केले का पेड़ कैसे लगाया जाता है? - kele ka ped kaise lagaaya jaata hai?

केले का पौधा गमले में आसानी से लगाया जा सकता है। हालांकि, अन्य पौधों की तुलना में इसकी देखरेख अधिक करनी पड़ती है।

कई लोग अपने गार्डन में केले का पौधा लगाते हैं। हिंदू धर्म में केले का पौधा लगाना शुभ माना जाता है, यही वजह है कि लोग इसकी पूजा भी करते हैं। ज्यादातर लोग इसे गार्डन एरिया में लगाते हैं, क्योंकि यह पपीते के पेड़ की तरह बड़ा होता है, लेकिन आप चाहें तो इसे गमले में भी लगा सकती हैं। कई लोगों को लगता है कि केले का पौधा बड़ा होता है, ऐसे में इसे गमले में लगाने से ग्रो नहीं करेगा, जबकि ऐसा नहीं है। केले के पेड़ को गमले में लगाएंगी तो यह ना सिर्फ ग्रो करेगा बल्कि फल भी देगा।

कुछ लोग शुरुआत में केले का पौधा गमले में ही लगाते हैं, लेकिन जैसे ही वह बड़ा होता है उसे जमीन के अंदर शिफ्ट कर देते हैं। केले का पौधा आप ऑनलाइन ऑर्डर कर सकती हैं। इसके अलावा जो केले के पेड़ खराब हो चुके हैं उन्हें भी दोबारा उगाया जा सकता है। केले के पौधे के आसपास कई छोटी-छोटी जड़ें निकली होती हैं, और उन्हें भी आप नये पौधे की तरह लगा सकती हैं। केले के पेड़ की जड़ के पास आप देखेंगी तो कई छोटे-छोटे केले के पौधे दिखाई देंगे, इसे उखाड़ कर गमले में लगाया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं केले का पेड़ आप गमले में कैसे लगा सकती हैं।

गमले में कैसे लगाएं केले का पौधा

केले का पेड़ कैसे लगाया जाता है? - kele ka ped kaise lagaaya jaata hai?

केले का पौधा लगाने के लिए बड़े साइज का गमला लें, ताकि जब यह पौधा बड़ा हो तो उसे पूरी स्पेस मिल सके। एक बार में सिर्फ एक केले का पौधा न लगाएं, क्योंकि कई बार यह मर जाते हैं। इसलिए एक साथ 3 से 4 केले के पौधे लगाएं। दरअसल कई बार यह बड़े होकर भी मर जाते हैं। गमले को ऐसी जगह रखें, जहां छांव आती हो, क्योंकि अधिक समय तक इसे धूप में रखेंगी तो यह जल जाएंगे। आप चाहें तो एक साथ 2 पौधों को जोड़कर लगा सकती हैं। केले के पौधे को गमले में लगा रही हैं तो ध्यान रखें कि वातावरण गरम होना चाहिए, जिसके साथ आपको खूब सारा पानी भी डालना होगा। गरम वायु और नरम वातावरण दोनों ही केले के पौधे को लगाने के लिए उपयुक्त हैं। (केले का छिलका)

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उपजाऊ होनी चाहिए मिट्टी

केले के पौधे को लगाने के लिए अच्छी मिट्टी का उपयोग करें, जो उपजाऊ हो। हालांकि, आप चाहें तो गार्डन की मिट्टी को भी उपजाऊ बना सकती हैं। इसके लिए काली मिट्टी, ऑर्गैनिक खाद, और कोको पीट मिक्स कर तैयार करें और फिर पौधा लगाएं। ध्यान रखें कि अगर मिट्टी में रेत या फिर ईंट-पत्थर आदि मिक्स हैं, तो केले के पौधे को ग्रो होने में मुश्किलें आ सकती हैं। अगर यह उग भी जाता है तो हेल्दी नहीं रहेगा, इसलिए मिट्टी का सही होना बहुत जरूरी है। आप चाहें तो गार्डन की मिट्टी से ईंट-पत्थर निकालकर फिर इसमें पौधा लगा सकती हैं। ऑर्गैनिक खाद के तौर पर गोबर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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ध्यान रखें ये बातें

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  • केले का पौधा लगा रही हैं तो ध्यान में रखें कि शुरुआत में इसकी अधिक देखरेख की आवश्यकता होती है। कई बार अधिक धूप की वजह से पत्ते जल जाते हैं और फिर पौधा भी मर जाता है। इसलिए इसकी मिट्टी को सूखने न दें, उचित मात्रा में सुबह शाम पानी डालें।
  • कई बार केले के पौधों की नियमित देखरेख के बाद भी पत्ते पीले होने लगते हैं तो ऐसे में घबराएं नहीं, क्योंकि शुरुआत में पुराने पत्ते अपने आप झड़ जाते हैं और इसकी जगह नए पत्ते निकलते हैं। इस दौरान पेड़ की जड़ों के आसपास छेड़छाड़ ना करें।
  • अगर केले के पत्ते लगातार पीले होने के बाद गिर रहे हैं तो तुरंत इसकी जड़ों के आसपास राख का इस्तेमाल करें। आप चाहें तो इसके पत्तों पर कंडे की राख भी छिड़क सकते हैं।
  • नॉर्मल केले का पेड़ अपने जीवनकाल में एक बार ही फल देता है, इसके बाद इसे काट दिया जाता है। इसकी जगह पर आप दूसरा केले का पौधा लगा सकती हैं और यह जल्दी ग्रो भी करेगा।

