Agriculture of Jharkhand: अगहनी फसल के बाद भदई फसल का स्थान आता है,कुल कृषिगत भूमि में 20.26 %भाग भदई फसल की खेती जाती है। रबी फसल को वैशाखी या वैशाख फसल भी कहा जाता है। झारखंड की कुल कृषि भूमि के 9 पॉइंट 20% भाग में रबी फसल की जाती है। रबी फसलों में गेहूं का स्थान पहला स्थान है अन्य रबी फसलें हैं जौ, चना, तिलहन इत्यादि। Show Agriculture of Jharkhand:
(i) Agriculture of Jharkhand: फसलों का मौसमवार विवरण :
(ii)Agriculture of Jharkhand: प्रमुख फसलें:
झारखण्ड की प्रमुख फसलें तथा उत्पादक क्षेत्र
जौ: यह भारत की प्राचीनतम फसल है। पलामू, साहेबगंज, गोड्डा, सिंहभूम, गुमला, लोहरदगा और गिरिडीह इसके प्रमुख उत्पादक जिले हैं। चना: झारखण्ड में चना का सर्वाधिक उत्पादन पलामू में होता है। चना के अन्य उत्पादक जिले क्रमश: है- गोड्डा. साहेबगंज, रांची और हजारीबाग दलहनी फसलों में क्षेत्रफल की दृष्टि से चने की खेती सर्वाधिक होती है। अरहर: यह एक दलहनी फसल है। दलहनी फसलों में उत्पादन की दृष्टि से झारखण्ड में चना के बाद इसकी खेती सर्वाधिक क्षेत्र में की जाती है। अरहर के उत्पादन में पलामू का स्थान प्रथम है। हजारीबाग, रांची, गुमला तथा संथाल परगना इसके अन्य उत्पादक जिले हैं। मसूर:मसूर की खेती पलामू और संथाल परगना क्षेत्र में सर्वाधिक होती है, लेकिन हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, लोहरदगा आदि क्षेत्रों में भी इसकी खेती की जाती है। उड़द:रांची, गुमला, पलामू, लोहरदगा एवं संथाल परगना उड़द उत्पादन के प्रमुख जिले हैं। कुरथी: इसकी खेती राज्य के सभी क्षेत्रों में की जाती है। पलामू, हजारीबाग, चतरा, बोकारो, गिरिडीह तथा संथाल परगना इसके मुख्य उत्पादक जिले हैं। महुआ: यह कम समय में तैयार होने वाली फसल है। इसकी बुआई अप्रैल-मई में की जाती है एवं कटाई जून-जुलाई में कर ली जाती है। रांची, हजारीबाग एवं गिरिडीह इसके मुख्य उत्पादक जिले हैं। ज्वार: यह एक मोटा अनाज है, इसकी खेती शुष्क एवं उच्च भूमि पर की जाती है। हजारीबाग रांची, सिंहभूम एवं संथाल परगना इसके मुख्य उत्पादक जिले हैं। बाजरा: यह भी एक मोटा खाद्य फसल है, जिसका प्रयोग गरीबों द्वारा खाद्यान्न के रूप में एवं पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है। हजारीबाग, रांची, सिंहभूम एवं संथाल परगना इसके मुख्य उत्पादक जिले हैं। तिलहन: झारखण्ड में तिलहन फसलों के अंतर्गत सरसों, तीसी, कुसुम, रबी फसल के रूप में तथा मूंगफली, तिल, सरगुजा आदि खरीफ फसल के रूप में पैदा की जाती है। उत्पादन की दृष्टि से तिलहनी फसलों में प्रथम स्थान सरसों का है, तीसी दूसरे एवं सरगुजा तीसरे स्थान पर हैं। तिलहन का सर्वाधिक उत्पादन पलामू प्रमण्डल में होता है। Sign Up for Our NewslettersGet notified of the best deals on our WordPress themes. By checking this box, you confirm that you have read and are agreeing to our terms of use regarding the storage of the data submitted through this form. झारखंड राज्य की प्रमुख फसल क्या है?झारखण्ड में फसल सघनता 110 प्रतिशत है, अर्थात यहाँ रबी में बहुत कम खेती का कार्य किया जाता है। ज्यादातर यहाँ खरीफ में धान, रागी, मक्का, उड़द, मूंग, अरहर, कुल्थी, मूंगफली, सरगुजा इत्यादि का उत्पादन किया जाता है, जबकि रबी में गेंहूँ, चना, सरसों, तीसी, मसूर इत्यादि का उत्पादन किया जाता है ।
झारखंड में सबसे ज्यादा कौन सी फसल उगाई जाती है?झारखंड में मुख्य रूप से तीन प्रकार की फसलें पैदा होती हैं। चावल झारखंड की प्रमुख फसल है। अन्य प्रमुख फसलें गेहूं और मक्का हैं। लघु फसलें अरहर, उड़द, मूंग, ग्राम, सरसों आदि हैं।
झारखंड का फल कौन सा है?कटहल राज्य का एक मशहूर फल है़ इसके पेड़ झारखंड के विभिन्न जिलों में काफी संख्या में पाये जाते हैं। रांची, खूंटी, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, सिमडेगा, हजारीबाग, चतरा व लोहरदगा सहित संताल के इलाके में भरपूर मात्रा में कटहल होते है।
झारखंड की कृषि क्या है?➤इसी तरह अगहनी फसल जून में बोई जाती हैं और दिसंबर में काटी जाती हैं। ➤झारखण्ड की कृषि में अगहनी फसल को सर्वोपरि स्थान है। ➤कुल कृषिगत भूमि में 69.75 %भाग अगहनी फसल की खेती जाती है। ➤अगहनी फसल के बाद भदई फसल का स्थान आता है,कुल कृषिगत भूमि में 20.26 %भाग भदई फसल की खेती जाती है।
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