महीने में रविवार का व्रत है चमत्कारी - ज्येष्ठ महीने में जल का दान करने का बहुत महत्व है. इस महीने में तेज धूप पड़ती है, साथ ही जमीन में जल स्तर नीचे गिर जाता है. लिहाजा इंसानों, पशु-पक्षियों के लिए पीने के पानी का इंतजाम करें. साथ ही पेड़-पौधों को पानी दें. इससे सूर्य देव और वरुण देव प्रसन्न होते हैं. - इस महीने में पानी से भरे घड़ों का दान करना बहुत पुण्यदायी माना गया है. संभव हो तो प्याऊ खुलवाएं या जहां प्याऊ हो वहां मटके दान करें. - पशु-पक्षियों के लिए पीने का पानी रखें. अपनी बालकनी या छत में परिंदों के लिए दाना-पानी रखें. यह भी पढ़ें: Samudrik Shastra: महिलाओं के इन अंगों पर तिल का मतलब होता है खास, बनाती हैं सबको दीवाना और होती हैं होशियार - खुद भी ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें. दोपहर के 12 बजे से 3 बजे के बीच धूप में न निकलें. - गरीब, जरूरतमंद लोगों को शरबत, जलयुक्त फलों का दान करें. इस महीने में सत्तू का दान करना भी बहुत अच्छा माना गया है. संबंधित लेखFirst Published : 06 May 2022, 10:04:03 AM For all the Latest Religion News, Dharm News, Download News Nation Android and iOS Mobile Apps.Hindi महीना जेठ कब से शुरू है 2022?नई दिल्ली, Jyeshta Month 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह को तीसरा महीना माना जाता है। इस माह में जहां सूर्य का प्रकोप काफी बढ़ जाता है। वहीं इस माह में सूर्य देव और वरुण देव की पूजा करने का विशेष लाभ मिलता है। बता दें कि ज्येष्ठ मास 17 मई से शुरू हुआ था जोकि 14 जून तक चलेगा।
जेठ का महीना कौन सा है?ज्येष्ठ मास 2023
ग्रेगोरियन कैलेंडर में मई व जून का महीना होता है। अब भाषा में ज्येष्ठ मास का जेट का मास भी कहा जाता है। ज्येष्ठ मास 06 मई 2023 से शुरू हो रहा है जो 04 जून 2023 में समाप्त है। हिन्दू पंचाग के अनुसार प्रत्येक मास का अपना महत्व होता है इस प्रकार ज्येष्ठ मास का भी महत्व है।
ज्येष्ठ मास के बाद कौन सा महीना आता है *?ज्येष्ठ मास का महत्व
हिंदू पंचाग के अनुसार ज्येष्ठ या फिर जेठ का महीना चंद्र मास का तीसरा माह होता है जो चैत्र और वैशाख के बाद आता है।
जेठ का महीना कब उतरेगा?इस महीने में सूर्य देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस साल 17 मई 2022 से ज्येष्ठ का महीना शुरू होगा और 14 जून 2022 को खत्म होगा.
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