अगर घर पर आप केले का पौधा लगा रही हैं तो इन बातों का खास ध्यान रखें। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

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अगर आप एक अच्छी बढ़ने वाली फसल पाने के लिए तैयार हैं, तो फिर स्वादिष्ट, हैल्दी केले के पेड़ को अपने आसपास उगाना आपके लिए बहुत अच्छा हो सकता है। अगर आप एक गरम वातावरण में रहते हैं या फिर आपके घर में ही एक अच्छी जगह है, तो फिर पूरे साल तक केले की फसल पाने के तरीके के बारे में सीखने के लिए पढ़ते जाएँ।

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    आपके एरिया के टेम्परेचर और ह्यूमिडिटी की तरफ ध्यान दें: ह्यूमिडिटी को कम से कम 50% और जितना हो सके, उतना कोंस्टेंट होना चाहिए।[१] दिन का आइडियल टेम्परेचर 26–30ºC (78–86ºF) के बीच में, साथ ही रात का टेम्परेचर 20ºC (67ºF) से कम नहीं होना चाहिए।[२] [३] इनके लिए उपयुक्त टेम्परेचर गर्म है और ये बहुत कभी ही 14ºC (57ºF) से कम या 34ºC (93ºF) से ज्यादा होता हो।[४]

    • केले को फल देने में करीब सालभर तक का वक़्त लग सकता है, इसलिए इसे पूरे सालभर के दौरान कैसा और कितना टेम्परेचर मिलने वाला है, उसके बारे में जानना बहुत जरूरी होता है।
    • अगर टेम्परेचर 14ºC (57ºF) से नीचे जाता है, आपके केले के पौधे का बढ़ना रुक जाएगा।

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    आपके यार्ड में एक ऐसी जगह की तलाश करें, जहां सबसे ज्यादा धूप आती हो: केले के पौधे हर रोज 12 घंटे की सीधी, तेज धूप में बहुत अच्छी तरह से बढ़ा करते हैं।[५] ये अभी भी बहुत कम (और धीमी स्पीड से) बढ़ सकते हैं, लेकिन फिर भी आपको आपके यार्ड में आने वाली धूप के ऊपर ध्यान देना होगा।

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    अच्छे ड्रेनेज वाली जगह को चुनें: केले को काफी सारे पानी की जरूरत होती है, लेकिन अगर पानी के अच्छी तरह से नहीं निकलने की वजह से ये सड़ जाते हैं।

    • ड्रेनेज की जांच करने के लिए, 0.3m (1 ft.) गहरा एक गड्ढा खोदें, उसमें पानी भर दें और उसे खाली होने दें। खाली होने के बाद उसे फिर से भर दें, फिर 1 घंटे के बाद देखें वहाँ कितना पानी रह गया है। हर मिनट तकरीबन 7-15 cm पानी का ड्रेनेज, केले के पौधे के लिए सही होता है।
    • सही ड्रेनेज के लिए उठे हुए गार्डन बेड (raised garden bed) बनाने या मिट्टी में 20% पर्लाइट (perlite) मिलाने के बारे में सोचें।[६] [७]
    • ये खासतौर पर तब और भी जरूरी होता है, जब आप केले के एक ऐसे पौधे का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें अभी तक पत्तियाँ नहीं आई हैं या फिर उसे लेकर आते वक़्त पत्तियाँ निकाल दी गई हों। पत्तियाँ एक्सट्रा पानी को भाप बनाकर उड़ाने में मदद करती हैं।[८]

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    भरपूर जगह दें: भले ही केले के पेड़ टेक्निकली हर्ब होते हैं, लेकिन न जाने क्यों उन्हें पेड़ मान लिया जाता है। कुछ किस्म और अकेला 7.6 m (25ft.) तक ऊंचा हो सकता है, हालांकि आपके लोकल और वेराइटी के लिए आपको आपके केले के पौधे के सोर्स या केले उगाने वाले से सलाह ले लेना चाहिए।

    • हर एक केले के पौधे के लिए कम से कम 30cm (1ft.) तक चौड़े और 30cm (1ft.) तक गहरे गड्ढे की जरूरत होती है। ऊँची-ऊँची हवाओं (लेकिन इन्हें और ज्यादा मिट्टी की जरूरत होती है) के लिए बड़े गड्ढे का इस्तेमाल करना चाहिए।
    • केले के पौधे को बाकी के पेड़ों और झड़ियों (न कि दूसरे केले के पौधों से) से कम से कम 4.5m (15ft) दूर होना चाहिए, बड़े रूट सिस्टम के साथ ये केले के पानी के साथ में कोंप्टीशन करने लग जाते हैं।[९]
    • कई सारे केले के पौधे जरूरी ह्यूमिडिटी और टेम्परेचर लेवल को बनाए रखने में एक-दूसरे की मदद करते हैं, बस इन्हें सही दूरी पर लगाया गया हो। अगर आप से हो सके, 2–3m (6.5–10ft.) की दूरी पर एक झुंड में सारे पौधे लगा लें या फिर एक-दूसरे से 3–5m (10–16ft.) की दूरी पर काफी सारे पौधे लगा लें।[१०]
    • छोटी (Dwarf) किस्म के लिए कम जगह की जरूरत होती है।

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    इन्हें इंडोर्स लगाने के बारे में सोचें: अगर आपके घर के बाहर का वातावरण ठीक नहीं है, तो आपको उन्हीं जरूरतों (12 घंटे की तेज धूप या रौशनी और लगातार रहने वाला गरम टेम्परेचर और ह्यूमिडिटी) के साथ एक इंडोर लोकेशन की जरूरत होगी।

    • आपको उसके बढ़े हुए साइज के हिसाब से एक बड़े प्लांटिंग कंटेनर की जरूरत पड़ेगी या फिर जब भी जरूरत हो, तब केले के पौधे को एक बड़े पॉट में ट्रांसप्लांट करने के लिए तैयार रहें।
    • अच्छे ड्रेनेज वाली एक जगह पर, ड्रेनेज होल वाले एक पॉट का इस्तेमाल करें।
    • अगर आपके घर में अच्छी जगह है, तो एक छोटी किस्म को चुनें।
    • इंडोर प्लांट उगाने के लिए आधी मात्रा में फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करें या फिर अगर आपके पास में बड़े पौधे के लिए जगह नहीं है, तो उसे पूरी तरह से बंद करके लगाएँ। (ये उन हाउसप्लांट के लिए अच्छा होता है, जिनसे आप फल नहीं काटने का सोच रहे हैं।)

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    अपने प्लांटिंग मटेरियल को चुनें: आप चाहें तो किसी दूसरे पौधे उगाने वाले या प्लांट नर्सरी से एक बनाना सकर (banana sucker) या केले की छोटी जड़ें ले सकते हैं (जो केले के पौधे के बेस से निकली छोटी शूट होती है) या फिर ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। एक बनाना राइजोम (banana rhizome) या कोर्म (corm) वो बेस होता है, जहां से सकर बढ़ा करते हैं। टिशू कल्चर्स (Tissue cultures) को फलों की उपज को बढ़ाने के लिए लैब में बनाया जाता है। अगर आप एक मेच्योर प्लांट ट्रांसप्लांट कर रहे हैं, तो उसके साइज के हिसाब से उचित गड्ढा खोदें और किसी से आपकी मदद करने के लिए बोलें।

    • इस्तेमाल करने लायक सबसे अच्छे सकर्स की हाइट 1.8-2.1m (6–7ft) तक होती है और ये बहुत पतले, तलवार जैसी पत्तियों (word-shaped leaves) वाले होते हैं, हालांकि अगर मदर प्लांट हैल्दी है, तो छोटे सकर्स भी अच्छा काम करते हैं।[११] बड़ी, गोल पत्तियाँ इस बात का संकेत होती हैं, कि सकर अपने मदर प्लांट से मिल रहे अपर्याप्त न्यूट्रीशन की पूर्ति करने की कोशिश कर रहा है।[१२]
    • अगर सकर अभी भी मदर प्लांट से जुड़ा है, तो एक साफ शोवेल से उसे नीचे की तरफ काट कर अलग कर लें। अंडरग्राउंड बेस (कोर्म) और उसकी जुड़ी हुई जड़ों के भी हिस्से को इसमें शामिल करें।[१३]
    • बिना किसी सकर के दिखने वाली एक राइजोम (कोर्म) को टुकड़ों में काटा जा सकता है। कली (bud या proto-sucker) वाला हर एक पीस केले के पौधे में बढ़ जाएगा, लेकिन सकर इस्तेमाल करने पर इसमें ज्यादा वक़्त लगेगा।

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    पौधे को ट्रिम करें: पौधे के किसी भी मुरझाए, कीड़ों द्वारा खाए या कलर बदले हुए हिस्से को काटकर अलग कर दें। अगर ज़्यादातर पौधा प्रभावित हुआ है, तो उसे दूसरे पौधों से अलग कर दें और कोई दूसरा प्लांटिंग मटेरियल ले आएँ।

    • अगर आप सकर इस्तेमाल कर रहे हैं, तो सभी को कुछ सेंटीमीटर (1–2 inches) रूट्स के अलावा, सभी को हटा दें। ये बीमारियों के खतरे को कम कर देगा। आप चाहें तो मिट्टी में रूट ग्रोथ और सड़ने से बचाने में मददगार, गर्माहट के लिए जरूरी धूप की मात्रा को बढ़ाने के लिए, इकट्ठी मौजूद 5 से ज्यादा पत्तियों को और/या ऊपर के पौधे को थोड़ा तिरछा करके काट सकते हैं।[१४]

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    हर एक पौधे के लिए एक गड्ढा खोदें: पौधे के आसपास मौजूद किसी भी पौधे को या बढ़ी हुई खरपतवार को हटा दें, फिर 30cm चौड़ा और 30 cm गहरा (1ft. x 1 ft.) का एक गोलाकार गड्ढा खोदें। एक और बड़ा गड्ढा आपके पौधे को काफी अच्छा सपोर्ट देगा, लेकिन इसके लिए और ज्यादा मिट्टी की जरूरत पड़ेगी।

    • अगर इंडोर प्लांट कर रहे हैं, तो फिर इसी या इससे बड़े साइज के प्लांटिंग पॉट का इस्तेमाल करें।

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    ज़्यादातर गड्ढे को लूज, अच्छी उपजाऊ मिट्टी से भर दें: ड्रेनेज को बढ़ावा देने के लिए, ऊपर कुछ सेंटीमीटर (कुछ इंच) की जगह छोड़ दें।

    • हालांकि, जब तक कि आप उसके सही काम करने को लेकर सुनिश्चित न हों, तब तक पॉटिंग सॉइल का और रेगुलर गार्डन सॉइल इस्तेमाल मत करें। कैक्टी (cacti) के लिए बनी सॉइल मिक्स अच्छे रिजल्ट्स दे सकती है,[१५] या फिर पौधे उगाने वाले ऐसे लोगों से पूछें, जो भी आपके ही जैसे केले की किस्म को उगा रहे हैं।
    • केले के लिए मिट्टी की जरूरी एसिडिटी pH 5.5 और 7 के बीच में होती है। pH 7.5 या इससे ज्यादा एसिडिटी पौधे को बर्बाद कर सकती है।[१६]

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    पौधे को मिट्टी में सीधा ऊपर की तरफ करके रखें: पत्तियों को ऊपर की तरफ होना चाहिए और मिट्टी से इसकी जड़ों को और 1.5–2.5cm (0.5–1 inches) बेस को ढँक जाना चाहिए। मिट्टी को उसकी जगह पर मजबूती के साथ बनाए रखने के लिए हल्का सा थपथपा दें, लेकिन उसे बहुत ज्यादा ज़ोर से मत दबाएँ।

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    तने (trunk) से कुछ दूरी पर हर महीने फर्टिलाइज करें: स्टोर से खरीदा फर्टिलाइजर, कम्पोस्ट, गोबर की खाद (manure) या फिर इनका मिक्स्चर ले आएँ। पौधा लगाने के फौरन बाद, केले के पौधे के चारों तरफ एक-समान रिंग में फर्टिलाइज करें और इसे हर महीने दोहराएँ।

    • नए पौधों के लिए हर महीने 0.1–0.2kg तक की जरूरत होती है, बड़े पौधे के लिए ये मात्रा 0.7–0.9kg तक बढ़ जाती है। पौधे के बढ़ने के साथ, इस मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ाते जाएँ।
    • अगर टेम्परेचर 14ºC (57ºF) से नीचे गिर जाता है या अगर केले का पौधा पिछले महीने से जरा भी नहीं बढ़ा है, तो फर्टिलाइज मत करें।[१७]
    • फर्टिलाइजर्स पर आमतौर पर तीन नंबर्स (N-P-K) दिए होते हैं, जो नाइट्रोजन, फॉस्फोरस (पोटाश), और पोटेशियम की मात्रा को दर्शाते हैं। केले के लिए पोटेशियम की बहुत ज्यादा मात्रा की जरूरत होती है, लेकिन दूसरे न्यूट्रीएंट्स भी जरूरी होते हैं। आप एक बैलेंस्ड फर्टिलाइजर (जिसमें तीनों नंबर्स की एक-समान मात्रा हो) का इस्तेमाल कर सकते हैं या एक ऐसा फर्टिलाइजर भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जो आपकी मिट्टी की कमी को पूरा करता हो।[१८]
    • पिछले कुछ हफ्तों में बने मेन्यूर या गोबर की खाद का इस्तेमाल मत करें, क्योंकि डिकम्पोज़ होते वक़्त निकलने वाली हीट, पौधे को बर्बाद कर सकती है।[१९]

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    बार-बार पानी दें, लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी देने से बचें: जरूरत से कम पानी देना केले के पौधे के बर्बाद होने के पीछे की एक कॉमन वजह होती है, लेकिन जरूरत से पानी देने की वजह से जड़ें सड़ जाती हैं।[२०]

    • बिना बारिश के गरम माहौल में, आपको पौधे को डेली पानी देने की जरूरत होगी, लेकिन ऐसा केवल तभी जरूरी होता है, जब मिट्टी का ऊपरी 1.5–3 cm (0.5–1 in.) हिस्सा सूखा नजर आ रहा हो। पानी देने से पहले एक बार अपनी उँगलियों से चेक करके देख लें।
    • अगर आपका पौधा काफी ज्यादा वक़्त से पानी में रहा है, तो एक सेशन में दी जाने वाली पानी की मात्रा को कम कर दें। (इसकी वजह से पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं।)
    • ठंडे टेम्परेचर में, जहां केला बड़ी मुश्किल से ही बढ़ पाता है, आपको हफ्ते में केवल एक या दो बार ही पानी देने की जरूरत पड़ेगी। मिट्टी में नमी की जांच करना मत भूलें।
    • पत्तियाँ अतिरिक्त नमी को भाप बनकर उड़ाने में मदद करती हैं, इसलिए किसी ऐसे नए पौधे को ज्यादा पानी नहीं देने की पुष्टि कर लें, जिसकी पत्तियाँ अभी हाल ही में निकली हैं।[२१]
    • फर्टिलाइजर को भी मिट्टी में अच्छी तरह से सोखने में मदद देने के लिए फर्टिलाइजर की रिंग को भी पानी दें।

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    मल्च (mulch) एड करें: मुरझाई पत्तियों और केले के पौधे को हटा दें और इन्हें किसी दूसरे पौधे के चारों तरफ फैला दें। घर के बाहर से निकला कचरा और लकड़ी की राख़ भी मिट्टी में न्यूट्रीएंट्स पहुंचा सकते हैं।

    • मल्च को और आसपास उगने वाली खरपतवार को रेगुलरली चेक करते रहें। ये केले के दूसरे पौधों के साथ में कोंप्टीशन शुरू कर सकते हैं।

  4. केले का पेड़ कैसे लगाया जाता है? - kele ka ped kaise lagaaya jaata hai?

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    डिस्कलरेशन या रंग बदलने, मुरझाई पत्तियों और पेस्ट्स के ऊपर नजर रखें: अगर किसी पौधे में बीमारी नजर आती है, तो उसे पहचानें और फौरन उसका इलाज करें या फिर उन्हें उखाड़ कर फेंक दें। साथ ही इनसेक्ट पेस्ट्स को भी नजर आने के फौरन बाद ही कंट्रोल किया जाना चाहिए। नाइट्रोजन और पोटेशियम की कमी होना केले के पेड़ की दो मुख्य परेशानियाँ हैं, इसलिए इन लक्षणों की पहचान करना सीख लें।

    • नाइट्रोजन (N) की कमी के लक्षणों में: बहुत छोटी या फीकी पड़ी पत्तियाँ; रेडिश पिंक पत्तियाँ; कम ग्रोथ रेट, फलों के छोटे-छोटे गुच्छे शामिल हैं।[२२]
    • पोटेशियम (K) की कमी के लक्षणों में: पत्तियों के ऊपर ऑरेंज/यलो कलर नजर आने के बाद पत्तियों का खराब होना; छोटी या टूटी हुई पत्तियाँ; फूलों की गति धीमी होना; फलों के छोटे-छोटे गुच्छे शामिल हैं।[२३]
    • पौधे की किसी बड़ी बीमारी के उदाहरण में: बैक्टीरियल विल्ट/मोको डिसीज (Bacterial Wilt/Moko Disease); पनामा डिसीज/फ्युसैरियम विल्ट (Panama Disease/Fusarium Wilt); बनाना बंची टॉप (Banana Bunchy Top); ब्लैकहैड/रूट रॉट/टोप्लिंग डिसीज़ (Blackhead/Root Rot/Toppling Disease); और ब्लैक लीफ स्ट्रीक (Black Leaf Streak) शामिल हैं।
    • पौधों के मुख्य पेस्ट्स में: कॉर्न वीविल (Corn Weevil); बनाना एफिड (Banana Aphid); मीली बग्स (Mealy Bugs) शामिल हैं। फ्रूट पेस्ट्स में: फ्लावर थ्रिप्स (Flower Thrips); रेड रस्ट थ्रिप्स (Red Rust Thrips); और स्कारिंग वीविल (Scarring Weevil) शामिल हैं।

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    अपने पौधे की बारीक जड़ों को काट दें (De-sucker your plants): आपके पौधे के बढ़ने और उसमें कई सारी जड़ें आने के बाद, फलों में और पौधे की हैल्थ में सुधार लाने के लिए सिर्फ एक को छोड़कर बाकी सभी को काट दें।

    • सिर्फ एक को छोड़कर, बाकी सभी जड़ों को ग्राउंड लेवल पर काट दें और सामने दिखने वाले पौधों को मिट्टी से ढँक दें। अगर ये फिर से बढ़ जाएँ, तो उन्हें फिर से काट दें।
    • मौजूदा बची हुई सकर को फॉलोवर कहा जाता है और ये मदर प्लांट के मरने के बाद उसकी जगह ले लेगा।
    • सबसे हैल्दी पौधा दो फॉलोवर्स को सपोर्ट कर सकता है।

  6. केले का पेड़ कैसे लगाया जाता है? - kele ka ped kaise lagaaya jaata hai?

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    तेज हवाओं से या बहुत ज्यादा वजन की वजह से पेड़ को गिरने से बचाने के लिए पौधे को सपोर्ट दें: ऐसा करने के 3 आसान तरीके मौजूद हैं:

    • वायर/रस्सी और बॉटल मेथड: एक प्लास्टिक बॉटल के नीचे का हिस्सा काट लें। बॉटल के मुँह से लेकर नीचे के हिस्से तक एक बहुत लंबा/बहुत मजबूत वायर डाल दें। बॉटल को मुड़ने लायक और नरम बनाने के लिए कुचल लें। बॉटल पर केले के तने को डाल दें और तने को थोड़ा और ऊपर खींचने के लिए वायर का इस्तेमाल करें। स्ट्रॉंग सपोर्ट के लिए वायर को बाँध लें।
    • सिंगल बाम्बू मेथड: एक 3m (10') लंबे बाम्बू के खंभे या डंडे का या किसी और मजबूत, टिकाऊ मटेरियल का इस्तेमाल करें। 10cm (4") मोटी और 60cm (2') चौड़ी Y-शेप की लकड़ी का पीस काट लें। तने को "Y" के बीच में रहने दें और बाम्बू को थोड़ा सा ऊपर की तरफ धकेलें, ताकि तना "Y" के बीच में मजबूती से फँस जाए। बाम्बू के दूसरे हिस्से (बेस) को जमीन में गहराई तक दबा दें। मिट्टी को अच्छी तरह से दबा लें।
    • डबल बाम्बू मेथड: दो 3m (10') लंबे बाम्बू पोल का इस्तेमाल करें। पोल्स के छोर पर, 30 cm (1') मजबूत वायर की मदद से उन्हें छोर से बाँध दें। पोल्स को इस तरह से खोलें, जिससे "X" जैसा बने। तने को छोटे वाले छोर पर रहने दें, प्रैशर देने के लिए हल्का सा ऊपर की तरफ धकेल दें और दोनों पोल्स के दूसरे छोर को दबा दें। उन्हें अच्छी तरह से दबा दें।

  7. केले का पेड़ कैसे लगाया जाता है? - kele ka ped kaise lagaaya jaata hai?

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    ठंड के मौसम में ज्यादा देखभाल करें: अगर ठंड के दिनों में टेम्परेचर बहुत कम हो जाता है, जो आपके पौधे के लिए सही नहीं है, तो ऐसे में उसकी देखरेख करने के लिए कई सारे तरीके मौजूद हैं:[२४]

    • तने को ब्लैंकेट या मिट्टी से ढँक दें। अगर बर्फ या ओस नहीं पड़ रही है और पौधा अभी भी छोटा ही है, तो ये शायद उसके दोबारा बढ़ना शुरू करने के लिए जरूरी गरम टेम्परेचर का इंतज़ार करते वक़्त की सुरक्षा हो सकती है।
    • पौधे को अंदर कहीं रख लें। पूरे पौधे को जड़ से निकाल दें, पत्तियों को हटा दें और उसे गरम इंडोर माहौल में नमी वाली रेत में लगा दें। पानी न दें और न ही फर्टिलाइज करें; जब तक कि आप पौधे को दोबारा बाहर लगाने के लिए तैयार न हो जाएँ, तब तक के लिए पौधा निष्क्रिय (dormant) हो जाएगा।
    • पौधे को अंदर उगाएँ। इसके लिए अच्छे ड्रेनेज होल वाले बड़े पॉट की जरूरत होगी। अगर आप केले को आपके पॉट के हिसाब से ज्यादा बड़ा नहीं करना चाहते हैं, तो फिर आपको फर्टिलाइजर ट्रीटमेंट रोकना या कम करना पड़ेगा।
    • पौधे को बाद में लगाने के लिए टुकड़ों को बचा कर रख लें। अगर फ़्रोस्ट या ठंड की वजह से आपके पौधे का ज़्यादातर हिस्सा खराब हो चुका है, तो संभावना है, कि बेस पर मौजूद सकर्स और कोर्म अभी भी उपयोग के लायक हो सकती हैं। इन्हें खराब हुए हिस्से से काटकर अलग कर दें और उन्हें बाद में बाहर लगाने के लिए, छोटे पॉट्स में स्टोर करके रख लें।

  1. केले का पेड़ कैसे लगाया जाता है? - kele ka ped kaise lagaaya jaata hai?

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    पर्पल कलर के फूलों के दिखने का इंतज़ार करें: आइडियल कंडीशन में केले का नॉर्मल पेड़ 6-7 महीने में फूल देना शुरू कर देता है, लेकिन मौसम के हिसाब से इसमें करीब सालभर तक का वक़्त भी लग सकता है।[२५]

    • फूलों के आसपास की पत्तियों को मत हटाएँ, क्योंकि ये उन्हें धूप से बचाते हैं।[२६]
    • इन्हें बनाना बंची वायरस (Banana Bunchy Top Virus) समझने की भूल न करें। नीचे दी हुई सलाह देखें।

  2. केले का पेड़ कैसे लगाया जाता है? - kele ka ped kaise lagaaya jaata hai?

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    पंखुड़ियों के खुद ही निकलने और केले के सामने आने का इंतज़ार करें: ऐसा होने में और 2 महीने का या और भी ज्यादा वक़्त लग सकता है।[२७] केले के हर जुड़े हुए क्लस्टर या गुच्छे को "हैंड या हाथ" बोला जाता है और हर एक केले को "फिंगर या उंगली" बोला जाता है। कई सारे हैंड वाले पूरे तने को बंच (गुच्छा) बोला जाता है।

  3. केले का पेड़ कैसे लगाया जाता है? - kele ka ped kaise lagaaya jaata hai?

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    एक बारे सारी बंच के सामने आने के बाद, एक्सट्रा पोर्शन को हटा दें: बची हुई फूल की कली और/या छोटे एक्सट्रा बनाना हैंड पौधे के स्टेराइल मेल पोर्शन्स होते हैं। हैंड को अपने आप गिर जाना चाहिए, लेकिन फूल की कली को निकालने की वजह से पौधे को फल उगाने में ज्यादा एनर्जी लगाने की जरूरत पड़ेगी।

    • फूल के मेल पोर्शन को "बनाना हार्ट" बोला जाता है। केले के पौधे की कुछ किस्म केले के खाने लायक फूल भी देती हैं, जो साउथ एशियन किचन में पॉपुलर हैं, लेकिन ये अभी खाने के हिसाब से उचित नहीं होती हैं। ज़्यादातर फूल गिर जाएँगे और कटाई से पहले ही खराब हो जाएँगे।
    • अगर केले की बंच पेड़ को नीचे झुका रही हैं, तो उसे सीधा रखने के लिए एक स्टिक का इस्तेमाल करें।

  4. केले का पेड़ कैसे लगाया जाता है? - kele ka ped kaise lagaaya jaata hai?

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    बंच को प्लास्टिक कवर्स से ढँक दें: ये फलों को इन्सेक्ट्स से और दूसरे खतरों से बचाए रखेगा, लेकिन भरपूर हवा और पानी का फ़्लो पाने के लिए उन्हें दोनों चोरों पर खुला रहना चाहिए।[२८]

    • पहले हैंड से कई इंच तक एक नरम डोरी से नाइलॉन या प्लास्टिक सैक को बाँध दें।

  5. केले का पेड़ कैसे लगाया जाता है? - kele ka ped kaise lagaaya jaata hai?

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    फूल या पौधे के खराब होने के बाद केले को काट दें: हर एक केले के ऊपर मौजूद छोटा फूल खुद ही सूख जाएगा और बड़ी आसानी से घिसकर निकल जाएगा, नहीं तो केले के पेड़ की ज़्यादातर पत्तियाँ गिर जाएंगी। ये फलों की कटाई करने का सही समय है।

    • बंच के अपोजिट साइड में, पेड़ के आधे हिस्से में एक कट कर दें।
    • पेड़ को झुकने दें और बंच को काटकर अलग कर दें।
    • कटाई होने के बाद फल बहुत तेजी से पक जाएगा, इसलिए आपको कटाई के पहले ही कुछ अच्छे को चुन लेना है, ताकि आपके पास में इतने ज्यादा फल न हो जाएँ, जो बाद में बर्बाद हो जाएँगे।

  6. केले का पेड़ कैसे लगाया जाता है? - kele ka ped kaise lagaaya jaata hai?

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    तने को पेड़ से काटकर अलग कर दें और अगली सकर तैयार करें: फलों के काटने के बाद, केले के तने के आधे ऊपरी हिस्से को अलग कर दें। बेस के तने को ठीक वैसे ही काट दें, जैसे आपने पौधे की देखभाल करते वक़्त किया था।

    • अभी खराब हो रहे मदर प्लांट की जगह लेने के लिए एक सकर को छोड़ना मत भूलें।

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • केले का पौधा (सकर, राइजोम/कोर्म, टिशू कल्चर या ट्रांसप्लांट करने के लिए एक पूरा पौधा)
  • सही इंडोर या आउटडोर एनवायरनमेंट (इन्सट्रक्शन्स देखें)
  • उपजाऊ, डार्क, अच्छी मिट्टी
  • बैलेंस्ड फर्टिलाइजर और/या गोबर की खाद और लकड़ी की राख (अच्छी मात्रा में)
  • भारी मात्रा में पानी
  • शोवेल (Shovel)
  • बड़ा चाकू

सलाह

  • "बनाना बंची टॉप वायरस (Banana Bunchy Top Virus)" एक सबसे खतरनाक पौधे की बीमारी होती है।[२९] एक बार संक्रमित होने के बाद, यहाँ तक कि एक अकेला सकर, उससे जुड़े सारे पौधे (जिसमें मदर प्लांट और उसके सारे सकर्स भी शामिल हैं) भी संक्रमित हो जाएंगे और सारे पौधे बढ़ने से रुक जाते हैं। केले के पेड़ में फैलने वाला एक वायरस, जिसे "बनाना एफ़िड" (Pentalonia Nigronervosa) बोला जाता है। ये पेस्ट्स स्लो होते हैं और कॉलोनी (झुंड) में रहते हैं और ये कुछ ही घंटे के अंदर बीमारी फैला सकते हैं।
  • अगर नया लगाया हुआ केले का पौधा अचानक से खराब हो जाता है (जैसे कि बॉल लगने की वजह से) या अगर पौधा धीमी गति से बढ़ रहा है, लेकिन पौधा अभी भी जिंदा है, तो पौधे को आधे में काट दें। केले का पौधा फिर से बढ़ जाएगा।
  • लाइव बनाना प्लांट से सकर काटने के फौरन बाद, कमजोर साइड को झुकने से रोकने के लिए मिट्टी से सपोर्ट देकर मदर प्लांट की देखभाल करें और खोए न्यूट्रीएंट्स को वापस पाने के लिए फर्टिलाइजर डाल दें।
  • बात जब छोटे केले के पौधे की जड़ों को काटने की हो, तब कनफ्यूज मत हों। बाहर निकल रहे सकर की सबसे पहली या दूसरी पत्ती चौड़ी नहीं, संकरी होना चाहिए।
  • मदर प्लांट को ट्रांसप्लांट/या उनकी जड़ें काटते वक़्त सावधानी रखें। अगर इसे गलत तरीके से किया जाए, मदर या सकर खराब हो जाएगी।
  • अगर अप सकर को फौरन नहीं लगा रहे हैं, तो भाप बनकर पानी को उड़ने से रोकने के लिए ऊपरी हिस्से को फौरन काट दें।[३०]

चेतावनी

  • केले के पेड़ के किसी भी हिस्से को काटने से पहले पुराने कपड़े पहन लें, क्योंकि इसके रस से काले धब्बे पड़ते हैं, जिन्हें धोकर निकाल पाना बहुत मुश्किल होता है।
  • बीमारी वाले पौधे को खरीदने या बीमार मदर प्लांटे को लगाने से बचें।
  • ऐसे एरिया में, जहां बनाना बंची टॉप (Banana Bunchy Top) मौजूद हो, वहाँ बनाना सकर्स को फ्रेंड्स के साथ में शेयर मत करें। पौधे को केवल उन्हीं रिटेलर्स से खरीदें, जो उनके बीमारी से मुक्त होने की पुष्टि कर सके। हो सकता है कि बनाना बंची टॉप के होने की पुष्टि न हो पाए, इसलिए आप पौधे को किसी के भी साथ शेयर मत करें।

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यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?

केले का पेड़ घर पर कैसे लगाएं?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में केले का पेड़ लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसके आस पास किसी भी तरह के कांटेदार पेड़-पौधे न लगाएं

केले का पेड़ कैसे बोया जाता है?

– दोमट भूमि सर्वाधिक उपयुक्त किन्तु सभी प्रकार की भूमि जिसके नीचे कड़ी मिट्टी/चट्टान हो, आम का बगीचा उगाया जा सकता है।

केले का पेड़ कौन से दिन लगाएं?

गुरुवार के दिन लोग केले के पेड़ की पूजा करते हैं. माना जाता है कि इस पेड़ में नारायण का वास होता है.

केले का पेड़ घर में लगाना शुभ होता है क्या?

भूलकर भी गलत दिशा में न लगाएं केले का पौधा अगर केले के पेड़ को घर में गलत जगह पर रखा जाए या उसकी ठीक से देखभाल न की जाए तो उपरोक्त सभी मुश्किलें पैदा होंगी। ऐसा माना जाता है कि यदि केले का पौधा गलत स्थान और दिशा पर लगा हो तो भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि प्राप्त नहीं होती है।